भाजपा से हरप्रीत कौर बबला को मेयर उम्मीदवार , कॉंग्रेस और AAP से कुछ पार्षदों के बिछुड़ने की अटकलें
आम आदमी पाटी के तीन पार्षद भाजपा के संपर्क में हैं। हालांकि आप ने अपने पार्षदों की चौकसी बढ़ा दी है। आप पहले ही पार्षदों के खरीद फरोख्त का आरोप लगा रही है। अगर आप के यह तीन पार्षद भाजपा में शामिल हो जाते हैं तो भाजपा का मेयर बनना तय हो जाएगा। वहीं चर्चा यह भी है कि कांग्रेस के भी दो पार्षद भाजपा के संपर्क हैं, जिन्हें तोड़ने की जिम्मेवार देवेंद्र सिंह बबला को ही दी गई है। अगर भाजपा हरप्रीत कौर बबला को मेयर उम्मीदवार बनाएगी तो पार्टी को अपनी रणनीति बदलनी पड़ेगी। वह किसी भी सूरत में हरप्रीत कौर बबला को मेयर का चुनाव नहीं जीतने देंगे। बबला की ओर से शनिवार को किया गया विवाद सिर्फ भाजपा में शामिल होने का एक बहाना था।
सारिका तिवारी, चंडीगढ़ :
चंडीगढ़ में मेयर पद चुनाव से पहले रविवार को सियासत गरमा गई। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह बबला को पार्टी से निष्कासित किया। वहीं कांग्रेस से निष्कासित होते ही बबला अपनी पार्षद पत्नी हरप्रीत कौर बबला के साथ भाजपा कार्यालय पहुंचे और पार्टी में शामिल हो गए। इस दौरान सांसद किरण खेर और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन समेत हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी मौजूद रहे।
बता दें कि चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी 14 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। वहीं भाजपा को 12 सीटें मिली थीं। सांसद को मिलाकर भाजपा के पास 13 वोट हैं। अब बबला की पत्नी के भाजपा का दामन थाम लेने से भाजपा और आप के पास 14-14 पार्षद हो गए हैं। अब मेयर पद का चुनाव काफी दिलचस्प हो जाएगा। बता दें कि निगम में दल बदल कानून लागू नहीं होता। यानी पार्षद बनने के बाद पार्टी छोड़ देने पर भी पार्षद पद कायम रहता है। आम आदमी पाटी के तीन पार्षद भाजपा के संपर्क में हैं। हालांकि आप ने अपने पार्षदों की चौकसी बढ़ा दी है।
ताजा स्थिति को देखते हुए देवेंद्र सिंह बबला ने भाजपा को आश्वासन दिया है कि अगर पत्नी को मेयर का उम्मीदवार बनाया जाएगा तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कुछ पार्षदों की वोट क्रास करवा लेंगे।
मेयर चुनाव के लिए अभी तक कांग्रेस ने यह रणनीति बनाई थी कि वह अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी। पहली बार सबसे कम वोट मिलने पर कांग्रेस बाहर हो जाएगी। दूसरी बार मतदान होने पर वह मेयर चुनाव का बहिष्कार कर दी, लेकिन अब कांग्रेस अपनी रणनीति बदल रही है। अगर भाजपा हरप्रीत कौर बबला को उम्मीदवार बनाती है तो भाजपा में भी गुटबाजी शुरू हो सकती है। क्योंकि अभी तक अनिल दूबे पत्नी बिमला दूबे और जगतार जग्गा पत्नी सरबजीत को मेयर उम्मीदवार बनाना चाहते हैं। इस समय भाजपा की दो ही महिला पार्षद जीती है। जबकि बबला को भाजपा में शामिल करवाने पर अध्यक्ष अरुण सूद और पूर्व अध्यक्ष संजय टंडन इसे अपनी कामयाबी मान रहे हैं।
आप के तीन पार्षद भाजपा के संपर्क में!
यह भी चर्चा है कि आम आदमी पाटी के तीन पार्षद भाजपा के संपर्क में हैं। हालांकि आप ने अपने पार्षदों की चौकसी बढ़ा दी है। आआपा पहले ही पार्षदों के खरीद फरोख्त का आरोप लगा रही है। अगर आआपा के यह तीन पार्षद भाजपा में शामिल हो जाते हैं तो भाजपा का मेयर बनना तय हो जाएगा। वहीं चर्चा यह भी है कि कांग्रेस के भी दो पार्षद भाजपा के संपर्क हैं, जिन्हें तोड़ने की जिम्मेवार देवेंद्र सिंह बबला को ही दी गई है। अगर भाजपा हरप्रीत कौर बबला को मेयर उम्मीदवार बनाएगी तो पार्टी को अपनी रणनीति बदलनी पड़ेगी। वह किसी भी सूरत में हरप्रीत कौर बबला को मेयर का चुनाव नहीं जीतने देंगे। बबला की ओर से शनिवार को किया गया विवाद सिर्फ भाजपा में शामिल होने का एक बहाना था।