Thursday, December 26

ममता बैनर्जी ने कहा कि अगर कोई इस तटीय राज्य में भाजपा को हराना चाहता है तो वह हमारी पार्टी का समर्थन करें। ममता ने गोवा को एक प्यारा, सुंदर और बहुत बुद्धिमान राज्य बताते हुए साफ किया कि उनकी पार्टी ने राज्य को नियंत्रित करने या मुख्यमंत्री बनने के लिए नहीं, बल्कि चुनाव में गोवा के लोगों की मदद करने हेतु अपने अनुभव का उपयोग करने के लिए चुनावी मैदान में प्रवेश किया है। उन्होंने कहा कि उनके पास बंगाल की तरह ही गोवा के लिए भी एक योजना है, जिसे सत्ता में आने के छह महीने के भीतर तटीय राज्य में लागू किया जाएगा।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, नयी दिल्ली(ब्यूरो) :

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को अपने प्रतिद्वंद्वी तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा को खुश करने के लिए गोवा विधानसभा चुनाव लड़ा था। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस पिछले कुछ समय से आमने-सामने हैं, दोनों के बीच तनाव उस वक्त और बढ़ गया था जब टीएमसी ने गोवा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी।

बंगाल के छात्र नेता अनीश खान की हत्या के विरोध में धरने पर बैठे चौधरी ने तृणमूल सुप्रीमो पर तीखा हमला बोला और कहा, “आज तक, कांग्रेस के पास पूरे भारत में 700 विधायक हैं. कांग्रेस ने विपक्ष का 20 फीसदी वोट शेयर हासिल किया। ममता बनर्जी भाजपा को खुश करने की कोशिश कर रही हैं, ताकि वह उसका एजेंट बन सके. इसलिए आज वह बहुत कुछ कह रही हैं।”

विधानसभा चुनावों में चार राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद भाजपा-विरोधी गठबंधन के लिए क्षेत्रीय दलों से संपर्क साधते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा था कि कांग्रेस को साथ रखने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि अब उसमें वह बात नहीं रही। बनर्जी के बयान पर पलटवार करते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि तृणमूल कांग्रेस गोवा कांग्रेस को हराने गई थी।

चौधरी ने कहा था, “आज वह दुष्प्रचार कर रही हैं कि विपक्षी गठबंधन से कांग्रेस को बाहर रखा जाए। (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी कांग्रेस मुक्त भारत की बात कर रहे हैं और दीदी कांग्रेस के बगैर विपक्ष के गठबंधन की गठबंधन की बात कर रही हैं। ”

10 मार्च को आए गोवा चुनाव परिणाम में 40 सदस्यीय विधानसभा में से 20 सीटें जीतकर भाजपा राज्य में अकेली सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरी है। कांग्रेस 11 सीटों पर जीत हासिल कर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी है।

तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना 14 फरवरी को हुए गोवा चुनावों में अपना खाता खोलने में विफल रही. वहीं, एमजीपी और आप को दो सीटें मिली हैं। इसी तरह से जीएफपी और आरजीपी के खाते में एक सीट आई है, जबकि 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने बाजी मारी।