पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला के बाद अब OSD प्रदीप कुमार भी गिरफ्तार

पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे डॉ. विजय सिंगला को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया गया है। मुख्यमंत्री मान ने कहा कि सिंगला स्वास्थ्य विभाग में हर काम और टेंडर के बदले 1% कमीशन मांग रहे थे। पंजाब का स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए विजय सिंगला ने 28 मार्च को कहा था कि वे भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने करप्शन पर जीरो टॉलरेंस का दावा भी किया था। उस बयान के ठीक 57 दिन बाद यानी 24 मई को CM भगवंत मान ने करप्शन के मामले में ही उन्हें पद से हटा दिया।

शिकायकर्ता राजिंदर सिंह ने बताया कि वह सेक्टर-70 के रहने वाले हैं। वह फेज आठ स्थित पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन में डेपुटेशन पर बतौर निगरान इंजीनियर के पद पर काम कर रहे हैं। करीब एक महीना पहले जब वह अपने दफ्तर में काम कर रहे थे। इस दौरान उन्हें स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला के ओएसडी प्रदीप कुमार का फोन आया। उन्हें स्वास्थ्य मंत्री ने पंजाब भवन बुलाया। जहां पर कमरा नंबर 203 में स्वास्थ्य मंत्री व उनके ओएसडी थे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वह जल्दी में हैं। ऐसे में वह जा रहे हैं और प्रदीप कुमार आपसे बात करेंगे।

वह जो कहेंगे समझ लेना कि मैं ही कह रहा हूं। इसके बाद प्रदीप कुमार ने कहा कि करीब 41 करोड़ रुपये के निर्माण कार्य अलॉट किए गए हैं। साथ ही करीब 17 करोड़ रुपये की अदागयी मार्च महीने में ठेकेदारों को की गई है। ऐसे में 58 करोड़ रुपये की रकम का दो फीसदी लगभग 1 करोड़ 16 लाख रुपये की कमीशन रिश्वत के रूप में उन्हें दी जाए। यह सुनकर वह पूरी तरह चौक गए। उन्हें समझ नहीं आया कि वह क्या करे। वह मानसिक परेशानी में आ गए। इसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के ओएसडी प्रदीप कुमार को कहा कि वह यह काम नहीं कर सकते हैं। भले ही उन्हें उनके विभाग में वापस भेज दिया जाए। 

20 मई को जब आरोपियों को लगा कि यह सौदा सिरे नहीं चढ़ रहा है तो मंत्री के ओएसडी ने कहा कि आप 10 लाख रुपये देना। वहीं आगे से जो भी ठेकेेदारों को अदायगी की जाएगी, उसमें एक फीसदी उन्हें देते रहना। इस पर उन्होंने उन्हें साफ बताया कि उनके खाते में ढाई लाख रुपये हैं।

तीन लाख रुपये की मेरी लिमिट बनी हुई है। इस मानसिक परेेशानी से बचने के लिए पांच लाख रुपये दे पाएंगे। 23 मई को प्रदीप कुमार का फोन आया और उन्हें मिलने के लिए सचिवालय बुलाया गया। जहां पर उन्होंने पांच लाख देने के लिए हामी भरी। इसकी ऑडियो भी उन्होंने दी। इस दौरान मंत्री ने पांच लाख रुपये प्रदीप को देने के लिए कहा था।

शिकायकर्ता ने एक फोन नंबर का जिक्र अपनी शिकायत में किया है जिससे कि आठ, 10, 12, 13 और 23 मई को व्हाट्सएप कॉल आई। साथ ही उन्हें बार-बार बुलाकर रिश्वत मांगी गई। आखिर में जब आरोपियों को लगा कि बात नहीं बनेगी तो उन्होंने धमकी दी कि अगर रिश्वत नहीं दी तो उनका कॅरिअर खराब कर देंगे। इतना ही नहीं, विभाग में उनका नुकसान कर देंगे।

राजिंदर सिंह ने बताया कि उनकी उम्र 57 साल की हो गई है। वह तीस नवंबर को रिटायर होने वाले हैं। ऐसे में उन्होंने उनसे गुहार लगाई कि उनका कॅरिअर न खराब किए जाए। मैं वापस अपने विभाग में जाने के लिए भी तैयार हूं। इतना ही नहीं उन्हें यहां तक कह दिया था कि जो व्यक्ति कमीशन के रूप में आपको रिश्वत दे सकता है। आप उसे डेपुटेशन पर ला सकते हैं।

आज पंजाब सरकार के एक फैसले ने पूरे देश का ध्यान खींचा है। यहाँ सीएम मान ने अपने ही मंत्री के खिलाफ एक्शन लेते हुए उसे बर्खास्त किया और फिर गिरफ्तार ही करवा दिया। अब स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला के बाद ओएसडी प्रदीप कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। पंजाब पुलिस की विजिलेंस विंग ने प्रदीप कूमार को गिरफ्तार किया है। उन्हें भी कोर्ट में मेडिकल के बाद पेश किया जाएगा। विजय सिंगला और ओएसडी दोनों पर ही आरोप हैं कि उन्होंने 58 करोड़ रुपये के एक ठेके ए लिए 1 फीसदी कमीशन की मांग की थी।

शिकायकर्ता राजिंदर सिंह ने बताया कि वह सेक्टर-70 के रहने वाले हैं। वह फेज आठ स्थित पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन में डेपुटेशन पर बतौर निगरान इंजीनियर के पद पर काम कर रहे हैं। करीब एक महीना पहले जब वह अपने दफ्तर में काम कर रहे थे। इस दौरान उन्हें स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला के ओएसडी प्रदीप कुमार का फोन आया। उन्हें स्वास्थ्य मंत्री ने पंजाब भवन बुलाया। जहां पर कमरा नंबर 203 में स्वास्थ्य मंत्री व उनके ओएसडी थे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वह जल्दी में हैं। ऐसे में वह जा रहे हैं और प्रदीप कुमार आपसे बात करेंगे।

वह जो कहेंगे समझ लेना कि मैं ही कह रहा हूं। इसके बाद प्रदीप कुमार ने कहा कि करीब 41 करोड़ रुपये के निर्माण कार्य अलॉट किए गए हैं। साथ ही करीब 17 करोड़ रुपये की अदागयी मार्च महीने में ठेकेदारों को की गई है। ऐसे में 58 करोड़ रुपये की रकम का दो फीसदी लगभग 1 करोड़ 16 लाख रुपये की कमीशन रिश्वत के रूप में उन्हें दी जाए। यह सुनकर वह पूरी तरह चौक गए। उन्हें समझ नहीं आया कि वह क्या करे। वह मानसिक परेशानी में आ गए। इसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के ओएसडी प्रदीप कुमार को कहा कि वह यह काम नहीं कर सकते हैं। भले ही उन्हें उनके विभाग में वापस भेज दिया जाए। 

20 मई को जब आरोपियों को लगा कि यह सौदा सिरे नहीं चढ़ रहा है तो मंत्री के ओएसडी ने कहा कि आप 10 लाख रुपये देना। वहीं आगे से जो भी ठेकेेदारों को अदायगी की जाएगी, उसमें एक फीसदी उन्हें देते रहना। इस पर उन्होंने उन्हें साफ बताया कि उनके खाते में ढाई लाख रुपये हैं।

तीन लाख रुपये की मेरी लिमिट बनी हुई है। इस मानसिक परेेशानी से बचने के लिए पांच लाख रुपये दे पाएंगे। 23 मई को प्रदीप कुमार का फोन आया और उन्हें मिलने के लिए सचिवालय बुलाया गया। जहां पर उन्होंने पांच लाख देने के लिए हामी भरी। इसकी ऑडियो भी उन्होंने दी। इस दौरान मंत्री ने पांच लाख रुपये प्रदीप को देने के लिए कहा था।

शिकायकर्ता ने एक फोन नंबर का जिक्र अपनी शिकायत में किया है जिससे कि आठ, 10, 12, 13 और 23 मई को व्हाट्सएप कॉल आई। साथ ही उन्हें बार-बार बुलाकर रिश्वत मांगी गई। आखिर में जब आरोपियों को लगा कि बात नहीं बनेगी तो उन्होंने धमकी दी कि अगर रिश्वत नहीं दी तो उनका कॅरिअर खराब कर देंगे। इतना ही नहीं, विभाग में उनका नुकसान कर देंगे।

राजिंदर सिंह ने बताया कि उनकी उम्र 57 साल की हो गई है। वह तीस नवंबर को रिटायर होने वाले हैं। ऐसे में उन्होंने उनसे गुहार लगाई कि उनका कॅरिअर न खराब किए जाए। मैं वापस अपने विभाग में जाने के लिए भी तैयार हूं। इतना ही नहीं उन्हें यहां तक कह दिया था कि जो व्यक्ति कमीशन के रूप में आपको रिश्वत दे सकता है। आप उसे डेपुटेशन पर ला सकते हैं।