दो हार्ट पैशन्ट में बिना सर्जरी के लीडलेस पेसमेकर लगाया गया
चंडीगढ़, 28 मई :
रुक-रुक कर हाई ग्रेड इलेक्ट्रिकल हार्ट ब्लॉक के कारण बेहोश होने के लक्षण से पीड़ित 74 वर्षीय ओबीस (मोटापा ) पैशन्ट में ओजस हॉस्पिटल पंचकुला में सफलतापूर्वक नए जमाने के लीडलेस पेसमेकर को इम्प्लांट किया गया।
दूसरा मामला एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण 81 वर्षीय पैशन्ट का था । जिसकी पल्स रेट बहुत कम 35 बीट प्रति मिनट की थी और जिससे हार्ट फेल होने का खतरा था । पेशेंट को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी व थकान की समस्या के साथ हार्ट के दो वाल्व में भी लीकेज था। पेशेंट को एट्रियल फिब्रिलेशन भी था जिससे रोगी को ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा होता है। पैशन्ट खून को पतला करने के लिए आजीवन एंटीकोआगुलंट्स दवाई पर था।
शनिवार को यहां प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी विभाग के चेयरमैन डॉ अनुराग शर्मा ने बताया कि ब्लड थिनर और एंटीकोआगुलंट्स दवाई पर होते हुए रोगी का ऑपरेशन किया गया। लीडलेस पेसमेकर ने हमें बिना किसी कट या टांके के ऑपरेशन के समय को कम करने का मौका दिया। प्रोसीजर के बाद रोगी बहुत तेजी से ठीक हो गया और वह एनर्जेटिक महसूस करने लगा और अपनी गतिविधियों को आसानी से करने में सक्षम हो गया।
डॉ मुनीश देव एसोसिएट कंसलटेंट, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी ने कहा कि पारंपरिक पेसमेकर की तुलना में लीडलेस पेसमेकर में छाती पर कोई चीरा नहीं लगता है , कोई कनेक्टर तार या लीड नहीं होती है व किसी भी दैनिक गतिविधियों पर कोई प्रतिबंध नहीं होता हैै। पेशेंट को किसी प्रकार की परेशानी, संक्रमण, उपकरण संबंधी जटिलताएं और डिस्फंक्शन का अनुभव नहीं होता है। पारंपरिक पेसमेकर का वजन लगभग 30 से 40 ग्राम होता है जबकि लीडलेस पेसमेकर का वजन 8 सीसी वॉल्यूम के साथ केवल 2 ग्राम होता है।