NGO AAHARIKA organised Maha Bhog at Gur Asra Orphanage Home Palsora 

Chandigarh 11 April 

Shreya screened the girls of Orphanage of  Gur Asra under the regular social initiative of NGO Aaharika for marasmus, under nourished and PEM (Protein Energy Mal Nourished) diseases and these children were served protein rich diet as langar Maha bhog. Earthen pots were distributed, chulai ke laddu, dry gram and jaggery, ragi pudding, millet khichdi were distributed.

The screening team included dietitian Shreya, her entire team. Shreya said that all of us should come forward to solve the problems of the lower class colonies of our society and to fulfill the responsibility of their children’s health and malnutrition, similar effort is being carried out every week by her NGO Aaharika.

Shreya said that due to the lack of iron, protein, minerals and vitamins among Indian women, it is difficult for the people living below the poverty line, Shreya appealed to the able people to cooperate with the lower class of the society.


 Shreya also distributed basic education books, stationery, sports equipment, shoes etc. to the children of Orphanage Gur Asra along with ragi halwa, jaggery gram and millet khichdi.Shreya said that simlar campaign by dietician Shreya Academy and Aaharika will continue every Friday in some needy area.

जेएनयू में फिर बड़ा बवाल श्री राम नवमी पर नॉनवेज भोजन के लिए भिड़े लेफ्ट और एबीवीपी के छात्र

जेएनयू के कावेरी हास्टल में पूर्व छात्रों के द्वारा रामनवमी की पूजा की जा रही थी। वहीं वामपंथी विचार धारा से जुड़े छात्र संगठन पूजा नहीं होने देना चाह रहे थे। हालांकि पूजा शांति से हो गई। वहीं, पूजा नहीं रोक पाने पर वामपंथी छात्र संगठनों ने नॉन वेज खाने से रोकने का मुद्दा उठाया। बताया जा रहा है कि कावेरी हॉस्टल के मेनू में नॉन वेज और वेज दोनों शामिल है। एबीवीपी के कार्यकर्ता रविवार को नॉन वेज खाने बनाने और खाने से रोक रहे थे। इसी बीच एबीवीपी कार्यकर्ताओं और लेफ्ट विंग के छात्रों में धक्का-मुक्की हो गई जिसमें कुछ लोग घायल हो गए।

नई दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट :

देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्लीमें एक बड़ी खबर सामने आई है। एक बार फिर से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रों के दो गुटों के बीच हंगामा हुआ है। कहा जा रहा है कि नवरात्रा पूजा के दौरान मांसाहारी भोजन खाने और परोसने के मसले पर ये हंगामा हुआ है। दिल्ली स्थित JNU विश्वविद्यालय के अंदर लेफ्ट विंग और ABVP के स्टूडेंट विंग के बीच झड़प हुई है। इससे विश्वविद्यालय प्रशासन के होश उड़ गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक, लेफ्ट विंग के छात्रों ने अभाविप के छात्रों पर मांसाहारी भोजन खाने से रोकने का आरोप लगाया है। वहीं, अभाविप के विद्यार्थियों ने रामनवमी पूजा के दौरान हॉस्टल में पूजा करने से रोकने का आरोप लगाया है। वहीं, मामले की शिकायत JNU प्रशासन और स्थानीय पुलिस को दी गई है। जबकि, JNU प्रशासन मामले की पड़ताल करवाने में जुट गया है।

जानकारी के मुताबिक जेएनयू के कावेरी हास्टल में पूर्व छात्रों के द्वारा रामनवमी की पूजा की जा रही थी। वहीं वामपंथी विचार धारा से जुड़े छात्र संगठन पूजा नहीं होने देना चाह रहे थे। हालांकि पूजा शांति से हो गई। वहीं, पूजा नहीं रोक पाने पर वामपंथी छात्र संगठनों ने नॉन वेज खाने से रोकने का मुद्दा उठाया। बताया जा रहा है कि कावेरी हॉस्टल के मेनू में नॉन वेज और वेज दोनों शामिल है। एबीवीपी के कार्यकर्ता रविवार को नॉन वेज खाने बनाने और खाने से रोक रहे थे। इसी बीच एबीवीपी कार्यकर्ताओं और लेफ्ट विंग के छात्रों में धक्का-मुक्की हो गई जिसमें कुछ लोग घायल हो गए।

लेफ्ट के छात्रों ने कहा कि रविवार को छात्रावास में नॉन वेज खाना मेन्यू में शामिल है लेकिन एबीवीपी के छात्रों ने कावेरी छात्रावास के मेस में छात्रों को नॉन वेज खाने से रोक दिया जबकि एबीवीपी के आरोप है कि छात्रावास में रामनवमी की पूजा रखी गई थी लेकिन वामपंथी छात्र संगठनों ने पूजा करने से रोकने की कोशिश की। इसके बाद वामपंथी छात्र संगठनों ने रात को साढ़े सात बजे सभी संगठनों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक के बाद एबीवीपी और वाम संगठनों में मारपीट शुरू हो गई। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने पथराव कर दिया। इससे तीन लड़कियों समेत कुल आधा दर्जन लोगों को चोटें आई हैं।

वहीं एवीबीपी ने भी वाम संगठनों द्वारा उनपर हमला कर कई कार्यकर्ताओं को घायल करने का आरोप लगाया। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस कैम्पस में पहुंच गई थी। जेएनयू छात्र संगठन ने पूरे मामले की शिकायत जेएनयू प्रशासन से की है। जेएनयू प्रशासन का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही जी और ऐसी किसी भी अनुशासन हीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी के पहनावे पर, खाने पर और आस्था पर कोई रोक टोक नहीं की जा सकती है। सभी छात्र अपने हिसाब से अपने धर्म का पालन करते हैं। मेस स्टूडेंट कमेटी चलाती है और वही मेन्यू भी तय करती है।

एबीवीपी ने कहा कि रामनवमी के मौके पर पूजा और हवन का प्रोग्राम रखा गया था। कावेरी हास्टल में पूजा का समय दोपहर को 3:30 पर खा गया था। जिसमें काफी बड़ी संख्या में जेएनयू के स्टूडेंट्स आए थे। वहीं लेफ्ट के छात्र आए और पूजा को रोकने की कोशिश की और इसमें व्यवधान डाला। इसके अलावा भोजन के अधिकार को लेकर बेवजह का हंगामा करने की कोशिश की। वामपंथी मुसलमानों और हिंदुओं के बीच असमानता और जातीय सफाई पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, जो शांति से अपने-अपने त्योहार मना रहे हैं। अभाविप की महामंत्री निधि त्रिपाठी ने छात्रा दिव्या और एक दिव्यांग छात्र के साथ मारपीट का आरोप वाम संगठनों पर लगाया है। 

जेएनयू में मारपीट की घटना के बाद दोनों पक्षों ने सोशल मीडिया  पर वीडियो वायरल किए हैं। उन्होंने एक दूसरे पर घटना के लिए आरोप लगाया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और वाम संगठनों के नेताओं ने भी सोशल मीडिया पर घटना के बारे में बताया। 


देश में दौड़ रही अपराध की बुलेट ट्रेन, युवाओं की समस्याओं के प्रति भाजपा सरकार का रवैया संवेदनशील नहीं : अखिलेश यादव

अखिलेश ने कहा था कि प्रदेश में भाजपा की पिछली सरकार में पांच लाख नौकरियां दिए जाने का दावा किया गया था। जिसका डाटा आज तक सार्वजनिक नहीं किया गया। अब भाजपा सरकार 100 दिन में 10 हजार नौकरियां देने का वादा कर रही है। इनकी करनी और कथनी को सभी ने देखा है। भाजपा सरकार की नई घोषणाएं महज झांसा हैं। युवाओं की नौकरी, रोजगार के प्रति भाजपा सरकार पूरी तरह संवेदनशून्य है। बेरोजगारी के कारण नौजवान आत्महत्या करने को मजबूर हैं।

लखनऊ(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट :  

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को सभी मोर्चे पर भारतीय जनता पार्टी सरकार के विफल होने का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने दावा किया कि युवाओं की समस्‍याओं के प्रति भाजपा सरकार का रवैया संवेदनशून्‍य है। सपा मुख्यालय से जारी बयान में अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य-शिक्षा सभी पूरी तरह चौपट हैं और शिक्षण कार्य से जुड़े लोगों में भारी असंतोष है। सपा प्रमुख ने कहा कि नौजवान आक्रोशित हैं, क्योंकि उनकी समस्याओं के प्रति भाजपा सरकार का रवैया संवेदनशून्य है।

रविवार को सपा मुख्यालय से जारी बयान में यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य-शिक्षा सभी पूरी तरह चौपट हैं और शिक्षण कार्य से जुड़े लोगों में भारी असंतोष है। उन्होंने कहा कि नौजवान आक्रोशित हैं, क्योंकि उनकी समस्याओं के प्रति भाजपा सरकार का रवैया संवेदनशून्य है।

बेरोजगारी बढ़ने और रोजी-रोटी का कोई इंतजाम न किये जाने का आरोप लगाते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि ”युवा आवाज उठाता है तो उसकी आवाज दबाने के लिए पुलिस की लाठियां चटकने लगती हैं, नौजवानों को रोजगार देने के थोथे दावों पर कोई यकीन नहीं करता है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने अपने कारनामों से उत्तर प्रदेश को बदनाम किया है और भाजपा लोगों में भय पैदा करके राज कर रही है, यह लोकतंत्र में घोर निंदनीय है।

उन् होंने कहा कि सरकार विभिन्न विभागों की पहले रिक्तियां घोषित करती है फिर विभिन्न पदों पर भर्ती का विज्ञापन निकाल कर बड़े पैमाने पर रोजगार देने की डुग-डुगी पीटने लगती है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की नीयत में खोट की वजह से परीक्षा के पेपर लीक हो जाते हैं या किन्हीं मुद्दों को लेकर परीक्षा के परिणामों पर सवाल खड़े हो जाते हैं और परीक्षाएं निरस्त हो जाती हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुदेशक, टीईटी, शिक्षामित्र, शिक्षक भर्ती आदि में भाजपा सरकार का रवैया अजीबो-गरीब रहा है और हताश नौजवान छात्र जब अपनी आवाज उठाना चाहता है, तो सरकार उसे कुचल देती है।

सपा प्रमुख ने प्रयागराज में छात्रों पर हुए लाठी चार्ज का जिक्र करते हुए कहा कि जिस सरकार में छात्रों को जेल में डालकर उत्पीड़न किया जा रहा हो उस सरकार में भविष्य निर्माण की बात करना बेईमानी है।

पाकिस्तान में इमरान खान की पारी का ‘THE END’,  सरकार सिर्फ 3 साल 7 महीने 23 दिन चली

पाकिस्तान में इमरान खान को आखिरकार प्रधानमंत्री पद गंवाना ही पड़ा। उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव बहुमत से पारित हो गया। इसके बाद शहबाज शरीफ के नेतृत्व में नई सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है। पाकिस्तान के अगले संभावित प्रधानमंत्री और संसद में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने कहा, ‘हम किसी से बदला नहीं लेंगे, किसी के साथ अन्याय नहीं करेंगे और किसी को जेल में नहीं डालेंगे। कानून अपना रास्ता खुद बना लेगा।’ 69 साल के इमरान खान 2018 में सत्ता में आए थे। उन्होंने देश की व्यवस्था में बड़े सुधारों का वादा किया था ताकि भ्रष्टाचार खत्म हो और देश आर्थिक तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़े। लेकिन उन पर आर्थिक कुप्रबंधन और विदेश नीति के मोर्चे पर गलतियां करने के आरोप लगे। देश में आसमान छूती महंगाई, तेजी से बढ़ती बेरोजगारी, डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये की दुर्गति और देश पर बढ़ते कर्ज ने उनकी लोकप्रियता को भारी नुकसान पहुंचाया है।

इस्लामाबाद/नयी दिल्ली/चंडीगढ़, डेमोक्रेटिक फ्रंट : 

इमरान खान को आखिरकार पाकिस्तान की सत्ता से बेदखल होना पड़ ही गया। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में 9 अप्रैल की देर रात अविश्वास प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में इमरान को विपक्ष के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी। इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 174 सांसदों ने मतदान किया, जो बहुमत के आंकड़े से 2 मत ज्यादा हैं। पाकिस्तान की 342 सदस्यों वाली संसद में बहुमत का आंकड़ा 172 है. इमरान खान के प्रधानमंत्री पद से बेदखल होने के बाद विपक्षी दल के नेताओं ने खुशी का इजहार किया।

इमरान खान 18 अगस्त 2018 को चुनाव में जीत दर्ज कर सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद सत्ता में आए थे। इस प्रकार उनकी सरकार 3 साल 7 महीने 23 दिन चली। आखिरी दिन इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर नेशनल असेंबली में 12 घंटे से अधिक समय तक बहस चली और इसके बाद पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिति ने अलग मोड़ ले लिया। आखिरी समय में इमरान के साथ 26 साल के करीबी रिश्ते का जिक्र करते हुए स्पीकर असद कासिर ने पद से इस्तीफा दे दिया। अयाज सादिक को इसके बाद अध्यक्ष के आसन पर बैठाया गया और इमरान खान के भाग्य का फैसला हो गया।

इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के परिणाम की घोषणा अध्यक्ष के चेयर पर बैठे अयाज सादिक ने की। उन्होंने कहा कि 174 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में अपने वोट किए हैं, जिसके तहत पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के प्रस्ताव को बहुमत से पारित किया गया है। मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सदन के विपक्षी सदस्यों ने विजय भाषण दिए। इसके बाद संसद के सत्र को सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

इमरान खान से पहले पाकिस्तान के दो प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया था, लेकिन उसे पास नहीं कराया जा सका। बेनजीर भुट्‌टो और शौकत अजीज के खिलाफ पूर्व में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, लेकिन इन दोनों प्रधानमंत्रियों ने अविश्वास प्रस्ताव को पास नहीं होने दिया। इससे उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं आया। इमरान खान अविश्वास प्रस्ताव को पास होने से रोक नहीं पाए। इस प्रकार वे देश के पहले प्रधानमंत्री बन गए, जिनको अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हार का सामना करना पड़ा है।

विपक्षी सदस्य अयाज सादिक ने स्पीकर का पद संभाला और अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराई। इसके मुताबिक 174 सदस्यों ने प्रस्ताव का समर्थन किया जो बहुमत से दो ज्यादा है। इसका मतबल है कि अब इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नहीं रहे। अब संसद अपना नया नेता चुनेगी। इस तरह विपक्षी नेता शहबाज शरीफ का प्रधानमंत्री बनना लगभग तय है। वह पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं और आबादी के लिहाज से पाकिस्तान के सबसे बड़े सूबे पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद शहबाज शरीफ ने संसद में कहा कि नई सरकार बदले की भावना से काम नहीं करेगी. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि कानून अपना काम करेगा और अदालतों के काम में कोई बाधा नहीं डाली जाएगी। शरीफ के सहयोगी और पाकिस्तानी पीपल्स पार्टी के नेता बिलावल भट्टो जरदारी ने 10 अप्रैल को पाकिस्तान के इतिहास का अहम दिन बताया, जब किसी प्रधानमंत्री को पहली बार अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता ने बेदखल किया गया है।

नवाज शरीफ की बेटी और पीएमएल (एन) की नेता मरियम नवाज ने ताजा घटनाक्रम पर ट्वीट कर कहा है कि पाकिस्तान का दुस्वप्न खत्म हो गया है और अब इसे संभालने और संवारने का समय है।

इससे पहले, इमरान खान ने शनिवार को कहा कि वह नेशनल असेंबली को बहाल करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश हैं लेकिन वे इसे स्वीकार करते हैं। इमरान खान लगातार इस बात को कहते आ रहे हैं कि उन्हें ‘अमेरिकी साजिश’ के तहत से सत्ता से बाहर किया जा रहा है। उनके मुताबिक उन्होंने विदेश नीति पर अमेरिकी दबाव को मानने से इनकार कर दिया है और इसीलिए अमेरिका नहीं चाहता कि वह सत्ता में रहें। दूसरी तरफ, अमेरिका ने पाकिस्तान की घरेलू राजनीति में किसी भी तरह के हस्तक्षेप से इनकार किया है।

इमरान खान के आलोचकों का कहना है कि वह जनता की सहानुभूति पाने के लिए झूठी कहानियां रच रहे हैं। वहीं इमरान खान ने अपने समर्थकों से रविवार को सड़कों पर निकलने और शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जताने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा, “मैं संघर्ष करने को तैयार हूं।” इमरान खान की तहरीक ए इंसाफ पार्टी के नेता और मौजूदा विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ट्वीट कर कहा है कि उन्हें अपने नेता के साथ खड़े रहने पर गर्व है।

69 साल के इमरान खान 2018 में सत्ता में आए थे। उन्होंने देश की व्यवस्था में बड़े सुधारों का वादा किया था ताकि भ्रष्टाचार खत्म हो और देश आर्थिक तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़े। लेकिन उन पर आर्थिक कुप्रबंधन और विदेश नीति के मोर्चे पर गलतियां करने के आरोप लगे। देश में आसमान छूती महंगाई, तेजी से बढ़ती बेरोजगारी, डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये की दुर्गति और देश पर बढ़ते कर्ज ने उनकी लोकप्रियता को भारी नुकसान पहुंचाया है।

 

राशिफल, 10 अप्रैल 2022

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के बारे में जानने के लिए उसकी राशि ही काफी होती है। राशि से उस या अमूक व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य के बारे में जानना आसान हो जाता है। इतना ही नहीं, ग्रह दशा कोअपने विचारों को सकारात्मक रखें, क्योंकि आपको ‘डर’ नाम के दानव का सामना करना पड़ सकता है। नहीं तो आप निष्क्रिय होकर इसका शिकार हो सकते हैं। आपका कोई पुराना मित्र आज कारोबार में मुनाफा कमाने के लिए आपको सलाह दे सकता है, अगर इस सलाह पर आप अमल करते हैं तो आपको धन लाभ जरुर होगा। घरेलू मामलों पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है। आपकी ओर से की गयी लापरावाही महंगी साबित हो सकती है। आपके प्रिय/जीवनसाथी का फ़ोन आपका दिन बना देगा।

aries
मेष/aries

10 अप्रैल 2022:  

लम्बी यात्रा के लिहाज़ से आपने सेहत और ऊर्जा-स्तर में जो सुधार किए हैं, वे काफ़ी फ़ायदेमंद रहेंगे। व्यस्त दिनचर्या के बावजूद आप थकान के चंगुल में फँसने से बचे रहेंगे। आर्थिक पक्ष के मजबूत होने की पूरी संभावना है। अगर आपने किसी शख्स को पैसा उधार दिया था तो आज आपको वो पैसा वापस मिलने की उम्मीद है। दोस्तों के साथ शाम बेहद मज़ेदार और हँसी-ख़ुशी से भरपूर रहेगी रोमांचक दिन है, क्योंकि आपका प्रिय आपको तोहफ़े/उपहार दे सकता है। अगर आपके पास हालात से उबरने के लिए दृढ़ इच्छा-शक्ति है, तो कुछ भी असंभव नहीं है। जब आपका जीवनसाथी जब सारे मनमुटाव भुलाकर प्यार के साथ आपके पास फिर आएगा, तो जीवन और भी सुन्दर लगेगा। अपना पसंदीदा संगीत सुनना आपको एक चाय के प्याले से अधिक ताज़गी का अनुभव दे सकता है।

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वृष/Taurus

10 अप्रैल 2022:  

गर्भवती महिलाओं के लिए अतिरिक्त सावधान रहने का दिन है। इस राशि केे कुछ लोगों को आज संतान पक्ष से आर्थिक लाभ होने की उम्मीद है। आज आपको अपनी संतान पर गर्व महसूस होगा। पारिवारिक मोर्चे पर समस्याएँ मुँह बाए खड़ी हैं। पारिवारिक ज़िम्मेदारियों की अनदेखी आपको सबकी नाराज़गी की केंद्र बना सकती है। आप इस दिन को अपनी ज़िन्दगी में कभी नहीं भूलेंगे, अगर आप प्यार में डूबने के मौक़े को आज यूँ ही न गवाएँ तो। लम्बे वक़्त से लटकी हुई दिक़्क़तों को जल्द ही हल करने की ज़रूरत है और आप जानते हैं कि आपको कहीं-न-कहीं से शुरुआत करनी होगी- इसलिए सकारात्मक सोचें और आज से ही प्रयास शुरू करें। यह आपके पूरे वैवाहिक जीवन के सबसे ज़्यादा स्नेहपूर्ण दिनों में से एक हो सकता है। आज किसी ज्ञानी पुरुष से मिलकर आपको अपनी कई समस्याओं का हल मिल जाएगा।

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मिथुन/Gemini

10 अप्रैल 2022 :  

आपका आकर्षक बर्ताव दूसरों का ध्यान आपकी तरफ़ खींचेगा। जिन लोगों ने जमीन खरीदी थी और अब उसे बेचना चाहते हैं उन्हें आज कोई अच्छा खरीदार मिल सकता है और जमीन बेचकर उन्हें अच्छा धन लाभ हो सकता है। प्रभावशाली और महत्वपूर्ण लोगों से परिचय बढ़ाने के लिए सामाजिक गतिविधियाँ अच्छा मौक़ा साबित होंगी। जो लोग अपनेे प्रेमी से दूर रहते हैं उन्हें आज अपने प्रेमी की याद सता सकती है। रात के वक्त प्रेमी से घंटों फोन पर बात कर सकते हैं। आज आपके पास खाली समय होगा और इस समय का इस्तेमाल आप ध्यान योग करने में कर सकते हैं। आपको आज मानसिक शांति का अहसास होगा। ऐसा लगता है कि आज आप अपने जीवनसाथी के साथ बहुत ख़र्चा कर सकते हैं। बावजूस इसके, आप इस वक़्त का पूरा लुत्फ़ उठा पाएंगे। अकेलेपन को अपने ऊपर हावी न होने दें, इससे बेहतर होगा कि आप कहीं घूमने के लिए निकल सकते हैं।

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कर्क/Cancer

10 अप्रैल 2022:  

कुछ लोग सोच सकते हैं कि आप नया सीखने के लिए काफ़ी उम्रदराज़ हो चुके हैं- लेकिन यह सच्चाई से बहुत दूर है- आप अपने तेज़ और सक्रिय दिमाग़ की वजह से कुछ भी आसानी से सीख सकते हैं। जिन लोगों की अब तक तनख्वाह नहीं आयी है आज वो पैसों के लिए बहुत परेशान रह सकते हैं और अपने किसी दोस्त से उधार मांग सकते हैं। एक बेहतरीन शाम के लिए रिश्तेदार/दोस्त घर आ सकते हैं। आपके प्रिय का प्यारा बर्ताव आपको ख़ास होने का अनुभव कराएगा; इन लम्हों का पूरा लुत्फ़ उठाएँ। खाली वक्त में आप कोई फिल्म देख सकते हैं यह फिल्म आपको पसंद नहीं आएगी और आपको लगेगा कि आपने अपना कीमती वक्त जाया कर दिया। इस बात की प्रबल सम्भावना है कि आपके आस-पास के लोग आप दोनों के बीच मतभेद पैदा करने का प्रयास करेंगे। अत: बाहरी लोंगों के कहने पर अमल करना ठीक नहीं होगा। आज आप अपने देश से जुड़ी कुछ जानकारियों को जानकर चकित हो सकते हैं।

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Leo
सिंह/Leo

10 अप्रैल 2022 :

चूँकि यात्रा के लिहाज़ से आप अभी कुछ कमज़ोर हैं, इसलिए लंबी यात्राओं से बचने की कोशिश कीजिए। व्यापाार में मुनाफा आज कई व्यापारियों के चेहरे पर खुशी ला सकता है। अपने जीवन-साथी के साथ बेहतर समझ ज़िन्दगी में ख़ुशी, सुकून और समृद्धि लाएगी। आपको अपने प्रिय के साथ समय बिताने की ज़रूरत है, ताकि आप दोनों एक-दूसरे को अच्छी तरह से जान व समझ सकें। शाम का वक्त अच्छा रहे इसके लिए आपको दिनभर मन लगाकर काम करने की जरुरत है। आपका जीवनसाथी आपको पाकर ख़ुद को ख़ुशनसीब समझता है; इन पलों का भरपूर उपयोग करें। छुट्टी ज़ाया हो गयी – इस पर सोचने की बजाय बाक़ी बचे दिन को आप किस प्रकार बेहतर बना सकते हैं, इस पर विचार करें।

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कन्या/Virgo

10 अप्रैल 2022 :   

सेहत से जुड़े कार्यक्रमों को फिर से शुरू करने के लिए अच्छा दिन है। अगर आपका धन से जुड़ा कोई मामला कोर्ट-कचहरी में अटका था तो आज उसमें आपको विजय मिल सकती है और आपको धन लाभ हो सकता है। तनाव का दौर बरक़रार रहेगा, लेकिन पारिवारिक सहयोग मदद देगा। थोड़े बहुत टकराव के बावजूद भी आज आपका प्रेम जीवन अच्छा रहेगा और आप अपने संगी को खुश रखने में कामयाब होंगे। वक्त की नाजाकत को समझते हुए आज आप सब लोगों से दूरी बनाकर एकांत में वक्त बिताना पसंद करेंगे। ऐसा करना आपके लिए हितकर भी होगा। आपके जीवनसाथी के लबों की मुस्कान पल भर में आपका सारा दर्द ग़ायब करने की क़ाबिलियत रखती हे। आज कोई उलझन आपको दिन भर तंग कर सकती है। इस उलझन को दूर करने के लिए आपको अपने घर वालों से बात करनी चाहिए।

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Libra
तुला/Libra

10 अप्रैल 2 2022 :   

मुस्कुराएँ, क्योंकि यह सभी समस्याओं का सबसे उम्दा इलाज है। धन की आवाजाही आज दिन भर होती रहेगी और दिन ढलने के बाद आप बचत करने में भी सक्षम हो पाएंगे। किसी ऐतिहासिक इमारत के आस-पास सैर-सपाटे की योजना बनाएँ। इससे बच्चों और परिवार के सदस्यों को ज़रूरी ताज़गी मिलेगी। आपके ईमानदार और ज़िंदादिल प्यार में जादू करने की ताक़त है। आपमें से कुछ लोगों को लंबा सफ़र करना पड़ सकता है – जो काफ़ी दौड़-भाग भरा होगा – लेकिन साथ ही बहुत फ़ायदेमंद भी साबित होगा। अगर आप वैवाहिक तौर पर लंबे समय से कुछ नाख़ुश हैं, तो आज के दिन आप हालात बेहतर होते हुए महसूस कर सकते हैं। स्वयंसेवी कार्य या किसी की मदद करना आपकी मानसिक शांति के लिए अच्छे टॉनिक का काम कर सकता है।

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वृश्चिक/Scorpio

10 अप्रैल 2022 : 

आज का दिन ऐसे काम करने के लिए बेहतरीन है, जिन्हें करके आप ख़ुद के बारे में अच्छा महसूस करते हैं। जिन लोगों ने किसी अनजान शख्स की सलाह पर कहीं निवेश किया था आज उन्हें उस निवेश से फायदा होने की पूरी संभावना है। परिवार में किसी बुज़ुर्ग की ख़राब तबियत परेशानी का कारण बन सकती है। प्यार का जज़्बा अनुभव के परे है, लेकिन आज आप प्यार की इस मदहोशी की कुछ झलक पा सकेंगे। यात्रा और शिक्षा से जुड़े काम आपकी जागरुकता में वृद्धि करेंगे। एक बढ़िया जीवनसाथी के साथ जीवन वाक़ई अद्भुत लगता है और आज आप इस बात का अनुभव कर सकते हैं। दोस्तों के साथ मजाक करते दौरान अपनी सीमाओं को लांघने से बचें नहीं तो दोस्ती खराब हो सकती है।

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धनु/Sagittarius

10 अप्रैल 2022 :  

पेचीदा हालात में फँसने पर घबराएँ नहीं। जैसे खाने में थोड़ा-सा तीखापन उसे और भी लज़ीज़ बना देता है, उसी तरह ऐसी परिस्थितियाँ आपको ख़ुशियों की सही क़ीमत बताती हैं। अपना मूड बदलने के लिए किसी सामाजिक आयोजन में शिरकत करें। आज आपका धन कई चीजों पर खर्च हो सकता है, आपको आज अच्छा बजट प्लान करने की आवश्यकता है इससे आपकी कई परेशानियां दूर हो सकती हैं। कुल मिलाकर फ़ायदेमंद दिन है। लेकिन आप समझते थे जिसपर आप आँखें बंद करके यक़ीन कर सकते हैं, वह आपके भरोसे को तोड़ सकता है। अपने दोस्त से बहुत लम्बे समय बाद मिलने का ख़याल आपके दिल की धड़कन को बढ़ा सकता है। इस राशि के लोगों को आज अपने आप को समझने की जरुरत है। यदि आपको लगता है कि आप दुनिया की भीड़ में कहीं खो गये हैं तो अपने लिए वक्त निकालें और अपने व्यक्तित्व का आकलन करें। आपको ख़ुश करने के लिए आपका जीवनसाथी काफ़ी कोशिशें कर सकता है। अपने घर से बाहर निकलते समय अपने जरुरी सामान को एक बार जरुर देख लें।

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मकर/Capricorn

10 अप्रैल 2022 : 

आपको काफ़ी समय से चल रही बीमारी से छुटकारा मिल सकता है। दिन बहुत लाभदायक नहीं है- इसलिए अपनी जेब पर नज़र रखें और ज़रूरत से ज़्यादा ख़र्चा न करें। आपका मज़ाकिया स्वभाव सामाजिक मेल-जोल की जगहों पर आपकी लोकप्रियता में इज़ाफ़ा करेगा। दोस्ती में प्रगाढ़ता के चलते रोमांस का फूल खिल सकता है। अगर कहीं बाहर जाने की योजना है तो वह आख़िरी वक़्त पर टल सकती है। आपको ख़ुशी से भरी शादीशुदा ज़िन्दगी की एहमियत का एहसास होगा। अपने पिता के साथ आज दोस्त की तरह आप बात कर सकते हैं। आपकी बातों को सुनकर उनको खुशी होगी।

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कुम्भ/Aquarius

10 अप्रैल 2022 : 

असहजता आपकी मानसिक शांति में बाधा पैदा कर सकती है, लेकिन कोई दोस्त आपकी परेशानियों के समाधान में काफ़ी मददगार साबित होगा। तनाव से बचने के लिए मधुर संगीत का सहारा लें। संदिग्ध आर्थिक लेन-देन में फँसने से सावधान रहें। अपने मित्रों या संबंधियों को अपना आर्थिक काम-काज और रुपये-पैसे का प्रबंधन न करने दें, नहीं तो जल्दी ही आप आपने तयशुदा बजट से कहीं आगे निकल जाएंगे। अपनी व्यक्तिगत भावनाएँ और गोपनीय बातें अपने प्रिय से बाँटने का सही समय नहीं है। अपने व्यक्तित्व और रंग-रूप को बेहतर बनाने का कोशिश संतोषजनक साबित होगी। आपकी भागदौड़ भरी दिनचर्या के कारण आपका जीवनसाथी ख़ुद को दरकिनार महसूस कर सकता है, जिसका इज़हार शाम को होना मुमकिन है। बिना किसी को बताए आज आप घर में छोटी-मोटी पार्टी रख सकते हैं।

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मीन/Pisces

10 अप्रैल 2022 : 

आपका उदार स्वभाव आज आपके लिए कई ख़ुशनुमा पल लेकर आएगा। आज घर से बाहर बड़ों का आशीर्वाद लेकर निकलें इससे आपको धन लाभ हो सकता है। किसी दूर के रिश्तेदार के यहाँ से अचानक आया कोई संदेश पूरे परिवार के लिए रोमांचक रहेगा। प्यार के नज़रिए से देखें तो आज आप जीवन के रस का भरपूर आनन्द लेने में सफल रहेंगे। आज आप ऑफिस से घर वापस आकर अपना पसंदीदा काम कर सकते हैं। इससे आपके मन को शांति मिलेगी। विवाह एक दैवीय आशीर्वाद है और आज आप इसका अनुभव कर सकते हैं। शांति का दामन पकड़कर आज आप सब लोगों से बातें करेंगे।

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पंचांग 10 अप्रैल 2022

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

नोटः  आज नवमी है तथा नवरात्रि समाप्त है। शास्त्रों के अनुसार भगवान श्रीराम का जन्‍म मध्याह्न में हुआ था, तो इसी कारण से श्रीराम नवमी का अनुष्ठान दोपहर में किया जाता है। नवरात्र के 9 दिन मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा होती है और सबसे अंत में भगवान श्रीराम नवमी मनाई जाती है। इस दिन घरों और मंदिरों में भगवान श्रीराम और माता सीता की पूजा-अर्चना होती है।

श्रीदुर्गा नवमी

नौ दिन तक चलने वाले नवरात्र का आज आखिरी दिन  है। नौ दिनों तक चलने वाले इस व्रत में हर तरह भक्तिमय माहौल रहा। चैत्र मास की प्रतिपदा के दिन से शुरु हुआ नवरात्र नवमी के दिन सिद्धिदात्री के पूजन के साथ सफल होता है। नवमी के दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा होती है. मां दुर्गा अपने नौवें स्वरूप में सिद्धिदात्रीके नाम से जानी जाती हैं। आदि शक्ति भगवती का नवम रूप सिद्धिदात्री है। जिनकी चार भुजाएं हैं. उनका आसन कमल है। दाहिनी ओर नीचे वाले हाथ में चक्र, ऊपर वाले हाथ में गदा, बाई ओर से नीचे वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमल पुष्प है।

श्रीरामनवमी

सनातन धर्म संस्कृति में रामनवमी बहुत ही पवित्र दिन माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विशेष पूजा-अर्चना करने और दान करने से काफी पुण्य की प्राप्ति होती है। रामनवमी के दिन भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना करने से विशेष पुण्य मिलता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था, इसीलिए इस दिन पूरे समय पवित्र मुहूर्त होता है। लिहाजा, इस दिन नए घर, दुकान या प्रतिष्ठान में प्रवेश करना काफी शुभ होता है।

विक्रमी संवत्ः 2079,

 शक संवत्ः 1944, 

मासः चैत्ऱ, 

पक्षः शुक्ल 

तिथिः नवमी रात्रि 03.16 तक है, 

वारः रविवार, 

नक्षत्रः पुष्य की वृद्धि है (जो सोमवार को प्रातः 06.51) तक है।

विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर रविवार को पान खाकर लाल चंदन, गुड़ और लड्डू का दान देकर यात्रा करें।

 योगः सुकृत दोपहरः काल 12.03, तक, 

करणः बालव, 

सूर्य राशिः मीन,  चंद्र राशिः कर्क, 

राहु कालः सायंः 4.30 से सायं 6.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.05,  सूर्यास्तः 06.40 बजे। 

नवजोत सिंह सिद्धू को झटका, अमरिंदर सिंह राजा को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया

चरणजीत सिंह चन्नी सरकार में परिवहन मंत्री रहे अमरिंदर सिंह राजा पार्टी के तेजतर्रार युवा नेता माने जाते हैं। वह भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष बाजवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं। कुछ सप्ताह पहले तक राज्यसभा सदस्य रहे बाजवा पंजाब की कादियान विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने हैं।

नई दिल्ली(ब्यूरो), डेमोरेटिक फ्रंट :

कांग्रेस ने शनिवार को पंजाब सरकार के पूर्व मंत्री अमरिंदर सिंह राजा को प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) का अध्यक्ष और प्रताप सिंह बाजवा को विधायक दल का नेता नियुक्त किया। पार्टी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, भारत भूषण आशु को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही, राजकुमार छब्बेवाल को विधायक दल का उप नेता बनाया गया है.

दरअसल, पंजाब विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के कहने पर नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद से पार्टी प्रदेश प्रमुख का पद खाली चल रहा था। इसी कड़ी में शनिवार को कांग्रेस पार्टी ने पीसीसी चीफ के लिए अमरिंदर सिंह बरार के नाम पर मुहर लगा दी है।

गौरतलब है कि पंजाब विधानसभा चुनाव में चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी को आम आदमी पार्टी से करारी शिकस्त मिली थी। भगवंत मान के नेतृत्व में आप ने 92 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस पार्टी को महज 18 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। यहां तक कि नवजोत सिंह सिद्धू अपनी विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे।

पानी और पब्लिक टॉयलेट न होने से परेशान हो रहे सफाई कर्मचारी 

चंडीगढ़ संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट :

सेक्टर-45 के सहज सफाई केंद्र में काम करने वाले कर्मचारी पीने के पानी और पब्लिक टॉयलेट न होने से काफी परेशान हो रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि पुरुष कर्मियों को तो इतनी दिक्कत नहीं आती, लेकिन उनके साथ कई महिलाएं भी काम करती हैं। जिनके लिए यहां आसपास कोई टॉयलेट नहीं बनाया गया है। इसके अलावा यहां पीने के पानी का भी कोई इंतजाम नहीं है। जबकि दिनों दिन गर्मी बढ़ती जा रही है। शनिवार को कई कर्मचारी यहां इकट्‌ठा हुए और उन्होंने नगर निगम के समक्ष अपनी मांग उठाई। इस मौके पर  मोनू, रामदेव, मंदीप, सन्नी शाह, अंकित शाह व अन्य कर्मचारी उपस्थित थे। कर्मचारियों का कहना है कि यहां शेड भी बनना चाहिए, क्योंकि अकसर बरसात के दिनों में कूड़ा गीला हो जाता है जिसे फिर इकट्‌ठा करना काफी मुश्किल होता है। इसलिए उन्होंने यहां शेड बनाने की भी मांग की है।

होम्योपैथी में क्यों दी जाती है मीठी गोली, जानें सबकुछ – डॉ एच के खरबंदा पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

Dr H K kharbanda

10 अप्रैल को वर्ल्ड होम्योपैथी डे पर विशेष: भारत इसमें वर्ल्ड लीडर बना हुआ है। यहां होम्योपथी डॉक्टर की संख्या ज्यादा है तो होम्योपथी पर भरोसा करने वाले लोग भी ज्यादा हैं।
होम्योपथी से तो सभी परिचित हैं, लेकिन सवाल यह है कि हम होम्योपथी को जानते कितना हैं? कहीं हमारी जानकारी सुनी-सुनाई बातों पर तो आधारित नहीं? एक मरीज के रूप में होम्योपथी की खासियतों और सीमाओं के बारे में जानना जरूरी है।

होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति की शुरुआत 1796 में सैमुअल हैनीमैन द्वारा जर्मनी से हुई। आज यह अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी में काफी मशहूर है, लेकिन भारत इसमें वर्ल्ड लीडर बना हुआ है। यहां होम्योपथी डॉक्टर की संख्या ज्यादा है तो होम्योपथी पर भरोसा करने वाले लोग भी ज्यादा हैं। भारत सरकार भी अब इस चिकित्सा पद्धति पर काफी ध्यान दे रही है। इसे भी आयुष मंत्रालय के अंतर्गत जगह दी गई है।

एलोपैथी और आयुर्वेद की तरह होम्योपैथ भी एक चिकित्सा पद्धति है। इसमें एलोपैथी की तरह दवाओं का एक्सपेरिमेंट जानवरों पर नहीं होता। इसे सीधे इंसानों पर ही टेस्ट किया जाता है। होम्योपैथिक दवाइयां एलोपथी की तुलना में काफी सुरक्षित मानी जाती हैं।
क्या इसके भी साइड इफेक्ट्स हैं?होम्योपथी के साइड इफेक्ट्स काफी कम होते हैं। कभी-कभी ऐसा होता है कि किसी को बुखार की दवाई दी गई और उस व्यक्ति को लूज मोशन, उल्टी या स्किन पर ऐलर्जी हो हो जाए। दरअसल, ये परेशानी साइड इफेक्ट की वजह से नहीं है। ये होम्योपथी के इलाज का हिस्सा है, लेकिन लोग इसे साइड इफेक्ट समझ लेते हैं। इस प्रक्रिया को ‘हीलिंग काइसिस’ कहते हैं जिसके द्वारा शरीर के जहरीले तत्व बाहर निकलते हैं।

क्या होम्योपथी में इलाज काफी धीमा होता है?80 फीसदी मामलों में लोग होम्योपैथ के पास तब पहुंचते हैं जब एलोपैथी या आयुर्वेद से इलाज कराकर थक चुके होते हैं। कई बार तो 15 से 20 साल से इंसुलिन लेने वाले शुगर के पेशंट थक-हारकर होम्योपैथ के पास पहुंचते हैं। ऐसे मामलों में इलाज में वक्त लग सकता है।

कैसे होता है इलाज?इसमें मरीज की हिस्ट्री काफी मायने रखती है। अगर किसी की बीमारी पुरानी है तो डॉक्टर उससे पूरी हिस्ट्री पूछता है। मरीज क्या सोचता है, वह किस तरह के सपने देखता है जैसे सवाल भी पूछे जाते हैं। ऐसे तमाम सवालों के जवाब जानने के बाद ही मरीज का इलाज शुरू होता है।

किन बीमारियों में सबसे अच्छी
इलाज लगभग सभी बीमारियों का है। पुरानी और असाध्य बीमारियों के लिए सबसे अच्छा इलाज माना जाता है इसे। असाध्य बीमारियां वे होती हैं जो एलोपैथ से इलाज के बाद भी बार-बार आ जाती हैं, लेकिन माना जाता है कि होम्योपथी उन्हें जड़ से खत्म कर ली है, मसलन ऐलर्जी (स्किन), एग्जिमा, अस्थमा, कोलाइटिस, माइग्रेन आदि।
किन बीमारियों में कम कारगर?होम्योपथी कैंसर में आराम दे सकती है। हां, पूरी तरह ठीक करना मुश्किल है। शुगर, बीपी, थाइरॉइड आदि के नए मामलों में यह ज्यादा कारगर है। अगर किसी मर्ज का पुराना केस है तो पूरी तरह ठीक करने में देरी होती है।
इसके इलाज के लिए कोई डॉक्टर सफेद मीठी गोलियां देता है तो कोई लिक्विड। ऐसा क्यों?होम्योपथी हमेशा से ही मिनिमम डोज के सिद्धांत पर काम करती है। इसमें कोशिश की जाती है कि दवा कम से कम दी जाए। इसलिए ज्यादातर डॉक्टर दवा को मीठी गोली में भिगोकर देते हैं क्योंकि सीधे लिक्विड देने पर मुंह में इसकी मात्रा ज्यादा भी चली जाती है। इससे सही इलाज में रुकावट पड़ती है।

क्या होम्योपथी में दवा सुंघाकर भी इलाज किया जाता है?हां, कुछ दवाएं ऐसी होती हैं, जिन्हें मरीज को सिर्फ सूंघने के लिए कहा जाता है। मसलन, साइनुसाइटिस और नाक में गांठ की समस्या होने पर डॉक्टर ऐसे ही इलाज करते हैं।

अगर किसी को 5 बीमारियां हैं तो क्या उसे 5 तरह की दवा दी जाएगी?

ऐसा बिलकुल भी नहीं है। एलोपैथ की तरह इसमें 5 अलग-अलग बीमारियों के लिए 5 तरह की दवा नहीं दी जाती है। होम्योपैथ डॉक्टर 5 बीमारियों के लिए एक ही दवा देता है।
इलाज के दौरान लहसुन-प्याज न खाएं?10-15 साल पहले होम्योपथी दवाई लिखने के बाद डॉक्टर यह ताकीद जरूर करते थे कि लहसुन, प्याज जैसी चीजें नहीं खाना है, क्योंकि माना जाता था कि इनकी गंध से दवाई का असर कम हो जाएगा। लेकिन नए शोधों ने इस तरह की सोच को बदल दिया है। अब डॉक्टर इन चीजों को खाने की मनाही नहीं करते। अब इंसानी शरीर प्याज, लहसुन आदि के लिए नया नहीं रहा।

तो इस चिकित्सा पद्धति से इलाज कराते हुए कोई परहेज नहीं है?होम्योपथी की दवा खाने के दौरान जिस एक चीज की सख्त मनाही होती है वह है कॉफी। दरअसल, कॉफी में कैफीन होती है। कैफीन होम्योपथी दवा के असर को काफी कम कर देती है। कुछ डॉक्टर डीयो और परफ्यूम भी लगाने से मना करते हैं। माना जाता है कि इनकी खुशबू से भी दवा का असर कम हो जाता है।

एक होम्योपैथिक डॉक्टर की डिग्री क्या होनी चाहिए?होम्योपथी में इलाज करने के लिए साढे पांच साल की BHMS की डिग्री जरूरी है। यह एलोपैथ की MBBS की डिग्री के बराबर है। इसके अलावा डॉक्टर के पास अगर MD (3 साल) की डिग्री हो तो सोने पर सुहागा है। एमडी के कई ब्रांचेज हैं, मसलन मटीरिया मेडिका (दवाओं के बारे में), साइकाइट्री (मरीज की मानसिक स्थिति को समझना), रिपोर्टरी (दवाई ढूंढने का तरीका)। DHMS यानी डिप्लोमा वाले, जिन्होंने 1980 से पहले िडग्री ली है, प्रैक्टिस कर सकते हैं।

हां, होता है। एक केंद्रीय स्तर पर और दूसरा राज्य स्तर पर। इन दोनों जगहों पर डॉक्टरों को रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। केंद्र में CCRH (Central Council for Research in Homeopathy) में सभी डॉक्टरों को रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। इसकी साइट www.ccrhindia.nic.in पर जाकर किसी खास डॉक्टर से संबंधित जानकारी RTI के द्वारा मांग सकते हैं। यह वेबसाइट आयुष मंत्रालय की साइट www.ayush.gov.in से सीधा लिंक्ड है। इनके अलावा जिस राज्य में होम्योपैथ प्रैक्टिस करता है, उसी राज्य की कौंसिल में भी रजिस्ट्रेशन जरूरी है।
कई होम्योपैथ डॉक्टर ऐलोपैथिक दवाई भी देते हैं, ऐसा क्यों है?कोई भी होम्योपैथ एलोपैथी की दवाई नहीं दे सकता। कानूनी रूप से गलत है।

क्या प्लास्टिक या शीशे की डिब्बी से फर्क पड़ता है?साइज से कोई फर्क नहीं पड़ता। हां, होम्योपथी की दवाएं कांच की बोतल में देना ही बेहतर है। अगर उस पर कॉर्क लगा हो तो और भी अच्छा। दरअसल, होम्योपथी की दवाओं में कुछ मात्रा में अल्कोहल का उपयोग किया जाता है। अल्कोहल प्लास्टिक से रिऐक्शन कर सकता है। वैसे, आजकल प्लास्टिक बॉटल की क्वॉलिटी भी अच्छी होती है। इसलिए प्लास्टिक का इस्तेमाल भी कई डॉक्टर दवाई देने के लिए करते हैं। दरअसल, कांच की बॉटल को साथ में ले जाना करना मुश्किल होता है। इसके टूटने का खतरा बना रहता है।

क्या एलोपथी और होम्योपथी की दवाई एक साथ ले सकते हैं?हां, जरूर ले सकते हैं, लेकिन यह समझना मुश्किल हो जाता है कि बीमारी ठीक किसकी वजह से हुई है।

कहां की बनी हुई दवाइयां बेहतर हैं?

होम्योपथी की दवाई के उत्पादन और गुणवत्ता के मामले में जर्मनी पूरी दुनिया में आगे है। इंडिया में होम्योपथी की डिमांड को देखते कुछ जर्मन कंपनियों ने यहां भी अपने सेंटर शुरू किए हैं। कई भारतीय कंपनियां भी अच्छी दवाएं बना रही हैं।

क्या है होम्योपथी की सीमा?- अगर किसी शख्स में किसी विटामिन या मिनरल की कमी हो जाती है तो होम्योपथी में उनके लिए ज्यादा ऑप्शन नहीं हैं। मसलन, किसी को आयरन की कमी की वजह से एनीमिया हो गया है तो इस मामले में होम्योपथी की एक सीमा है।

  • मर्जेंसी की स्थिति में यह काम नहीं करती। अगर किसी का एक्सिडेंट हुआ है या हार्ट अटैक आया है तो एलोपैथी ही बेहतर ऑप्शन है। हां, जब इमर्जेंसी की स्थिति खत्म हो जाए, फिर स्थायी इलाज के लिए होम्योपथी को शामिल कर सकते हैं।
  • हर शख्स के ऊपर होम्योपथी अलग-अलग तरीके से काम करती है। ऐसा नहीं है कि एक दवाई अगर एक पर काम कर गई तो वही दवाई दूसरे पर भी काम करेगी। साथ ही, इसका असर भी अलग-अलग व्यक्तियों पर अलग-अलग होता है। इसलिए लंबे समय से होम्योपथी की दवाओं के उपयोग से फायदा न हो तो एलोपैथी, आयुर्वेद या नेचुरोपैथी को देखना चाहिए।
  • मरीज की वर्तमान स्थिति से ज्यादा इतिहास खंगालने में यकीन करती है यह पद्धति। अगर किसी वजह से किसी की पूर्व की समस्याओं या इतिहास पता न हो तो होम्योपथी से इलाज कराना मुश्किल हो जाता है।

चंडीगढ़ में ‘जूनी- द लास्ट प्रेयर’ रिलीज, फिल्म इंडस्ट्री और मनोरंजन जगत के लोगों लोगों ने फिल्म को सराहा


कोरल, चंडीगढ़, डेमोक्रेटिक फ्रंट :

मौका था जूनी द लास्ट प्रेयर फिल्म की रिलीज का। जगह थी यही आपके नजदीकी चंडीगढ़ के एलांटे मॉल, वक्त था शाम के 6 बजे। फिल्म इंडस्ट्री और मनोरंजन जगत के लोगों के बीच फिल्म जूनी द लास्ट प्रेयर को रिलीज किया गया। इसी के साथ देश भर के पीवीआर मॉल में जूनी फिल्म को रिलीज किया जा चुका है। फिल्म को देखकर निकलने वाली पब्लिक का मिला जुला रिस्पांस देखने को मिल रहा है।  

काफी समय से चर्चाओं में बनी हुई जूनी द लास्ट प्रेयर का धमाकेदार प्रीमियर चंडीगढ़ में रिलीज किया गया। फिल्म के आखिरी सीन तक आते-आते लोगों के चेहरों पर फिल्म के क्लाइमेक्स का असर दिखाई देने लगा और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच लोगों फिल्म को अपना भरपूर समर्थन दिया।  

फिल्म देखकर निकली पब्लिक पार्किंग प्लेस में भी फिल्म की ही चर्चाएं करती नजर आई। फिल्म के निर्देशक अनुराग शर्मा ने फिल्म को मिल रही सराहना के लिए आभार जताया है। फिल्म के प्रीमियर शोर पर पहुंचे फिल्म इंडस्ट्री और मनोरंजन जगत के लोगों ने भी फिल्म की तारीफ की। अभिनय और निर्देशन जगत में पहली बार उतरे अनुराग शर्मा के इस पहले प्रयास को देखते हुए उनके लंबे कैरियर के कयास लगाए जा रहे हैं। 

कुछ जगह पर फिल्म की गति धीमी हो गई है। भगवान के साथ संवाद और खुद में भगवान तलाशने की जद्दोजहद में अभिनेता के तौर पर अनुराग शर्मा ने खुद को साबित किया है। मगर सहायक कलाकारों के तौर पर कमीं खलती है। मगर इंटरवल के बाद फिल्म रफ्तार पकड़ने लगती है। बाकी की कमीं स्टोरी लाइन ने पूरी कर दी है। आखिरी सीन तक आते-आते दर्शकों को समझ ही नहीं आता कि कहानी किस ओर जा रही है और रोमांच बना रहता है। दर्शकों का ये सस्पेंस क्लाइमेक्स में जाकर खुलता है और तालियों की गड़गड़ाहट के साथ फिल्म में कुछ जगहों पर जय श्री राम के जयकारे भी सुनने को मिले। 

मुख्य भूमिका निभाने वाले अनुराग शर्मा दर्शकों के इस प्यार को देखकर गदगद हैं। वहीं मनीषा राठौर, लावनिका शर्मा और सुचिन्त सिधू ने भी फिल्म को देश भर में मिल रहे शानदार रिस्पांस के लिए लोगों का आभार जताया है। फिल्म की पीआर संभाल रहे सोनू त्यागी बताते हैं कि पूरे देश भर में फिल्म देखकर निकलने वाले दर्शकों की एक जैसी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। फिल्म का कथानक लोगों को काफी पसंद आ रहा है। पूरे देश के सभी पीवीआर सिनेमा घरों में फिल्म के ऊपर शानदार प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।