क्या कॉंग्रेस हाइकमान सिद्धू को प्रदेशाध्यक्ष फिर लेगा ?
पंजाब के विधानसभा चुनावों में महज 18 सीटें जीतकर सत्ता गंवाने वाली कांग्रेस में जल्दी ही बदलावों का दौर शुरू होने वाला है। सीएम रहे चरणजीत सिंह चन्नी दोनों सीटों से हार गए थे, जबकि अपने बयानों से चर्चित रहने वाले नवजोत सिंह सिद्धू को खुद अमृतसर पूर्व सीट से हार का सामना करना पड़ा था। नतीजों के बाद सोनिया गांधी ने प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से इस्तीफा मांग लिया था। सिद्धू ने एक लाइन में यह लिखकर इस्तीफा दिया था कि जैसे सोनिया गांधी चाहती हैं, मैं इस्तीफा दे रहा हूं। माना जा रहा है कि कांग्रेस अब चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच टकराव के अध्याय का ही पटाक्षेप करना चाहेगी, जिसका खामियाजा हार के तौर पर झेलना पड़ा था।
चंडीगढ़/नयी दिल्ली: डेमोक्रेटिक फ्रंट:
विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए सिद्धू ने परिवारों को न्याय में देरी को लेकर अंडीगढ़/ आम आदमी पार्टी की सरकार पर निशाना साधा। इससे पहले सिद्धू ने आप सरकार के खिलाफ उठाए जाने वाले मुद्दों पर रणनीति बनाने के लिए लुधियाना में पार्टी के पूर्व विधायकों के साथ बैठक की थी। बहबल कलां पहुंचने से पहले पार्टी नेताओं के साथ यह तीसरी मुलाकात थी।
प्रदर्शनकारी परिवारों से बात करते हुए सिद्धू ने कहा कि वह अपनी सरकार में इस मुद्दे को उठाते रहे हैं और मौजूदा सरकार के खिलाफ भी ऐसा करते रहेंगे। 16 दिसंबर, 2021 को, कृष्ण भगवान सिंह के पुत्र सुखराज सिंह ने न्याय देने में सरकार की विफलता को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया था।
सुखराज ने आरोप लगाया था कि पिछले छह साल से पार्टियां बहबल कलां और कोटकपुरा पुलिस फायरिंग की घटनाओं और बेअदबी के मामलों का धार्मिक भावनाओं को फायदा उठाने और सत्ता हथियाने के लिए राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही है। बहबल कलां पहुंचे नवजोत सिंह सिद्धू ने मामले में जल्द न्याय की मांग दोहराई।