पंचकूला के गांव नग्गल नदी के पास शामलात की जमीन पर बेचे जा रहे अवैध प्लाट :परमजीत कौर, पार्षद

  • लोगों को धोखे में रखकर एफिडेविट पर बेचे जा रहे  अवैध प्लाट, प्रशासन बेखबर
  • भू माफियाओं ने किया शामलात की जमीन पर कब्जा,  गुग्गा माड़ी का किया अवैध निर्माण

अजय कुमार, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला,26 मई :

पंचकूला के गांव नग्गल मोगिनंद में शामलात की जमीन पर अवैध प्लाट बेचने का काम धड़ल्ले से चल रहा है। शामलात की जमीन पर प्लॉट बनाकर प्रॉपर्टी डीलर लोगों को धोखे में रखकर एक लाख रुपए के करीब एक मरला जमीन का सौदा कर रहे हैं। लोगों की जीवन भर की कमाई को मिट्टी में मिलाने का काला खेल नग्गल मोगिनंद गांव में सरेआम चल रहा है। यह जमीने बिना रजिस्ट्री के एफिडेविट बनाकर बेची जा रही हैं। शामलात की जमीन पर बने अवैध निर्माण को सरकार द्वारा कभी भी गिराया जा सकता है। शामलात की जमीन पर दो मरले से दस मरले तक के प्लाट काटकर बेचे जा रहे हैं। प्लाट बेचने वाले अवैध कॉलोनियां बसाकर भोलेभाले लोगों को बहकावे में लाकर पानी  बिजली की अच्छी सुविधाएं देने के नाम पर प्लाट बेच देते हैं। हैरानी की बात यह है कि सरकार की मंजूरी के बिना यहां पर अवैध कॉलोनियां बसाई जा रही हैं। सरकार व अफसरों को इस बात की जानकारी तक नहीं है। नग्गल मोगीनंद गांव में शामलात की जमीन पर बहुत से अवैध निर्माण हो चुके हैं और कुछ अवैध निर्माणों का कार्य जारी है। देखने वाली बात यह होगी कि सरकार प्रशासन द्वारा भूमाफियाओं पर क्या कार्रवाई की जाती है।

गुग्गा माड़ी की आड़ में चल रहा अवैध निर्माण कार्य

शामलात की जमीन पर गुग्गा माड़ी बनाकर इसके आसपास प्लाट काटे जा रहे है। अवैध निर्माण करने वाले चालाकी से धर्म की आड़ में शामलात की जमीम पर अवैध कब्जा करके प्लाट बेच रहे हैं यह लोग बाहरी राज्यों से आए हुए लोगों को धोखे में रखकर प्लाट बेच देते हैं। जिससे वह इस धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं।

नदी का रास्ता मोड़कर काट दिए अवैध प्लाट

नग्गल गांव से जाने वाली बरसाती नदी का रास्ता मोड़कर भी भूमाफियाओं ने अवैध प्लाट काट दिए। इतना ही नहीं लोहे की कटीली तारों से जमीन की चारदीवारी करके प्लॉट काटकर बेचने का काम शुरू कर दिया। बड़ा सवाल तो यह भी उठता है कि क्या पंचकूला प्रशासन को इस बात की जानकारी नहीं है।

परमजीत कौर, पार्षद, वार्ड नंबर 19

नगर निगम को भी इस बात की जानकारी है। हमें पार्षद बने हुए एक साल हुआ है लेकिन यह काम पिछले 10 सालों से जारी है। कुछ लोगों का शामलात की जमीन पर हिस्सा है कई लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है। इस तरह से प्लॉट बेचना गलत है।