अमेरिका की चेतावनीः रूस से लेनदेन बढ़ाने का भारत को हो सकता है “बड़ा खतरा”
अमेरिकी प्रतिबंधों का असर रूस की कच्चा तेल बेचने की क्षमता पर हुआ है। दुनिया के कुल उत्पादन का लगभग 10 प्रतिशत रूस में होता है। पेरिस स्थित इंटरनेशनल ऊर्जा एजेंसी (IEA) का अनुमान है कि प्रतिबंध और खरीददारों द्वारा रूस से तेल खरीदने में परहेज के चलते अप्रैल में रोजाना लगभग 30 लाख बैरल कम तेल बाजार में पहुंचेगा। प्रवक्ता ने कहा कि बाइडेन सरकार भारत और यूरोपीय देशों के साथ मिलकर इस बात की कोशिश कर रही है कि यूक्रेन युद्ध का दुनिया के ऊर्जा बाजार पर कम से कम असर हो और साथ ही रूसी ऊर्जा पर निर्भरता घटाने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।
नई दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट :
रूस के मुद्दे पर अमेरिका धीरे-धीरे भारत पर दबाव बढ़ाने लगा है। रूस की तरफ से भारत को सस्ती दर पर कच्चा तेल देने के प्रस्ताव और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के नई दिल्ली पहुंचने के कुछ ही घंटे पहले अमेरिका ने कहा है कि भारत को रूस से ज्यादा ईंधन खरीदने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। अगर भारत ऐसा करता है तो इसका द्विपक्षीय रिश्तों पर भी असर हो सकता है। यह संदेश भारत दौरे पर आए अमेरिका के डिप्टी एनएसए दलीप सह ने भारतीय नेताओं के साथ बातचीत में दिए।
मार्केट से कम दाम पर रूस से लगातार कच्चा तेल खरीद रहे भारत को अमेरिका ने चेतावनी दी है। अमेरिका ने कहा है कि बड़ी मात्रा में रूस से कच्चे तेल की खरीद नई दिल्ली को महंगी पड़ सकती है।