कॉंग्रेस की हार मचा रार, जाखड़ अंबिका सोनी और चरणजीत चन्नी पर भड़के कहा-उनका लालच पार्टी को नीचे ले आया

पांच राज्यों में मिली करारी हार पर रविवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में मंथन हुआ था। इस दौरान पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने और राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के इस्तीफे की पेशकश की थी हालांकि पार्टी ने उनसे संगठनात्मक चुनाव पूरे होने तक पार्टी की कमान संभालने का आग्रह किया था, गौर हो कि विधानसभा चुनाव के दौरान सुनील जाखड़ ने अपना दर्द बयां किया था, सुनील जाखड़ ने कहा था कि वह हिंदू होने की वजह से राज्य के सीएम नहीं बन पाए, ध्यान रहे कि चरणजीत सिंह चन्नी की अगुवाई में कांग्रेस पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है।

चंडीगढ़ संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट :

5 राज्‍यों में हुए विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में रार देखने को मिल रही है। रविवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में इस हार के कारणों पर चर्चा की गई। साथ ही आगे की रणनीति पर भी विचार किया गया। इस बीच कांग्रेस के नेता सुनील जाखड़ ने पार्टी की हार को लेकर कई सवाल उठाए हैं। उन्‍होंने पंजाब में चरणजीत सिंह चन्‍नी को सीएम कैंडिडेट बनाने को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्‍होंने चन्‍नी को कांग्रेस के लिए बोझ बताया है।

हालांकि बाद में उन्होंने इस पर स्पष्टीकरण दिया और कहा कि मेरे ट्वीट का आइडिया किसी पर कुछ भी आरोप लगाने का नहीं है। सीडब्ल्यूसी में जिस तरह की चाटुकारिता हुई, उसे देखकर निराशा हुई। रिपोर्ट से पता चलता है कि कुछ नेता जो 30 साल तक राज्यसभा सांसद रहे हैं, वे सीडब्ल्यूसी में पंजाब की आवाज होने का दावा कर पार्टी आलाकमान को धोखा दे रहे हैं।

जाखड़ ने कहा कि सीएम पद के लिए चन्नी के नाम की सिफारिश इन्हीं लोगों ने की थी। इसे मानने के बजाय राहुल गांधी पर थोपने की कोशिश की जा रही है। पंजाब के लोग बदलाव चाहते थे, लेकिन जिस व्यक्ति को आगे लाया गया, वह तिल में हाथ डालकर फंस गया। यह बदतर उपाय था। कांग्रेस कार्यकर्ता किसी ऐसे व्यक्ति को चाहते हैं जिस पर वे विश्वास कर सकें। सीडब्ल्यूसी में बैठा एक पंजाबी नेता उन्हें राष्ट्रीय खजाने के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहा है। वह उनके लिए खजाना हो सकते हैं लेकिन कांग्रेस के लिए नहीं। अगले 5 साल पंजाब और पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण होंगे। 

पांच राज्यों में मिली करारी हार पर रविवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में मंथन हुआ था। इस दौरान पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने और राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि पार्टी ने उनसे संगठनात्मक चुनाव पूरे होने तक पार्टी की कमान संभालने का आग्रह किया था। 

विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पंजाब प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ सरेआम बगावत का बिगुल बजा दिया था। रंधावा का कहना है कि सिद्धू ने ही पंजाब में कांग्रेस का कत्ल किया है और पार्टी हाईकमान ने सिद्धू को पार्टी से न निकालकर बड़ी गलती की है। उन्होंने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू में अगर नैतिकता होती तो वह नतीजों के बाद ही अपना इस्तीफा दे देते।

कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री के पद से हटाने में अहम भूमिका अदा करने वाले सुखजिंदर सिंह रंधावा का कहना है कि सिद्धू पर कभी कांग्रेस का कल्चर आया ही नहीं और न ही उन्होंने कभी पार्टी के कार्यकर्ताओं को समझा। उन्होंने कहा कि राहुल और हाईकमान भी सिद्धू पर लगाम नहीं लगा सके जिसका खामियाजा पंजाब में कांग्रेस भुगत रही है।