Demo

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव तो नहीं हैं लेकिन इस समय राज्य की सियासत में राजनैतिक पारा ऊपर चढ़ा हुआ है। सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी सुप्रीमों ममता बनर्जी का भतीजे और पार्टी के महासचिव अभिषेक बनर्जी के साथ तनाव बढ़ता जा रहा है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि कयास लगाए जा रहे हैं अभिषेक अपने पद से इस्तीफा भी दे सकते हैं। बढ़ती दरार को देखते हुए सीएम ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पर वरिष्ठ नेताओं की एक आपातकालीन बैठक बुलाई।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, कोलकतता(ब्यूरो) :

पश्चिम बंगाल में स्थानीय निकाय चुनाव से पहले ही बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस में मतभेद खुल कर सामने आ रहा है। स्थानीय निकाय चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर टीएमसी की सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी में तनातनी बढ़ गई है। पार्टी के इन दोनों वरिष्ठ नेताओं में आपसी मतभेद पैदा होने से अंतर्कलह भी बढ़ती जा रही है। एक बांग्ला टीवी चैनल को दिए गये इंटरव्यू में अभिषेक बनर्जी ने स्वीकार किया कि पार्टी के नेताओं द्वारा जारी की गई उम्मीदवारों की सूची और सोशल मीडिया पर अपलोड की गई उम्मीदवारों की सूची में लगभग 100 से लेकर 150 अंतर हैं, लेकिन इस समस्या का समाधान कर दिया जाएगा। पार्टी इस पर काम कर रही है। वहीं, उन्होंने कहा कि 2000 से अधिक प्रत्याशी हैं, ऐसे में लोगों की आशाएं हैं और सभी भी आशा पूरी नहीं की जा सकती है।

जून 2021 से ही अभिषेक बनर्जी इस नीति के लिए बोलते रहे हैं, ऐसे में लोगों का मानना है कि उन्होंने अपनी बुआ के खिलाफ बगावत कर दी है। उन्हें TMC का ‘नेशनल जनरल सेक्रेटरी’ का पद दिया गया था। उन्होंने पार्टी के यूथ विंग के अध्यक्ष पद से ये कहते हुए इस्तीफा दे दिया था कि इसके लिए किसी और युवा व्यक्ति की ज़रूरत है। नवंबर 2021 में ममता बनर्जी ने 6 विधायकों को ‘कोलकाता म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (KMC)’ के लिए नॉमिनेट किया, तभी इस नीति में ढिलाई बरती गई थी।

इनमें से 4 पिछले बोर्ड के भी सदस्य थे। इसमें कोलकाता के मेयर रहे फिरहाद हकीम, जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सबसे करीबी नेताओं में से एक थे। जीत के बाद उन्हें फिर से कोलकाता का मेयर बनाया गया, जबकि वो राज्य सरकार में मंत्री पहले से ही थे। 4 बड़ी नगरपालिकाओं में चुनाव के मद्देनजर ममता बनर्जी की बैठक में उनके भतीजे अभिषेक भी मौजूद थे। फिरहाद हकीम का कहना है कि ‘वन मैन, वन पोस्ट’ वाली नीति पार्टी की नहीं है और इसे बढ़ावा नहीं दिया गया है।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के आधार पर कन्फ्यूजन पैदा किया जा रहा है, जो अपराध है। उन्होंने कहा कि जब ये नीति अपनाई गई थी, तभी स्पष्ट कर दिया गया था कि पार्टी की अध्यक्ष जब चाहे इसे बदल सकती हैं। उन्होंने कहा कि वो नई बैठक बुला कर नई नीति बनाएँगी। अभिषेक बनर्जी के कजंस आकाश बनर्जी, अग्निशा बनर्जी और अदिति गायेन सहित TMC यूथ विंग के कई नेताओं ने इससे जुड़े पोस्ट्स सोशल मीडिया पर शेयर किए थे। वीडियो में ममता बनर्जी को जून 2021 में इस नीति का ऐलान करते हुए दिखाया जा रहा है।

https://twitter.com/amitmalviya/status/1492080885109194754

कुछ नेताओं का कहना है कि ममता बनर्जी का निर्णय अंतिम होगा, जबकि कुछ का कहना है कि उन्हें बताए बिना प्रशांत किशोर की कंपनी I-PAC ने ऐसा किया है। गोवा सहित अन्य राज्यों में प्रशांत किशोर ही TMC की रणनीति तैयार कर रहे हैं। जबकि अब I-PAC का कहना है कि वो TMC नेताओं के सोशल मीडिया पोस्ट्स को हैंडल नहीं करता है। कंपनी ने ऐसे दावों को झूठा और अफवाह बताते हुए कहा कि तृणमूल कॉन्ग्रेस की डिजिटल प्रॉपर्टीज का प्रबंधन वो नहीं करती है।

उधर गोवा पुलिस ने शुक्रवार की रात को प्रशांत किशोर की कंपनी ‘इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमिटी’ के एक सदस्य को दबोचा। उसे नारकोटिक्स ड्रग्स के साथ एक ऐसे विला से पकड़ा गया, जिसे प्रशांत किशोर को लीज पर दिया गया था। 28 वर्षीय व्यक्ति को पोरवोरिम से गिरफ्तार किया गया। I-PAC ने वहाँ 8 विला किराए पर लिया है। NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। गोवा में 14 फरवरी, 2021 को चुनाव होने हैं।

Comments are closed.

© 2024 Demokratic Front. Hosted at Server Plugs.