सीएनजी-पीएनजी और एलपीजी सिलेंडर के फिर बढ़ेंगे दाम, सरकार ने दोगुनी की घरेलू गैस की कीमत
नई कीमत एक अप्रैल से छह महीने की अवधि के लिये है। इस वृद्धि से सीएनजी और पीएनजी के दाम बढ़ सकते हैं। पिछले 10 दिन में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में नौ बार वृद्धि की गयी है। वहीं एलपीजी की दरें भी 50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ायी गयी हैं। गैस के दाम में ताजा वृद्धि से ईंधन की महंगाई दर बढ़ेगी। आम आदमी महंगाई से पहले ही परेशान है। पेट्रोल-डीजल की कीमत लगातार बढ़ रही है। पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के पार चला गया है। रसोई गैस सिलेंडर (LPG Gas Cylinder) के दाम ने भी 1000 रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है। पिछले 10 दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में नौ बार वृद्धि हुई है, जो कुल मिलाकर 6.4 रुपये प्रति लीटर है।
- देश में महंगाई कम होने का नाम नहीं ले रही है।
- दिल्ली में पीएनजी की कीमत 36.61 रुपये प्रति यूनिट है।
- गाजियाबाद में इसका दाम 35.86 रुपये प्रति यूनिट है।
नई दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट :
महंगाई से पहले से परेशान आम आदमी को जल्दी ही एक और जोरदार झटका लग सकता है। मोदी सरकार ने नेचुरल गैस की कीमतों में दोगुने से भी ज्यादा की वृद्धि कर दी है। इसकी वजह से न सिर्फ रसोई गैस सिलेंडर बल्कि सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में भी जल्दी ही दोबारा बढ़ोतरी होने की आशंका बढ़ गई। इससे न सिर्फ किचन का बजट बढ़ेगा बल्कि किराये-भाड़े में भी बेतहाशा तेजी देखने को मिल सकती है। पेट्रोल पहले ही शतक (100 रुपये प्रति लीटर के पार) लगा चुका है और रसोई गैस सिलेंडर (LPG Gas Cylinder) भी एक हजारी हो चुका है।
नई कीमत एक अप्रैल से छह महीने की अवधि के लिये है। इस वृद्धि से सीएनजी और पीएनजी के दाम बढ़ सकते हैं। पिछले 10 दिन में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में नौ बार वृद्धि की गयी है। वहीं एलपीजी की दरें भी 50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ायी गयी हैं। गैस के दाम में ताजा वृद्धि से ईंधन की महंगाई दर बढ़ेगी।
अधिसूचना के अनुसार, नये और कठिन क्षेत्रों में स्थित फील्डों से उत्पादित गैस के दाम अप्रैल-सितंबर अवधि के लिये 9.92 डॉलर प्रति यूनिट होगा। जबकि अभी यह 6.13 डॉलर प्रति यूनिट है। ऐसे फील्ड में रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. का गहरे जल क्षेत्र में स्थित केजी-डी6 ब्लॉक शामिल है।
भारतीय गैस उत्पादकों को मिलने वाली यह कीमत अबतक की सबसे अधिक है।
सरकार हर छह महीने पर…एक अप्रैल और एक अक्टूबर…को दरें निर्धारित करती है। यह निर्धारण अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे अधिशेष गैस वाले देशों में जारी सालाना औसत कीमतों के आधार पर होता है।
उद्योग से जुड़े सूत्रों के अनुसार गैस के दाम में वृद्धि से दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में सीएनजी और पीएनजी की दरें 10 से 15 प्रतिशत बढ़ सकती हैं।
इक्रा लि. के उपाध्यक्ष और सह-प्रमुख (कॉरपोरेट रेटिंग) प्रशांत वशिष्ठ ने कहा, ‘‘वैश्विक गैस केंद्रों पर दाम में तेजी के कारण घरेलू गैस की कीमतें बढ़ी हैं। गैस के दाम में वृद्धि से भारतीय गैस उत्पादक कंपनियों को राहत मिलेगी क्योंकि पहले की कीमत पर ज्यादातर फील्डों से गैस उत्पादन घाटे का सौदा था।’’
शहरों में सीएनजी और पीएनजी की आपूर्ति ओएनजीसी द्वारा उत्पादित गैस से होती है।
कीमत वृद्धि से बिजली उत्पादन की लागत भी बढ़ेगी। लेकिन गैस से बिजली उत्पादन की मात्रा बहुत अधिक नहीं होने से उपभोक्ताओं पर इसका असर नहीं होगा।
इसके अलावा, उर्वरक उत्पादन की लागत भी बढ़ेगी। लेकिन सरकार उर्वरकों के लिये सब्सिडी देती है, ऐसे में दाम बढ़ने की संभावना नहीं है।
यह नवंबर 2014 और मार्च 2015 के बीच ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड को पुराने क्षेत्रों के लिए भुगतान किए गए 5.05 डॉलर और अप्रैल-सितंबर 2019 में नये क्षेत्रों के लिए 9.32 डॉलर प्रति यूनिट के बाद लगातार दूसरी और अच्छी बढ़ोतरी है।
नई दरें वैश्विक मानक दरों…अमेरिका के हेनरी हब, कनाडा के अल्बर्ट गैस, ब्रिटेन के एनबीपी और रूस गैस… में वृद्धि के साथ-साथ तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की दरों में वृद्धि को प्रतिबिंबित करती हैं। आपूर्ति बाधित होने के साथ-साथ मांग बढ़ने से ईंधन के दाम बढ़े हैं।
घरेलू स्तर पर मूल्य एक तिमाही के अंतराल के साथ इन वैश्विक मानकों के आधार पर तय किया जाता है। यानी एक अप्रैल से 30 सितंबर की कीमतें जनवरी, 2021 से दिसंबर, 2021 के औसत मूल्य के आधार पर होंगी। और इस दौरान दरें ऊंची रही हैं।
गहरे जल क्षेत्र जैसे क्षेत्रों में स्थित कठिन फील्डों के लिये एलएनजी की कीमत को शामिल करके थोड़ा संशोधित फॉर्मूले का उपयोग किया जाता है।
रिलायंस-बीपी के केजी फील्ड को कठिन क्षेत्रों की श्रेणी में रखा गया है। ऐसे फील्डों के लिये बाजार मूल्य तलाशने की अनुमति है लेकिन यह निर्धारित सीमा पर निर्भर है।
उत्पादकों के लिये छह साल में यह सबसे लाभकारी मूल्य है।