‘आपत्तिजनक’ गाने बजाए जाने के कारण हिंदू रैली पर पथराव किया गया : डीजीपी राजस्थान
राजस्थान के करौली हिंसा में बीते 2 अप्रैल को हिंदू नवसंवत्सर पर मुस्लिम बाहुल इलाके से निकाली गई बाइक रैली के दौरान हुए पथराव और हिंसा और आगजनी की घटना के बाद अभी वहां कर्फ्यू जारी है। इस घटना को लेकर आज शुक्रवार को राजस्थान के डीजीपी ने दोनों समुदायों के बीच हुई हिंसा को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। डीजीपी एमएल लाठर ने कहा, शुरू से ही जुलूस की बॉडी लैंग्वेज अलग तरह की थी और जुलूस में चल रहे गाने आपत्तिजनक थे, जिसकी वजह से वहां उपस्थित अन्य लोगों ने पथराव किया। इसके बाद घटी घटना बहुत दुखद रही, इसमें 10 मुकदमें दर्ज़ किए गए हैं और कुल 105 लोगों को गिरफ्तार किया गया है में बीते 2 अप्रैल को हिंदू नवसंवत्सर पर मुस्लिम बाहुल इलाके से निकाली गई बाइक रैली के दौरान हुए पथराव और हिंसा और आगजनी की घटना के बाद अभी वहां कर्फ्यू जारी है। इस घटना को लेकर आज शुक्रवार को राजस्थान के डीजीपी ने दोनों समुदायों के बीच हुई हिंसा को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। डीजीपी एमएल लाठर ने कहा, “शुरू से ही जुलूस की बॉडी लैंग्वेज अलग तरह की थी और जुलूस में चल रहे गाने आपत्तिजनक थे, जिसकी वजह से वहां उपस्थित अन्य लोगों ने पथराव किया. इसके बाद घटी घटना बहुत दुखद रही, इसमें 10 मुकदमें दर्ज़ किए गए हैं और कुल 105 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ”
- एफआईआर में लिखा है कि भारत माता की जय, जय श्रीराम और वंदेमातरम बजाए जा रहे थे
- इनमें आपत्तिजनक क्या था, इस सवाल को डीजीपी ने ‘नेक्स्ट क्वेश्चन’ कहकर टाल दिया
जयपुर(ब्यूरो) डेमोक्रेटिक फ्रंट :
करौली हिंसा को लेकर पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने शुक्रवार को बताया कि नव संवत्सर के अवसर पर निकाली जा रही बाइक रैली में बिना अनुमति के डीजे बजाया जा रहा था। इसमें आपत्तिजनक गाने बजाए जा रहे थे। इसी दौरान हाथीघटा इलाके में मनिहार मस्जिद के पास रैली पर अचानक पथराव शुरू हो गया। डीजीपी से जब यह पूछा गया कि डीजे में बज रहे गानों में आपत्तिजनक क्या था। इस सवाल के जवाब को डीजीपी ने ‘नेक्स्ट क्वेश्चन’ कहकर टाल दिया। कोतवाली थाना प्रभारी द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में लिखा है कि डीजे पर भारत माता की जय, जय श्रीराम और वंदेमातरम बजाए जा रहे थे। इनमें आपत्तिजनक क्या था, यह कोई नहीं बता रहा है। डीजीपी ने करौली प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि हिंसा में कुल 10 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। अब तक 105 असामाजिक तत्वों को गिरफ्तार किया गया है। 44 उपद्रवियों को चिन्हित किया गया है, जिनकी तलाश जारी है।
शनिवार (2 अप्रैल, 2022) को हिन्दू नव वर्ष (नव संवत्सर) के उपलक्ष्य में मुस्लिम बहुल इलाके से गुजर रही एक बाइक रैली पर पथराव के बाद इलाके में तनाव पैदा हो गया था। इलाके में स्थानीय मुस्लिमों द्वारा हिंदुओं की रैली में पथराव के बाद भड़के साम्प्रदायिक दंगों में पुलिसवालों समेत 42 लोग घायल हुए थे।
मामले की जाँच के दौरान शुरुआत में पुलिस ने इस मामले में 30 लोगों को हिरासत में लिया था और हिंसा भड़काने के आरोप में 37 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। हालाँकि, 8 अप्रैल 2022 को पुलिस ने हिंसा के लिए हिंदुओं की रैली को ही जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की। पुलिस ने मामले को जस्टिफाई करते हुए यह बताने की कोशिश की कि रैली के दौरान ‘आपत्तिजनक’ गाने बजाए गए, जिसके कारण पथराव हुआ। करौली हिंसा पर राजस्थान के डीजीपी मोहन लाल लाठेर ने कहा कि नव संवत्सर को जिस तरह से शोभा यात्रा निकाला गया वो संदिग्ध था औऱ उसमें आपत्तिजनक गाने बजाए गए, इसलिए पथराव हुआ।
लाठेर के मुताबिक, करौली के हटवाड़ा बाजार के अलावा प्रदेश में सभी जगह शांति बनी रही और लोगों ने सौहार्द के साथ इस त्योहार को मनाया। प्रदेश पुलिस के मुखिया ने कहा, “ऐसी घटना करौली में हुई क्योंकि 2015 के बाद से इस क्षेत्र में कोई जुलूस नहीं निकाला गया था। पुलिस ने स्थिति की निगरानी के बाद आयोजकों को अनुमति दी थी, लेकिन डीजे के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई थी।”
करौली में हिंदुओं पर हमले के बाद से कॉन्ग्रेस का पार्षद मतलूब अहमद फरार है। वह मुस्लिम बहुल इलाके में हिंदू नववर्ष पर हुई हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता बताया जा रहा है। आरोप है कि इसी ने भाजपा नेता और जयपुर की मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर पर हिंसा में उनकी कथित संलिप्तता के लिए मामला दर्ज करवाया था। वहीं अधिकारियों ने रैली की अनुमति के लिए आवेदन करने वाले संयोजक नीरज शर्मा, हिंदू सेना के प्रदेश अध्यक्ष साहब सिंह गुर्जर और नगर परिषद, करौली के पूर्व अध्यक्ष राजाराम गुर्जर के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।
किसी भी तरह की अनहोनी से बचने के लिए शहर में 50 पुलिस उपाधीक्षकों सहित 600 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। कर्फ्यू लगा दिया गया है, इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है।