शिक्षा महंगी होने के कारण आम लोगों की पहुंच से दूर हो गई है : भगवंत मान

प्राइवेट स्कूल के फीस बढ़ाने पर रोक लगाने फैसले के बाद अब इस सत्र में होने वाले एडमिशन में स्कूल फीस में बढ़ोतरी नहीं होगी। इन फैसलों को लेकर पंजाब सरकार जल्द ही पॉलिसी बनाकर जारी कर देगी। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि शिक्षा महंगी होने के कारण आम लोगों की पहुंच से दूर हो गई है। मान ने कहा कि, महंगी फीस के कारण माता-पिता को बच्चों को स्कूल से निकालना पड़ रहा है और बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार ने शिक्षा से जुड़े यह 2 अहम निर्णय लिए हैं। राज्य सरकार ने पंजाब के सभी प्राइवेट स्कूल को आदेश दिया है कि वे इस सत्र में एक रूपया भी फीस नहीं बढ़ाएंगे और यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू करेंगे।

चंडीगढ़ संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट।कॉम: 

पंजाब में सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्कूली शिक्षा को लेकर दो बड़े फैसले लिए हैं। अपने पहले निर्णय में उन्होंने निजी स्कूल के फीस बढ़ाने पर पाबंदी लगा दी है, साथ ही दूसरे फैसले में मुख्यमंत्री ने यह आदेश दिया है कि कोई भी स्कूल किसी खास दुकान से किताब और ड्रेस खरीदने का दबाव नहीं डालेगा। बच्चों के मटा पिता अपनी सुविधा के अनुसार कहीं से भी बुक और यूनिफॉर्म खरीद सकेंगे।

पंजाब के सीएम भगवंत मान ने एक वीडियो जारी करके घोषणा करने से पहले कहा क‍ि आज मैं दो बड़े फैसलों की घोषणा करने जा रहा हूं जो हमारी सरकार ने शिक्षा क्षेत्र से संबंधित लिए हैं। मान ने कहा क‍ि पंजाब में कोई भी प्राइवेट स्कूल इस सेमेस्टर में फीस नहीं बढ़ाएगा, जब नए दाखिले होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य का कोई भी प्राइवेट स्कूल बच्चों या उनके अभिभावकों को किसी विशेष दुकान से किताबें, वर्दी और स्टेशनरी का सामान खरीदने के लिए बाध्य नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूलों को बच्चों और उनके अभिभावकों को स्टेशनरी का सामान, किताबें और यूनिफॉर्म बेचने वाली सभी दुकानों का पता देना होगा। यह माता-पिता पर निर्भर करता है कि वे अपने बच्चों के लिए इन वस्तुओं को कहां से खरीदना चाहते हैं।

पंजाब में भगवंत मान सरकार ने जनहित में एक और फैसला लिया है। यह फैसला है लोगों के घरों तक राशन पहुंचाने का। पंजाब के लोगों के लिए राशन की डोर स्टेप डिलीवरी शुरू करने का फैसला किया गया है। इतनी ही नहीं भगवंत मान ने कहा कि राशन साफ-सुधरा और बेहतर क्वालिटी का दिया जाएगा। जो अमीर खाते हैं वही राशन गरीबों को दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की योजना अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में शुरू की थी लेकिन केंद्र सरकार ने उस पर रोक लगा दी थी।

पंजाब सीएम ने कहा, ‘कई बार गरीबों को अपने हिस्से का राशन लेने के लिए कई चक्कर लगाना पड़ता है। जो रोज कमाता खाता है, उसे अपनी दिहाड़ी गंवानी पड़ती है। कई बुजुर्गों को राशन बूथों तक जाने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। लोगों को परेशानी होती है। अपनी चुनी सरकार आम आदमी पार्टी सरकार ने फैसला लिया है कि आप के घर तक राशन पहुंचाएंगे। डोर स्टेप डिलीवरी राशन, बढ़िया साफ खाने योग्य आटा दाल घर पहुंचेगा। साफ राशन होगा। जो अमीर खाते हैं वही राशन दिया जाएगा। लोगों को लाइन नहीं लगानी पड़ेगी।’

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने की रायपुर रानी मंडल कार्यकारिणी की घोषणा

पंचकूला 30 मार्च:

भारतीय जनता पार्टी जिला पंचकूला ने आज अल्पसंख्यक मोर्चा रायपुर रानी मंडल कार्यकारिणी टीम की घोषणा की। भाजपा कार्यालय पंचकूला में ज़िलाध्यक्ष अजय शर्मा के साथ अल्पसंख्यक मोर्चा जिला अध्यक्ष कृष्ण अली, रायपुर रानी भाजपा मंडल अध्यक्ष मदन धिम्मान व अल्पसंख्यक मोर्चा मंडल अध्यक्ष महबूब खान की हुई बैठक में गहन विचार विमर्श करने के बाद यह घोषणा की गई।    अल्पसंख्यक मोर्चा रायपुर रानी मंडल अध्यक्ष महबूब खान ने अपनी टीम का विस्तार करते हुए अबुल हसन, धर्म सिंह, इरफान खान, साहिल व मुस्ताक खान को मंडल उपाध्यक्ष बनाया है।

नाजर गाँव डाकरा व संजय खान को महामंत्री बनाया गया है।मुख्तयार सिंह, सुंदर खान, बीरूदिन, नसीब खान व नाजर गाँव रैहना को मंत्री तथा रॉबर्ट को कोषाध्यक्ष की जिम्मेवारी सौंपी है।ज़िलाध्यक्ष अजय शर्मा ने से नवनियुक्त मंडल टीम सदस्यों से कहा की वह लोगों के बीच जाकर उनको पार्टी व सरकार की नीतियों से अवगत करा उनको पार्टी से जोड़े।

अनीता जोशी बनी जागृति वेलफेयर एसोसिएशन ऑफ रेसिडेंट्स, से. 34 की अध्यक्ष

चण्डीगढ़ :

सेक्टर 34 में जागृति वेलफेयर एसोसिएशन ऑफ रेसिडेंट्स की संरक्षक सुश्री चंद्रकला देहरा के सानिध्य में सभी निवासियों की मौजूदगी में अनीता जोशी को सर्वसम्मति से प्रधान चुना गया। अनिता जोशी समाज सेवा के क्षेत्र में काफी सालों से कार्य कर रही हैं ‌और समय-समय पर महिलाओं के अधिकारों और सैक्टर के रखरखाव के लिए अपनी आवाज़ उठाती रही हैं। चंद्रकला देहरा ने अनिता जोशी को अपनी कार्यकारिणी के गठन का अधिकार दिया।

जरूरतमन्द होनहार विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क छात्रावास प्रारम्भ करेगा सेवा भारती

चण्डीगढ़ :

अभावग्रस्त परिवारों के मेधावी छात्रों के लिए सेवा भारती चण्डीगढ़ द्वारा सेवा धाम, सेक्टर-29ए, चण्डीगढ़ में निःशुल्क छात्रावास प्रारंभ किया जा रहा है। छात्रावास के संदर्भ में जानकारी देते हुए सेवा भारती के महामंत्री नरेन्द्र पाण्डेय ने बताया कि आवेदनकर्ता चण्डीगढ़ व पंजाब का निवासी होना चाहिए। ये सुविधा ऐसे विद्यार्थियों के लिए होगी जिनके माता-पिता नहीं है या माता-पिता दोनो में से एक है तथा वह आर्थिक दृष्टि से इतने कमजोर है कि अपने बच्चे की पढाई का खर्चा नहीं उठा सकते हैं। छात्र चौथी या पांचवी कक्षा उत्तीर्ण हो तथा पढ़ने में होशियार होना चाहिए। योग्य विद्यार्थी दूरभाष नम्बर 0172-2654935 या 9356011151 पर व्हाटसप नंबर पर जानकारी भेज सकते हैं या सेवा धाम, भवन नं-1, सेक्टर-29ए, चण्डीगढ़ में कार्यालय समय प्रातः 9 बजे से सायं 5 बजे के बीच में आकर संपर्क कर सकते हैं। नरेन्द्र पाण्डेय ने चयन प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि 3 अप्रैल 2022 तक प्राप्त आवेदन पत्रों में से छात्रों का चयन किया जाएगा। सेवा भारती के कार्यकर्ता आवेदनों की जांच करेंगे। उसके पश्चात छात्रों को साक्षात्कार के लिए सेवा धाम बुलाया जाएगा। चयनित छात्रों को आवास, भोजन, पुस्तकें, वस्त्र आदि सभी आवश्यक सुविधाएं संस्था द्वारा प्रदान की जाएंगी तथा उनका दाखिला सेवा भारती द्वारा स्थानीय विद्यालय में करवाया जाएगा। इन छात्रो को बारहवीं तक की शिक्षा संस्था द्वारा प्रदान करवाई जाएगी। सेवा भारती के संदर्भ में उन्होंने बताया कि चण्डीगढ़ में सिलाई केन्द्र, बाल संस्कार केन्द्र, शिशु पालन केन्द्र व कम्प्यूटर शिक्षा केन्द्र चलाए जा रहे है। इसके साथ ही पीजीआई में एम्बूलेंस सेवा व एपीसी वार्ड में आर्थिक स्थिति से कमजोर मरीजों के लिए डॉक्टर की अनुमति से निःशुल्क दवाई देने का काम भी सेवा भारती द्वारा किया जा रहा है।

Come April 1, pre-school education in all Playschools and Anganwadis is being formally introduced- ADC Sh Ayush Sinha


– School Readiness Mela will be organized in all Playschools and Anganwadi centres on March 31

– Sh Sinha appealed to the parents to enroll their children in play schools

-Haryana is one of the leading states in the country in the field of pre-primary education- ADC

Panchkula March 30:

Come April 1, pre-school education in all Playschools and Anganwadis is being formally introduced. In preparation for this, enrolment drives and School Readiness Mela will be organized in all Playschools and Anganwadi centres on March 31, 2022.

While stating this here today, Additional Deputy Commissioner, Ayush Sinha said that in these Melas, the children of 3-6 years who come with their parents will participate in simple activities.

He said that  Report card of each child will also be prepared| The stalls at the Melas will have activities related to the areas of development of young children highlighting the physical, cognitive, language, pre-math and social and emotional abilities. The key objective of the enrolment drive and school readiness Melas is to make parents and community aware of pre-primary education so that children from all sections of the society can get free quality education, he added. Sh Sinha appealed to the parents to enroll their children in these play schools. He said that besides free of cost admission in the play schools, children will be provided facilities of quality food, vaccination and regular health checkups.

Sh Sinha said that Haryana is one of the leading states in the country in the field of pre-primary education. As per the announcement, 4000 selected Anganwadis have been converted into Playschools and the remaining 21,962 Anganwadis will also provide early childhood education. In addition to the training of the State Resource Group in 2021-22, the training of all Women and Child Development Project Officers, Supervisors and Anganwadi Workers has been completed. They have also completed their practice classes with children. In 2022, re-orientation of all Anganwadi Workers has also been completed.
He said that India is committed to fulfilling Sustainable Development Goal 4.2 (by 2030 ensure that all girls and boys have access to quality early childhood development, care and pre-primary education so that they are ready for primary education). He said that the National Education Policy 2020 also lays emphasis on pre-primary education as the foundational stage of learning.

Valedictory of NSS Seven Days Camp witnessed a gala time at Panjab University

Chandigarh March 30, 2022

The valedictory session kick started with mesmerizing cultural performances performed by NSS volunteers and that showed the true cultural integration as folk dances of J&K, Himachal Pradesh, Haryana, Punjab, Maharashtra and Kerala were performed. A spectacular and thrilling theatrical performance was shown by NSS volunteers to pay homage to revolutionaries including Sardar Bhagat Singh, Sukhdev and Rajguru. Dr. Naveen Kumar presented the report of seven days activities, and various dignitaries were apprised of the fact that this program was comprised of 3 stages including Registration and briefing, event convening and feedback session. The real time feedback mechanism was devised not only to invite feedback rather to take actions corresponding to that inputs. Dignitaries appreciated the real time actionable outcomes of feedback. Event culminated by a formal vote of thanks of Dr. Simran Preet, who appreciated the able guidance of Prof. Raj Kumar Ji, Hon’ble Vice-Chancellor, PU & leadership of Prof. Ashwini Koul, Programme Coordinator, entire NSS team including Programme Officers and volunteers. The efforts of Chandigarh Police personnel in training our NSS volunteers for self defence and wushu were recognized. The appreciation certificates to the winners of various sports and cultural competitions were distributed by Programme officers at the end.  

The presence of dignitaries including Dr. Jayanti Dutta (Deputy Director, HRDC & Fellow), Prof. Ganga Ram Choudhary (Director, SAIF/CIL), Prof. Nishi Sharma (Director, UIAMS), Dr. Nidhi Gautam (Warden, GH-5 & Fellow), and Programme officers including Dr. Naveen Kumar, Dr. Shankar Sehgal, Dr. Vivek Kumar, Dr. Anuj Kumar, Dr. Amita Verma, and Dr. Simran Preet was observed during the event.

SHASTRI INDO-CANADIAN LECTURE SERIES CONCLUDES AT UIFT, PANJAB UNIVERSITY

Chandigarh March 30, 2022

Nurturing modern and multi-national narratives through the exchange of South Asian and Western traditional handcraft techniques

UIFT hosted the fourth online lecture and valedictory of Shastri Indo Canadian Lecture Series “ Taking traditions forward: Preserving and conserving culture and heritage in the South Asian Canadian Diaspora”.

Dr. Anu H. Gupta, Director of the Shastri, Indo Canadian Lecture Series, and Chairperson of UIFT & VD, revealed that all of the lectures in this series emphasised the importance of cross-cultural interchange and the impact of tradition and heritage as a result of global contacts across borders. This is also true for the Indian and Canadian diasporas. She further advocated that the goal of this series is to expand knowledge, conduct more research on newly build up areas, and foster collaborations. For this series, 350 participants registered and about 100-150 participants joined for every lecture. Dr. Rita Kant, UIFT & VD faculty, initially greeted the event’s attendees, guests, and resource person.

Professor Sudhir Kumar, Dean Research, Panjab University complimented UIFT for holding a series on such an important subject, and further praised for distinguished speakers and excellent presentations at each lecture. Dr. Prachi Kaul, Director Shastri Indo Canadian Institute, Guest of Honour elaborated on the initiation of this Indo-Canadian collaboration, which has had a long run of more than 53 years now. She emphasised the importance of this platform provided by Shastri Indo Canadian Institute where people connect with others across borders for intellectual exchange further adding many dimensions of future research and collaboration. She expressed her gratitude to the others in the team of sharing this vision of exposing the students to such international expertise and academia.

Dr. Satwinder Kaur Bains Senior Associate; Director: SASI; University Advisor: Canada-India Relations Social, Cultural, & Media Studies, University of the Fraser Valley, Canada and Collaborator of this lecture series echoed a similar expression of being able to contribute through such collaborative platforms, where the interactions highlight the actual global nature of academic. Each of the members shared the thought of continuing this chain of connecting the intellect, the artistic and the academic.

Dr. Tanya White from The creative School, Ryerson University, Canada made the session extremely enlightening through her nuanced and unique approach of connecting the research practices and teaching. Her presentation titled “Nurturing Narratives through South Asian and western Handcraft Technique” focused on making the students create a narrative of their own through their design techniques re-defined through a personal and artistic perspective. This technique according to her is empowering for students. She shared her creative work, which was a re-definition of the traditional weaving, knitting and crocheting techniques. Her talk was a blend of tradition, art and the modern technique describing the unique aspect of every single designer in the uniform of an artist as well. The tasks were described as exhaustive exercises of encouraging students through a process of finding an inspiration, and to find how the material can lead the way as one piece of design is worked over and over again into a polished end result. Another of her fascinations, was the phenomenal work by Shradha Kochhar, a textile artist who had presented on “From Farm to Fabric to Fashion”. Tanya believes that the handcraft and the different traditions behind it, Asian or otherwise have similar impressions which become the common ground to identify the common as well as the unique. She exhibited her work of a weaved and embroidered portrait which showed an extremely fine detail, an artistic approach and an execution of post-modern concept of fashion. Her aim has been to embody the designs onto body so that the real movement of the fabrics is acknowledged. Her unique approach proved to be a great pedagogical tool for various teachers who appreciated the effort of the Speaker in sharing her approaches of making the works highly impressionistic, organic and of an emotional dimension by attaching a narrative behind them.  Dr. Prabhdip Brar, UIFT & VD faculty, thanked everyone who participated and contributed to the success of the lecture series.

Developing Strategies for Implementation of New Education Policy

Chandigarh March 30, 2022

            UIAMS organised a brainstorming session to develop operational strategies for fructifying the salient features of the New Education policy wherein faculty and research scholars shared their views. It was noted that the NEP 2020 is the first education policy of the 21st century and replaces the thirty-six  year old National Policy on Education (NPE), 1986.

            Built on the foundational pillars of Access, Equity, Quality, Affordability and Accountability, this policy is aligned to the 2030 Agenda for Sustainable Development. It is indeed very revolutionary as it aims to transform India into a vibrant knowledge society and global knowledge superpower by making education more holistic, flexible, multidisciplinary, suited to 21st century needs and aimed at bringing out the unique capabilities of each student. 

            Faculty noted that the policy envisages broad based, multi-disciplinary, holistic  education with flexible curricula, creative combinations of subjects, integration of vocational education and  multiple entry and exit points with appropriate certification.  An Academic Bank of Credit is to be established for digitally storing academic credits earned from different  HEIs so that these can be transferred and counted towards final degree earned. Under NEP 2020, a gender-responsive educational curriculum has been proposed which will reverse gender bias and discrimination within the educational system and society.

            Multidisciplinary Education and Research Universities (MERUs), at par with IITs, IIMs, to  be set up as models  of best multidisciplinary education of global standards in the country. The National Research Foundation will be created as an apex body for fostering a strong research culture and building research capacity across higher education. 

            The interactive session was organised under the guidance of Prof Raj Kumar, Vice Chance;llor , PU who has been making efforts to make PU focus on research and innovation as key pillars of its competencies. He has mandated all departments to conduct awareness sessions and develop a future roadmap for successful implementation of NEP. Under his leadership, PU has been comducting frequent SDPs and FDPs  on this theme since 2020.

            Prof Nishi Sharma, Director UIAMS noted that successful implementation of NEP requires a transformation of traditional methods of teaching, learning discourse, and resources. UIAMS is ideally poised to implement it as there is tremendous flexibility inbuilt in the system and faculty has been undertaking pioneering work. Syllabus of UIAMS is already in line with the sectoral requirements to enhance employability quotient of students and is being revisited every three years.


The ideals, spirit and essence of NEP 2020 should not be lost in unnecessary hurdles or minute details but facilitative in nature to maintain the
standard of higher education, all the universities irrespective of whether it is state or centre university should be governed by same rules and regulations and if there is a hindrance in the uniform implementation of the state due to meagre resources/ financial etc., that can be compensated with centre aid.

            Prof. Sanjeev Kumar Sharma noted that P.U. has been successful in creating 7 different verticals and integrating science labs: This has led to their enhanced utilization and enhanced revenue, lower maintenance costs It was further noted that a National Higher Education Qualification Framework (NHEQF) can help for Effective implementation of CBCS system/ multidisciplinary courses along with renewed Focus on Blended learning, by integrating E-learning and M-learning into the traditional mode. There is a need for focus on assessment and accreditation as per the global standards as our students have a global playing field. Uniform National Grading system for certificate, degree and diploma courses can enhance placement of PU students.

चंद्रमोहन व विधायक कालका प्रदीप चौधरी की अगवाई में हज़ारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ दिया धरना 

  • दलित व पिछड़े वर्ग के कांग्रेसी पार्षदों से भाजपा की धक्केशाही बर्दाश्त नहीं : चंद्रमोहन 
  • नगर निगम दफ्तर में जन समस्याओं का समाधान करने की बजाए,कांग्रेसी पार्षदों को जातिसूचक शब्द के साथ भाजपा की गुंडागर्दी अब हुई जग जाहिर 
  • पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन ने कहा,मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सीधे तौर पर दखल देकर आधी रात में दर्ज करवाई धारा 307 
  • जेई रोहित के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत कांग्रेस पार्षद को जातिसूचक शब्द का उपयोग करने को लेकर कार्यवाही की मांग
  • चंद्रमोहन ने कहा हमारी 2 माँगे है  जेई रोहित  के खिलाफ कार्रवाई पार्षद पंकज ओर पार्षद अकक्षदीप के खिलाफ 307 का मुक़दमा हटाया जाए

पंचकूला न्यूज 30 मार्च 2022 :

दलित व पिछड़े वर्ग के कांग्रेसी पार्षदों से भाजपा सरकार की धक्केशाही के खिलाफ पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन जी व विधायक कालका प्रदीप चौधरी की अगवाई में हज़ारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ ज़िला पचकुलां सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे 

पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने ज़िला प्रशासन को चेतावनी दि की अगर पार्षद पंकज व पार्षद अकक्षदीप के खिलाफ धारा 307 नहीं बनती इसको हटाया जाए ओर जे ई रोहित को तुरंत सस्पेंड कर के इसके ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज होना चाहिए क्योंकि इसने पार्षद पंकज के खिलाफ जातिसूचक शब्द का उपयोग किया है अगर  हमारी दोनो माँगे न मानी गई तो सात दिन के बाद अनीशचित धरना चलेगा हम दल बल के साथ आयेगें इसका ज़िम्मेदार प्रशासन होगा डीजीपी का भी घेराव करेंगे यह तो एक टेलर था 

ईस धरने प्रदर्शन मैं कांग्रेस के सभी पार्षद व सभी पार्षद पद का लड़ चुके चुनाव व हज़ारों लोग व कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुएवरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि शर्मा, पूर्व मेयर उपीनदरं कोर आहलुवालीया पूर्व पार्षद व पूर्व सिटी कांग्रेस के प्रधान आरके कक्कड़,पूर्व प्रधान, मनवीर गिल पूर्व प्रधान नगर परिषद पंचकूला, हेमंत किंगर राजनीतिक सचिव, सलीम डबकौरी पार्षद व नेता विपक्ष नगर निगम पंचकूला,गौतम प्रसाद पार्षद,उषा रानी पार्षद, पार्षद संदीप सोही पूर्व पार्षद दलवीर बालमिकी, कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका हुड्डा,ओम शुक्ला, कुलदीप गर्ग,विजय धीर, नवीन बंसल, अमन दत शर्मा, पूर्व ज़िला कांग्रेस उप प्रधान अनुप सिंह, डा राम प्रसाद,वरिष्ठ कांग्रेस नेता नरेश मान, ज़िला युथ कांग्रेस के प्रधान नेब चौधरी, सुषमा खन्ना, पवन जैन , नासीर मुहम्मद , ज़िला महिला कांग्रेस की अध्यक्ष, पूर्व पार्षद कमलेश लोहाट,राजीव बुकल सुनील सरोहा , देवेंद्र शर्मा, रवीन्द्र रिहोड शर्मा, प्राण शर्मा, समेत कांग्रेसी नेता उपस्थित थे 

विधायक कालका प्रदीप चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार व मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर आरोप लगाते हुए दलित, पिछड़ों व विपक्ष के पार्षदों के साथ भाजपा सरकार के भेदभावपूर्ण रवैए को उजागर किया हैदरअसल नगर निगम कार्यालय में कांग्रेस पार्षदों के साथ जेई रोहित द्वारा बदसलूकी किए जाने के बाद एक झूठा मामला कांग्रेसी पार्षद पंकज व अक्षय के खिलाफ प्रदेश सरकार के दबाव में दर्ज किया गया है जिसको लेकर कांग्रेसियों में काफी रोष है।चंद्रमोहन का कहना है कि यह बहुत हैरानी का विषय है कि नगर निगम पंचकूला में भाजपा सरकार ने जिन अधिकारियो को लगाया हुआ है वह जन समस्याओं को निपटाने की बजाए,गुंडागर्दी करते हुए शासनिक प्रभाव दिखा रहे है जिसका साफ उदाहरण हाल ही में जेई रोहित का है। ,

पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन ने कहा नगर निगम पंचकूला कार्यालय में जूनियर इंजीनियर रोहित जोकि अभी सिर्फ प्रोबेशन पीरियड पर है,उसके द्वारा कांग्रेस पार्षद पंकज वाल्मीकि और कांग्रेस पार्षद अक्षय चौधरी को जातिसूचक शब्द से संबोधित करके विपक्षी दल कांग्रेस के पार्षद की जन समस्या का समाधान न करने बारे कहा गया,इसके साथ ही अभद्र भाषा का उपयोग करते हुए सीएम सिटी से होने और प्रदेश सरकार के प्रभाव का हवाला दिया जाता रहा।मौके पर शूट की गई वीडियो में भी यह साफ दिख रहा है कि किस प्रकार से जेई चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ तानाशाही रवैया दिखा रहा है जोकि उसे किसी शासनिक व प्रशासनिक संरक्षण को साफ तौर पर दिखाता है।

पूर्व मेयर उपीनदरं कोर आहलुवालीया ने कहा कि हालांकि मामला दोपहर को ही दर्ज हो गया था जबकि आधी रात को सीएम मनोहर लाल के सीधे तौर पर दखल देने के बाद धारा 307 जानबूझ कर एफआईआर में पुलिस अधिकारियो द्वारा दर्ज की गई जिससे कांग्रेसी पार्षदों को दबाया जा सके।

शशि शर्मा का कहना है कि,यह जांच का विषय है कि एक जेई लेवल का अधिकारी जोकि अभी प्रोबेशन पीरियड ही है, वह न केवल अपनी गुंडागर्दी दिखा रहा है बल्कि कमिश्नर की कुर्सी पर बैठकर ही कांग्रेसी पार्षदों के लिए जातिसूचक शब्द और अभद्र भाषा का उपयोग कर रहा है।

सलीम डबकौरी ने कहा है कि जेई रोहित गुंडा प्रवृति का व्यक्ति है जिसे राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने के कारण हौसले बुलंद है।जानकारी के मुताबिक जेई रोहित का अन्य पार्षदों के साथ भी पहले विवाद हो चुका है।रोहित का यह चौथा झगड़ा है।इससे पहले रोहित एक अन्य जेई प्रवीण मलिक से उलझे थे। इस दौरान दोनों पक्षों को चोट आई थी।
मनवीर कौर गिल ने कहा कि जेई रोहित ने इसके साथ ही एक ठेकेदार आरडी शर्मा से भी झगड़ा किया था।सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर के कमरे में ठेकेदार आरडी शर्मा और रोहित के बीच हाथापाई हुई थी। गत दिनों भी डीएमसी दीपक सुरा के कमरे में जब बहस शुरू हुई, तो डीएमसी ने रोहित को चुप होने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं माना और पार्षद पंकज को बोला कि तेरे जैसे बहुत पार्षद देखे हैं, तेरा वहम निकाल दूंगा जिसके बाद मामला बढ़ गया।

पूर्व पार्षद व पूर्व प्रधान सिटी कांग्रेस आर के ककड ने कहा कोई भी सरकारी मुलाजिम चाहे कोई  स्टेट का हो या सेंटर का हो बग़ैर वेरिफ़िकेशन के जुयेन नही कर सकता इसको डेड साल हो गया है लगे हुए कोई पुलीस वेरीफिकेशन नही हुई है ईस को सस्पेंड होना चाहिए 

अभी सस्ता नहीं होगा पेट्रोल-डीजल, वित्त मंत्री बोलीं

वित्‍तमंत्री ने राज्‍यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा, ग्‍लोबल मार्केट में सप्‍लाई बाधित होने की वजह से पिछले कुछ सप्‍ताह से क्रूड ऑयल की कीमतों में तेज उछाल आया है। इसके अलावा पूर्ववर्ती यूपीए सरकार की ओर से जारी किए गए 2 लाख करोड़ रुपये के ऑयल बॉन्‍ड का असर भी पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतों पर पड़ रहा है। हालांकि, सरकार इससे निपटने के लिए लगातार कदम उठा रही है। युद्ध के पश्चात क्या पेट्रोल डीजल फिर से पुराने दाम पर मिलेंगे?

नयी दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने महंगे फ्यूल के लिए पिछली यानी UPA सरकार पर जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि हम उनके बोझ ढो रहे हैं। ऐसे में पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने की संभावना कम है। ये बात उन्होंने तमिलनाडु सरकार की ओर से एक लीटर पेट्रोल की कीमत 3 रुपए घटाने से जुड़े सवाल पर जवाब में कही।

उन्होंने कहा, सरकारी खजाने पर यूपीए सरकार की ओर से जारी किए गए तेल बांडों के लिए किए जा रहे ब्याज भुगतान का बोझ है। सरकार ने अभी तक केवल ऑयल बॉन्ड पर पिछले पांच साल में 62 हजार करोड़ रुपये के ब्याज का भुगतान किया है। उन्होंने कहा कि साल 2026 तक हमें अभी 37 हजार करोड़ रुपये का भुगतान और करना है। 

वित्त मंत्री ने सोमवार को कहा कि मनमोहन सरकार ने पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के दाम घटाने के लिए 1.44 लाख करोड़ रुपए के ऑयल बॉन्ड जारी किए थे। इसका भुगतान हमें करना पड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2021 तक 1.31 लाख करोड़ रुपए की आउटस्टैंडिंग रही। 2026 तक सरकार को ब्याज के रूप में ही 37,340 करोड़ रुपए का भुगतान करना है। ऐसे में एक्साइज ड्यूटी घटाकर पेट्रोल-डीजल के दाम कम करना मुमकिन नहीं है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले 5 साल में ऑयल बॉन्ड पर 70,196 करोड़ रुपए का ब्याज भरा है। UPA सरकार ने 2005-2009 के दौरान ऑयल बॉन्ड जारी कर फंड जुटाया। इससे 2008 में फाइनेंशियल क्राइसेज के बावजूद फ्यूल प्राइसेज के दाम नहीं बढ़े। UPA सरकार ने ऑयल बॉन्ड जारी कर ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMC) से कर्ज लिए। ऐसे में मौजूदा सरकार को इसका भुगतान करने में मुश्किल हो रही है।

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि ब्याज भुगतान के बावजूद 1.30 लाख करोड़ से अधिक का मूलधन अभी भी बकाया है। अगर हम पर तेल बॉन्ड का बोझ नहीं होता तो हम ईंधन पर उत्पाद शुल्क कम करने की स्थिति में होते। वित्त मंत्री ने वाहन ईंधन की कीमतों पर वर्तमान में बनी इस स्थिति के लिए पूरी तरह के कांग्रेस की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया।