कृषि कानून विरोध प्रदर्शन में किसानों पर दर्ज थे 54 केस, केजरीवाल सरकार ने 17 को वापस लेने की दी मंजूरी
केजरीवाल सरकार ने 2021 में हुए किसान आंदोलन के दौरान राजधानी की पुलिस की ओर से दर्ज 17 मामलों को वापस लेने की मंजूरी दे दी है। इस पूरे मामले में खास बात ये है कि इन मामलों में गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा से जुड़ा हुआ एक मामला भी है। दिल्ली पुलिस की ओर से केस वापसी के मामलों की जो सूची भेजी थी, उस पर दिल्ली सरकार का गृह विभाग एक बैठक कर चुका था। आधिकारिक सूत्रों की माने तो अंतिम फैसले के लिए फाइल को दिल्ली सरकार के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन के पास भेज दिया गया, किसानों पर दर्ज जिन मामलों को वापस लिया जाना था, उसमें वो दो मामले भी शामिल हैं, जिसमें पुलिस आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है।
दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने पिछले साल गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा सहित 17 मामले वापस लेने की मंजूरी दे दी है। उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय ने कानूनी राय लेने के बाद गृह मंत्री सत्येंद्र जैन द्वारा 31 जनवरी को भेजे गए मामलों से संबंधित फाइल को सोमवार को मंजूरी दे दी।दिल्ली पुलिस ने नवंबर 2020 से दिसंबर 2021 के दौरान 54 मामले दर्ज किए गए थे, इसमें पांच मामलों में पुलिस चार्जशीट दायर कर चुकी है, पांच मामलों में अभी तक अभियुक्तों की पहचान नहीं हुई है।इसमें से 17 मामलों को वापस लेने के लिए फाइल चलाई थी।इनमें से एक मामला लगभग 200-300 प्रदर्शनकारियों और 25 ट्रैक्टरों से संबंधित है।जिसमें किसान लालकिले तक पहुंचे थे।लाहौरी गेट के माध्यम से उन्होंने लालकिला के परिसर में प्रवेश किया था।इस दाैरान प्रदर्शनकारियों ने स्मारक का टिकट काउंटर, डोरफ्रेम मेटल डिटेक्टर और बैगेज स्कैनर तोड़ दिए थे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने नवंबर 2020 से दिसंबर 2021 के दौरान दर्ज किए गए 54 मामलों में से 17 को वापस लेने का फैसला किया था। इन मामलों में सैकड़ाें की संख्या में प्रदर्शनकारियों और 25 ट्रैक्टरों के जरिए लाल किला पहुँचने का मामला भी है। जिसके चलते टिकट काउंटरों और सुरक्षा जाँच उपकरणों को नुकसान हुआ था।
जानकारी के अनुसार, अधिकारी ने बताया कि उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय द्वारा गृह मंत्री सत्येंद्र जैन को 31 जनवरी को भेजी गई मामलों से संबंधित फाइल को सोमवार को कानून विभाग की राय लेने के बाद मंजूरी दे दी गई।
रिपोर्ट के अनुसार, 150-175 ट्रैक्टरों पर सवार होकर उत्तर प्रदेश के लोनी से दिल्ली में प्रवेश करने वाले किसानों के खिलाफ भी उत्तर-पूर्वी दिल्ली के ज्योति नगर पुलिस थाने में एक मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि उन किसानों ने पुलिसकर्मियों के कर्तव्यों में बाधा डाली और उन पर हमला किया था। यह मामला भी दिल्ली सरकार द्वारा वापस लिया गया है।
इसके अलावा अधिकतर मामले दिल्ली के सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल तक चले किसान आंदोलन के दौरान कोविड-19 नियमों और दिशा-निर्देशों के उल्लंघन से संबंधित हैं।
गौरतलब है कि आंदोलनकारी किसानों ने संसद द्वारा पारित कृषि कानूनों को वापस लेने की माँग करते हुए नवंबर 2020 में दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाल दिया था। वहीं मोदी सरकार द्वारा कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद किसानों ने दिसंबर 2021 में आंदोलन खत्म कर दिया था। तब सरकार ने नवंबर 2020 से दिसंबर 2021 के बीच प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की संयुक्त किसान मोर्चा की माँग पर भी सहमति जताई थी।