जब तक कश्मीर मुद्दा अनसुलझा रहेगा, तब तक शांति नहीं आएगी : महबूबा मुफ्ती
इससे पहले हाल ही में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बीजेपी सरकार से पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ बातचीत का अपना आह्वान दोहराते हुए कहा था कि जब तक कश्मीर मुद्दा अनसुलझा रहेगा, तब तक शांति नहीं आएगी। महबूबा मुफ्ती ने लोगों से अगले विधानसभा चुनावों में गुपकर घोषणापत्र गठबंधन के घटकों को वोट करने का आह्वान किया था, जिससे बीजेपी के सत्ता हासिल करने के प्रयास को विफल किया जा सके।
नई दिल्ली(ब्यूरो) डेमोक्रेटिक फ्रंट :
जम्मू-कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान को लेकर बयान दिया है। महबूबा मुफ्ती अक्सर पाकिस्तान को लेकर सहानुभूति वाले बयान के लिए जानी जाती हैं। हालांकि उन्होंने इस बार पाकिस्तान में चल रहे राजनीतिक संकट को लेकर संयमित बयान देते हुए कहा है कि पाकिस्तान हमारा पड़ोसी देश है और हम चाहते हैं कि वहां लोकतंत्र फले फूले। उन्होंने कहा कि मेरी चाहत है कि पड़ोसी मुल्कों में भी डेमोक्रेसी मजबूत हो। श्रीनगर से एक कार्यक्रम में शामिल होने आईं महबूबा मुफ्ती से जब पाकिस्तान के राजनीतिक संकट पर पूछा गया तो उन्होंने यह बात कही।
इससे पहले हाल ही में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बीजेपी सरकार से पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ बातचीत का अपना आह्वान दोहराते हुए कहा था कि जब तक कश्मीर मुद्दा अनसुलझा रहेगा, तब तक शांति नहीं आएगी। महबूबा मुफ्ती ने लोगों से अगले विधानसभा चुनावों में गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (PAGD) के घटकों को वोट करने का आह्वान किया था, जिससे बीजेपी के सत्ता हासिल करने के प्रयास को विफल किया जा सके। मालूम हो कि पीएजीडी नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सहित कई पार्टियों का एक गठबंधन है।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने साथ ही कहा था कि कश्मीर पिछले 70 सालों से समाधान का इंतजार कर रहा है। जब तक कश्मीर मुद्दा हल नहीं हो जाता, तब तक इस क्षेत्र में शांति नहीं होगी और इसके लिए पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ बातचीत जरूरी है। वहीं, कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में, पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी लोगों का ध्रुवीकरण करने के इरादे से इसे बढ़ावा दे रही है। इसके बजाय, पिछले 8 वर्षों में पंडितों के पुनर्वास के लिए बीजेपी का प्रयास बेहतर होता।