भारत को प्रशिक्षित हेल्थकेयर प्रोफेशनल की अत्यधिक कमी का सामना करना पड़ सकता है : एक्स्पर्ट

अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस

मोहाली संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट, मोहाली – 12 मई :

गुरुवार को यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ  नर्सिंग, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी घड़ूआं में अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के अवसर पर आयोजित एक टॉक में 150 से अधिक छात्रों , फैकल्टी और स्टाफ  ने भाग लिया।

टॉक को संबोधित करते हुए, मैक्स अस्पताल में कार्डियोवैस्कुलर थोरैसिक सर्जरी के डायरेक्टर डॉ दीपक पुरी ने कहा कि नर्सें स्वास्थ्य देखभाल प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, फिर भी उनके योगदान आज भी वह महत्व नहीं मिलता जिसकी वे हकदार है।

उन्होंने कहा, दुनिया भर में नर्सों की अत्यधिक कमी है। भारत में 2024 तक 4.3 मिलियन और नर्सों की आवश्यकता होगी, जबकि यह कमी अमेरिका जैसे कई विकसित देशों में भी मौजूद है।
डॉ पुरी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कार्यस्थल का माहौल भी अधिक से अधिक होस्टाइल होता जा रहा है और अधिकांश स्वास्थ्य कर्मियों को पर्याप्त आराम नहीं मिल रहा है, जिसके कारण वे नींद की कमी के प्रतिकूल प्रभावों से पीड़ित हैं।

उन्होंने कहा , कई सर्वेक्षणों से पता चला है कि हेल्थकेयर प्रोफेशनल की लाइफ  एक्सपेक्टेंसी बाकी लोगों की तुलना में 5 से 10 वर्ष कम है । डॉक्टरों और नर्सों को भी मधुमेह, मेलिटस, उच्च रक्तचाप, कोरोनरी धमनी रोग, स्ट्रोक, कैंसर, डिप्रेशन और सुसाइड टेंडेंसी जैसी जीवन शैली की बीमारियों के होने की अधिक संभावना है।

उन्होंने कहा कि कई अन्य कारक जो हेल्थकेयर प्रोफेशनल को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर रहे हैं, वे हैं करियर के विकास के अवसरों की कमी, पर्याप्त कौशल बढ़ाने वाले प्रशिक्षण की कमी, पूरी तरह से अपर्याप्त मुआवजा जो कि यूएसए में मिलने वाले मुकाबले से 10 गुना कम है।

ये सभी मुख्य रूप से इस तथ्य के लिए जिम्मेदार हैं कि 50 प्रतिशत नई नर्सें 2 साल के भीतर विदेश जा रही हैं। इन सभी का दीर्घकालिक प्रभाव विनाशकारी होने वाला है, डॉ पुरी ने कहा ।

भारतीय डॉक्टरों और नर्सों को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है और उन्होंने यूएसए, यूके और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में बहुत सम्मान और प्रसिद्धि अर्जित की है और इन देशों की स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ हैं।
उन्होंने कहा कि देश तेजी से पर्याप्त प्रशिक्षित स्वास्थ्य पेशेवरों की अत्यधिक कमी की ओर बढ़ रहा है। यह सही समय है कि हम उन्हें उचित मान्यता दें जिन्होंने विदेशों से आकर्षक प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया और अपने देश की सेवा करना पसंद किया है।

इस अवसर पर नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य डॉ ज्योति तिवारी, वाइस प्रिंसिपल सतीश कुमार सहित अन्य वरिष्ठ फैकल्टी सदस्य भी उपस्थित थे।