जयरामपुर खालसा घाट पर नियमों को ताक पर रख हुए अवैध खनन पर संज्ञान ले एनजीटी ने घाट पर लगाई रोक

कोशिक खान, डेमोक्रेटिक फ्रंट, छछरौली, यमुना नगर :

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल दिल्ली की प्रिंसिपल बैंच के चेयरमैन माननीय जस्टिस आदर्श कुमार गोयल, बैंच सदस्य जस्टिस सुधीर अग्रवाल व एक्सपर्ट सेनथिल वेल ने अपील कर्ता एडवोकेट अजीत शर्मा की अपील पर नियमों को ताक पर रख हुए अवैध खनन के मामले में जयरामपुर खालसा घाट पर एनजीटी द्वारा रोक लगा दी गई है। एडवोकेट अजीत शर्मा ने एनजीटी कोर्ट मे जयरामपुर खालसा मे अवैज्ञानिक तरीके से हुए खनन का हवाला दिया। जिसपर कारवाई करते हुए कोर्ट द्वारा रोक लगा दी गई है।

एडवोकेट अजीत शर्मा ने कोर्ट को बताया कि जयरामपुर घाट की 2015 में हरियाणा सरकार ने रेत खनन के लिए घाट की बोली कराई थी। जिसमें खनन कम्पनी ने रेत के साथ बजरी गटका पत्थर की बिक्री भी की है। सम्बंधित विभागों ने भी उस समय सभी मैटीरियल की परमीशन दे दी थी। जबकि घाट सिर्फ रेत का था। उसके बाद भी सम्बंधित विभागीय अधिकारियों ने बिना मौका किए हर साल आगे परमीशन दी है। जबकि नियम है कि ऐसी जगह हर साल अधिकारियों द्वारा मौका कर मौजूदा स्थिति को जांचते हुए आगे फैसला लिया जाता है ओर उक्त जगह से कितना खनन हुआ है और कितनी भरपाई बरसात सीजन में हो गई है।

इस का आंकलन लगाया जाता है। ऐसी जगह पर साल में चार बार मौका कर पर्यावरण कंडीशन के हिसाब से ही आगे परमीशन दी जाती है। इस मामले में पाया गया कि सम्बंधित विभाग के अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रख खनन की गई जगह पर मौका मुआयना करने में लापरवाही करते हुए बिना जांच के ही हर साल खनन कार्य को परमीशन दी है। जिससे पर्यावरण व भूजल को बहुत बड़ा खतरा है। इसके अलावा भी काफी बिंदुओं पर जांच व नियमों को ताक पर रख अवैध खनन हुआ है। जिसमें नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल ने जयरामपुर घाट पर रोक लगा दी है।