प्रदेश में सभी निकाय चुनाव जीतकर ट्रिपल इंजन सरकार बनेगी : ओमप्रकाश धनखड़

निकाय चुनाव से पहले इस बार भाजपा की यह कार्यकारिणी बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यही कारण है कि प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यकारिणी से एक दिन पहले सभी पदाधिकारियों से तैयारियों को लेकर चर्चा की और महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। शनिवार को होने वाली कार्यकारिणी में सभी नेता खुले मन से अपने विचार रखेंगे जिसमें गत दिनों हुए पार्टी कार्यक्रमों की समीक्षा होगी और आगामी नए कार्यक्रमों की रूपरेखा खींची जाएगी। बैठक में ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा है कि नगर निकाय चुनाव भी भाजपा के लिए अहम मुद्दा है। नगर निकाय चुनाव में भाजपा के सामने कोई भी दूसरी पार्टी नहीं टिकेगी। प्रदेश में सभी निकाय चुनाव जीतकर ट्रिपल इंजन सरकार बनेगी, इसलिए कार्यकारिणी की बैठक में निकाय चुनाव का विषय सबसे अहम होगा। भाजपा ही एकमात्र राजनीतिक पार्टी है, जो संगठनात्मक रूप से अन्य पार्टियों से न केवल मजबूत है, बल्कि अनुशासित भी है।

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/हिसर :

  हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन को लेकर बड़ी खबर है। भारतीय जनता पार्टी ने राज्‍य में स्‍थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। हरियाणा भाजपा के अध्‍यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा है कि  पार्टी नगर परिषद  और नगर पालिका में गठबंधन ‌की बजाए अकेले चुनाव लड़ेगी। 

हिसार में आयोजित हरियाणा भाजपा कार्यकारिणी के बाद कहा कि हरियाणा में पार्टी ने स्‍थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। ऐस में भाजपा और जजपा के स्‍थानीय निकाय चुनाव साथ मिलकर लड़ने की संभावना समाप्‍त हो गई है। बता दें कि हरियाणा में भाजपा-जजपा की गठबंधन सरकार है।   

हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) 46 शहरों में होने वाले निकाय चुनाव अकेले लड़ेगी। पार्टी ने हरियाणा सरकार में अपनी सहयोगी जननायक जनता पार्टी (JJP) से किनारा कर लिया है। BJP ने यह फैसला हिसार में दो दिन से चल रही प्रदेशस्तरीय बैठक में लिया। भाजपा का यह फैसला JJP और हरियाणा सरकार में शामिल डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के लिए बड़ा झटका है जो निकाय चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ने की बात कहते रहे हैं।

हिसार में दो दिन से चल रही मीटिंग खत्म होने के बाद शनिवार शाम को हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने कहा कि पार्टी निकाय चुनाव गठबंधन की जगह अकेले लड़ेगी। धनखड़ के अनुसार, भाजपा नगर परिषदों में पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ेगी। नगर पालिकाओं में पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ने हैं या नहीं, इसका फैसला संबंधित जिले की पार्टी इकाई करेगी। निकाय चुनाव को लेकर हरियाणा भाजपा की बैठक 1 जून को पंचकूला में होगी जिसमें आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

इससे पहले हिसार में दो दिन से चल रही भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक शनिवार शाम को खत्म हो गई। जीजेयू के चौधरी रणबीर सिंह ऑडिटोरियम में हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मौजूदगी में भाजपा के तमाम नेताओं ने निकाय चुनाव समेत विभिन्न मुद्दों पर मंथन किया। बैठक में पार्टी कार्यक्रमों की समीक्षा के अलावा नए कार्यक्रमों की रूपरेखा पर भी चर्चा हुई। इस मीटिंग में गृहमंत्री अनिल विज समेत तमाम मंत्री और नेता शामिल रहे।

भाजपा बैठक में शामिल होने पहुंचे मंत्री अनिल विज।

शनिवार दोपहर मीटिंग का एक सेशन पूरा होने के बाद भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ पत्रकारों के सामने आए। उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव भाजपा के लिए अहम मुद्दा है और इन चुनाव में भाजपा के सामने कोई दूसरी पार्टी नहीं टिकेगी। प्रदेश में सभी निकाय चुनाव जीतकर ट्रिपल इंजन वाली सरकार बनाने पर चर्चा चल रही है। भाजपा ही एकमात्र राजनीतिक पार्टी है, जो संगठनात्मक रूप से अन्य पार्टियों से न केवल मजबूत है, बल्कि अनुशासित भी है।

भाजपा कीबैठक में पहुंचने पर तिलक लगा कर सीएम का स्वागत करते हुए।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल को इस मीटिंग में शामिल होने के लिए शनिवार सुबह 10 बजे हिसार पहुंचना था। प्रशासन इससे जुड़ी तैयारियों में लगा था लेकिन मुख्यमंत्री को अचानक दिल्ली जाना पड़ गया। इसलिए वह साढ़े 11 बजे हिसार पहुंचे और नाश्ता करने के बाद 12 बजे जीजेयू के चौधरी रणबीर सिंह ऑडिटोरियम में चल रही भाजपा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में पहुंच गए।

सेक्टर 26 सामुदायिक केन्द्र अब वीर सावरकर सामुदायिक केन्द्र के नाम से जाना जाएगा

  • हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने विनायक दामोदर सावरकर की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया नमन्
  • हर सामुदायिक केन्द्र में शहीदों की बायोग्राफी पर आधारित पुस्तकें रखी जाएंगी-गुप्ता

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला, 28 मई :

सेक्टर 26 स्थित सामुदायिक केंद्र अब वीर सावरकर सामुदायिक केंद्र के नाम से जाना जायेगा। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने आज विनायक दामोदर सावरकर की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और सेक्टर 26 के कम्युनिटी सेंटर का नामकरण वीर सावरकर के नाम पर किया।

सेक्टर 26 सामुदायिक केन्द्र में नगर निगम द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री गुप्ता ने कहा कि उन्होंने पंचकूला के सभी सामुदायिक केन्द्रों का नाम शहीदों के नाम पर रखे जाने की घोषणा की है। उनकी घोषणा के अनुरूप कई सामुदायिक केन्द्रों का नामकरण शहीदों नाम पर किया जा चुका है और इसी कड़ी में आज सेक्टर 26 के सामुदायिक केन्द्र का नामकरण क्रांतिकारी वीर सावरकर के नाम पर किया गया है। उन्होंने कहा कि हर सामुदायिक केन्द्र में शहीदों की बायोग्राफी पर आधारित पुस्तकें र जाएंगी ताकि हमारी युवा पीढी उनके द्वारा दी गई शहादत के बारे में जानकारी हासिल कर सके और प्रेरणा ले सके।

उन्होंने कहा कि आज हम शहीदों की शहादत की बदौलत आजादी की खुली हवा में सांस ले रहे हैं। करतार सिंह सराभा, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू, मदनलाल ढींगरा जैसे हजारों नौजवानों ने देश के लिए भरी जवानी में शहादत देकर अपना सर्वस्व देश पर न्यौछावर कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारे देश के युवा शहीदों के मन में पीड़ा थी कि अंग्रेजों की गुलामी की जंजीरों को किस प्रकार से तोड़ा जाए।
वीर सावरकर ने अपनी किताब ‘भारतीय स्वतंत्रता संग्राम-1857’ के माध्यम से अनेकों भारतीय युवाओं में अंग्रेजों के विरूद्ध देशभक्ति का जज्बा पैदा किया। उनमें से एक शहीद मदन लाल ढींगरा भी थे। उन्होंने कहा कि ऐसी ही असंख्य युवाओं ने आजादी की लड़ाई में बढ-चढ कर भाग लिया और देश को आजाद करवाने के लिए अपने जीवन की आहूति दे दी। अंग्रेजों द्वारा न केवल इस पुस्तक पर पाबंदी लगाई गई बल्कि वीर सावरकर को दो बार काला पानी की सजा सुनाई और अनेकों यातनाएं दी। उन्हांने कहा कि वीर सावरकर पहले ऐसे क्रांतिकारी थे, जिन्होंने देश के विकास का चिंतन किया। बंदी जीवन समाप्त होते ही उन्होंने कुरीतियों के खिलाफ आंदोलन शुरू किया।

गुप्ता ने बताया कि उन्हें दो बारे सेल्यूलर जेल का दौरा करने का अवसर मिला। उन्होंने वहां देखा कि किस प्रकार सेल्यूलर जेल की छोटी सी कोठड़ी में क्रांतिकारियों को रखा जाता था और उन्हें अनेक  यातनाएं दी जाती थी। उन्होंने कहा कि आज कुछ बाहरी ताकतंे देश की एकता व अखण्डता को तोड़ने की कोशिश कर रही हैं। हमारी युवा पीढी को उनसे सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वे देश के नाम अपना जीवन न्यौछावर करने वाले शहीदों और देश की सीमाओं पर तैनात सैनिकों को सेल्यूट करते हैं जिनकी वजह से हम अपने घरों मे चैन की नींद सोते हैं।

इस अवसर पर नगर निगम के संयुक्त आयुक्त संयम गर्ग, अधीक्षक अभियंता विजय गोयल, लेखक एवं साहित्यकार प्रोफेसर एमएम जुनेजा, भाजपा जिला उपाध्यक्ष उमेश सूद, मंडल अध्यक्ष संदीप यादव, पार्षद संदीप शाही, सोनिया सूद, हरेन्द्र मलिक, सलीम खान, सुरेश वर्मा, जय कौशिक, नरेन्द्र लुबाणा, राकेश बाल्मिकी, सुनीत सिंगला तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

पर्यावरणविद संत बलबीर सीचेवाल और समाजसेवी विक्रमजीत साहनी होंगे ‘एएपी’ के राज्य सभा उम्मीदवार

आम आदमी पार्टी(आआपा) ने राज्‍यसभा चुनाव के लिए अपने उम्‍मीदवारों के नाम तय कर लिए हैं। संत बलबीर सिंह सीचेवाल और बिक्रमजीत सिंह साहनी राज्‍यसभा चुनाव के लिए आआपा के उम्‍मीदवार होंगे। पंजाब मेें राज्‍यसभा की दो सीटों के लिए 10 जून को चुनाव होगा। दोनों उम्मीदवारों की घोषणा करते हुए पंजाब सीएम भगवंत मान ने एक ट्वीट में लिखा, “मुझे बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि आम आदमी पार्टी दो पद्म श्री अवार्ड से सम्मानित शख्सियतों को राज्य सभा मेंबर नामज़द कर रही है। एक वातावरण प्रेमी पद्म श्री संत बलबीर सिंह सींचेवाल, दूसरे पंजाबी कल्चर से संबंधित पद्म श्री विक्रमजीत सिंह साहनी हैं। दोनों को मेरी ओर से शुभकामनाएं।”

चंडीगढ़, जेएनएन। 

राज्यसभा चुनाव 2022: आम आदमी पार्टी ने पंजाब में राज्यसभा के दो सीटों के लिए हाेनेवाले चुनाव के लिए अपने प्रत्‍याशियों के नाम तय कर लिए हैं। पार्टी ने पदमश्री संत बलबीर सिंंह सीचेवाल और पदम विक्रमजीत सिंह साहनी के नाम पर मुहर लगाई है। बता दें कि 10 जून को 15 राज्यों में 57 राज्यसभा सदस्यों का चुनाव होना है। इसमें पंजाब में दो सीटें पर चुनाव होना है।

संत बलबीर सिंह सीचेवाल नदियों को प्रदूषण मुक्‍त बनाने के अपने अभियान के लिए जाने जाते हैं।  बाबा सीचेवाल और ईको (ECO) बाबा के नाम से है मशहूर संत सीचेवाल को सुल्तानपुर लोधी में 160 किलोमीटर लंबी काली बेन नदी की सफाई कर उसे नया स्‍वरूप देने के लिए जाने जाते हैं। उन्‍होंंने अकेले 2007 में काली बेन नदी की सफाई शुरू की थी।  जालंधर के किसान परिवार में जन्मे बाबा सीचेवाल कई सालों से नदियों में बढ़ते प्रदूषण को रोकने की मुहिम चला रहे हैं। उनको 2017 में पद्मश्री के सम्‍मान से नवाजा गया था।  

CM भगवंत मान कल संत अवतार सिंह की बरसी में सीचेवाल पहुंचे थे। यहां उन्होंने संत बलबीर सिंह सीचेवाल की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि बाबा जी ने अपने समर्पण और प्रतिबद्धता से पर्यावरण को बचाने के लिए एक नई क्रांति का रास्ता दिखाया। संत सीचेवाल रहते समय तक हमारे लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे। इससे अंदाजा लगाया जा रहा था कि मान संत सीचेवाल को पंजाब में पर्यावरण से जुड़ी अहम जिम्मेदारी सौंप सकते हैं।

सीएम भगवंत मान ने ट्वीट कर नामों की घोषणा करते हुए बधाई दी
सीएम भगवंत मान ने ट्वीट कर नामों की घोषणा करते हुए बधाई दी

विक्रमजीत साहनी कारोबारी, शिक्षा शास्त्री और समाजसेवी हैं। जिनकी छवि अंतर्राष्ट्रीय स्तर की है। वह पंजाबी कल्चर से जुड़े हुए हैं। कोरोना काल में उन्होंने लोगों को ऑक्सीजन कंसटेटर और सिलेंडर मुहैया करवाए। तालिबान के कब्जे के बाद वहां से निर्वासित होकर आए 500 से ज्यादा सिख शरणार्थियों के पुनर्वास में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। सिख युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वह कौशल विकास पाठ्यक्रम और रोजगार दे रहे हैं। वह वर्ल्ड पंजाबी ऑर्गेनाइजेशन के इंटरनेशनल प्रेजिडेंट हैं। मॉरीशश के राष्ट्रपति से इंटरनेशनल पीस अवार्ड मिल चुका है। वह SUN ग्रुप के फाउंडर हैं।

विक्रमजीत साहनी पंजाबी कल्चर से भी पूरी तरह जुड़े हुए हैं

साहनी ने विश्व पंजाबी संसदीय मंच का गठन कर विश्व भर में पंजाबी संस्कृति का प्रचार किया। उन्‍होंने ‘बोले सो निहाल’, ‘गुरु मान्यो ग्रंथ’ और ‘सरबंसदानी’ जैसे कई कार्यक्रम कराए। उन्होंने हजारों पंजाबी छात्रों के लिए स्कॉलरशिप मुहैया कराई।  उन्‍होंने वर्ल्ड पंजाबी आर्गेनाइजेशन के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए 22 से ज्यादा देशों में पंजाब के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रिश्ते बढ़ाने में अहम योगदान दिया। 

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा कैंडिडेट को लेकर पिछली बार विवाद हुआ था। विरोधियों ने राघव चड्‌ढा, डॉ. संदीप पाठक को पंजाब से राज्यसभा भेजने पर सवाल खड़े किए। इन दोनों के अलावा पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह, लुधियाना के बिजनेसमैन संजीव अरोड़ा और लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU) के अशोक मित्तल को राज्यसभा भेजा गया। इसलिए इस बार इन दो पंजाबी चेहरों को राज्यसभा भेजा जा रहा है। इससे आम आदमी पार्टी संगरूर उपचुनाव से पहले स्थिति को संभालेगी। दोनों कैंडिडेट्स का चयन सीएम भगवंत मान ने ही किया है।

ग्रीष्मकालीन समर कैंप की गतिविधियों में बढ़-चढक़र भाग ले बच्चे- रंजीता मेहता

चंडीगढ़ संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट :

हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की मानद महासचिव रंजीता मेहता ने जिला बाल कल्याण परिषद  में चलाई जा रही गतिविधियों और कार्यों का निरीक्षण कर अधिकारियों और कर्मचारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने बाल भवन में चलाए जा रहे कटिंग एवं टेलरिंग प्रशिक्षण केंद्र, स्विमिंग पूल  समिति परिसर में चलाई जा रही अन्य गतिविधियों का बारीकी से निरीक्षण किया।

बाल भवन परिसर में स्थित ऑडिटोरियम में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की मानद महासचिव रंजीता मेहता ने शिरकत की। इस दौरान बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को सराहा। मानक महासचिव रंजीता मेहता ने अपने संबोधन में कहा कि हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद प्रदेश भर में ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान समर कैंप का आयोजन कर रही है।

इस दौरान बच्चों को परिषद द्वारा समर कैंप में चलाई जा रही अधिक से अधिक गतिविधियों में भाग लेकर अपनी प्रतिभा निखारनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों के घर को पहचान देना हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद का कार्य है और उसको लेकर समय-समय पर तमाम तरह के आयोजन किए जाते रहे हैं और भविष्य में भी किए जाएंगे। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि सभी अधिकारी और कर्मचारी पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से बाल कल्याण के कार्य को करें प्रदेश के अधिक से अधिक बच्चों को बाल कल्याण के कार्य योजना और गतिविधियों का लाभ मिल सके।

इस अवसर पर  आजीवन सदस्य सत्यवती, संजय कायत, आर्टिस्ट वेलफेयर सोसाइटी, रविंद्र शर्मा प्रधान प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, विजय बाली विस्तारक बीजेपी, जिला बाल कल्याण अधिकारी विनोद कुमार, कार्यक्रम अधिकारी शिवानी जिंदल, सुभाष चंद्र व अन्य उपस्थित रहे।

योगी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में महिलाओं की नाइट शिफ्ट खत्म

योगी सरकार ने कहा है कि अब से कोई भी संसथान या कंपनी अपनी महिला कर्मचारी को शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे के बीच ड्यूटी में नहीं ले सकता है, और अगर जरूरी काम है तो इस समय में महिला स्टाफ को बुलाने के लिए अनुमति लेनी पड़ेगी। यदि बिना अनुमति लिए किसी महिला को शाम 7 बजे से लेकर सुबह 6 बजे के बीच काम से दफ्तर बुलाया जाता है तो सीधा ऐसा करने वाली कंपनी पर कार्रवाई होगी, और कोई महिला शाम 7 बजे के बाद काम करने से मना करती है तो कंपनी उसे नौकरी से नहीं निकाल सकती है।

लखनऊ(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट :  

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्‍यनाथ सरकार ने कामकाजी महिलाओं को लेकर बड़ा फैसला लिया है. सरकार के आदेश में कहा गया है कि किसी भी महिला कर्मचारी को उसकी लिखित सहमति के बिना सुबह 6 बजे से पहले और शाम 7 बजे के बाद काम करने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। यही नहीं, उपरोक्त घंटों के दौरान काम करने पर मुफ्त परिवहन, भोजन और पर्याप्त पर्यवेक्षण भी प्रदान किया जाए।   यूपी सरकार का यह आदेश सरकारी संस्थानों से लेकर प्राइवेट संस्थानों तक सभी पर समान रूप से लागू होगा।

अपर मुख्य सचिव श्रम सुरेश चन्द्रा ने कहा, “लिखित सहमति के बाद महिला शाम 7 से सुबह 6 बजे के बीच काम कर सकती हैं। उस दौरान कंपनी या संस्था को घर से ऑफिस और ऑफिस से घर तक के लिए फ्री कैब फैसिलिटी देनी होगी। अगर कोई कंपनी ऐसा नहीं करती है तो इसे श्रम कानून का उल्लंघन माना जाएगा। इसमें जुर्माना से लेकर जेल तक हो सकती है।”

चंद्रा ने आगे कहा, “इस आदेश को सभी जिलों में सख्ती से लागू करने के आदेश दिए गए हैं। सबसे ज्यादा महिलाएं कॉल सेंटर, होटल इंडस्ट्री और रेस्त्रां में शाम 7 बजे के बाद काम करती हैं। कॉल सेंटर और होटल इंडस्ट्री में जहां पूरी रात काम होता है। रेस्त्रां भी रात 11 बजे तक खुले रहते हैं। ऐसे में अगर कोई महिला शाम 7 बजे के बाद ड्यूटी नहीं करना चाहती है तो प्रबंधन उसको रोक नहीं सकता है।” जानकारों का यह भी कहना है कि इसमें संस्थान का लाइसेंस तक कैंसिल किया जा सकता है।

महिला अधिकारों से जुड़ी NGO चलाने वाले संदीप खरे इस फैसले को अच्छा बताते हैं। वह कहते हैं, “सरकार के इस आदेश का सबसे ज्यादा फायदा प्राइवेट सेक्टर्स में काम करने वाली महिलाओं को होगा। अनुमान है कि UP में करीब पांच लाख से ज्यादा महिलाएं शाम 7 बजे के बाद भी काम करती है।”

“इनमें ज्यादातर महिलाओं का काम रात 11 बजे तक या उससे पहले खत्म हो जाता है, लेकिन नाइट क्लब, बार, होटल और कॉल सेंटर पर लड़कियां पूरी रात काम करती हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि उनको घर तक छोड़ने की जिम्मेदारी संस्था को दे दी गई है। इससे सुरक्षा का खतरा नहीं होगा।”

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार की ओर से इसस आदेश को प्रदेश के हर जिले में सख्ती से लागू कराने के आदेश दिए गए हैं। अधिकतर महिलाएँ कॉल सेंटर, होटल इंडस्ट्री और रेस्टोरेंट आदि में शाम को या देर रात तक काम करती हैं। अगर अब कोई महिला कर्मी शाम 7 बजे के बाद काम करने से मना करे तो उसे जबरन रोका नहीं जा सकता वरना कार्रवाई के तौर पर संस्थान का लाइसेंस कैंसिल हो सकता है।

इसके अलावा नए आदेश में जो महिला कर्मचारियों को सुविधा देने की माँग है वो ये कि संस्थान को उन्हें खाना उपलब्ध कराना होगा। उवके लिए शौचालय की व्यवस्था अनिवार्य है। महिला रात में तभी काम करेगी जब उस समय कम से कम अन्य चार महिलाएँ भी स्टाफ की ड्यूटी पर हों। सरकार ने फैसला लिया है कि वर्किंग प्लेस पर महिला का उत्पीड़न रोकने के लिए कमेटी का गठन अनिवार्य होगा।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं से जुड़ी एनजीओ में काम करने वाले संदीप खरे ने योगी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया और इसे प्राइवेट सेक्टर्स में काम करने वाली महिलाओं के लिए अच्छा बताया। उन्होंने कहा है कि यूपी में लगभग 5 लाख महिलाएँ हैं जो 7 बजे के बाद भी काम करती हैं। इनमें अधिकांश का काम 11 बजे तक खत्म हो जाता है मगर नाइट क्लब, बार, होटल और कॉल सेंटर पर महिलाएँ रात पर काम करती हैं। ऐसे में अगर उन्हें मुफ्त में घर तक छोड़ने की जिम्मेदारी संस्था को मिली है तो इससे उनकी सुरक्षा को खतरा नहीं होगा।

मैंगलोर यूनिवर्सिटी का फैसला, हिजाब पहन कर आने पर क्लास नहीं : दूसरी जगह एडमिशन चाहिए तो मिलेगी मदद

कॉलेज में हिजाब पहनने और न पहनने दोनों को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए। एक तरफ मुस्लिम छात्राएं अपनी शिकायत लेकर वाइस चांसलर और जिला कलेक्टर के पास पहुंची तो वहीं एबीवीपी ने भी हिजाब पर पूर्ण बैन लगाने की मांग की। मुस्लिम छात्राओं के लगातार हिजाब पहनकर कॉलेज आने को लेकर एबीवीपी समर्थित छात्र संगठनों ने इसका विरोध किया प्रदर्शन कर गुस्सा दिखाया। इन छात्र-छात्राओं का कहना है कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद भी मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज आ रही हैं और कॉलेज प्रशासन इस पर कोई ऐतराज नहीं जता रहा है। इस बात से नाराज छात्रों ने ऐलान किया कि ये हरकत बंद नहीं हुई तो हम लोग भी केसरिया साफा पहनकर कॉलेज में इसका विरोध दर्ज कराएंगे।

मंगलौर(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट (कर्नाटक) :  

दक्षिण कन्नड़ जिले के एक कॉलेज के अधिकारियों ने शनिवार को हिजाब पहनकर आई छात्राओं को वापस घर भेज दिया। कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बी. सी. नागेश की ओर से यह बयान देने के बाद कि कक्षाओं के अंदर केवल वर्दी पहनने वाले छात्रों को ही अनुमति है, यह फैसला लिया गया है। घटना मंगलौर के यूनिवर्सिटी कॉलेज की है। इससे पहले कॉलेज ने सिंडिकेट के फैसले के तहत हिजाब पहनने पर रोक लगा दी थी। हालांकि अधिकांश मुस्लिम छात्राएं शनिवार को बिना हिजाब के कक्षाओं में शामिल हुईं, लेकिन 12 छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंची थीं।

कर्नाटक में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं और प्रदेश में मलाली मंदिर मस्जिद विवाद और अब एक बार फिर कक्षाओं में हिजाब पहनने को लेकर विवाद शुरू हो गया है। हिजाब का मुद्दा गुरुवार को एक बार फिर राज्य में तब सामने आया जब मैंगलोर के यूनिवर्सिटी कॉलेज की छात्राओं के एक समूह ने कक्षाओं का बहिष्कार किया और आरोप लगाते हुए परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। कुछ मुस्लिम छात्राएं सिर पर दुपट्टा पहनकर कक्षाओं में भाग ले रही थीं। शनिवार को हिजाब पहनकर कुछ छात्राएं कॉलेज पहुंची लेकिन प्रिंसिपल अनुसूया राय ने उन्हें अंदर प्रवेश नहीं करने दिया। इसके बाद वे लाइब्रेरी की ओर गईं लेकिन वहां भी अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली। इसके बाद वे वापस लौट गईं।

कॉलेज प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ छात्रों ने परिसर में धरने पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया था। छात्रों का कहना था कि मुस्लिम छात्राओं को कक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति देखकर कॉलेज प्रशासन कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रहा है।

भारी विरोध को देखते हुए कॉलेज प्रशासन ने फैसले को वापस ले लिया और कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय के प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में हिजाब प्रतिबंध को बरकरार रखने का आदेश डिग्री कॉलेजों पर भी लागू होगा और इसलिए धार्मिक पोशाक को कक्षाओं के अंदर अनुमति नहीं दी जाएगी।

कॉलेज के VC प्रोफेसर सुब्रह्मण्य यदपादित्या ने कहा, “हमारा कॉलेज शुरू में लड़कियों को यूनिफॉर्म की रंग से मेल खाते हेडस्कार्फ़ को पहनने की अनुमति दी थी, लेकिन कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर CDC (कॉलेज विकास परिषद) के अध्यक्ष और मैंगलोर दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र के विधायक वेदव्यास कामथ और सिंडिकेट के सदस्यों के साथ बैठक के बाद निर्णय लिया गया है कि कक्षाओं के अंदर धार्मिक पोशाक की अनुमति नहीं होगी।”

उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश डिग्री कॉलेजों पर लागू होगा या नहीं, इसको लेकर असमंजस की स्थिति थी। राज्य सरकार की एडवाइजरी, उच्च शिक्षा परिषद और कोर्ट के आदेश के मुताबिक सभी कॉलेजों को यूनिफॉर्म का पालन करना होगा। इसके बाद आदेश को वापस ले लिया गया। VC ने कहा कि छात्राएँ कैंपस में हिजाब पहन सकती हैं, लेकिन कक्षा में नहीं।

VC यदपादित्य ने हिजाब पहनने की जिद पर अड़ी मुस्लिम छात्राओं की काउंसलिंग को लेकर कहा, “हमें पता चला है कि लगभग 15 मुस्लिम लड़कियाँ क्लास में हिजाब पहनने को लेकर अड़ी हुई हैं। हम इन लड़कियों को कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश के संबंध परामर्श देने के तैयार हैं। इसके बाद बाद भी वे नहीं मानती हैं तो उन्हें उन शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश दिलाने में हम मदद करेंगे, जहाँ हिजाब की अनुमति है या जहाँ कोई यूनिफॉर्म नहीं है।”

राजकीय स्कूल में छात्राओं को वितरित की गई ब्यूटी एंड वेलनेस किट

पवनशर्मा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सिरसा  :   

उपमंडल के गांव मंगियाना स्थित राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल में शनिवार को केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना स्किल इंडिया के तहत वोकेशनल टीचर सुशीला ढाका के मार्गदर्शन में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में स्कूली छात्राओं को ब्यूटी एंड वेलनेस की टूल किट्स वितरित की गई। कार्यक्रम में SMC प्रधान हरमेल सिंह , सरदार मोहन सिंह, सरदार भरपूर सिंह, श्री जगसीर सिंह, श्री इकबाल सिंह मुख्यातिथि के तौर पर पहुंचे। विशिष्ट अतिथि के तौर पर छात्राओं के माता-पिता ने शिरकत की। स्कूल इंचार्ज श्री आनंद कुमार ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि स्कूली स्तर पर छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ दूसरे कौशल की जानकारी देने के लिए ब्यूटी एंड वेलनेस किट उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने बताया कि आज 28 छात्राओं को ये किट भेंट की गई हैं। जिनमें दसवीं की 13 एवं बाहरवी की 15 छात्राएं शामिल हैं। मंच संचालक श्री पवन जी ने तथा प्राइमरी हैड प्रेम जी ने छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि कौशल आधारित टूल किट मिलने और अनुभव हासिल कर स्कूल से निकलते ही छात्राएं अपने पैरों पर खड़ी हो सकती हैं। इस कार्यक्रम को स्काउट मास्टर अंकुर सचदेवा तथा उनके स्काउट्स ने बड़े ही अच्छे ढंग से आयोजित किया। कार्यक्रम के अंत में पीजीटी देवेंद्र जी तथा क्लर्क कैलाश शास्त्री जी ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया। इस मौके पर सभी स्टॉफ सदस्य मौजूद रहे।

आईवी अस्पताल को मिला ‘एक्सीलेंस अवॉर्ड ‘

चंडीगढ़ संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, मई 28:

आईवी अस्पताल, मोहाली को पंजाब का पसंदीदा हेल्थकेयर नेटवर्क होने के लिए एक्सीलेंस अवॉर्ड ‘ से सम्मानित किया गया है। डॉ कंवलदीप सिंह, एमडी ने शुक्रवार रात चंडीगढ़ के होटल ललित में आयोजित एक समारोह के दौरान बॉलीवुड अभिनेत्री शर्मिता शेट्टी से पुरस्कार प्राप्त किया।

National Conference on Social Work concludes at Panjab University

Koral ‘Purnoor’, Demokretic Front, Chandigarh May 28, 2022 :

The two-day national conference jointly organized by Centre for Social Work, Panjab University and Indian Society of Professional Social Work (ISPSW) concluded today. The theme of the conference was ‘Co-building a new eco-social world: Leaving no one behind in Indian Perspective’. The valedictory session for the conference was conducted today with Prof. Sudhir Kumar, Dean Research, Panjab University, as the chief guest for the occasion and Prof. Vipin Koushal, Medical Superintendent, PGIMER as the guest of honour. The valedictory session of the conference saw felicitations for medical social workers, social work volunteers, research scholars and students. Also, best paper presenters in various categories were felicitated in the session.

Prof. Sudhir Kumar spoke about the theme of the conference as a pertinent one and stressed that, language, tradition and value system need to be incorporated in academic deliberations to help co-build a sustainable new world that would be inclusive. He drew several examples from the ancient Indian texts and hymns to focus on the importance of inner peace. He deliberated on the richness of Indian value system. With a number of examples, he explained how the language lent meaning to the word and how the words in foreign language and Hindi differed in their essence. He motivated the participants with his thought-provoking address. Dr. Vipin Koushal in his address stressed upon the importance of social workers in their service to needy patients. He highlighted the significant contribution of medical social workers during the pandemic and narrated incidents where the vigilant and careful observation of social workers had not only helped in serving the society but also brought justice to the victims. He quoted form his experience at PGI and said that the support of social workers to the society was indispensable. The Valedictory session also saw the release of book titled, ‘ Work and Life of a Professional Social Worker’ authored by Kamlesh Kumar Sahu and Chittaranjan Subudhi.

Dr. Gaurav Gaur, Chairperson, Centre for Social Work and Convener of the Conference, proposed a vote of thanks and informed that the conference had put into practice the idea of sustainable world by making a conscience effort to use sustainable items even for the conference kits. He informed that the handbags were prepared by the women from NGO’, along with handmade pencils. He also lauded the efforts of students who had contributed in organizing the conference.  Mr. Ravi Kishan Jha, Vice-President , ISPSW ; Dr. Kamlesh Kumar Sahu, Hon. General Secretary, ISPSW  and Dr. Praful P Kapse, Treasurer, ISPSW also graced the event.

Research Poster Presentation and Release of E- Brochure “Research Dimensions” at UIFT & VD

Koral ‘Purnoor’, Demokretic Front, Chandigarh May 28, 2022 :

UIFT& VD today hosted a poster presentation of its 4th semester M.Sc. students on the department’s premises. This was the result of each student’s research, which began in their first semester of the Masters programme. They try to explore their areas of interest as well as some societal issues, problems for which they try to provide recommendations or solutions, during the first semester. They work on the same topic for the following semesters, including reviews, research methods, a pilot run, and a final survey or experimentation or product development before presenting in the fourth semester. According to Dr. Anu H. Gupta, Chairperson UIFT & VD, research dissertations are a way of developing an analytical aptitude and critical way of thinking in students, towards the evolving measures of fashion, society, and environment, and their correlation with each other. She mentioned that UIFT is evolving every year since its inception in 2007. The first batch of Masters programme passed out in 2012. It’s been 10 years and many of the masters’ students are working in prestigious institutes. The credit goes to the kind of training provided at UIFT and the detailed research work that they are involved in complete two years.

A total of 20 students exhibited their research work in the form of products and posters, which were displayed and each work was presented by the respective student in front of the external jury: Prof. Latika Sharma from the Department of Education and Dr Jayanti Dutta, Deputy Director HRDC, Panjab University, Chandigarh.   The research dimensions were explored around the following topics; need for bralette for posture correction, dyeing on cotton fabric with vegetables and fruits, accessories inspired by Rogan art, the feasibility of adopting sustainable fashion. The dissertations also dwelled upon the significant areas of social media and fashion, applications altering the functioning of fashion retails, fusion wear, OTT platforms inspiring different fashion sense, and the recent pandemic’s most recognisable aspect- the mask, its evolution from a necessity to a fashion statement. Some students seemed to be in the shoes of being young entrepreneurs with their creative ideas of product development, the hand-painted home décor products seemed to highlight the idea of the search of the unique rather than the commercialised and common. Champa developed products by dyeing cotton fabric using natural dyes procured from vegetables and fruits. Sukhpreet explored designs and motifs of Durries of Punjab and studied the traditions which were associated with weaving and spinning. Dikshita studied the evolution of Masks. Stuti worked on costume analysis of a very famous series- Game of Thrones. Her study culminated in the form of a ready reckoner for young fashion designers who want to work as costume designers in movies or theatre. Another interesting study was carried out by Ms. Nitika where she explored relationship between youngsters and their smart phones with respect to searching fashion trends.

The idea of exhibiting the research was appreciated by the jury, where the corridor of the department came alive with the research energy and aesthetics of products and work done by the students. The need of adopting multicultural fashion was also highlighted. The jury expressed their immense pleasure of being to witness such a variety of topics executed by students. The awards were announced to incorporate a motivation into students and as an acknowledgment of their hard work. The work of MSc 2nd semester students was also appreciated especially the visual merchandising project on ‘Go Green’ and design of printed T-shirts, which were printed by one of the class’s aspiring entrepreneurs.

During the event, E-brochures titled “Research Dimensions” for the previous year and the current M.Sc. final year were released, each of which contains a compilation of researches from all students in the Masters program’s final year.

The presentation and display were visited by Faculty and Students of different departments. Prof. Manu Sharma, Coordinator, Panjab University’s Technology Enabling Centre, praised the students’ efforts and remarked a high potential of the fashion and lifestyle technology department in addressing many industry issues. He further said that TEC can collaborate closely with UIFT on some industry-collaborative projects.

Five different titles were bestowed to congratulate the students on their hard work and excellence of ideas executed. Award for Excellence in research was awarded to Lakshita, Award for Outstanding Poster Presentation was awarded to Ashwita; whereas Diksha was awarded for Most Significant Research, Kritika was awarded for Outstanding research content and Gurpreet was Awarded for Social impact of research.