परमबीर सिंह ने किया कि सचिन वाजे को शिवसेना में लिए जाने के बाद उसकी नियुक्ति अहम पदों पर करने का भी दबाव डाला गया था
परमबीर सिंह ने ED को बताया है कि, “सचिन वझे को 2020 में फिर से नियुक्त किया गया था। सभी पुलिसकर्मियों के निलंबन की समीक्षा मुंबई के पुलिस आयुक्त की अध्यक्षता में की जाती है। इसमें कुछ संयुक्त आयुक्त और कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल होते हैं। सचिन वझे की नियुक्ति का पूरी समीक्षा के बाद की गई थी।”
डेमोरेटिक फ्रंट मुंबई(ब्यूरो) :
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने एक बार फिर बहुत बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि सस्पेंड चल रहे सचिन वाजे की फिर से बहाली के लिए उन पर सीधे महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, तात्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे का दबाव था। सचिन वाजे प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक गाड़ी रखने और उस गाड़ी के मालिक मनसुख हीरेन की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी है। परमबीर सिंह ने यह खुलासा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पूछताछ में किया है। परमबीर सिंह ने यह भी खुलासा किया है कि सचिन वाजे को शिवसेना में लिए जाने के बाद उसकी नियुक्ति अहम पदों पर करने का भी दबाव डाला गया था।
दूसरी तरफ अनिल देशमुख ने ईडी द्वारा की गई पूछताछ में परमबीर सिंह के आरोपों को नकार दिया है। देशमुख ने उल्टा यह कहा है कि एंटीलिया विस्फोट और मनसुख हिरेन की हत्या मामले का मास्टरमाइंड परमबीर सिंह ही थे। उन्होंने ईडी अधिकारियों से यह भी कहा कि परमबीर सिंह किसी भी सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया करते थे। वे हमेशा उलझा हुआ ही जवाब देते थे। लेकिन पुलिस विभाग के अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग रैकेट को लेकर अपने ऊपर लगे आरोपों को देशमुख ने शिवसेना नेता और मंत्री अनिल परब की ओर पास कर दिया। उन्होंने कहा अधिकारियों के ट्रांसफर की लिस्ट उन्हें अनिल परब लाकर देते थे।
मुंबई में 100 करोड़ रुपए की वसूली के मामले में फँसे राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आऱोपों की जाँच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय के सामने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने धमाकेदार खुलासा किया है। उन्होंने ईडी के सामने महाराष्ट्र की MVA सरकार पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि उन्हें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे और अनिल देशमुख ने सचिन वाजे को नौकरी पर बहाल करने का निर्देश दिया था।
परमबीर सिंह ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने व्यक्तिगत तौर पर उन्हें सचिन वाजे को बहाल कर उसे महत्वपूर्ण विभाग और अहम पद देने का निर्देश दिया था। दरअसल, मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें इस बात का जिक्र किया गया था कि ईडी ने सिंह से एपीआई सचिन वाजे की बहाली में उनकी भूमिका के बारे में बताने के लिए कहा था।
ईडी को दिए जवाब में परमबीर सिंह ने बताया, “मैं बताता हूँ कि सचिन वाजे को जून 2020 के महीने में समीक्षा बैठक के बाद बहाल किया गया था, जहाँ निलंबन के सभी मामलों की समीक्षा मुंबई के पुलिस कमिश्नर, कुछ संयुक्त सीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति द्वारा की जाती है। ये लोग कमिटी के मेंबर थे”
परमबीर सिंह ईडी के सामने इस बात को स्वीकार करते हैं कि उनके ऊपर सचिन वाजे को फिर से बहाल करने के लिए गृह मंत्री अनिल देशमुख ने डायरेक्ट दबाव बनाया था। सिंह ने कहा कि उन्हें आदित्य ठाकरे और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी डायरेक्टली इंस्ट्रक्शन देते थे। मुझे मुंबई पुलिस की अपराध शाखा में उनकी पोस्टिंग के लिए और वहाँ कुछ महत्वपूर्ण इकाइयों का प्रभार देने के लिए भी निर्देश मिले थे। परमबीर सिंह ने जाँच एजेंसी को बताया कि मुंबई पुलिस की क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट के पास कई सारे अहम मामले थे, जिसकी अध्यक्षता सीएम और गृह मंत्री के निर्देश पर सचिन वाजे ने की थी। वो सीधे उद्धव ठाकरे औऱ देशमुख को रिपोर्ट करता था। इसके अलावा वाजे की बहाली के लिए अनिल देशमुख ने उनसे 2 करोड़ रुपए माँगे थे।
गौरतलब है कि मार्च 2021 में परमबीर सिंह ने लेटर बम फोड़ा था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि गृह मंत्री अनिल देशमुख सचिन वाज़े को हर महीने 100 करोड़ रुपए इकट्ठा कर उन्हें देने के आदेश दिए थे। इसके बाद ही सीबीआई ने केस दर्ज कर अनिल देशमुख को पूछताछ के लिए तलब किया था।