Monday, January 20

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

विक्रमी संवत्ः 2079

 शक संवत्ः 1944

मासः ज्येष्ठ़

पक्षः कृष्ण

 तिथिः दशमी प्रातः 10.33 तक है

 वारः बुधवार

 नक्षत्रः उत्तराभाद्रपद रात्रि 11.20 तक है

 योगः प्रीति रात्रि 10.44 तक

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

 करणः विष्टि

 राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक

 सूर्य राशिः वृष  चंद्र राशिः मीन

 सूर्योदयः 05.30  सूर्यास्तः 07.07 बजे