सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक की गहन जांच की मांग वाली याचिका पर विचार किया
सुप्रीम कोर्ट ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बुधवार को पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा चूक की गहन जांच की मांग वाली एक याचिका पर विचार किया। एनजीओ लॉयर्स वॉयस द्वारा दायर याचिका में सुरक्षा चूक के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई और भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए पंजाब सरकार को उचित निर्देश देने की मांग की गई है। किसानों द्वारा फ्लाईओवर को अवरुद्ध करने के कारण बुधवार को पीएम मोदी का काफिला पंजाब के एक फ्लाईओवर पर करीब 20 मिनट तक फंसा रहा। निजी कारों को भी काफिले के पास जाते देखा गया, जो एक बड़ी सुरक्षा चूक थी।यही नहीं पुलिस वालों को किसानों के साथ चाय पीते पाया गयाजिसे इनकी मंत्री वेरका ने भंडारा कहा।
डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, नयी दिल्ली:
पंजाब के फिरोजपुर में बीते 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये Rarest Of The Rare केस है। दोबारा ऐसा नहीं होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं। केंद्र सरकार और राज्य सरकार अपनी कमेटी पर विचार करे। पीएम मोदी का काफिला रुकना गलत है। याचिकाकर्ता एनजीओ की ओर से सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में एसपीजी एक्ट पढ़ा। उन्होंने कहा कि ये केवल कानून-व्यवस्था का मामला नहीं है बल्कि एसपीजी एक्ट के तहत एक मुद्दा है। ये एक वैधानिक जिम्मेदारी है. इसमें कोताही नहीं बरती जा सकती है।
सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने कहा, ‘ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है, सिर्फ कानून-व्यवस्था का नहीं है. राज्य सरकार को वैधानिक स्तर पर इसकी अनुपालना करनी होती है.’ मनिंदर सिंह ने कहा कि ये बहुत ही गंभीर मसला है. प्रधानमंत्री की सुरक्षा में भारी चूक हुई है. इस मामले में स्पष्ट जांच जरूरी है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी जरूरी है. सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने आगे कहा कि राज्य के पास इस मामले (पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक) की जांच करने का अधिकार नहीं है. ये कानून-व्यवस्था का मामला नहीं है. राज्य ने जिसे जांच कमेटी का अध्यक्ष बनाया है वो पहले एक बड़े सेवा संबंधी घोटाले का हिस्सा थे.
सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने कहा, ‘ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है, सिर्फ कानून-व्यवस्था का नहीं है। राज्य सरकार को वैधानिक स्तर पर इसकी अनुपालना करनी होती है।’ मनिंदर सिंह ने कहा कि ये बहुत ही गंभीर मसला है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में भारी चूक हुई है। इस मामले में स्पष्ट जांच जरूरी है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी जरूरी है।
सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने आगे कहा कि राज्य के पास इस मामले (पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक) की जांच करने का अधिकार नहीं है। ये कानून-व्यवस्था का मामला नहीं है। राज्य ने जिसे जांच कमेटी का अध्यक्ष बनाया है वो पहले एक बड़े सेवा संबंधी घोटाले का हिस्सा थे।