Wednesday, February 26
  • मोहाली : देश, समाज, मनुष्य और हमारा वातावरण आज असंवेदनशील क्यों हो रहा है?

अनुभव और अध्ययन के साथ मनुष्य सामान्य संबंधों से सहज रह सकते हैं। हमारे आसपास और अंदर बाहर के हालात मानव को आंदोलित कर रहे हैं। अनुभव और अध्ययन से शिक्षा लेकर समाज की स्थिति सहज नजर आ सकती है। ये विचार यमुनानगर से साहित्य संगम के आमंत्रण पर पधारे प्रिंसीपल डॉ. रमेश कुमार ने मुख्य अतिथि के तौर पर कहे। गोष्ठी का आयोजन सेक्टर 64 फेज-10 मोहाली के सुरजीत भवन में किया गया। इसमें डॉ. रमेश कुमार अपनी 21 लघु कविताओं का पाठ करके सिद्ध कर गए कि मनुष्य का चिंतन उसके उत्थान और पतन का कारण हो सकता है। व्यंग्य, विद्रूप और सरलतम भाषा में कही गई ये कविताएं प्रभावोत्पादक सिद्ध हुई। साहित्य संगम ट्राइसिटी के अध्यक्ष प्रो. फूलचंद मानव ने मुख्य मेहमान के तौर पर डॉ. रमेश कुमार का स्वागत करते हुए उनके साथ अपने 45 साल के परिचय के संस्मरणों को स्मरण करवाया। डॉ. रमेश कुमार के 14 काव्य संग्रह पंजाबी में और कहानी संग्रह, आलोचना, शोध और संपादित पुस्तकें भी पाठकों तक आ चुकी हैं।

साहित्य संगम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष टेकचंद अत्री ने कवि सम्मेलन का संचालन पूरी तन्मयता के साथ किया। कवयित्री सुरजीत कौर, योगेश्वर कौर, सुरेंदर अतै सिंह के साथ यमुनानगर के डॉ. निर्मल सिंह, अशोक नाजीर, जसबीर भुल्लर, सुरेंदर गिल, मुरारीलाल अरोड़ा, अश्विनी कुमार चड्ढा, श्रीधर और कोमल सिंह ने भी अपनी-अपनी रचनाओं के द्वारा समय के रंग प्रस्तुत किए। गीत, गजल और कविताओं में धर्म, सियासत, अर्थतंत्र, अध्यात्म और दैहिक विषयों की हकीकत उभर कर सामने आई। अध्यक्षीय भाषण में प्रो. फूलचंद मानव ने कवि रमेश कुमार की कविताओं की प्रस्तुति द्वारा उनकी रचनाओं की सूक्षमता, गहराई और ऊंचाई का उल्लेख करते हुए उन्हें हरियाणा के ही नहीं देश के संपन्न पंजाबी कवि के रूप में पहचान है जो चार दशक से काव्य क्षेत्र में सक्रिय हैं। उपस्थित कवियों, अतिथियों सुरजीत कौर बैंस और डॉ. रमेश कुमार के प्रति धन्यवाद प्रस्तुत करते हुए साहित्य संगम की काव्य गोष्ठी सानंद संपन्न हुई।