धर्मसोत की गिरफ्तारी के बाद सामने आया पेड़ काटने और तबादलों की रिश्वत का रेट चार्ट
यह कथित ‘पेड़ घोटाला’ पंजाब की पूर्व कांग्रेस सरकार के दौरान हुआ। अमरेंद्र तथा चन्नी सरकार में धर्मसोत और गिलजियां के पास वन विभाग का जिम्मा था। आरोप है कि जिस घोटाले को अमरेंद्र सरकार के दौरान अंजाम दिया गया, उस पर कार्रवाई करने के बजाय चन्नी सरकार में आगे बढ़ाया गया। विजिलेंस ब्यूरो ने हाल ही में वन विभाग मोहाली के डीएफओ और एक ठेकेदार को गिरफ्तार किया था। अधिकारियों के अनुसार, उन्होंने पूछताछ में बताया कि वन मंत्री रहे साधु सिंह धर्मसोत द्वारा एक पेड़ कटाई के पीछे 500 रुपये लिए जाते थे। इसके अलावा पेड़ लगाने के मामले में भी पैसे लिए जाते थे। यह सब ओएसडी और मीडिया सलाहकार द्वारा मंत्री की सहमति से किया जाता था।
कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 09 जून :
कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में वन मंत्री रहे साधु सिंह धर्मसोत के मामले में विजिलेंस की पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है। पता चला है कि वन विभाग में पेड़ों की कटाई को लेकर ऊपर से नीचे तक रिश्वत चार्ट बना हुआ था। इस चार्ट के मुताबिक पूर्व मंत्री धर्मसोत को प्रति पेड़ 500 रुपये, वन मंडल अफसर को 200 रुपये, रेंज अफसर को 100 रुपये, ब्लाक अफसर 100 रुपये और फॉरेस्ट गार्ड 100 रुपये दिए जाने निर्धारित थे। विजिलेंस ने गिरफ्तार किए गए ठेकेदार हरमोहिंदर से एक डायरी बरामद की हे जिसे उसने बेसमेंट में छिपाकर रखा था। इस डायरी में पूरा हिसाब है कि उसने किस-किस को कितनी रिश्वत दी थी।
पूछताछ में ठेकेदार ने कबूल किया है है कि उसने 7 हजार पेड़ों की कटाई के बदले सालाना 70 लाख की रिश्वत दी थी। सितंबर 2021 में सीएम बदलने के बाद चन्नी सरकार में वन मंत्री बने संगत सिंह गिलजियां ने भी धर्मसोत का रास्ता अख्तियार कर ट्री गार्ड घोटाला किया था। उन्हें ट्री गार्ड खरीदने के मामले में 6.40 करोड़ रुपए की रिश्वत दी गई थी। मामले में उनकी गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है। पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि वन मंत्री रहते धर्मसोत ने 11 संपत्तियां बनाई थी, अब उनके 3 बैंक खातों की जांच की जा रही है। धर्मसोत की मोहाली, रोपड़, लुधियाना, पटियाला, जीरकपुर, खरड़ और रूपनगर की संपत्तियों को ट्रेस किया जा रहा है।
विजिलेंस ने धर्मसोत के लिए पैसा इकट्ठा करने वाले 2 पूर्व ओएसडी कमलजीत सिंह और चमकौर सिंह को भी गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक आरोपी चमकौर सिंह बीते मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया भागने वाला था, लेकिन ठेकेदार हरमोहिंदर ने इस बात का खुलासा पहले ही कर दिया जिसके बाद बाद उसे भागने से 24 घंटे पहले गिरफ्तार कर लिया गया। बताया जा रहा है कि विभागीय तबादलों के लिए भी रेट चार्ट तैयार किया गया था, जिसके मुताबिक डीएफओ के तबादले के लिए लिए 10-20 लाख रु.,रेंज अफसर के लिए 5-8 लाख रु., ब्लॉक अफसर के लिए 5 लाख रु. और वन गार्ड के लिए 2-3 लाख रुपए निर्धारित थे।