गुरु तेग बहादुर की समृद्ध विरासत भौतिकवाद से ऊपर है : डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री

  • ‘गुरु तेग बहादुर साहिब: बानी, दर्शन और सरोकार’ विषय पर संगोष्ठी आयोजित
  • गुरु तेग बहादुर की बाणी राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और नैतिक स्तर पर जागरूकता पैदा करती है : गुरविंदर सिंह धमीजा

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 7 जून 22

गुरु तेग बहादुर जी के  400वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में स्नातकोत्तर सरकारी कॉलेज, सेक्टर-46 के सहयोग से हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी, पंचकूला ने आज  ‘गुरु तेग बहादुर साहिब: बानी, दर्शन और सरोकार’  विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी  का आयोजन किया। कॉलेज की प्राचार्या डॉ. आभा सुदर्शन ने मुख्य अतिथि हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी, पंचकूला के उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह धमीजा का स्वागत किया। डॉ. सुदर्शन ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व दुनिया भर में बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की पहल हर किसी को मानवता के कल्याण के लिए दिन-प्रतिदिन के जीवन में प्रेरित करती है। कॉलेज के पंजाबी विभागाध्यक्ष डॉ. बलजीत सिंह ने सेमिनार के सभी पहलुओं पर प्रकाश डाला और विद्वानों और प्रतिनिधियों के योगदान की सराहना की। अपने संबोधन में धमीजा ने कहा कि गुरु तेग बहादुर की बाणी राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और नैतिक स्तर पर जागरूकता पैदा करती है और गुरुजी के दर्शन को अपनाने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के कुलपति डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने अपने मुख्य भाषण में कहा कि गुरुजी की शहादत सत्य और स्वतंत्रता का प्रतीक है। उन्होंने आगे कहा कि गुरुजी के नक्शेकदम पर चलना चाहिए जिनकी समृद्ध विरासत भौतिकवाद से ऊपर है। डॉ भीमिंदर सिंह उद्घाटन सत्र के विशेष अतिथि थे और मनमोहन सिंह दाउं ने सत्र की अध्यक्षता की। दूसरे सत्र की अध्यक्षता हीरा दास शिक्षण संस्थान कला संघ के निदेशक डॉ राम मूर्ति ने की। इस अवसर पर उपस्थित अन्य गणमान्य अतिथियों में पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज सेक्टर-11 के डीन डॉ गुरमेल सिंह, खालसा कॉलेज, अमृतसर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ आत्मा रंधावा, चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ परमजीत सिंह, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर डॉ परमजीत कौर सिद्धू, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर गुरप्रीत सिंह, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, घड़ूआं में सहायक प्रोफेसर गुरप्रीत सिंह शामिल थे।

डॉ सिद्धार्थ और डॉ प्रीतिंदर सिंह ने पूरे कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन किया। पंजाबी विभाग के प्रमुख डॉ. बलजीत सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।