Monday, January 20

पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (APP) की सरकार को झटका लगा है। राज्यपाल बीएल पुरोहित ने वन MLA-वन पेंशन अध्यादेश को लौटा दिया है। मान सरकार से कहा गया है कि वह विधेयक को पंजाब विधानसभा में पास कराकर भिजवाएं।

चंडीगढ़ (ब्यूरो) डेमोक्रेटिक फ्रंट : : 

पंजाब में CM भगवंत मान की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को झटका लगा है। गवर्नर बीएल पुरोहित ने उनका ‘वन MLA-वन पेंशन’ का ऑर्डिनेंस लौटा दिया है। मान सरकार को इस संबंध में पंजाब विधानसभा में बिल पास करवाकर भेजने को कहा गया है। गवर्नर ऑफिस से भेजे नोट में कहा गया है कि जून में पंजाब विधानसभा का सेशन होना है। इसलिए सरकार को इसके लिए ऑर्डिनेंस लाने की जरूरत नहीं है।

पंजाब में नई सरकार बनाने के बाद सीएम भगवंत मान ने ‘वन MLA-वन पेंशन’ का फैसला लिया था। इसमें कहा गया कि अब एक MLA को एक ही टर्म की पेंशन मिलेगी। चाहे वह कितनी बार भी MLA बना हो। अभी तक MLA को हर बार के लिए पेंशन जुड़कर मिलती रहती थी। इससे सालाना 19.53 करोड़ की बचत का दावा किया गया था।

CM भगवंत मान की घोषणा के बावजूद यह फैसला लागू नहीं हुआ था। इसे देखते हुए मान सरकार कैबिनेट में इस प्रस्ताव को लेकर आई थी। जिसमें पंजाब स्टेट लेजिस्लेटर मेंबर्स (पेंशन एंड मेडिकल फेसिलिटीज) एक्ट 1977 में संशोधन किया गया था। इसी ऑर्डिनेंस को पास कर गवर्नर को भेजा गया था।

पंजाब में सबसे ज्यादा पेंशन 5 बार CM रह चुके प्रकाश सिंह बादल की बनती है। उन्हें करीब पौने 6 लाख की पेंशन मिलनी थी। हालांकि, उन्होंने कुछ दिन पहले ही पेंशन लेने से इन्कार कर दिया।

उनके अलावा 6 बार विधायक रहीं पूर्व CM राजिंदर कौर भट्‌ठल, लाल सिंह, पूर्व मंत्री सरवण सिंह फिल्लौर को 3.25 लाख, 5 बार विधायक रहे बलविंदर सिंह भूंदड़ और सुखदेव ढींढसा को सवा 2 लाख रुपए पेंशन मिलती है।

इनको बतौर राज्यसभा सदस्य अलग से वेतन, पेंशन भत्ते भी मिलते हैं। इस बार कैप्टन अमरिंदर सिंह भी चुनाव हारे हैं तो उन्हें भी लाखों की पेंशन मिलनी थी।