मौसम विज्ञानियों के अनुसार जब बादल भारी मात्रा में आद्र्रता यानी पानी लेकर चलते हैं और उनकी राह में कोई बाधा आ जाती है तब वे अचानक फट पड़ते हैं। यानी संघनन बहुत तेजी से होता है। इस स्थिति में एक सीमित क्षेत्र में कई लाख लीटर पानी एक साथ पृथ्वी पर गिरता है। अगर किसी पहाड़ी स्थान पर एक घंटे में 10 सेंटीमीटर से अधिक बारिश होती है को इसे बादल फटना कहते हैं। भारी मात्रा में पानी का गिराव न केवल संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाता है बल्कि इंसानों की जान पर भी भारी पड़ता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के निदेशक मृत्युंजय महापात्रा कहते हैं कि बादल फटना एक बहुत छोटे स्तर की घटना है और यह अधिकतर हिमालय के पहाड़ी इलाकों या पश्चिमी घाटों में होती है। महापात्रा के अनुसार जब मानसून की गर्म हवाएं ठंडी हवाओं से मिलती हैं तो इससे बड़े बादल बनते हैं। ऐसा स्थलाकृति (टोपोग्राफी) या भौगोलिक कारकों के कारण भी होता है।
- अमरनाथ गुफा के करीब बादल फटा, कई लोग हुए घायल
- इस घटना में कम से कम 10 लोगों की मौत की खबर
- अमरनाथ गुफा के करीब हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद
श्रीनगर(ब्यूरो),डेमोक्रेटिक फ्रंट :
जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से बड़ा हादसा हो गया है। इस घटना में 5 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पत्रकारों को यह जानकारी दी है। मृतकों में तीन महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं, जिनके शव बरामद कर लिए गए हैं। इस हादसे के बाद अमरनाथ यात्रा को रोक दिया गया है।
यहां बादल फटने से पानी के तेज बहाव में तीन लंगर समेत कई टेंट बह गए हैं। घटना के बाद अमरनाथ यात्रा को स्थगित कर दिया गया है और राहत व बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजीपी के अनुसार, पवित्र गुफा के पास बादल फटने से पानी के तेज बहाव में कुछ लंगर और टेंट बह गए। घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी है और फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं।
अमरनाथ गुफा के निचले इलाकों में बचाव अभियान जारी है। घायलों को बचाने के लिए हेलिकॉप्टर रवाना किया गया है। लापता लोगों की तलाश में बचाव दल जुटे हुए हैं। पीटीआई के मुताबिक, बादल फटने के कारण अब तक पांच लोगों की मौत हुई है।
गृह मंत्री अमित शाह ने अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना पर ट्वीट किया, “बाबा अमरनाथ की गुफा के पास बादल फटने से आयी फ्लैश फ्लड के संबंध में मैंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बात कर स्थिति की जानकारी ली है। एनडीआरएफ, सीआरपीएफ, बीएसएफ और स्थानीय प्रशासन बचाव कार्य में लगे हैं। लोगों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है। सभी श्रद्धालुओं की कुशलता की कामना करता हूं।”
इस बीच, मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, पहलगाम, चंदनवाड़ी, जोजी ला, शेषनाग, पोशपत्री, पंचतरनी और संगम जैसे क्षेत्रों में आज बारिश होने की संभावना है। अमरनाथ यात्रा मंगलवार को भी खराब मौसम के कारण अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई थी। कड़ी सुरक्षा के बीच, वार्षिक 43-दिवसीय अमरनाथ यात्रा 30 जून को शुरू हुई थी।