हरियाणा सरकार द्वारा प्राईवेट स्कूलों में नियम 134-ए को खत्म करके समाज के गरीब वर्ग के बच्चों के साथ कुठाराघात किया गया है – चन्द्र मोहन
पंचकूला 31 मार्च –
हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री चन्द्र मोहन ने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार द्वारा प्राईवेट स्कूलों में नियम 134-ए को खत्म करके समाज के गरीब वर्ग के बच्चों के साथ कुठाराघात किया गया है और उनको शिक्षा के मौलिक अधिकारों से वंचित करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है।अब निजी स्कूलों में फ्री दाखिला नहीं मिल सकेगा इससे गरीब बच्चों के इन स्कूलों में पढ़ने के सपने धूल धुसरित हो गए हैं और हरियाणा सरकार द्वारा गरीबों के बच्चों के अधिकारो को एक षड्यंत्र के तहत खत्म किया गया है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने नियम 134-ए को खत्म कर दिया है और इस नोटिफिकेशन के बाद तो शिक्षा आम आदमी की पहुंच से भी दूर हो गई है। इस देश में एक गरीब आदमी के बच्चों को भी अधिकार है कि वह अच्छी शिक्षा ग्रहण करें और इस उद्देश्य के लिए ही इस नियम के तहत ही समाज के गरीब वर्ग के बच्चों का प्राईवेट स्कूलों में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था ताकि समाज के गरीब बच्चों के सपने भी पूरे हो सकें। इन गरीब बच्चों की शिक्षा का खर्चा सरकार द्वारा वहन किया जाता था।लेकिन दुर्भाग्यवश एक साज़िश के तहत गरीब बच्चों के सपनों को कुचल दिया गया है।अब गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में फ्री में दाखिला नहीं मिलेगा और पहले नियम 134 A के तहत प्राइवेट स्कूलों को 10 प्रतिशत सीट गरीब वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित रखनी होती थी अब यह प्रावधान समाप्त कर दिया गया है जिसका सरकार द्वारा नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। उन्होंने अफसोस व्यक्त किया कि भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में महंगी शिक्षा महंगा तेल और यह देखा भाजपा का खेल। यहां पर यह उल्लेख करना जरूरी है कि 134 A एक राइट टू एजूकेशन एक्ट है, जिसमें बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिया गया है और सरकार ने इस अधिकार को भी छीन लिया है । राज्य सरकार की ओर से 28 मार्च 2022 को नीजि स्कूलों में आरक्षण की व्यवस्था को समाप्त करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है। हरियाणा राज्य स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण की ओर से इस आशय की सूचना भी जारी कर दी गई है।
चन्द्र मोहन ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से अपील की है कि वह नीजि स्कूलों द्वारा प्रत्येक वर्ष फीस बढ़ाने पर लगाम लगाए और पंजाब सरकार की तर्ज पर आदेश जारी करें कि प्राईवेट स्कूलों द्वारा इस साल कोई फीस नहीं बढाई जायेगी क्योंकि लोग बढती मंहगाई और कोरोना की मार से अभी भी पूरी तरह से उभर नहीं पाए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में एक और तो महगाई अपने चरम पर है दूसरी ओर चिकित्सा, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं से गरीब वर्ग के लोगों को शिक्षा के मौलिक अधिकारों से वंचित किया गया है जिससे भारतीय जनता पार्टी का सबका साथ सबका विकास की अवधारणा निर्मूल साबित हुई है।
चन्द्र मोहन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी समाज के गरीब बच्चों के अधिकारो की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस फैसले का डटकर विरोध किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जिन प्राईवेट स्कूलों को सरकार ने सस्ते दामों पर जमीन उपलब्ध करवाई है कम से कम ऐसे स्कूलों को तो उन गरीब बच्चों पर रहम करते हुए निर्धारित सीटों पर नियम 134 ए के तहत दाखिला दिया जाना चाहिए।