राष्ट्रपति की उम्मीदवारी से नितीश ने झाड़ा पल्ला
खबर आई कि केसीआर चाहते हैं कि नीतीश कुमार को राष्ट्रपति पद के लिए प्रस्तावित किया जाए। बता दें कि प्रशांत किशोर इस बार तेलंगाना के चुनाव केसीआर की पार्टी टीआरएस के लिए काम करेंगे। केसीआर और पीके की मुलाकात के बाद नीतीश और प्रशांत किशोर की मुलाकात हुई। ऐसे में थर्ड फ्रंट की सुगबुगाहट तेज हो गई है। हालांकि इस संबंध में कोई आधिकारिक ऐलान अभी नहीं हुआ है। CM नीतीश कुमार को राष्ट्रपति बनाए जाने को लेकर हो रही चर्चा के बीच नीतीश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। CM ने इस बयान पर आश्चर्य जताया, कहा कि- मुझे घोर आश्चर्य है कि इस तरह की बातें हो रही हैं। इस तरह की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि कहां कोई इस तरह की बात करता है, कहीं से भी इस बात की कोई चर्चा नहीं है। यह सब बातें ऐसे ही होते रहती है। इन सब चीजों से हम लोगों को कोई लेना-देना नहीं है। कोई जानकारी नहीं है। मैंने पेपर में पढ़ा तो मुझे घोर आश्चर्य हुआ।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, पटना(ब्यूरो) :
राष्ट्रपति उम्मीदवारी को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने बड़ा बयान दिया है। समाज सुधार यात्रा के तहत भागलपुर पहुंचे सीएम नीतीश कुमार पटना लौटने के क्रम में पत्रकारों से मुखातिब हुए। इस दौरान पत्रकारों ने विपक्ष द्वारा राष्ट्रपति कैंडिडेट बनाए जाने की अटकलों पर सीएम नीतीश से सवाल पूछ लिया। इसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे दिमाग में अभी ये आइडिया भी नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि ना मेरे दिमाग में इसका विचार है, ना ही इसकी कल्पना की।
विपक्ष द्वारा साझा उम्मीदवार बनाने की संभावनाओं पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है। ना ही ऐसा कोई आइडिया है। वैसे एनडीए में शामिल हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने की पहल का समर्थन किया है। उधर, जदयू नेताओं ने कहा है कि यह बिहार के लिए गौरव की बात होगी।
चर्चा के मुताबिक प्रशांत किशोर पहले चरण के गैर भाजपा और गैर कांग्रेस दलों को इस मुद्दे पर सहमत करने के प्रयास में हैं। इस सिलसिले में वे तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से सहमति ले ली है। जल्द वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राकांपा प्रमुख शरद पवार से मिलने वाले हैं। चर्चा की मानें तो क्षेत्रीय दलों में सहमति बनने पर प्रशांत किशोर का अगला कदम कांग्रेस से सहमति लेने का होगा। इसमें वे सफल हुए तो भाजपा को भी मनाएंगे। इसके पीछे का तर्क है कि नीतीश कुमार के नाम पर सर्वसम्मति बन सकती है।
गौरतलब है कि सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर यह चर्चा छाई रही, मगर प्रशांत किशोर ने न तो इसका खंडन किया और न ही इसकी पुष्टि की है। इससे भी उनकी ओर से की जा रही इस पहल को बल मिलता है। उधर, हम सुप्रीमों और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि कोई भी बड़ा पद हो नीतीश कुमार उसके लायक हैं। उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि अभी राष्ट्रपति पद के लिए कोई वेकैंसी नहीं है। वहीं राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘राष्ट्रपति मटेरियल’ के रूप में देखा जा रहा है। नीतीश कुमार की सोच राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर का है, इसलिए उन्हें राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाना सही होगा।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि अगले राष्ट्रपति के लिए चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार पर फैसला विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा सामूहिक रूप से लिया जाएगा और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम पर विचार किया जा सकता है, लेकिन केवल तब, जब उनकी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) भाजपा से नाता तोड़ ले। बहरहाल, प्रशांत किशोर ऐसा प्रयास कर रहे हैं तो इसे आकार लेने में वक्त लगेगा। यह बात इतर है कि नीतीश कुमार का कद और उनका व्यक्तित्व ही इस चर्चा को बल देने में अहम भूमिका निभा रहा है।