पंचांग 5 अप्रैल 2022

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

श्री लक्ष्मी पंचमी व्रत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को किया जाता है

नोटः दमनक चतुर्थी, श्री (लक्ष्मी) पंचमी व्रत है। दमनक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर गणेश के 11 नामों का पाठ करना चाहिए जो एकदंत, गजकर्ण, लोम्बोदर, कपिल, गजानन, विकट, विभिनाशका, विनायक, भालचंद्र, स्मोककेतु, गणपद हैं। 11 नामों का जाप करके ही स्नान करना चाहिए। गणेश जी की मूर्ति को स्नान कराना चाहिए।

श्री लक्ष्मी पंचमी व्रत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को किया जाता है। वर्ष 2022 में यह व्रत 05 अप्रैल के दिन किया जाएगा। इस दिन माँ लक्ष्मी जी की आराधना से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है तथा साधक को श्री का आशिर्वाद मिलता है। इस दिन धन की अधिष्ठाती देवी महालक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए भक्तों को व्रत रखकर रात्रि में माता लक्ष्मी का विधिपूर्वक पूजन करना चाहिए।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः चैत्ऱ, 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः चतुर्थी अपराहन् 03.46 तक है, 

वारः मंगलवार।  

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।

नक्षत्रः कृतिका सांय 04.52 तक है, 

योगः प्रीति प्रातः काल 07.59, तक, 

करणः विष्टि, 

सूर्य राशिः मीन,  चंद्र राशिः वृष, 

राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.11,  सूर्यास्तः 06.37 बजे।