Wednesday, December 25

1993 में पहली और आखिरी बार भाजपा इस सीट से जीती थी। चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो ये कांग्रेस का गढ़ रहा है लेकिन विधानसभा में यहां कांग्रेस लंबे समय से सत्ता से दूर है। मिली-जुली आबादी वाले चांदनी चौक में 1998 से लेकर 2013 तक कांग्रेस का दबदबा रहा। कांग्रेस के प्रह्लाद सिंह साहनी लगातार चार बार इस सीट से विधायक रहे लेकिन 2015 में आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार अलका लांबा ने इस सीट से जीत दर्ज की।

नई दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट :

पंजाब में आम आदमी पार्टी की जब से सरकार बनी है, तब से वहां की पुलिस दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बोलने वाले लोगों के खिलाफ शुरू हो गया है। पंजाब पुलिस ने पहले जहां आम आदमी पार्टी के बागी नेता कुमार विश्वास के यहां पहुंची और उनसे पूछताछ की। इसके बाद कांग्रेस नेता अलका लांबा को नोटिस देकर जांच के लिए रूपा नगर पुलिस थाना में हाजिर होने का आदेश दिया है। अलका लांबा ने इस मामले को लेकर ट्वीट कर जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘पंजाब पुलिस मेरे घर पहुंच चुकी है। अब समझ आ रहा होगा कि आम आदमी पार्टी को पुलिस क्यों चाहिए थी…बीजेपी की तरह मात्र अपने विरोधियों को डराने और उनकी आवाज दबाने के लिए। थोड़ी तो शर्म करो केजरीवाल जी।’

पंजाब पुलिस ने अलका लांबा के घर की दिवार पर नोटिस चिपकाकर गई है। उस नोटिस की फोटो को शेयर करते हुए अलका लांबा ने ट्वीट किया, “पंजाब पुलिस घर की दीवार पर नोटिस चिपका कर गई है और जाते-जाते #AAP की @BhagwantMann सरकार की ओर से धमकी भी देकर गई है कि अगर 26 अप्रैल को थाने में पेश नहीं हुई तो अंजाम बुरा होगा। कॉन्ग्रेस की यह गाँधीवादी सिपाही बड़े संघियों से नहीं डरी, छोटे संघी की तो बात ही छोड़ दो।”

दरअसल, पंजाब पुलिस की विशेष जाँच टीम, रूपनगर (SIT, Rup Nagar) ने अलका लांबा को 26 अप्रैल को सुबह 10 बजे या उससे पहले रूपनगर सदर थाने में जाँच के लिए एसआईटी के सामने पेश होने का नोटिस भेजा है। अलका लांबा पर आरोप है कि उन्होंने अलग-अलग चैनलों में इंटरव्यू देकर केजरीवाल के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए और आम आदमी पार्टी एवं केजरीवाल पर अलगाववादी तत्वों के साथ संबंध के आरोप लगाए। जिससे पंजाब का माहौल खराब होने की आशंका है। इसी एफआईआर में कुमार विश्वास का भी नाम है।

कुमार विश्वास ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर अलगाववादी खालिस्तान के साथ संबंध होने के आरोप लगाए थे। इसको लेकर उनके खिलाफ रोपड़ के सदर थाना में मामला दर्ज किया गया है। उनके खिलाफ IPC की धारा 153, 153A, 505, 505(2), 116 r/w, 143, 147, 323, 341, 506 और 120बी और 125 रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। रोपड़ सदर थाने के इंस्पेक्टर सुमित मोर की अगुआई में पंजाब पुलिस ने कुमार विश्वास के मैनेजर को नोटिस दी है और 26 अप्रैल को रोपड़ थाने में पेश होने को कहा है। हालाँकि, इस FIR में शिकायतकर्ता कौन है, इसकी जानकारी नहीं दी गई है।

आईपीसी की धारा 153 के अनुसार-पूजा के स्थान आदि में किया गया अपराध- जो कोई उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट अपराध किसी पूजा के स्थान में या किसी जमाव में, जो धार्मिक पूजा या धार्मिक कर्म करने में लगा हुआ हो, करेगा, वह कारावास से, जो 5 वर्ष तक का हो सकेगा, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

आईपीसी की धारा 153A जो कोई किसी धर्म (जाति और समुदाय) या संप्रदाय अथवा किसी धार्मिक भावनाओं पर कोई ऐसा कार्य समूहों द्वारा किया जाता है, जिससे लोक शांति में बाधा उत्पन्न होती है, तो आईपीसी धारा 153A के अंतर्गत अपराधी होगा, जिसे 3 वर्ष कारावास या जुर्माना या फिर दोनों भी हो सकते हैं ।

धारा 505 का विवरण जो कोई व्यक्ति समाज में किसी कथन के संबंध में मिथ्या कथन, जनश्रुति आदि को इस आशय से परिचालित करना कि विद्रोह हो अथवा लोक-शान्ति के विरुद्ध अपराध कारित करेगा, तो वह धारा 505 के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।

आईपीसी की धारा 505(2) की सजा – तीन वर्ष कारावास, या आर्थिक दण्ड, या दोनों। यह अपराध गैर-जमानती, संज्ञेय है तथा किसी भी न्यायधीश द्वारा विचारणीय है। 2. विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घॄणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने के आशय से असत्य कथन, जनश्रुति, आदि, परिचालित करना।

आईपीसी की धारा 116 का विवरण भारतीय दंड संहिता की धारा 116 के अनुसार, जो भी कोई कारावास से दण्डनीय अपराध का दुष्प्रेरण करेगा यदि वह अपराध उस दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप न किया जाए और ऐसे दुष्प्रेरण के दण्ड के लिए कोई स्पष्ट प्रावधान इस संहिता में नहीं किया गया है, तो उसे उस अपराध के लिए उपबंधित किसी एक अवधि के लिए कारावास, जिसकी अवधि ऐसे कारावास की दीर्घतम अवधि की एक चौथाई तक बढ़ायी जा सकती है, या उस अपराध के लिए उपबन्धित आर्थिक दण्ड, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा;

आईपीसी की धारा 143 का विवरणभारतीय दंड संहिता की धारा 143 के अनुसार, जो भी कोई गैरकानूनी जनसमूह का सदस्य होगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दंड, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा। गैरकानूनी जनसमूह का सदस्य होना। सजा – छह महीने कारावास या आर्थिक दंड या दोनों।

आईपीसी की धारा 147 भारतीय दंड संहिता की धारा 147 के अनुसार, जो कोई भी उपद्रव करने का दोषी होगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दंड, या दोनों से दंडित किया जाएगा। । यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

आईपीसी की धारा 323 भारतीय दंड संहिता की धारा 323 के अनुसार, जो भी व्यक्ति (धारा 334 में दिए गए मामलों के सिवा) जानबूझ कर किसी को स्वेच्छा से चोट पहुँचाता है, उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या एक हजार रुपए तक का जुर्माना या दोनों के साथ दंडित किया जा सकता है।

भारतीय दंड संहिता की धारा 341 के अनुसार, जो भी व्यक्ति किसी व्यक्ति को गलत तरीके से रोकता है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए साधारण कारावास की सजा जो एक महीने तक हो सकती है, या पांच सौ रूपये का आर्थिक दंड, या दोनों से दंडित किया जाएगा ।

आईपीसी की धारा 506 के तहत अपराध संज्ञेय और गैर जमानतीजबकि, धारा 506 में किसी को धमकी देने को अपराध की श्रेणी में रखा गया है। आईपीसी की इन दोनों धाराओं में अपराध कारित होने पर दो-दो साल की सजा और अर्थदंड से दंडित किया जाता है।

धारा 120ख का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 120B के अनुसार, (1) जो कोई मॄत्यु, 2[आजीवन कारावास] या दो वर्ष या उससे अधिक अवधि के कठिन कारावास से दंडनीय अपराध करने के आपराधिक षड््यंत्र में शरीक होगा, यदि ऐसे षड््यंत्र के दंड के लिए इस संहिता में कोई अभिव्यक्त उपबंध नहीं है, तो वह उसी प्रकार दंडित किया जाएगा, मानो उसने ऐसे अपराध का दुष्प्रेरण किया था ।

125 रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट: 1 [125. चुनाव के संबंध में वर्गों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना।-कोई भी व्यक्ति जो इस अधिनियम के तहत चुनाव के संबंध में धर्म, जाति, जाति, समुदाय या भाषा, शत्रुता या घृणा की भावनाओं के आधार पर विभिन्न वर्गों के बीच प्रचार या बढ़ावा देने का प्रयास करता है। भारत के नागरिक कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डनीय होगा।]

पंजाब पुलिस के SP हरबीर सिंह अटवाल ने बताया कि थाना रोपड़ सदर में FIR नंबर 25 दर्ज की गई है, जिसमें आम आदमी पार्टी के नेता ने शिकायत दी कि वह अपने समर्थकों के साथ लोगों की शिकायत के निपटारे के लिए घूम रहा था। इसी दौरान कुछ नकाबपोश व्यक्तियों ने उसे रोककर खालिस्तानी कहा। यह सब कुमार विश्वास और अलका लांबा द्वारा इस तरह के आरोप लगाकर वीडियो वायरल करने के बाद हुआ। इसके अलावा टीवी इंटरव्यू में आम आदमी पार्टी के नेताओं को खालिस्तान के साथ लिंक किया गया था।

अरविंद केजरीवाल को लेकर पंजाब पुलिस की इस कार्रवाई का भाजपा, कॉन्ग्रेस और अकाली दल ने तीखा विरोध किया है। विपक्षी दलों का कहना है कि आम आदमी पार्टी अपने फायदे के लिए पंजाब पुलिस का गलत इस्तेमाल कर रही है। वहीं कॉन्ग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब सरकार अरविंद केजरीवाल की कठपुतली की तरह काम कर रही है। अपने आलोचकों को चुप कराने के लिए यह किया जा रहा है।