-पोक्सो, आई.टी, आर्मस एक्ट तथा भारतीय दण्ड संहिता की अन्य धाराओं के तहत दर्ज विभिन्न संगीन अपराधिक मामलों की की समीक्षा
– जिला स्तरीय समिति का उद्देश्य गंभीर और सनसनीखेज अपराधों में संलिप्त लोगों की सजा सुनिश्चित करने के लिए त्वरित और उचित कार्रवाही सुनिश्चित करना है-उपायुक्त
पंचकूला, 3 फरवरी:
उपायुक्त महावीर कौशिक ने आज लघु सचिवालय के सभागार में चिन्हित अपराधों को लेकर गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता की तथा पोक्सो एक्ट, आई.टी. एक्ट, आर्मस एक्ट तथा भारतीय दण्ड संहिता की अन्य धाराओं के तहत दर्ज विभिन्न संगीन अपराधिक मामलों की समीक्षा की।इस अवसर पर डीसीपी मोहित हांडा भी उपस्थित थे। बैठक में 26 मामलों की समीक्षा की गई।
उपायुक्त ने कहा कि चिन्हित अपराधों को लेकर गठित जिला स्तरीय समिति का उद्देश्य गंभीर और सनसनीखेज अपराधों की पहचान कर एक संस्थागत तंत्र के माध्यम से आरोपी व्यक्तियों की सजा को सुनिश्चित करने के लिए त्वरित और उचित कार्रवाही सुनिश्चित करना है।
बैठक में डीसीपी मोहित हांडा ने अवगत करवाया कि अधिकतर मामले अभियोजन चरण में हैं और माननीय न्यायालय द्वारा इन मामलों विशेषकर पोक्सो एक्ट से संबंधित मामलों के त्वरित निपटान के निर्देश दिये गए हैं।
बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन संगीन अपराधिक मामलों में आरोप तय हो चुके है, ऐसे मामलों को जल्द से जल्द निपटाने के लिये जिला न्यायालय से अनुरोध किया जायेगा। उपायुक्त ने कहा कि पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज किये गये मामलों में पीड़ित को जल्द से जल्द न्याय मिलना चाहिये ताकि अपराध करने वालों तक एक कड़ा संदेश पहुंचे। उन्होंने कहा कि अभियोजन निदेशालय हरियाणा पंचकूला द्वारा चिन्हित अपराधों के संबंध में मानक संचालन प्रणाली (एसओपी) जारी किये गये है। उन्होंने निर्देश दिये कि इन एसओपी से चिन्हित अपराधों को लेकर गठित जिला स्तरीय समिति के सभी सदस्यों को अवगत करवाया जाये ताकि इन दिशा निर्देशों की पालना सुनिश्चित की जा सके।
इस अवसर पर सेंट्रल जेल अंबाला के अधीक्षक लखबीर सिंह बराड़, जिला न्यायवादी पंकज गर्ग तथा एसीपी विजय नेहरा भी उपस्थित थे।