चीन के विदेश मंत्री वांग यी कल सुबह 11 बजे विदेश मंत्री एस. जयशंकर से दिल्ली में मुलाकात करेंगे

चीन के विदेश मंत्री वांग यी कल सुबह 11 बजे विदेश मंत्री एस. जयशंकर से दिल्ली में मुलाकात करेंगे। यह जानकारी मिली है कि चीनी विदेश मंत्री की बगैर पूर्व निर्धारित यात्रा का उद्देश्य यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के मद्देनजर बने भू राजनीतिक हालात में चीन के एक बड़ी भूमिका निभाने से संबद्ध है।

नयी दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट :

चीन के विदेश मंत्री वांग यी गुरुवार को नई दिल्ली पहुंचे हैं। विदेश मंत्री वांग यी की शुक्रवार को विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मिलने की उम्मीद है। एजेंडा स्पष्ट नहीं है, लेकिन यूक्रेन संघर्ष पर बातचीत की उम्मीद है। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्हें वांग की यात्रा पर साझा करने के लिए कोई जानकारी नहीं है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। पिछले दो साल से भारत और चीन के बीच हालात अच्छे नहीं हैं। यी ने नई दिल्ली की अपनी यात्रा से पहले भारत सरकार से फटकार लगाई, इस सप्ताह पाकिस्तान में विवादित कश्मीर क्षेत्र के बारे में की गई टिप्पणी थी। दो साल पहले कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में एक घातक सीमा संघर्ष के बाद दो परमाणु सशस्त्र एशियाई शक्तियों के बीच संबंध ठंडे हो गए थे, और वांग उस समय के बाद यात्रा करने वाले पहले उच्च-स्तरीय चीनी अधिकारी होंगे। चीनी विदेश मंत्री वांग यी भारत आ चुके हैं और उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर से कल मुलाकात करने की संभावना है।

आपको बता दें इस्लामिक सहयोग संगठन बैठक के बीच  चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने जम्मू कश्मीर का जिक्र किया, बैठक में बोले गए विवादों पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। भारत विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरविंद बागची ने बुधवार को विरोध जताते हुए कहा  कि  चीन के विदेश मंत्री वांग यी द्वारा भारत का अनावश्यक जिक्र किये जाने को खारिज करते हैं।

 भारतीय विदेश प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र शासित जम्मू कश्मीर से जुड़े  किसी भी प्रकार के मामले ‘‘पूरी’’ तरह से भारत के आंतरिक मामले हैं। जिन पर चीन समेत किसी भी देश को टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। सख्त लहजों में भारतीय प्रवक्ता ने कहा भारत किसी भी देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता और न ही उन पर सार्वजनिक रूप से बोलता है। ये उन देशों को समझना चाहिए कि किसी भी देश के आंतरिक मामलों में सार्वजनिक बयानबाजी न की जाए। 

वांग  मंगलवार को पाकिस्तान दौरे पर थे जहां उन्होंन ओआईसी मीटिंग में भारत के कश्मीर पर विवादित टिप्पणी की थी, वांग यी ने बैठक में कहा था, ‘ कश्मीर पर, हमने  अपने इस्लामिक मित्रों की बातें सुनी, चीन भी यही उम्मीद साझा करता है,  जिसका भारत ने कड़ा विरोध जताया।इसी सिलसिले में चीन के विदेश मंत्री वांग आज गुरूवार को भारत दौरे पर दिल्ली पुहंचे। 

भारत में उतरने से पहले, वांग यी ने काबुल में एक अनिर्धारित स्टॉप बनाया और अफगानिस्तान के नए तालिबान शासकों से मुलाकात की, कथित तौर पर राजनीतिक संबंधों के विस्तार, आर्थिक और पारगमन सहयोग सहित कई मुद्दों पर, समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने बताया। वांग यी की अफगान यात्रा अफगानिस्तान में व्लादिमीर पुतिन के विशेष दूत ज़मीर काबुलोव के काबुल दौरे के साथ हुई।

भारत और चीन के बीच संबंध जून 2020 में और तनावपूर्ण हो गए, जब दोनों देशों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख के गालवान में भिड़ गईं। हालांकि, कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य स्तर की वार्ता के बाद दोनों पक्षों की ओर से इस क्षेत्र में तनाव कम हुआ है। पूर्वी लद्दाख में घर्षण के शेष क्षेत्रों में मुद्दों को हल करने के लिए दोनों देशों के बीच 15 मार्च को उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता का 15वां दौर आयोजित किया गया था। दोनों देशों को अभी तक यथास्थिति में नहीं लौटना है जो 2020 की झड़पों से पहले मौजूद थी जिसमें 20 भारतीय और कई चीनी सैनिक मारे गए थे। द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा के लिए विदेश मंत्रियों ने पिछले दो वर्षों में भारत के बाहर कई बार मुलाकात की है।

कश्मीरी पंडितों को न्याय दिलाने के लिए 32 साल बाद सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई याचिका

कश्मीर पंडितों के नरसंहार के 32 साल बाद गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय में न्याय के लिए गुहार लगाई गई।  कश्मीरी पंडितों के एक संगठन ने 1989-90 में कश्मीरी पंडितों की कथित तौर पर सामूहिक हत्या और नरसंहार में न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक क्यूरेटिव पिटिशन दायर की है।

नयी दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट :

कश्मीरी पंडितों के संगठन “रूट्स इन कश्मीर” ने आज सुप्रीम कोर्ट में एक क्यूरेटिव याचिका दायर कर 1990 के दशक के दौरान घाटी में चरमपंथ के दौरान कश्मीरी पंडितों की हत्याओं की जांच की मांग की है। क्यूरेटिव पिटीशन सुप्रीम कोर्ट के 2017 के उस फैसले के खिलाफ दायर की गई है, जिसने लंबी देरी का हवाला देते हुए जांच के लिए संगठन की याचिका को खारिज कर दिया था।

अपनी और अपने परिजनों की जान बचाने के लिये आज से तीन दशक पहले अपने घरों से पलायन के लिये मजबूर हुये कश्मीर पंडित तीन दशक से भी अधिक समय से न्याय का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। कश्मीरी पंडितों के लिये 19 जनवरी 1990 की रात ऐसी है, जिसे वे ताउम्र नहीं भूल सकते हैं।

हर साल कश्मीर को लेकर व्यर्थ की बहसें होती हैं, आभासी दुनिया में बहसबाजी होती है तथा टीवी चैनलों पर आरोप और प्रत्यारोपों का दौर चलता है कि नहीं इसके लिये जगमोहन जिम्मेदार थे, तो नहीं इसके लिये फारुख अब्दुल्ला जिम्मेदार थे। ये सभी बहसें एक दिन में फिर अतीत का हिस्सा बनकर रह जाती हैं। इसी के बीच 11 मार्च को विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित द कश्मीर फाइल्स रिलीज होती है और सिल्वर स्क्रीन पर धूम मचा देती है।

इसके बाद एक बार फिर चचार्ओं का एक दौर शुरू हो जाता है लेकिन इन चर्चाओं से एक मुख्य बिंदु अब भी नदारद होता है और वह है- न्याय। लेकिन इस बार कुछ अलग था। फिल्म ने देश की सोई हुई चेतना को झकझोर कर रख दिया। इस फिल्म में कश्मीरी पंडितों के पलायन को बेहद बेबाक तरीके से दिखाया गया है। निर्देशक अग्निहोत्री का कहना है कि आतंकवाद के आगमन के बाद कश्मीर पर कई फिल्में बनायी गयीं लेकिन उनमें आमतौर पर आतंकवाद को रोमांटिक रूप दिय किया और उन्होंने कभी भी कश्मीरी हिंदुओं पर हुये अत्याचार की बात नहीं की।

इसमें कोई शक नहीं कि फिल्म ने देशवासियों को यह दिखाया कि कश्मीर की हसीं वादियों में 80 के दशक के अंत और 90 के दशक की शुरूआत में क्या-क्या हुआ था। लेकिन क्या कोई फिल्म आतंकवाद प्रभावित अल्पसंख्यक समुदाय को न्याय दिला पायेगी? अग्निहोत्री ने अपनी भूमिका निभा दी है लेकिन अब गेंद सरकार के पाले में है और यह हमेशा से सरकार के ही पाले में थी। इस घटना को तीन दशक से अधिक समय बीत चुका है जब कश्मीर के मूल निवासियों को क्रूर अत्याचारों का सामना करना पड़ा। तो अब इन मामलों की पड़ताल क्यों न की जाये?

आईएएनएस ने इसी मसले को लेकर कुछ कानूनविदों से बात की जिससे कश्मीरी पंडितों को न्याय दिलाने का रास्ता सुगम हो सके । सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय कहते हैं, यह एक तथ्य है कि कश्मीरी पंडितों का अपहरण किया गया, उन पर हमला किया गया, बर्बर तरीके से बलात्कार किया गया, बेरहमी से हत्या की गयी और उनका नरसंहार हुआ। इस घटना को अगर 30 साल बीत गये तो क्या होगा? अब जहां तक न्याय के अधिकार का सवाल है, तो इसकी कोई समय सीमा नहीं होती है।

उपाध्याय ने आईएएनएस से कहा कि कश्मीर में हिंदू नरसंहार के पीड़ितों को पहले उस राज्य के प्रमुख यानी जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से संपर्क करना चाहिये। उन्होंने कहा, यह अधिक उपयुक्त होगा यदि पीड़ित सामाजिक कार्यकतार्ओं या नेताओं के बजाय सीधे एलजी से संपर्क करें। उपाध्याय ने कहा कि कश्मीरी पंडितों को जम्मू-कश्मीर एलजी से एनआईए से इस घटना की जांच कराने की मांग करनी चाहिये। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि यह सबसे प्रभावी जांच होगी क्योंकि वहां बड़े पैमाने पर हिंसा हो रही है और विदेशी फंडिंग हो रही है।

उपाध्याय ने कहा कि कश्मीरी पंडित अब देश के अलग-अलग हिस्से में बस गये हैं और अगर वे एलजी से मिलने में सक्षम नहीं हैं तो वे कम से कम एक मेल भेज सकते हैं। उन्होंने कहा, अगर एलजी उन्हें जवाब नहीं देते हैं या उनके अनुरोध पर कार्रवाई नहीं करते हैं, तो उन्हें सीधे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिये। उन्होंने कहा कि अगर हाईकोर्ट भी उन्हें कोई राहत नहीं देता है तो वे सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं। उपाध्याय ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट में कश्मीर नरसंहार का मामला बिना फीस के लड़ने के लिये तैयार हैं। उपाध्याय कहते हैं कि पंडित समुदाय के प्रत्येक सदस्य को शारीरिक क्रूरता का सामना नहीं करना पड़ा लेकिन फिर भी पलायन का उन पर अलग-अलग प्रभाव पड़ा। उन्होंने कहा,चोट हमेशा शारीरिक नहीं होती है बल्कि यह सामाजिक, वित्तीय और मानसिक आघात भी भी सकता है।

उन्होंने कहा, यहां तक कि जान से मारने की धमकी देना भी भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (आपराधिक धमकी के लिये सजा) के तहत एक अपराध है। वहां से सभी हिंदू पलायन कर गये क्योंकि उन्हें धमकी दी गयी थी। लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय का कोई सदस्य 30 साल बाद सबूत कैसे जुटायेगा? उपाध्याय इस पर कहते हैं, देखें साक्ष्य दो प्रकार के होते हैं: एक भौतिक साक्ष्य है और दूसरा परिस्थितिजन्य साक्ष्य है। न्याय करना अधिक महत्वपूर्ण हैं। अदालतें परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर भी न्याय कर सकती हैं। नार्को पॉलीग्राफ और ब्रेन मैपिंग को लेकर कोई कानून नहीं है लेकिन इसे एक असाधारण मामला मानते हुये अदालत आरोपियों का नार्को पॉलीग्राफ और ब्रेन मैपिंग टेस्ट कराने का निर्देश दे सकती है और उसके परिणाम के आधार पर अदालत फैसला सुना सकती है।

दिल्ली के एक अन्य वकील विनीत जिंदल ने आईएएनएस से बात करते हुये कहा कि पंडित समुदाय के लोग, जो अब विस्थापित हो चुके हैं और वर्तमान में देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे हैं, वे भी जीरो एफआईआर के विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक जीरो एफआईआर में सीरियल नंबर नहीं होता है, इसके बजाय इसे 0 नंबर दिया जाता है। यह उस क्षेत्र की परवाह किये बिना पंजीकृत होता है, जहां अपराध किया गया है। कोई भी पुलिस स्टेशन जीरो एफआईआर दर्ज करने के बाद मामले को उस क्षेत्राधिकार वाले पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर देता है, जहां अपराध हुआ है।

अधिवक्ता जिंदल, जो एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं, उन्होंने अभी एक दिन पहले राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को पत्र लिखकर कश्मीरी पंडितों के नरसंहार से जुड़े मामलों को फिर से खोलने और अब तक दर्ज मामलों की पूरी जांच के लिये एक विशेष जांच दल गठित करने की मांग की थी। जिंदल ने आईएएनएस से कहा, सरकार को उन पीड़ितों को एक मंच प्रदान करना चाहिये जो उस समय की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण उस विशेष समय में अपने मामलों की रिपोर्ट करने में असमर्थ थे।

उन्होंने कहा कि 215 प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं और मामलों की जांच जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा की गयी है लेकिन जांच से कोई ठोस परिणाम नहीं निकला। उन्होंने कहा, इसलिए, यह निश्चित रूप से एक संदेह पैदा करता है कि इन प्राथमिकियों के लिये किस तरह की जांच की गयी। केंद्र सरकार भी पीड़ितों के परिवारों के लिये न्याय सुनिश्चित करने में विफल रही। इस बीच पंडित समुदाय हालांकि, इस तथ्य से संतुष्ट है कि कम से कम उनके उत्पीड़न की कहानी अब लोगों से छिपी नहीं है लेकिन फिर भी न्याय का इंतजार अभी बाकी है।

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने एक श्याम शहीदों के नाम कार्यक्रम में की शिरकत

  • शहीद भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरू की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया शहीदों को नमन
  • स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों और बहादुरी पूर्वक कार्य करने वाली महिलाओं को मोमैंटो देकर किया सम्मानित

पंचकूला, 24 मार्च :

एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने चंडीगढ़ सेक्टर-10 की आर्ट गैलरी एवं म्युजियम में आचार्यकुल एवं स्वतंत्रता सैनानी उतराधिकारी समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने सर्वप्रथम शहीद भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरू की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और शहीदों को नमन किया। गुप्ता ने आचार्यकुल एवं स्वतंत्रता सेनानी समिति को 2 लाख 51 हजार रुपये देने की घोषणा की।  

इस अवसर पर आचार्यकुल एवं स्वतंत्रता सैनानी उतराधिकारी समिति के अध्यक्ष, खादी सेवा संघ एवं कार्यक्रम के संयोजक श्री केके शारदा भी उपस्थित थे। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ने इस अवसर पर ’आओ भारत जोड़े’ नामक पुस्तक का भी विमोचन किया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में गुप्ता ने कहा कि शहीदों के लिये एक शाम ही नहीं बल्कि हर शाम शहीदों के नाम होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि आज शहीदों के बलिदान की बदौलत ही हम आजादी की हवा में सांस लें रहे है, यह हमारे लिये सौभाग्य की बात है। भगत सिंह, राजगुरू व सुखदेव और अन्य ऐसे युवा क्रांतिकारियों ने भरी जवानी में अपना बलिदान देकर ही अंग्रेजों को देश छोड़ने पर मजबूर किया और आजाद भारत के सपने को साकार किया।


मेरा रंग दें बंसती चोला जैसे गीतों को गुनगुनाते हुये इन तीनों शहीदों ने भरी जवानी में फांसी के फंदे को हंसते हंसते गले में डालकर देश पर न्यौछावर हो गये। उन्होंने कहा कि हमें अपनी युवा पीढ़ी को भी देश के लिये बलिदान देने वाले लाखों शहीदों के बलिदानों के बारे में बताना चाहिये ताकि वे इन शहीदों द्वारा दिये गये बलिदान से प्रेरणा लें सके।

उन्होंने आगे कहा कि मैं भारत की सीमाओं पर माईनस 30 डिग्री ठंड में देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले उन सैनिकों को भी सैल्यूट करता हूं जो बार्डर पर दिन रात कड़े कष्टों में पेहरा देकर देशवासियों की सुरक्षा को सुनिश्चित कर रहे है। उन्होंने कहा कि पंचकूला के सभी 18 सामुदायिक केंद्रों का नाम देश पर न्योछावर होने वाले शहीदों के नाम पर रखने का निर्णय लिया है और इनमें से दो सामुदायिक केंद्रों का नामकरण शहीदों के नाम पर किया जा चुका हैं।

इस अवसर पर गुप्ता ने स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों और बहादुरी के कार्य करने वाली महिलाओं को मोमैंटो देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों की वजह से ही देश को आजादी मिली है और इनके परिवारों का हम सभी को ऐसे कार्यक्रम का आयोजन कर सम्मान करना चाहिये। इस अवसर पर अरूण पाल म्यूजिकल ग्रुप ने देशभक्ति के गीत गाकर दर्शकों को भाव विभोर कर दिया।

इस अवसर पर उन्होंने प्रो. एवं इतिहासकार एमएम जुनेजा, चंडीगढ प्रेस क्लब के प्रधान नलिन आचार्य, पूर्व डीजीपी हरियाणा वीके कपूर, जगदीश भगत सिंह, केके शारदा सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों को शाॅल व मोमेंटो से सम्मानित किया। इस अवसर पर एंकर शालिनी एवं अरूण पाल म्यूजिकल ग्रुप को भी स्पीकर ने मोमेंटो देकर सम्मानित किया।

हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने आॅल इंडिया सिविल सर्विसेज़ बेडमिंटन र्टूनामेंट 2021-22 का ध्वजारोहण कर किया शुभारंभ

  • बेडमिंटन टूर्नामेंट में विभिन्न राज्यों के 500 खिलाड़ी ले रहे हैं भाग
  • पुरूष वर्ग की 30 और महिला वर्ग की 39 टीमें प्रतियोगिता मे ले रही हैं भाग

पंचकूला, 24 मार्च :

हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने आज हरियाणा खेल एवं युवा मामले विभाग द्वारा सेक्टर 3 स्थित ताउ देवी लाल स्टेडियम के मल्टी पर्पज़ हाॅल में आयोजित आॅल इंडिया सिविल सर्विसेज़ बेडमिंटन र्टूनामेंट 2021-22 का ध्वजारोहण कर विधिवत रूप से शुभारंभ किया।

इस अवसर पर खेल एवं युवा मामले विभाग के निदेशक पंकज नैन व भारत सरकार द्वारा आॅल इंडिया सिविल सर्विसेज़ बेडमिंटन र्टूनामेंट 2021-22 के लिए नियुक्त आब्र्जवर अश्वनी कुमार भी उपस्थित थे। बेडमिंटन टूर्नामेंट विभिन्न राज्यों के 500 खिलाड़ियों भाग ले रहे हैं। यह बेडमिंटन टूर्नामेंट 24 मार्च से 30 मार्च तक आयोजित की जा रही है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री कौशल ने सभी खिलाड़ियों को बधाई व शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आॅल इंडिया सिविल सर्विसेज़ बेडमिंटन र्टूनामेंट 2021-22 हरियाणा में तीन बार आयोजित हो चुके हैं और पंचकूला को पहली बार इस टूर्नामेंट की मेज़बानी का अवसर मिला है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि खेल विभाग के अधिकारी इस टूर्नामेंट के सफल आयोजन के लिए पूरी मेहनत करेंगे।

उन्होंने अपने युवा अवस्था की यादों को सांझा करते हुए बताया कि वे भी 14 वर्ष की आयु में सब जुनियर बेडमिंटन प्रतियोगिता के विजेता रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके पिता जी भी एक अच्छे खिलाड़ी रहे हैं। वे राजपुताना जैव्लियन की छह टीमों के कप्तान थे और पिलानी इंजिनियरिंग काॅलेज से वे इंजिनियरिंग के सैकिंड टाॅपर भी रहे।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की पारदर्शी खेल नीति अन्य राज्यों की तुलना में सर्वश्रेष्ठ है। ओलंपिक, काॅमनवैल्थ व राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर की विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में मेडल हासिल करने वाले खिलाड़ियों को हरियाणा सरकार द्वारा करोड़ों रूपए के नकद ईनाम देकर सम्मानित किया जाता है।

खेल एवं युवा मामले विभाग के निदेशक पंकज नैन ने मुख्य सचिव का स्वागत करते हुए उन्हे आश्वासन दिलाया कि खेल एवं युवा मामले विभाग द्वारा आॅल इंडिया सिविल सर्विसेज़ बेडमिंटन र्टूनामेंट 2021-22 में आए खिलाड़ियों की सुविधाओं के लिए हर संभव प्रयास किये जाएंगे और टूर्नामेंट के सफल आयोजन के लिए अधिकारी व कर्मचारी पूरी निष्ठा एवं लग्न से कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि बेडमिंटन टूर्नामेंट में पुरूष वर्ग की 30 टीमें और महिला वर्ग की 39 टीमें भाग ले रही हैं।

विवेक पदम सिंह, सदस्य सचिव पिछड़ा वर्ग कमेटी ने भी इस टूर्नामेंट के प्रतिभागी के रूप में हिस्सा लिया।
इस अवसर पर कलाकारों द्वारा रागनी और हरियाणवी लोक नृत्य की प्रस्तुतियां भी दी।

 खेल एवं युवा मामले विभाग के उप निदेशक सतबीर सिंह, उप निदेशक राकेश पांडेय, गौरव चैहान, जिला खेल अधिकारी अमरजीत सिंह सहित काफी संख्या में कोच और खिलाड़ी उपस्थित थे।  

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने चैत्र नवरात्र मेले के आयोजन को लेकर बैठक की करी अध्यक्षता

  • मेले में प्लास्टिक कैरीबैग के प्रयोग पर हो पूर्ण प्रतिबंध-गुप्ता
  • लक्षमी धर्मशाला में अतिरिक्त डिस्पेंसरी की करी जाए व्यवस्था
  • दूषित जल से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए टंकीयों की उचित साफ-सफाई की जाए सुनिश्चित-गुप्ता

पंचकूला, 24 मार्च :

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने आज 2 अप्रैल से 10 अप्रैल तक आयोजित होने वाले चैत्र नवरात्र मेले के आयोजन को लेकर माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड के बैठक कक्ष में आयोजित बैठक की अध्यक्षता की तथा विभिन्न विभागों के अधिकारियों को 30 मार्च तक सभी आवश्यक तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिये।
बैठक में उपायुक्त एवं श्री माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड के मुख्य प्रशासक श्री महावीर कौशिक, अतिरिक्त उपायुक्त आयूष सिन्हा तथा बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अशोक कुमार बंसल भी उपस्थित थे।

मेले में प्लास्टिक कैरीबैग के प्रयोग पर हो पूर्ण प्रतिबंध

ज्ञानचंद गुप्ता ने निर्देश दिये कि मेले के दौरान प्लास्टिक कैरीबैग के इस्तेमाल पर पूर्णतः अंकुश लगाने के लिए हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा दुकानदारों को जागरूक करने के लिए एक अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत दुकानदारों को प्लास्टिक कैरीबैग का उपयोग न करने के लिए प्रेरित करें और वर्तमान में पोलिथीन के स्टाॅक के खत्म होने उपरांत नया स्टाॅक न खरीदने की सलाह दें। यदि फिर भी प्लास्टिक कैरीबैग का प्रयोग पाया जाए तो संबंधित दुकानदार का चालान किया जाए। हालांकि उन्होंने कहा कि मकसद चालान करना नहीं बल्कि प्लास्टिक के प्रयोग पर अंकुश लगाना है। उन्होंने कहा कि उन्होंने पंचकूला को स्वच्छ, सुंदर और हरा-भरा बनाने के लिए सात सरोकार दिये हैं जिसमें शहर को पोलिथीन मुक्त बनाना भी शामिल है। श्री गुप्ता ने कहा कि केन्द्र सरकार ने 30 जुलाई 2022 के पश्चात प्लास्टिक कैरीबैग के उत्पादन पर रोक लगा दी है।

मनसा देवी मंदिर व काली माता मंदिर कालका में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए अतिरिक्त जैनसैट की करें व्यवस्था

गुप्ता ने निर्देश दिये कि गरमी के मौसम को देखते हुए मेले के दौरान माता मनसा देवी मंदिर व काली माता मंदिर कालका में 24 घंटे बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग मंदिर परिसर में बिजली की आवश्यकता का आंकलन करे और अगर आवश्यकता हो तो अतिरिक्त जैनसैट की व्यवस्था की जाए ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।

लक्षमी धर्मशाला में अतिरिक्त डिस्पेंसरी की करी जाए व्यवस्था

गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंदिर की लाईब्रेरी में स्थित डिस्पेंसरी के अलावा लक्षमी धर्मशाला में भी एक अतिरिक्त डिस्पेंसरी की व्यवस्था की जाए और वहां शिफ्ट के अनुसार 24 घंटे डाॅक्टरों की टीम की तैनाती की जाए। इसके अलावा मंदिर और डिस्पेंसरी के समीप एक-एक एंबुलेंस का प्रबंध किया जाए ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में मरीज़ को समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि नागरिक अस्पताल सेक्टर 6 में कम से कम 20 बैड आरक्षित रखें और साथ ही मनीमाजरा स्थित डिस्पेंसरी से भी नियमित संपर्क स्थापित करें।

दूषित जल से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए टंकीयों की उचित साफ-सफाई की जाए सुनिश्चित

उन्होंने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को निर्देश दिये कि गरमी के मौसम में दूषित जल से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए माता मनसा देवी मंदिर परिसर में लगी सभी पानी की टंकीयों की उचित साफ-सफाई की जाए। इसके अलावा मेले के दौरान  पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिदिन सुबह और शाम पानी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जाएं। इसी प्रकार उन्होंने निर्देश दिये कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी लंगर और प्रसाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सैंपल लेकर जांच के लिए भेजेंगे।

अनाबंटित बूथों की भी करवाई जाए साफ-सफाई

गुप्ता ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण तथा नगर निगम को सिंह द्वार से लेकर मुख्य मंदिर तक उनके अधिकार क्षेत्र में पड़ने वाली सड़कों की मरम्मत का कार्य 30 मार्च से पूर्व पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने एचएसवीपी को मंदिर परिसर में अवैध अतिक्रमण को हटाने क लिए की जा रही कार्रवाई को और तेज़ करने व अनाबंटित बूथों की साफ-सफाई करवाने के निर्देश दिये।

मेले के लिए पुलिस विभाग द्वारा 1100 पुलिस कर्मियों की लगाई गई है डियूटी

बैठक में बताया गया कि मेले को सुचारू रूप से आयोजित करने और बेहतर यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पुलिस विभाग द्वारा 1100 पुलिस कर्मियों की डियूटी लगाई गई है, जिसमें से 500 पुलिस कर्मी माता मनसा देवी मंदिर में आयोजित मेले के लिए तैनात किए जाएंगे। पुलिस विभाग द्वारा विभिन्न स्थानों पर 16 नाके लगाए जाएंगे। इसके अलावा पुलिस द्वारा माता मनसा देवी क्षेत्र को चार सेक्टरों में विभाजित किया गया है और प्रत्येक सेक्टर की निगरानी के लिए एक डीएसपी रेंक के अधिकारी की डियूटी लगाई गई है।

हरियाणा रोडवेज़ द्वारा श्रद्धालुओं को मंदिर तक लाने-लेजाने के लिए प्रयाप्त बसों की, की गई है व्यवस्था

बैठक में बताया गया कि  हरियाणा रोडवेज़ द्वारा श्रद्धालुओं को मंदिर तक लाने-लेजाने के लिए प्रयाप्त बसों की व्यवस्था की गई है। मेले के दौरान जिले के विभिन्न स्थानों से मंदिर आने-जाने के लिए बसें प्रतिदिन 120 चक्कर लगाएंगी और सप्तमी व अष्टमी को अधिक भीड़ होने की दृष्टिगत इनकी संख्या 150 तक बढा दी जाएगी। पहली बार रायपुररानी व बतौड़ से भी दो-दो बसें चलाई जाएंगी। इसके अलावा ज़ीरकपुर से 10 बसें व अंबाला की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सिंहपुरा बस स्टैंड से 10 बसें चलाई जाएंगी। इसके साथ ही कूहनी साहिब गुरूद्वारा के समीप अंडरपास से मनसा देवी मंदिर तक श्रद्धालुओं को लाने-लेजाने के लिए शटल बस सर्विस की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
बैठक में माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड की सचिव शारदा प्रजापति, काली माता मंदिर कालका के सचिव पृथ्वीराज, एसीपी यातायात राज कुमार, हरियाणा रोडवेज के महाप्रबंधक रविंदर पाठक, लोक निर्माण विभाग (भवन एवं सड़कें) के कार्यकारी अभियंता गौरव जैन, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कार्यकारी अभियंता विकास लाठर, नगर निगम पंचकूला के कार्यकारी अभियंता जसवंत सिंह, डीएफओ मोरनी बी.एस. राघव, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विरेन्द्र पुनिया तथा बोर्ड के सदस्यों में श्री अजय शर्मा, कमल सरूप अवस्थी, अमित जिंदल, बलकेश वत्स, हरबंस सिंगला, विशाल सेठ, नरेन्द्र जैन उपस्थित थे।

CM केजरीवाल ने टैक्स फ्री करने से किया इनकार, स्वरा-तापसी की फिल्मों को किया था TAX FREE लेकिन कहा ‘The Kashmir Files को यूट्यूब पर डाल दो’

दिल्ली में बीजेपी संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीरी पंडितों की बदहाली पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि कश्मीर के जिस सत्य को दबाने की कोशिश की गई थी, वह सच इस फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ में दिखाया गया है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इस फिल्म में कश्मीर का सच दिखाया गया है, सभी को फिल्म देखनी चाहिए और इस तरह की फिल्में आगे भी बनती रहनी चाहिए, जिससे सच सामने आ सके।

नयी दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट :

कश्मीरी पंडितों पर केंद्रित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर जारी सियासी घमासान थमता नहीं दिख रहा है। अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मसले पर बीजेपी पर तीखा हमला बोला है। 24 मार्च को विधानसभा में अरविंद केजरीवाल ने अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि ‘आज सारे देश में भारतीय जनता पार्टी गली-गली में एक पिक्चर के पोस्टर लगा रही है। क्या इसलिये राजनीति करने आए थे, पिक्चरों के पोस्टर लगाए? अपने बच्चों को क्या जवाब दोगे? बच्चे पूछेंगे कि क्या करते हो…पिक्चर के पोस्टर लगाता हूं।’

केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला।

केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ‘8 साल सरकार चलाने के बाद अगर किसी देश के प्रधानमंत्री को विवेक अग्निहोत्री के चरणों में शरण लेनी पड़े तो इसका मतलब उस प्रधानमंत्री ने कोई काम नहीं किया है। 8 साल खराब कर दिये। कह रहे हैं कि कश्मीर फाइल्स को फ्री करो…अरे यू-ट्यूब पर डाल दो, फ्री हो जाएगी। टैक्स फ्री क्यों करवा रहे हो। इतना ही शौक है तो विवेक अग्निहोत्री यूट्यूब पर डाल दे, सारे जने देख लेंगे एक ही दिन के अंदर। कश्मीरी पंडितों के नाम पर कुछ लोग करोड़ों-करोड़ कमा रहे हैं और तुम लोगों को पोस्टर लगाने का काम दे दिया। आंखें खोलो…।’

हालाँकि, इस बयान के बाद अब दिल्ली के मुख्यमंत्री को लोग पुराने फैसले याद दिलाते हुए घेर रहे हैं। बता दें कि 22 अप्रैल, 2016 को उन्होंने स्वरा भास्कर की फिल्म ‘निल्ल बटे सन्नाटा’ को टैक्स फ्री करने की घोषणा करते हुए कहा था कि सभी लोगों को ये मूवी ज़रूर देखनी चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने तापसी पन्नू की फिल्म ‘साँड की आँख’ को भी 25 अक्टूबर, 2019 को टैक्स फ्री करने की घोषणा करते हुए कहा था कि सभी उम्र और जेंडर के लोगों को ये देखनी चाहिए। यह

वास्तविक बात है कि यह दोनों अभिनेत्रियाँ राष्ट्रवाद के खिलाफ हैं और स्पष्टता से भाजपा विरोधियों ए साथ हैं। स्वरा तो बिना जाने हुए भी संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ बहुत आगे आई। स्वरा भास्करर ने पूर्वी दिल्ली से आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी आतिशी के पक्ष में शास्त्री पार्क में फिल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर और गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी ने रोड शो किया। इन दौरान स्वरा ने आतिशी के पक्ष में मतदान करने की अपील की।

बता दें कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने भारत में 200 करोड़ रुपए से भी अधिक कमा लिए हैं। दुनिया भर में इस फिल्म का प्रदर्शन शानदार रहा है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, असम, कर्नाटक, बिहार, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड और त्रिपुरा जैसे राज्यों में इसे टैक्स फ्री का दर्जा दे दिया गया है। फिल्म की धुआँधार कमाई अब भी जारी है। इस फिल्म में अनुपम खेर, दर्शन कुमार, मिथुन धकरवर्ती, पल्लवी जोशी और पुनीत इस्सर मुख्य भूमिकाओं में हैं।

क्या सरकार बनने पर उत्तराखंड में ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ लागू कर पाएंगे पुष्कर सिंह धामी ?

यूनिफॉर्म सिविल कोड या समान नागरिक संहिता का मतलब है विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे विषयों में सभी नागरिकों के लिए एक जैसे नियम होना। दूसरे शब्दों में कहें तो परिवार के सदस्यों के आपसी संबंध और अधिकारों को लेकर समानता होना। जाति-धर्म-परंपरा के आधार पर कोई रियायत ना मिलना। इस वक़्त हमारे देश में धर्म और परंपरा के नाम पर अलग नियमों को मानने की छूट है। जैसे – किसी समुदाय में पुरुषों को कई शादी करने की इजाज़त है तो कहीं-कहीं विवाहित महिलाओं को पिता की संपत्ति में हिस्सा न देने का नियम है।

देहरादून(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट :

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता की जो घोषणा की थी, अब दोबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद धामी इस पर काम करेंगे। सोमवार को विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि यूनिफार्म सिविल कोड के लिए जल्द ही प्रक्रिया शुरू करेंगे।

पुष्कर सिंह धामी की इस घोषणा से विपक्षी दलों के सामने इसको काटने या राजनीतिक मैदान में इस पर अपनी राय रखने का अधिक मौका नहीं मिल पाएगा। समान नागरिक संहिता भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे में शामिल रही है। ऐसे में पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर सरकार बनने की स्थिति में इसकी घोषणा कर बड़ा खेल किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जल्द से जल्द समान नागरिक संहिता लागू करने से राज्य में सभी वर्ग के लोगों के लिए समान अधिकारों को बढ़ावा मिलेगा। यह सामाजिक सद्भाव को बढ़ाएगा। लैंगिक न्याय को बढ़ावा देगा। महिला सशक्तिकरण को मजबूत करेगा। राज्य की असाधारण सांस्कृतिक-आध्यात्मिक पहचान और पर्यावरण की रक्षा करने में मदद करेगा।

सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश में नई भारतीय जनता पार्टी के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी। कमेटी तमाम मसलों पर बात करेगी। समान नारिक संहिता के तहत सभी लोगों के लिए विवाह, तलाक, जमीन, संपत्ति और विरासत के संबंध में एक समान कानून व्यवस्था का लाभ मिलेगा। इसमें धर्म या आस्था से कोई मतलब नहीं होगा। पुष्कर सिंह धामी ने इसके साथ ही चुनावी मैदान में एक नई बहस को छेड़ दिया है। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से उठने वाला समान नागरिक संहिता का यह मामला निश्चित तौर पर उत्तर प्रदेश और पंजाब विधानसभा चुनाव के मैदान में भी एक बड़े मुद्दे के रूप में दिख सकता है।

पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हम जो घोषणा कर रहे हैं, वह हमारी पार्टी का संकल्प है। भाजपा की नई सरकार बनते ही इसे पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘देवभूमि’ की संस्कृति और विरासत को अक्षुण्ण रखना हमारा परम कर्तव्य है। हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं। खटीमा में उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता उन लोगों के सपनों को साकार करने की दिशा में एक कदम होगा, जिन्होंने हमारे संविधान को बनाया। संविधान की भावना को मजबूत किया। यह सभी नागरिकों के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड प्रदान करने वाले अनुच्छेद 44 की दिशा में भी एक प्रभावशाली कदम होगा।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अगली सरकार बनने की स्थिति में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर बनने वाली कमेटी के बारे में भी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि नई भाजपा सरकार के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद न्यायविदों, सेवानिवृत लोगों, प्रबुद्ध लोगों और अन्य विशेषज्ञों को मिलाकर एक कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी प्रदेश के लोगों के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों को समान नागरिक अधिकार देने का प्रयास किया जा रहा है। यूनिफॉर्म सिविल कोड के बनने से नागरिकों को समान अधिकारों का बल मिलेगा।

Panchkula Police

Police Files, Panchkula – 24 March -22

सीसीटीवी के द्वारा निगरानी करते हुए 2983 वाहनो पर किया जुर्माना

  • ट्रैफिक पुलिस नें ट्रैफिक नियमों की पालना करनें बारें की अपील ।

पचंकूला 24 मार्च :- 

पुलिस प्रवक्ता नें जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस उपायुक्त पचंकूला मोहित हांडा के निर्देशानुसार, सीसीटीवी मोंटिरिंग टीम के द्वारा जिला पचंकूला में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघना करनें वालों पर कडी कार्यवाई की जा रही है जिस कार्यवाई के तहत जिला पचंकूला में अलग-2 स्थानों लगे डिजिटल कैमरो के द्वारा निगरानी की जा रही है जो निगरानी के दौरान ट्रैफिक नियमों की उल्लंघना करनें वालों पर कडी कार्यवाही की जा रही है जिस कार्यवाही में पुलिस द्वारा माह जनवरी-फरवरी में 2983 ट्रैफिक वाहन चालको के ट्रैफिक नियमों की उल्लंघना करनें वालों पर 252500/- रुपये का जुर्माना किया गया है जो सभी वाहन चालको के चालान सीधा घर पर भेजा गया है जो आनलाईन चालान है जब तक आप इस चालान की राशि अदा नही करते हो तो आपका चालान राज्य यातायात विभाग की वैबसाईट पर आनलाईन पेन्डिग दिखायेगा और तब की आप अपनें वाहन का रजिस्ट्रेशन व रिनियु रजिस्ट्रेशन नही करवा सकतें ।

ट्रैफिक पुलिस पचंकूला की सभी वाहन चालको से अपील है कि वे सभी ट्रैफिक नियमों की पालना करके खुद सुरक्षित रखें औऱ ट्रैफिक में वाहन चलाते समय प्राथमिक सुरक्षा कवच हेलमेट व सीट बैल्ट का प्रयोग करें ।

साइबर अपराधियों से हर पल रहें अलर्ट :- इन्चार्ज साईबर सैल पंचकूला

  • साईबर अपराध होनें पर तुरन्त डॉयल करें 1930 ।

पचंकूला 24 मार्च :- 

पुलिस प्रवक्ता नें जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस उपायुक्त पचंकूला के निर्देशानुसार,साईबर सेल पचंकूला इन्चार्ज उप.नि. इन्द्र सिंह नें जानकारी देते हुए बताया कि आज की डिजिटल जिन्दगी में काम तो तेजी से होनें लगें है परन्तु इसके साथ ही हम साईबर धोखाधडी में फँस कर अपना पैसा गंवा देते है इस लिए खुद को जागरुक करें और क्योकि साईबर क्रिमनल या तो वह आपकी मजबूरी का फायदा उठाकर आपको अपनी बातों में लेकर आपके साथ धोखाधडी करेगा या फिर वह आपको लालच देगा । इसलिए इस प्रकार से साईबर अपराधियो से बचनें के लिए खुद को जागरुक करें औऱ किसी भी फोन काल या एसएमएस पर कोई भी निजी, बैंक खाते और रजिस्टर मोबाइल नंबर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी बिल्कुल न दें ।

इन्हीं हालात को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने साइबर सेल और फोरेंसिक टीम से फीड बैक लेने के बाद जागरूकता अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत जो एडवाइजरी जारी की गई है। उसमें 20 से भी अधिक सावधानियां बरतने को कहा गया है।

इन प्रमुख बिंदुओं के साथ जारी की गई एडवाइजरी

  • काल, एसएमएस या अन्य माध्यम से ओटीपी, यूपीआई आईडी, एम-पिन, एटीएम पिन किसी को शेयर न करें
  • किसी के भी कहने पर रिमोट एक्सेस एप जैसे क्विक सपोर्ट, एनी डेस्क, टीम व्यूवर, एयरड्रॉड आदि को लिंक से डाउनलोड या शेयर न करें
  • किसी अनजान के संदेश पर किसी लिंक या एप को फारवर्ड भी न करें, बिना गार्ड, ब्लॉक स्क्रीन वाली एटीएम का प्रयोग करने से बचें।
  • एटीएम कार्ड का पिन, आनलाइन वॉलेट के पासवर्ड हर सप्ताह में बदलते रहें और निजी स्तर पर उन्हें लिखकर भी रखें ।
  • सोशल साइटों या एप्लीकेशंस के माध्यम से आनलाइन शापिंग करने के दौरान रिक्वेस्ट मनी आप्शन के प्रयोग से बचें
  • एनईएफटी-आरटीजीएस का बेहद जरूरत पड़ने पर ही प्रयोग करें और कोई भी लेनदेन करने के बाद बैंक की शाखा, लेनदेन कर्ता या प्रतिनिधि से मैनुअली कंफर्म जरूर करें।
  • सोशल साइटों या एप्स पर चेट के माध्यम से किसी खाते का नंबर, कस्टमर आईडी, रजिस्टर मोबाइल नंबर या पासवर्ड शेयर करने से जरूर बचें।
  • सोशल साइटों पर आपत्तिजनक या विवादित सामग्री डालने, ब्लैकमेलिंग या किसी की छवि को नुकसान करने से बचें, अन्यथा कड़ी कार्रवाई होगी ।
  • साइबर क्राइम का शिकार होने पर निकट के पुलिस थाने से लेकर साइबर सेल की टीम से संपर्क करें । शिकायत करने में देरी न करें । अन्यथा अपराधी तक पहुंचने में मुश्किल हो सकती है ।
  • हर लेनदेन और इंक्वायरी प्रोसेस का मैनुअल रिकार्ड भी रखें ताकि साइबर क्राइम का शिकार होने पर पुलिस या अन्य जांच टीम की मदद की जा सके।
  • इस सम्बन्ध में इन्चार्ज साईबर सेल नें कहा कि रोजाना की सोशल लाइफ और आनलाइन लेनदेन के समय जागरूक रहने औऱ दूसरो को भी साईबर अपराधो से बचनें हेतु

जागरुक करनें से 70 से 80 फीसदी साईबर अपराध कम हो जाते है । और अगर आपके साथ किसी प्रकार की कोई धोखाधडी होती है तो तुरन्त साईबर कम्लैंट पोर्टलhttps://cybercrime.gov.in/ और साईबर हेल्पलाईन न. 1930 पर अपनी शिकायत दर्ज करवाये और इसके अलावा आप थाना में जाकर स्थापित साईबर हैल्प डैस्क की भी मदद ले सकते है ।

मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को सड़कों के रख-रखाव की नियमित निगरानी करने के निर्देश दिए

डेमोरेटिक फ्रंट संवाददाता, शिमला :

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में आज शिमला से लोक निर्माण विभाग की बैठक वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गई। बैठक में उन्होंने सड़कों की स्थिति पर चिन्ता व्यक्त करते हुए अधिकारियों विशेषकर मुख्य अभियन्ताओं तथा अधीक्षण अभियन्ताओं को नियमित रूप से फील्ड का दौरा कर प्रदेश की सड़कों के रख-रखाव की प्रगति की समीक्षा के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य अभियन्ता अपने जोन में हो रहे सड़कों के रख-रखाव की प्रगति की निरंतर निगरानी कर उच्च अधिकारियों को समय-समय पर इस सम्बन्ध में सूचित करते रहें। उन्होंने कहा कि सड़कों को पक्का करने के कार्यों की निविदाओं में किसी भी प्रकार के विलम्ब को गम्भीरता से लिया जाएगा तथा इसके दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सड़कों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, जिससे यात्रियों को असुविधा न हो।

जय राम ठाकुर ने सड़कों को प्रदेश की जीवन रेखाओं की संज्ञा देते हुए कहा कि पहाड़ी भौगोलिक परिस्थितियों के कारण प्रदेश में आवागमन के सीमित साधन हैं, जिसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार सड़क निर्माण तथा इसके रख-रखाव पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को समय-समय पर नवीनीकरण, पैचवर्क और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, नाबार्ड और अन्य सड़कों की टारिंग करके सड़कों की स्थिति में सुधार के लिए गम्भीर प्रयास करने के निर्देश दिए ताकि लोगों को सुविधा मिल सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक निर्माण विभाग ने राज्य और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों के लिए निर्धारित लक्ष्यों में से वार्षिक रख-रखाव योजना 2021-22 के अन्तर्गत 75 प्रतिशत लक्ष्य को हासिल कर लिया है, जिस पर 228 करोड़ रुपये खर्च कर 1798 किलोमीटर सड़कों पर कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कों के रख-रखाव और अन्य संबंद्ध गतिविधियों के लिए वार्षिक रख-रखाव योजना 2022-23 के अन्तर्गत 1950.59 किलोमीटर सड़कों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि बिटुमिन गतिविधियों के लिए राज्य में 131 संयंत्र हैं, जिनमें से 63 संयंत्रों ने कार्य करना शुरू कर दिया है। उन्होंने अधिकारियों को शेष संयंत्रों को शीघ्र अति शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए ताकि लोगों को यात्रा के दौरान किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो।

प्रधान सचिव लोक निर्माण सुभासीष पंडा ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि निर्धारित समयावधि में लक्ष्य प्राप्त करने के प्रयास किये जायेंगे।

बैठक में मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव राम सुभग सिंह व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे जबकि विभाग के मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता और कार्यकारी अभियंताओं ने वर्चुअल माध्यम से अपने-अपने स्थान से बैठक में भाग लिया।

7 DAYS NSS SPECIAL CAMP

          Chandigarh 24TH March,2022,

Taking into consideration all the COVID-19 protocols and SOPs issued by the Government of India, the NSS Units of Dr. Sapna Nanda Government College of Yoga Education and Health, Sector 23 Chandigarh (U.T) kick-started the Seven Day NSS Special Camp on 24th March 2022.  

          First Session (Inauguration): The inauguration commenced at 10:30 am in the hall in the presence of Chief Guest Dr. Ashwani Koul, NSS Programme Coordinator, Panjab University, Chandigarh; Dr. Sapna Nanda – Principal Government College of Yoga Education and Health, NSS Programme Officer – Ms. Rajwant Kaur. The Programme commenced with lamp lighting followed by Mantra chanting by the 50 NSS Volunteers of the college. In her address Principal Madam giving an overview of the so-far achievements of our college. After that NSS song was sung by all the volunteers. Program officer shared the rules and regulations of the camp. During the event, volunteers performed yoga demonstration which was prepared under the guidance of Mr. Roshan Lal, Yoga Instructor. In his presidential address Chief Guest addressed the volunteers sharing an important glimpse about one’s life decisions. On the conclusion of inauguration session Vote of thanks was proposed by Dr. Mohinder Kumar to the Chief Guest as well as Staff and all NSS Volunteers.

          In the second session, Motivational lecture was given by Mr. Rohit kumar Founder of the NGO Swarmani. In the third session, Lecture was given by Dr. Ravneet Chawla an Associate Professor from Government College of Education, Sector 20, Chandigarh who shared her views on “Values of NSS Volunteer”.

          In the last session, an essay writing competition was organized for the volunteers to participate in competition on the topic “Prevention of Ozone layer” which was conducted by Mr. Kulwant Singh, In-charge, YogEco club of the college followed by the tea to all the volunteers. This programme will be uploaded soon on the college YouTube Channel i.e. GCYEH.