खुफिया एजेंसियों को नहीं मिला ‘विदेशी साजिश’ का कोई सबूत, इमरान खान का दावा निकला झूठा
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने राष्ट्र के नाम संबोधन में अपनी सरकार के खिलाफ एक बार फिर ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ की आशंका जाहिर की तो इस क्रम में उन्होंने अमेरिका का नाम भी लिया। इमरान खान ने अमेरिका का जिक्र तब किया, जब वह अपनी सरकार के खिलाफ ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ के साक्ष्य के तौर पर एक ‘धमकीभरे खुफिया पत्र’ का जिक्र कर रहे थे, जिसका उल्लेख उन्होंने रविवार की रैली के दौरान भी किया था। र विवार को इस्लामाबाद में आयोजित जनसभा के दौरान उन्होंने अपनी जेब से एक कागज का टुकड़ा निकाला था और भीड़ के सामने इसे लहराते हुए दावा किया गया था कि यह उनकी सरकार गिराने के लिए की गई ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश‘ का साक्ष्य है। इमरान खान ने इस पत्र के बारे में पाकिस्तान के कुछ पत्रकारों से भी बात की है, लेकिन अब तक उन्होंने यह पत्र मीडिया को नहीं दिखाया है।
नयी दिल्ली/इस्लामाबाद, डेमोक्रेटिक फ्रंट :
पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों को ऐसा कोई भी ठोस सबूत नहीं मिला है, जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार को अस्थिर करने के लिए “विदेशी साजिश” का उनका दावा सही है। हालात से वाकिफ एक सूत्र ने मंगलवार को रॉयटर्स को यह जानकारी दी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर ने कहा था कि नागरिक अधिकारियों, सैन्य और खुफिया प्रमुखों से बने एक उच्च निकाय राष्ट्रीय सुरक्षा समिति ने सरकार के खिलाफ एक योजना की पुष्टि की थी।
इस तरह के मामलों से अवगत कराए गए अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां इमरान खान के समान निष्कर्ष पर नहीं पहुंची थीं और उन्हें अपनी स्थिति से अवगत कराया था। पिछले हफ्ते, इमरान खान ने अपना संसदीय बहुमत खो दिया और उन्हें एकजुट विपक्ष से अविश्वास मत का सामना करना पड़ रहा था, जिसे रविवार को हारने का अनुमान था।
प्रस्ताव को संसद के डिप्टी स्पीकर ने ‘विदेशी साजिश’ और ‘असंवैधानिक’ बताते हुए खारिज कर दिया था। इसके बाद पीएम इमरान के निर्देश पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने संसद भंग कर दी। दरअसल, इमरान ने कथित पत्र को 27 मार्च को एक सार्वजनिक रैली में लहराते हुए ऐलान किया था कि उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए विदेशी साजिश रची गई थी। प्रधानमंत्री इमरान ने अपने खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि यह उनकी सरकार को गिराने के लिए विदेशी पैसे से पोषित चाल का एक उदाहरण है।
पाकिस्तान में मुश्किलों से जूझ रहे प्रधानमंत्री इमरान खान ने बीते 30 मार्च को उस पत्र का कुछ ब्योरा वरिष्ठ पत्रकारों और कैबिनेट सहयोगियों से साझा किया था जिसे उन्होंने ‘विदेशी साजिश पत्र’ कहा है। उन्होंने कहा था कि यह पत्र उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के पहले मिला था। इस पत्र में भी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का जिक्र है।