Panjab University (PU) Vice Chancellor Prof Raj Kumar’s Statement at Senate Meeting held on January 8th, 2022

Demokretic Front, Chandigarh :

1.   I take this opportunity of welcoming all the Members of this august House which has been constituted by the Hon’ble Vice President of India and Chancellor of Panjab University, Chandigarh.  I look forward to your valuable guidance for the growth of this historic University.

2.   My sincere greetings for the Happy New Year – 2022. We have been able to face the pandemic and I pray to almighty to help the entire humanity in remaining safe in the coming years in the wake of other variants e.g. Omicron etc.

3.   With a deep sense of sorrow, I may inform the honourable Members of the Senate about the sad demise of many distinguished personalities during the last two years after meeting of this august House on 13.12.2019:-

i)       Prof. B.L. Abbi, father of Prof. Kumool Abbi, former
Chairperson, Department of Sociology, on 18.12.2019;

ii)     Prof. (Miss) Jatinder Bhullar, Former Prof. & Chairperson,
Department of Physical Education, on 18.12.2019;

iii)   Shri S.S. Sethi, father of Prof. Rajesh Gill, Fellow, on 21.12.2019;

iv)   Prof. Sanjay Wadwalkar, former Chairperson, School of Communication Studies, on 25.12.2019;

v)     Prof. Shashi K. Sharma, former Chairperson, Department ofLaws, on 31.12.2019;

vi)   Prof. Darshan Singh, former Fellow & Professor Emeritus, on04.01.2020;

vii)  Smt. Naseeb Kaur, mother of Prof. Paramjit Kaur, UBS on 12.01.2020;

viii)            Shri K.K. Bandlish father of Shri Sanjeev Kumar Bandlish, Fellow, on 5th February 2020;

ix)   Dr. Ramdhari Singal, former Chairperson, Department of Hindi, on 25.02.2020;

x)     Padma Shri Harkishan Singh, Professor Emeritus, University Institute of Pharmaceutical Sciences, on 20.3.2020;

xi)   Mrs. Kuldeep Kaur wife of Dr. Anmol Rattan Sidhu, former Fellow & Legal Retainer of Panjab University, on 21.4.2020;

xii)  Prof. Rekha Jhanji, Department of Philosophy and wife of Prof. B.S. Brar, Department of Political Science and former Dean of University Instruction, on 8.5.2020;

xiii)            Prof. Shankarji Jha, former Dean of University Instruction, on 10.5.2020;

xiv)            Padma Shri Balbir Singh Senior, on 25.5.2020, hockey legend, who had won 3 Olympic gold medals and upon whom the University had conferred Khel Ratna Award in the year 2016;

xv)  Shri A.N. Grover father of Professor Arun Grover, former Vice-Chancellor of our University, on 26.5.2020;

xvi)            Shri Kehar Singh, Ex-Fellow on 23.06.2020;

xvii)          Sh. Suraj Sandhu f/o Dr. Iqbal Singh Sandhu, former Senator on 22.10.2020;

xviii)         Sh. B.L.Gupta, former Registrar of the university on 13.11.2021;

xix)            Sh. Laxman Dass Singla f/o Prof. Savita Gupta, Fellow on 22.11.2020;

xx)  Smt. Omvati Gupta mother-in-law of Dr. Namita Gupta, UIEASS on 6.12.2021;

xxi)            Dr. Anil Kumar Thakur, Department of Laws on 19.12.2021.

        Some names might not have been included because of lack of knowledge.  Our sincere apologies for that.  These will be added upon getting any such information through our Hon’ble Members/other quarters.

        (To pay homage to the departed souls, two minutes silence, all standing, may be observed).

4.   I am happy to inform that our University has attained top ranking in the Innovation, Start-up and entrepreneurship development among Govt. and aided Universities of India as per Atal Ranking of Institutions of Innovation Achievements (ARIIA).  There have been various other distinguished accomplishments by our University fraternity during all these 2 years.  Our heartiest felicitation to all of them.  27 of our faculty members have been included in the list of 2% Scientists of the world.

5.   The Department of Youth Welfare has conducted 12 Zonal Youth and Heritage Festivals followed by 62nd PU Inter Zonal Youth & Heritage Festival successfully during the month of Nov/Dec, 2021 in which about twenty thousand students/teachers/accompanists participated. Student’s artists showed their talent in 65 events of Music, Dance, Theatre, Fine Arts, Literary and Folk Arts.

6.   It is a matter of great proud that the University has won the prestigious MAKA (Maulana Abul Kalam Azad) trophy for the 3rd consecutive year.  PU also won overall championship in the first Khelo India University Games-2020.  I congratulate the Director (Sports), coaches, all the players and entire PU fraternity who put in their best efforts to win the same. 

7.   UIPS has received a grant of Rs.1 crore under Corporate and Social Responsibility (CSR) from a multinational pharmaceutical company, M/s Mylan Laboratories Limited, facilitated by its alumni. This is the highest grant received under CSR by Panjab University.

8.   Dr Gurmeet Singh, Fellow and Associate Professor Department of Hindi was invited as visiting Professor by the Tashkent State University of Oriental Studies, Tashkent, Uzbekistan. He taught at the department of translation studies and international journalism in the months of Oct-Nov 2021.

विधानसभा चुनाव 2022

चुनाव के दौरान कोरोना के खतरे को देखते हुए चुनाव आयोग और स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने एक बैठक की थी। बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई थी कि मतदाताओं और कर्मचारियों का पूर्ण टीकाकरण अनिवार्य किया जाए। इस बार चुनाव में सोशल मीडिया पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। किसी भी तरीके से आपत्तिजनक पोस्ट पर कार्रवाई की जाएगी। राज्यों की सीमाओं पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट – चंडीगढ़ :

इस साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। जिन राज्यों में चुनाव होंगे वो हैं- उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर। उत्तर प्रदेश में विधानसभा की कुल 403 सीटें हैं और वर्तमान में भाजपा की नेतृत्व वाली योगी आदित्यनाथ की सरकार है। गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में भी बीजेपी की सरकार है। जबकि पंजाब में कांग्रेस की सरकार है। इस बार इन चुनावों में आम आदमी पार्टी भी कांग्रेस और बीजेपी को टक्कर दे सकती है।

चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। बता दें कि 2022 में इन पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। उत्तर प्रदेश में 403, पंजाब में 117, उत्तराखंड में 70, मणिपुर में 60 और गोवा में 40 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि ये चुनाव कोविड-19 से सुरक्षा को देखते हुए बड़ी तैयारी के साथ कराए जाएँगे। बूथों की संख्या बढ़ेगी। वहाँ मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध रहेंगे।

पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को एक ही चरण में सभी विधानसभा सीटों का मतदान निपटा लिया जाएगा। 10 मार्च को चुनाव परिणाम जारी किए जाएँगे। उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में चुनाव होंगे – फरवरी में 10, 14, 20, 23 और 27 को, जबकि मार्च में 3 और 7 को। मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को चुनाव कराए जाएँगे। रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक कोई चुनाव प्रचार नहीं होगा। इस तरह 10 फरवरी, 2022 से चुनाव शुरू हो जाएगा।

सभी विधानसभाओं में एक ऐसा पोलिंग बूथ होगा, जो केवल महिलाओं के लिए होगा। ECI ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ-साथ सभी राज्यों के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ भी बैठकें की हैं। जमीनी परिस्थिति को जानने-समझने के बाद चुनाव के तारीखों का ऐलान किया गया। इन 5 राज्यों में 24.9 लाख युवा ऐसे हैं, जो पहली बार वोट देंगे। कुल 18.34 करोड़ लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिनमें 8.55 करोड़ महिलाएँ हैं। 80 की उम्र से ऊपर के बुजुर्गों, दिव्यांगों और कोरोना मरीजों के लिए पोस्टल बैलेट्स की सुविधा होगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा वोटर भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।

विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों को ऑनलाइन नामांकन भरने की सुविधा भी दी जाएगी। चुनाव में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की शिकायत के लिए ‘cVIGIL’ एप के जरिए लोग शिकायत कर सकते हैं। घोषणा की गई है कि शिकायत के 100 मिनट के भीतर ECI अधिकारी वहाँ पहुँच जाएँगे। तारीखों के ऐलान के साथ ही आदर्श आचार संहिता भी लागू हो जाएगी। सभी पोलिंग बूथों पर EVM एवं VVPAT का इस्तेमाल होगा। सभी चुनाव अधिकारियों/कर्मचारियों को ‘फ्रंटलाइन वर्कर’ के रूप में गिना जाएगा और उन्हें कोरोना की तीसरी (Precautionary) डोज दी जाएगी।

CEC सुशील चंद्रा ने इस दौरान “यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है” पंक्ति का भी इस्तेमाल किया। साथ ही 15 जनवरी, 2021 तक किसी भी राजनीतिक पार्टी को फिजिकल रैली की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके बाद स्थिति की समीक्षा कर आगे के नियम बताए जाएँगे। कोई भी रोडशो, साइकिल-बाईक यात्रा या पदयात्रा और जुलूस भी अगले आदेश तक नहीं निकाले जा सकेंगे। 7 चरणों में सभी 5 राज्यों के चुनाव निपटा लिए जाएँगे।

हरियाणा सरकार प्रदेश के गरीब वर्ग के छात्रों की भावनाओं से खिलवाड़ करके उनके भविष्य  को बर्बाद करने के लिए  कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रही है : चंद्रमोहन

पंचकूला 8 जनवरी –

हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री  चंद्रमोहन ने आरोप लगाया है कि हरियाणा सरकार प्रदेश के गरीब वर्ग के छात्रों की भावनाओं से खिलवाड़ करके उनके भविष्य  को बर्बाद करने के लिए  कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा इस मामले की  गंभीरता को न समझते हुए  ही इस मामले को  तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।

            उन्होंने कहा कि नीजि स्कूलों के दबाव में आकर ही  हरियाणा सरकार ने  स्कूल शिक्षा के नियम 134 -ए के तहत मेधावी छात्रों को निजी स्कूलों में प्रवेश देने के लिए इन स्कूलों में वर्तमान शैक्षणिक सत्र के लिए 200 रुपये प्रति माह  फीस  बढोतरी की घोषणा की  गई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में लगभग 40 हजार ऐसे छात्र हैं  जो  नियम 134-ए के तहत इन प्राइवेट स्कूलों में दाखिले का पलकें फाड़ कर इन्तज़ार कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के इस ब्यान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिसमें  मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कहा ने कहा है  कि कुछ निजी स्कूल नियम 134 ए के तहत ऐसे बच्चों को दाखिला देने में आनाकानी कर रहे थे और इन स्कूलों ने इसका खुला विरोध किया था क्योंकि नीजि स्कूलों में इस नियम के तहत फीस कम है। इससे बड़ा और दबाव क्या हो सकता है और सरकार ने निजी स्कूलों के दबाव में आकर ही 134 ए के तहत 200 रुपये फीस में बढ़ोतरी करने की आनन फानन में घोषणा गईं है और इस बढ़ी हुई फीस से सरकार पर 5 करोड़ रुपए का प्रतिवर्ष अधिक भार पड़ेगा।

                    चन्द्र मोहन कहा कि सरकारी दावों के अनुसार प्रदेश में 134-ए के तहत लगभग 40  हजार गरीब बच्चों ने परीक्षा दी थी और इनमें से अभी तक केवल लगभग 12 छात्रों को ही इन स्कूलों में निर्धारित प्रक्रिया के तहत ही दाखिला सम्भव हो पाया है और जो केवल 30 प्रतिशत है जबकि 70 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जो दाखिला न मिलने के कारण अपने भाग्य के साथ साथ सरकार की अकर्मण्यता और गरीबों के प्रति अपनाई गई नीति का परिणाम भुगत रहे हैं।

                चन्द्र मोहन ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि ऐसे परिवारों के बच्चों के अभिभावकों की आय को बढ़ा कर 8 लाख रुपए वार्षिक की जाए ताकि प्रदेश में परिव्याप्त ऊहापोह की स्थिति का निराकरण किया जा सका। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार द्वारा  आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के लोगों की आय 8 लाख रूपए वार्षिक मानकर  सभी प्रकार के लाभ दिये जा रहे हैं तो खट्टर सरकार को इसमें कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को इस बारे में बिना किसी के दबाव में आए उन गरीब बच्चों के भविष्य को सुखद बनाने के प्रयास किए जाने चाहिए।

panchang

पंचांग 08 जनवरी 2022

विक्रमी संवत्ः 2078, 

शक संवत्ः 1943, 

मासः पौष़, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः षष्ठी प्रातः काल 10.44, तक है,

वारः शनिवार, 

नक्षत्रः उत्तराभाद्रपद प्रातः 06.10 तक है, 

योगः वरीयान प्रातः काल 11.40 तक, 

करणः तैतिल, 

सूर्य राशिः धनु, चंद्र राशिः मीन, 

राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक, 

सूर्योदयः 07.19, सूर्यास्तः 05.36 बजे। :

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी,गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।

दोषी कर्मचारियों पर हो आपराधिक मामला दर्ज: जाँच रिपोर्ट

कोरोना मृतकों की संख्या में हेर फेर के दाह संस्कार करने वालों को दी जाने वाली राशि मे बड़ा घपले के मामले में हुई जांच की रिपोर्ट में पंचकूला नगर निगम के संयुक्त सचिव विनेश कुमार ने चार व्यक्तियों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज करवाने की माँग की है।

अजय सूद (ए एस आई ),गुलाब , मदनलाल(सीएसआई) सोनू के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है जबकि सतवीर प्रवेश ने धन राशि के लिए मांग जरूर रखी थी लेकिन उन्हें राशि की अदायगी नहीं हुई। संयुक्त आयुक्त विनेश सिंह ने बताया कि उन्होंने यह रिपोर्ट जाँच के दौरान लिए गए ब्यानों, श्मशान घाट के रिकॉर्ड ,मृत्यु प्रमाण पत्र, अस्पताल के रिकॉर्ड जाँचने के बाद ही तैयार की गई है।

संयुक्त आयुक्त ने बताया कि शमशान घाट में मौजूद रहने वाले पुजारी आदि लोगों ने स्पष्ट तौर पर बताया है की उक्त व्यक्ति कभी भी राजघाट में संस्कार करने नहीं आए। मालूम हो कि ए एस आई अजय सूद और मदनलाल (सी एस आई), की संस्कार करने की ड्यूटी लगाई ही नहीं जा सकती ये काम सफाई कर्मचारियों को सौंपा जाता है।

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संयुक्त आयुक्त ने यह भी बताया की उन्होंने सरकारी सिविल अस्पताल सेक्टर 6 से मृतकों का आंकड़ा लिया जिसके अनुसार कोरोना से 377 व्यक्तियों की मृत्यु हुई जबकि करोना मृतकों के संस्कार की संख्या 900 के करीब बताई जा रही है। जिसमें बहुत बड़ा अंतर है जिन व्यक्तियों की संस्कार यहां हुए हैं उनके मृतक प्रमाण पत्र जांचने के बाद पता चला कि कई लोगों की क्योंकि मृत्यु कोरोना से नहीं बल्कि अन्य किन्हीं कारणों से हुई।

विनेश कुमार ने बताया कि उन्होंने अपनी रिपोर्ट अपने उच्चाधिकारी निगमायुक्त को आगे की कार्रवाई के लिए सौंप दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक की गहन जांच की मांग वाली याचिका पर विचार किया

सुप्रीम कोर्ट ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बुधवार को पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा चूक की गहन जांच की मांग वाली एक याचिका पर विचार किया। एनजीओ लॉयर्स वॉयस द्वारा दायर याचिका में सुरक्षा चूक के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई और भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए पंजाब सरकार को उचित निर्देश देने की मांग की गई है। किसानों द्वारा फ्लाईओवर को अवरुद्ध करने के कारण बुधवार को पीएम मोदी का काफिला पंजाब के एक फ्लाईओवर पर करीब 20 मिनट तक फंसा रहा। निजी कारों को भी काफिले के पास जाते देखा गया, जो एक बड़ी सुरक्षा चूक थी।यही नहीं पुलिस वालों को किसानों के साथ चाय पीते पाया गयाजिसे इनकी मंत्री वेरका ने भंडारा कहा।

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, नयी दिल्ली:

पंजाब के फिरोजपुर में बीते 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये Rarest Of The Rare केस है। दोबारा ऐसा नहीं होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं। केंद्र सरकार और राज्य सरकार अपनी कमेटी पर विचार करे। पीएम मोदी का काफिला रुकना गलत है। याचिकाकर्ता एनजीओ की ओर से सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में एसपीजी एक्ट पढ़ा। उन्होंने कहा कि ये केवल कानून-व्यवस्था का मामला नहीं है बल्कि एसपीजी एक्ट के तहत एक मुद्दा है। ये एक वैधानिक जिम्मेदारी है. इसमें कोताही नहीं बरती जा सकती है।

सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने कहा, ‘ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है, सिर्फ कानून-व्यवस्था का नहीं है. राज्य सरकार को वैधानिक स्तर पर इसकी अनुपालना करनी होती है.’ मनिंदर सिंह ने कहा कि ये बहुत ही गंभीर मसला है. प्रधानमंत्री की सुरक्षा में भारी चूक हुई है. इस मामले में स्पष्ट जांच जरूरी है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी जरूरी है. सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने आगे कहा कि राज्य के पास इस मामले (पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक) की जांच करने का अधिकार नहीं है. ये कानून-व्यवस्था का मामला नहीं है. राज्य ने जिसे जांच कमेटी का अध्यक्ष बनाया है वो पहले एक बड़े सेवा संबंधी घोटाले का हिस्सा थे.

सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने कहा, ‘ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है, सिर्फ कानून-व्यवस्था का नहीं है। राज्य सरकार को वैधानिक स्तर पर इसकी अनुपालना करनी होती है।’ मनिंदर सिंह ने कहा कि ये बहुत ही गंभीर मसला है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में भारी चूक हुई है। इस मामले में स्पष्ट जांच जरूरी है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी जरूरी है।

सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने आगे कहा कि राज्य के पास इस मामले (पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक) की जांच करने का अधिकार नहीं है। ये कानून-व्यवस्था का मामला नहीं है। राज्य ने जिसे जांच कमेटी का अध्यक्ष बनाया है वो पहले एक बड़े सेवा संबंधी घोटाले का हिस्सा थे।

रैली रद्द होने का कारण ख़ाली कुर्सियाँ रहीं: रणदीप सुरजेवाला

रैली में कम भीड़ आई इसलिए रैली रद्द हुई। सुरजेवाला ने कई ट्वीट किए। उन्होंने अपने ट्वीट में रैली स्थल का एक वीडियो साझा किया और दावा किया कि, “प्रिय नड्डा जी, रैली रद्द होने का कारण खाली कुर्सियां रहीं। यकीन न हो तो, देख लीजिए। और हां, बेतुकी बयानबाज़ी नहीं, किसान विरोधी मानसिकता का सच स्वीकार कीजिए और आत्म मंथन कीजिए। पंजाब के लोगों ने रैली से दूरी बनाकर अहंकारी सत्ता को आईना दिखा दिया है।”

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में भीड़ नहीं आई तो सुरक्षा में चूक का बहाना बनाकर इस जनसभा को रद्द किया गया।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि आरोप-प्रत्यारोप करने की बजाय बीजेपी और प्रधानमंत्री को अपने ‘किसान विरोधी रुख’ पर आत्ममंथन करना चाहिए और प्रधानमंत्री के पद की गरिमा को धूमिल नहीं करना चाहिए। साथ ही, उन्होंने दावा किया कि सड़क मार्ग का उपयोग करना प्रधानमंत्री के पहले से तय कार्यक्रम का हिस्सा नहीं था और खुद मोदी ने सड़क मार्ग से जाने का फैसला अचानक किया।

इससे पहले, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पंजाब की कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लिया और आरोप लगाया कि आगामी विधानसभा चुनाव में हार के डर से उसने प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों को विफल करने के लिए हरसंभव कोशिश की।

गौरतलब है कि विरोध प्रदर्शनों के कारण प्रधानमंत्री पंजाब में 15 से 20 मिनट तक एक फ्लाइओवर पर फंसे रहे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा में गंभीर चूक माना है और राज्य सरकार से इस मामले में रिपोर्ट तलब की है।

कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘बीजेपी पंजाब और अन्य राज्यों में हार तय देखकर ऐसे हथकंडे अपना रही है जो प्रधानमंत्री पद को शोभा नहीं देता। आज पंजाब में कुर्सियां खाली थीं, लोग नहीं पहुंचे थे। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बीजेपी को लेकर किसानों और आम लोगों में विरोध है. ऐसे में बीजेपी की ओर से ऊल-जलूल बातें की जा रही हैं।’

उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री को बठिंडा से फिरोजपुर तक हेलीकॉप्टर से जाना था. उनका सड़क मार्ग से जाने का कोई कार्यक्रम नहीं था। जब प्रधानमंत्री को पता चला कि भीड़ नहीं आई तो उन्होंने अचानक से सड़क मार्ग से जाने का निर्णय कर लिया। ऐसे में वहां आनन-फानन में सुरक्षा को लगाया गया। वैसे भी, बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी पहले से ही रैली के लिए तैनात थे।’

उन्होंने सवाल किया, ‘कुछ सौ किसान प्रदर्शन कर रहे थे तो क्या उन्हें गोली मार देनी चाहिए थी?’

सुरजेवाला ने कहा, ‘प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई. प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने में 15 मिनट का समय लग गया। ऐसे में प्रधानमंत्री को बहाना मिल गया… रैली में भीड़ नहीं आई तो सुरक्षा में चूक का बहाना बनाकर रैली को रद्द कर दिया गया।’

उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री ने सड़क मार्ग से जाने का फैसला अचानक किया तो इसका दोष पंजाब सरकार पर नहीं डाला जा सकता।

उन्होंने कहा, ‘आप रैली करिए लेकिन जब भीड़ नहीं आए तो बहाना बनाकर आरोप मत लगाइए. उत्तर प्रदेश में हार तय देखकर फायदा उठाने की कोशिश मत करिए।’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘कांग्रेस ने अपने दो प्रधानमंत्री खोए हैं। हमें प्रधानमंत्री की सुरक्षा का पूरा ध्यान है। हम प्रधानमंत्री जी से कहते हैं कि आप रैली करिए। हमारी राज्य सरकारें पूरा सहयोग देंगी लेकिन आधारहीन आरोप नहीं लगाया जाए।’

उन्होंने कहा ‘प्रधानमंत्री की रैली में 10,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे, एसपीजी और दूसरी एजेंसियों के साथ समन्वय करते हुए सुरक्षा के पूरे प्रबंध किए गए थे हरियाणा/राजस्थान से आने वाले बीजेपी कार्यकर्ताओं की सभी बसों के लिए भी रूट बनाया गया था।’

उन्होंने कहा, ‘किसान मजदूर संघर्ष समिति प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर विरोध कर रही थी और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उनके साथ दो दौर की बातचीत भी की थी।’

सुरजेवाला ने कहा, ‘क्या आप (नड्डा) जानते हैं कि किसान प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं? उनकी मांग है कि गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाए, किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं, आंदोलन में जान गंवाने वाले 700 किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर जल्द फैसला हो।’

मोदी जी, जोश कैसा है?

वहीं यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने कई ट्वीट कर पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक को लेकर कई सवाल किए। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि मोदी जी, जोश कैसा है?

उन्होंने एक और ट्वीट किया कि ‘प्रदर्शनकारियों के हाथों में BJP का झंडा क्यों था? श्रीनिवासन ने ट्वीट किया अगर ये लोग प्रदर्शनकारी थे तो हाथों में BJP का झंडा क्यों था? अगर पंजाब पुलिस ने इन्हें नही रोका तो फिर केंद्र सरकार के अधीन आने वाली SPG सुरक्षा ने इन्हें गाड़ी के करीब क्यों आने दिया, IB के अधिकारी कहां थे? ये मोदी जिंदाबाद के नारे क्यों लगा रहे थे?’

बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पीएम मोदी के फिरोजपुर जिले के दौरे से वापस लौटने के कारण खेद जताया है। उन्होंने कहा कि पीएम को पंजाब से वापस लौटना पड़ा इसका उन्हें काफी दुख है।

शाश्वत गरीब ही चुनावी उत्सव रौनक

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़:

“लोकतंत्र में सरकार लोगों की, लोगों के लिए और लोगों के द्वारा” होती है कहें तो यह मात्र एक जुमला है जो कि उस समय लोकप्रिय नेता द्वारा छोड़ा गया। जुमलों का बाज़ार आज भी गर्म है।

तुम हमें वोट दो;
हम तुम्हें … लैपटॉप देंगे ……सायकिल देंगे…स्कूटी देंगे …..मुफ्त की बिजली देंगे …… लोन माफ कर देंगे
..कर्जा डकार जाना, माफ कर देंगे … ये देंगे .. वो देंगे … वगैरह, वगैरह।

क्या ये खुल्लम खुल्ला रिश्वत नहीं?

काला धन वापिस लाएंगे, भ्र्ष्टाचार मुक्त भारत बनाएंगे।

एक दक्षिण भारतीय फिल्म टेलीविजन पर प्रसारित हो रही थी जिसमे पैराशूट उम्मीदवार को अपने द्वारा किए गए कामों की फरहिस्त देने की ज़रूरत नहीं न उसे आम जनता के बीच जाने की ही कोई ज़रूरत नेता जी जब भी दिखाई देते हैं गाड़ी में बैठते हुए या उतरते समय या कोई फरियादी सामने आ जाए तो हज़ार रदो हज़ार रुपये से उसकी मदद करते। उचित समय यानि चुनावी दिनों में पाँच सौ के एक या दो दो नोट, एक बोतल, बीस किलो आटा, दस किलो चावल और स्वादानुसार कुछ मीठी बातें।
पिछले दो चुनावों के दौरान देखा गया उम्मीदवारों ने घर घर अपनी तस्वीर वाले प्रेशर कुकर, दीवार घड़ियां, सिलाई करने वाले लोगों को अपनी फोटो छपी मशीनें, रेहड़ी फड़ी वालों को अपनी तस्वीरों वाली छतरियां बाँटी गईं।
हम अब भी उम्मीद करते हैं कि इन सब प्रलोभनों से चुनाव निष्पक्ष होंगे।

वोट के लिए क्या आप कुछ भी प्रलोभन दे सकते हैं?
ये जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा है लेकिन आम जनता इस ओर सोचती ही नहीं।

मध्यमवर्ग खुश हो जाता है डी ए की किश्त से। वो नहीं समझ रहा कि वह भर भर कर टैक्स चुका रहा है, महंगा पेट्रोल खरीद रहा है , महंगाई की मार झेल रहा है डिफाल्टर की कर्जमाफी… फोकट की स्कूटी…हराम की बिजली…हराम का घर…दो रुपये किलो गेंहू…एक रुपया किलो चावल…चार से छह रुपये किलो दाल…

गरीब हैं, थोकिया वोट बैंक हैं, इसलिए फोकट खाना, घर, बिजली, कर्जा माफी दिए जा रहे हैं,
बाकी लोग किस बात की सजा भोगें ?

जबकि होना ये चाहिये कि टैक्स से सर्वजनहिताय काम हों,
देश के विकास का काम हों,सड़कें, पुल दुरुस्त हों,रोजगारोन्मुखी कल कारखानें हों, विकास की खेती लहलहाती हो,
तो सबको टैक्स चुकाना अच्छा लगता.. ।

लेकिन राजनीतिक दल देश के एक बहुत बड़े भाग को शाश्वत गरीब ही बनाए रखना चाहते हैं। उसके लिए रोजगार सृजन के अनूकूल परिस्थिति बनाने की बजाए तथाकथित सोशल वेलफेयर की खैराती योजनाओं के माध्यम से अपना अक्षुण्ण वोट बैंक स्थापित कर रहे हो।

कर्मशील देश के बाशिन्दों को तुरंत कानून लाकर कुछ भी फ्री देने पर बंदिश लगाई जाए ताकि देश के नागरिक निकम्मे व निठल्ले न बने।

जनता को सिर्फ न्याय,शिक्षा व चिकित्सा के अलावा और कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलनी चाहिए। तभी देश का विकास संभव है ।
जनसंख्या कंटरोल बिल का क्या बना इस पर भी जनता को पूछना चाहिए।
सोचने की शक्ति को पथभ्रष्ट करने की हर सम्भव कोशिश की जाती है भले ही सत्तासीन दल हो या फिर विपक्ष। चाहे टी वी के डिबेट शो हों या सोशल मीडिया दोनो ही असल मुद्दों से भटकाव के कामों में इस्तेमाल हो रहे हैं जाँचेंगे तो इसके पीछे भी राजनीतिक षड्यंत्र और बड़ा आर्थिक झोल दिखेगा।
डिजिटल इंडिया के नाम पर हाथ हाथ मे स्मार्ट फोन और प्रोग्राम्ड सोच और आसान बनती दलों की पावर शेयरिंग की सुरंग रूपी डगर ।

Panchang

पंचांग, 06 जनवरी 2022

हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को शुभ दिन, शुभ तिथि, शुभ मुहूर्त आदि को देखकर किया जाता है। इन सभी चीजों के बारे में पता लगाने के लिए पंचांग की आवश्यकता पड़ती है जिसके माध्यम से आप आने वाले दिनों के शुभ एवं अशुभ समय के साथ सूर्योदय, सूर्यास्त, चन्द्रोदय, चन्द्रास्त, ग्रह, नक्षत्र आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हें। आइए पंचांग के पांच अंगों – तिथि, नक्षत्र, वार, योग एवं करण के साथ राहुकाल, दिशाशूल, भद्रा, पंचक, प्रमुख पर्व आदि की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं।

विक्रमी संवत्ः 2078, 

शक संवत्ः 1943, 

मासः पौष़, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः चतुर्थी दोपहर 12.30, तक है,

वारः गुरूवार।

विशेषः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।

 नक्षत्रः शतभिषा प्रातः 06.21 तक है, 

योगः सिद्धि अपराहन् काल 03.24 तक, 

करणः विष्टि, 

सूर्य राशिः धनु,  चंद्र राशिः कुम्भ, 

राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 07.19,  सूर्यास्तः 05.35 बजे।

सुनील जाखड़ पंजाब के प्रमुख कांग्रेस नेता ने अपनी ही पार्टी पर साधा निशाना

आखिर क्या वजह है कि शांत रहकर हमेशा ही पार्टी के हक में चलने वाले जाखड़ इतने नाराज हो गए कि राहुल द्वारा बार-बार मनाने के प्रयास करने के बावजूद उनकी नाराजगी दूर नहीं हो रही है? 2017 में कैप्टन अमरिंदर द्वारा मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालने के बाद पार्टी ने जाखड़ को प्रदेश प्रधान बनाया था। जब नवजोत सिंह सिद्धू ने तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत शुरू की तो पार्टी ने जाखड़ का इस्तीफा लेकर सिद्धू को प्रदेश प्रधान की जिम्मेदारी दी। जाखड़ के करीबी सूत्र बताते हैं कि पूर्व प्रदेश प्रधान ने पार्टी द्वारा बार-बार नजरंदाज किए जाने का तो बुरा नहीं माना, लेकिन जब मुख्यमंत्री पद के लिए उनका नाम केवल इसलिए कट गया, क्योंकि वह पगड़ीधारी नहीं है। इसके बाद उनका गुस्सा गहरी नाराजगी में बदल गया।

बठिंडा एयरपोर्ट पर मोदी अफसरों से बोले- मैं एयरपोर्ट तक जिंदा पहुंच पाया, इसके लिए अपने CM को थैंक्स कहना

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम, चंडीगढ़ :

जाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि आज जो हुआ वह स्वीकार्य नहीं है। यह पंजाब के खिलाफ है। फिरोजपुर में भाजपा की रैली को संबोधित करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री के लिए एक सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया जाना चाहिए था। इस तरह लोकतंत्र काम करता है।

पंजाब में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक का बड़ा मामला सामने आया। जिसको लेकर पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री को एक सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया जाना चाहिए था। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि, “आज जो हुआ वह स्वीकार्य नहीं है,आज जो हुआ वो स्वीकार्य नहीं है, आज की घटना पंजाब और पंजाबियत के खिलाफ है। फिरोजपुर में भाजपा की रैली को संबोधित करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री के लिए एक सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया जाना चाहिए था। इस तरह लोकतंत्र काम करता है।” 

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी सड़क मार्ग से जाते समय एक फ्लाईओवर पर 15 से 20 मिनट के लिए उस वक्त फंस गए थे जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ते को अवरुद्ध कर दिया। इस चूक की वजह से पीएम मोदी फिरोजपुर में बिना कार्यक्रम में हिस्सा लिए ही बठिंडा एयरपोर्ट पर वापस लौट गए। इसके बाद उन्‍होंने चुनाव वाले राज्‍य पंजाब में अपने कार्यक्रम रद्द कर दिए।

इस चूक के लिए केंद्र सरकार ने पंजाब की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, “प्रधानमंत्री के कार्यक्रम और ट्रेवल प्लान के बारे में पंजाब सरकार को पहले ही बता दिया गया था। प्रक्रिया के अनुसार, उन्हें लॉजिस्टिक्स, सुरक्षा के साथ-साथ आकस्मिक योजना तैयार रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था करनी होती है।” आकस्मिक योजना के मद्देनजर पंजाब सरकार को सड़क मार्ग को किसी भी आंदोलन से सुरक्षित रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था करनी चाहिए थी, जो स्पष्ट रूप से तैनात नहीं थी। गृह मंत्रालय ने PM की सुरक्षा में गंभीर चूक पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। साथ ही राज्य सरकार को इस चूक के लिए जवाबदेही तय करने और सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है।