13 से 15 मई को कांग्रेस का चिंतन शिविर, प्रशांत किशोर कांग्रेस में हों सकते हैं शामिल

प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल करने की अटकलों पर पार्टी के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने कहा कि किशोर को कांग्रेस में शामिल किया जाना चाहिए। लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस पर फैसला सोनिया गांधी के ऊपर छोड़ दिया गया है। वहीं, बताया जा रहा है कि राहुल गांधी अंतिम फैसले से पहले प्रशांत किशोर का उपयोग प्रयोग के तौर पर इस साल होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव में करने के इच्छुक हैं। सूत्रों का कहना है कि प्रशांत किशोर ने 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 370 सीटों पर फोकस करने और महाराष्ट्र, बंगाल और तमिलनाडु में प्रभावशाली क्षेत्रीय दल के साथ गठबंधन में तथा ओडिशा, बिहार और उत्तर प्रदेश में अकेले चुनाव लडऩे की टिप्स दी है।

नयी दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट :  

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने मंगलवार को कहा कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी कुछ महीने पहले भी किशोर को पार्टी में शामिल कराने के लिए ‘बहुत उत्सुक’ थीं, लेकिन इसमें विलंब हो गया. उन्होंने यह भी कहा कि किशोर को कांग्रेस में शामिल किया जाना चाहिए।  पूर्व केंद्रीय मंत्री मोइली के अनुसार, यह देखना सुखद है कि सोनिया गांधी ने अगले लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति तय करने के लिए किशोर को साथ लेने की पहल की है।

कांग्रेस पार्टी के पुनरुत्थान का जिक्र होते ही जिन चिर-आशावादियों की धड़कन एक पल के लिए रुक जाती है, उनके लिए शायद ईस्टर वाला रविवार समय से कुछ पहले आ गया था. इसके एक दिन पहले, चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में जान फूंकने के कार्यक्रम का खाका 10, जनपथ में प्रस्तुत किया. उनके प्रस्तावों का अध्ययन करने के लिए सोनिया गांधी ने एक कमिटी बनाने का फैसला किया है।

लेकिन सवाल यह है कि कांग्रेस की किसी कमिटी की रिपोर्ट आखिरी बार कब सबके सामने आई और उसकी कितनी सिफारिशों को लागू किया गया? सोनिया गांधी ने पार्टी के सामने ‘भावी चुनौतियों’ का आकलन करने के लिए 2007 में 13 सदस्यीय कमिटी बनाई थी, जिसके एक सदस्य राहुल गांधी भी थे। उस कमिटी के कई सदस्य- ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीरप्पा मोइली, मुकुल शर्मा, आनंद शर्मा, पृथ्वीराज चौहान और संदीप दीक्षित– आज गांधी कुनबे के लिए ‘वर्तमान चुनौतियों’ में तब्दील हो गए हैं. सिंधिया भाजपा में चले गए हैं, दूसरे अब ख्यात ‘जी-21’ (मूलत: जी-23) के हिस्से हैं। ए.के. एंटनी से पूछ लीजिए कि उन्होंने कितनी कमिटियों की अध्यक्षता की और उनकी रिपोर्टों का क्या हुआ?

बताया जा रहा है कि प्रशांत ने यही फारमूला विधानसभा चुनावों के लिए भी दिया है। जिस राज्य में कांग्रेस मजबूत है, वहां अकेले लड़े और जहां क्षेत्रीय दल मजबूत हैं, उनके नेतृत्व में गठबंधन में लड़े। फिलहाल कांग्रेस ने प्रशांत किशोर के दिए सुझावों की व्यावहारिकता परखने को एके एंटनी, मल्लिकार्जुन खडग़े और अंबिका सोनी की एक कमेटी बना दी है।

13 से 15 मई को कांग्रेस का चिंतन शिविर
कांग्रेस ने चुनावी हार और संगठनात्मक बदलावों की उठ रही मांग पर विस्तार से चर्चा के लिए कांग्रेस ने 13 से 15 मई के बीच राजस्थान के उदयपुर में चिंतन शिविर के आयोजन का फैसला लिया है। इसके पहले कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक भी संभावित बताई जा रही है। शिविर में शीर्ष और वरिष्ठ नेताओं समेत करीब 400 प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है।