1.8 लाख मरीजों को किडनी ट्रांस्पलांट की जरूरत, भारत में हर वर्ष सिर्फ 6000 ट्रांस्पलांट ही संभव: डा. एस.के. गोयल

  • अल्केमिस्ट अस्पताल पंचकूला ने अंगदानी निपुन जैन के परिवार को सम्मानित किया
  • अंग दान करके पांच लोगों को नया जीवन दिया
  • 36 वर्षीय निपुन जैन के परिवार ने अंग दान करके पंचकूला में इतिहास रचा

पंचकूला, 29 नवंबर: 

अल्केमिस्ट अस्पताल पंचकूला ने 36 वर्षीय सूचना टेक्नोलॉजी माहिर निपुन जैन के परिवार को सम्मानित किया, जिनकी दिमाग की नाड़ी फटने के कारण मौत हो गई थी। तथा परिवार ने उसके अहम अंग दान करने का फैसला किया था। निपुन जैन के अंग दान करने से 5 लोगों को नया जीवन मिला है। अस्पताल मैनेजमेंट ने जैन परिवार द्वारा दिखाए हौंसले तथा बहादुरी को सलाम करते हुए एक सम्मान चिन्ह भेंट किया।

इस सम्मान समारोह में किडनी विभाग के प्रमुख डा. एस.के. शर्मा, सीनियर कंस्लटेंट डा. नीरज गोयल, नेफ्रोलॉजी के सीनियर कंस्लटेंट डा. रमेश कुमार, न्यूरो के माहिर डा. गौरव जैन तथा न्यूरो सर्जन डा. मनीष बुद्धिराजा शामिल थे।

इस अवसर पर संबोधन करते हुए डा. नीरज गोयल ने बताया उन्होंने अल्केमिस्ट अस्पताल पंचकूला में ट्राईसिटी की पहली ऐसी ट्रांस्प्लांट सर्जरी की, जिसमें एक मृतक व्यक्ति के अहम अंग जरूरतमंद मरीजों को लगाकर नया जीवन दिया गया। उन्होंने बताया कि ऐसा पीजीआई चंडीगढ़ के डाक्टरों की मदद के साथ संभव हो सका। डा. गोयल ने बताया कि 31 अक्तूबर को अल्केमिस्ट अस्पताल पंचकूला में निपुन जैन नामक मरीज आया, जिसको ब्रेन हैमरेज के कारण दिमागी तौर पर मृतक घोषित किया गया था। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग से सारी कागजी कार्रवाई मुकम्मल करके मृतक के परिवार की सहमती से प्राइवेट क्षेत्र में पहली ट्रांस्प्लांट की कार्रवाई थी, जहां अंगदानी एक मृतक (कैडेवर) था।

डा. गोयल ने बताया कि पीजीआई चंडीगढ़ के डाक्टरों के साथ बातचीत के बाद अल्केमिस्ट अस्पताल पंचकूला से लेकर पीजीआई चंडीगढ़ तक सुरक्षित (ग्रीन) कॉरीडोर बनाया गया तथा चंडीगढ़ पुलिस की मदद के साथ पूरा रास्ता खाली करवाया गया, ताकि तेजी से अंग पीजीआई के दाखिल लाभपात्रियों के पास पहुंच सकें।
डा. एस.के.शर्मा ने इस अवसर पर संबोधन करते हुए कहा कि भारत में अंगों की उपलब्धता न होने के कारण हर वर्ष 5 लाख लोगों की जान चली जाती है। उन्होंने बताया कि निपुन जैन की एक किडनी, पैनक्रियास तथा आंखें जरूरतमंद को ट्रांस्प्लांट करके नया जीवन दिया गया। उन्होंने कहा कि 1.8 लाख मरीजों को किडनी ट्रांस्पलांट की जरूरत होती है, परंतु भारत में हर वर्ष सिर्फ 6000 ट्रांस्पलांट ही संभव हो पाते हैं।

उन्होंने बताया कि 130 करोड़ की आबादी होने के बावजूद हमारे देश में 10 लाख (एक मिलियन) आबादी के पीछे 0.08 अंग दानी मिलते हैं, ऐसा जागरूक की कमी के कारण है।
नेफ्रोलॉजी के सीनियर कंस्लटेंट डा. रमेश कुमार ने बताया कि भारत जीवंत लोगों से किडनी ट्रांस्पलांट के मामले में दुनिया में दूसरे स्थान पर है तथा जहां 95 प्रतिशत किडनी जीवंत लोगों से ट्रांस्प्लांट किए जाते हैं, जबकि कैडेवर (मृतक) से सिर्फ 5 प्रतिशत किडनी ट्रांस्पलांट किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि निपुन जैन के परिवार द्वारा अंग दान करने संबंधी लिया गया फैसला मानवता की सेवा में सर्वोत्तम कार्य है। वह निपुन के परिवार की सच्ची श्रद्धा भावना को दिल से सलाम करते हैं।

11 की बजाय 26 दिसंबर को नूंह में होगा ‘विपक्ष आपके समक्ष’ कार्यक्रम- हुड्डा

  • अपने घोटालों को छिपाने के लिए पूर्ववर्ती सरकार पर बेतुके आरोप लगा रही है मौजूदा सरकार- हुड्डा
  • अगर भर्ती घोटालों में सरकार संलिप्त नहीं तो जांच से संकोच क्यों- हुड्डा
  • जिन लोगों पर भर्ती घोटाले का आरोप लगाते हैं, उन्हीं के समर्थन से सरकार चला रहे हैं मुख्यमंत्री- हुड्डा
  • कृषि को लाभकारी बनाने के लिए स्वामीनाथन के C-2 फार्मूले पर MSP दे सरकार- हुड्डा
  • ‘MSP थी, है और रहेगी’ का नारा देने वाली सरकार को कानून बनाने से संकोच क्यों- हुड्डा

29 नवंबर, चंडीगढ़: 

पूर्व मुख्यमंत्री नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा जानकारी दी है कि 12 दिसंबर की दिल्ली रैली के चलते 11 को नूंह में होने वाले ‘विपक्ष आपके समक्ष’ कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है। 12 तारीख को हमारी पार्टी कांग्रेस की दिल्ली में महंगाई के खिलाफ बड़ी रैली है। इसलिए अब 26 दिसंबर को नूंह में विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम होगा। हुड्डा ने कहा कि इस कार्यक्रम से पहले और दूसरे पड़ाव में करनाल और जींद में सफल आयोजन हो चुके हैं। बड़ी तादाद में लोग अपनी समस्याएं लेकर विपक्ष के समक्ष पहुंच रहे हैं। इन तमाम मुद्दों और समस्याओं को पार्टी की तरफ से विधानसभा में उठाया जाएगा।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आज एक बयान जारी करते हुए कहा कि एचपीएससी और एचएसएससी में भ्रष्टाचार चरम पर है। बावजूद इसके सरकार उच्च स्तर पर बैठे लोगों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। इस सरकार के मेरिट और पारदर्शिता वाले दावे की पोल खुल चुकी है। दोनों ही चीजें नोटों में बिक रही है। एचपीएससी घोटाले में 23 नवंबर को कोर्ट की टिप्पणी से भी स्पष्ट है कि सरकार सही तरीके से पूरे मामले की जांच नहीं कर रही है। इसलिए आयोग के चेयरमैन को बर्खास्त कर हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में पूरे मामले की जांच होनी चाहिए। अगर इस घोटाले में सरकार की भागीदारी नहीं है तो उसे जांच से संकोच नहीं करना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि असली मुद्दे से भटकाने और अपने घोटालों को दबाने के लिए मौजूदा सरकार पूर्ववर्ती सरकार पर बेतुके आधारहीन आरोप लगा रही है। जबकि, कांग्रेस कार्यकाल के दौरान किसी भर्ती पर भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे। सिर्फ तकनीकी आधार पर कुछ भर्तियों को रद्द किया गया। वहीँ दूसरी ओर मौजूदा सरकार में ताबड़तोड़ घोटालों की वजह से एक के बाद एक भर्तियों को रद्द करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री के आरोपों का जवाब देते हुए हुड्डा ने कहा कि जिन लोगों पर मुख्यमंत्री भर्ती घोटाला करने का आरोप लगाते हैं, आज उन्हीं के समर्थन से सरकार चला रहे हैं।

तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए हुड्डा ने दोहराया कि यह देर से लिया गया दुरुस्त फैसला है। अब सरकार को किसानों के बाकी मुद्दों पर भी बात करनी चाहिए और कृषि को लाभकारी बनाने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कृषि को लाभकारी बनाने के लिए मुख्यमंत्रियों की वर्किंग कमिटी का अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने कई सिफारिशें की थी। इनमें से एक थी स्वामीनाथन आयोग के सी2 फार्मूले पर किसानों को एमएसपी देना। हुड्डा ने याद दिलाया कि देश में सबसे पहले उनके पिताजी स्वर्गीय श्री रणबीर सिंह हुड्डा ने 23 नवंबर, 1948 में एमएसपी की मांग उठाई थी, जिसे बाद में अमलीजामा पहनाया गया। अब सरकार को इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए एमएसपी गारंटी का कानून बनाना चाहिए। तभी कृषि एक लाभकारी व्यवसाय बन सकता है।

हुड्डा ने पूछा कि ‘एमएसपी थी, है और रहेगी’ का नारा देने वाली सरकार को कानून बनाने में आखिर क्या दिक्कत है? साथ ही हुड्डा ने आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमों को खारिज करने और शहीद किसानों के परिवारों को सरकारी नौकरी व मुआवजा देने की मांग भी दोहराई।

ਹਰਿੰਦਰ ਹੁੰਦਲ ਦਾ ਵੀਡੀਓ ਟਰੈਕ ਅੰਮੀਏ (ਮਾਂ) ਲਾਂਚ

ਅਭਿਨੇਤਰੀ ਸੁਨੀਤਾ ਧੀਰ, ਮਲਕੀਤ ਰੋਨੀ ਅਤੇ ਮੁੰਬਈ ਅਧਾਰਤ ਅਦਾਕਾਰਾ ਪ੍ਰਿਯੰਕਾ ਸਨਾਤ ‘ਤੇ  ਰਾਜਸਥਾਨ ਅਤੇ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਵਿੱਚ ਸ਼ੂਟ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਖੂਬਸੂਰਤ ਟਰੈਕ ਅੰਮੀਏ ਆਪਣੇ ਆਪ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਗੰਭੀਰ ਪਰ ਦਿਲ ਨੂੰ ਛੂਹ ਲੈਣ ਵਾਲਾ ਸੰਦੇਸ਼ ਦਿੰਦਾ ਹੈ।ਭਾਰਤ ਪ੍ਰਾਚੀਨ ਕਾਲ ਤੋਂ ਆਪਣੀ ਸੰਸਕ੍ਰਿਤੀ ਅਤੇ ਸੱਭਿਅਤਾ ਲਈ ਮਸ਼ਹੂਰ ਰਿਹਾ ਹੈ।  ਸਾਡੀ ਸੱਭਿਅਤਾ ਅਤੇ ਸੱਭਿਆਚਾਰ ਦੇ ਵਾਹਕ ਇੱਥੋਂ ਦੇ ਸਾਂਝੇ ਪਰਿਵਾਰ ਰਹੇ ਹਨ, ਜੋ ਪੀੜ੍ਹੀ ਦਰ ਪੀੜ੍ਹੀ ਇਸ ਨੂੰ ਅੱਗੇ ਤੋਰਦੇ ਆ ਰਹੇ ਹਨ।  ਸਾਰੇ ਰਿਸ਼ਤਿਆਂ ਦੇ ਮੋਤੀਆਂ ਦੀ ਮਾਲਾ ਵਿੱਚ ਬੰਨ੍ਹਿਆ ਸਾਂਝਾ ਪਰਿਵਾਰ ਹਮੇਸ਼ਾ ਹੀ ਪੂਰੀ ਦੁਨੀਆ ਲਈ ਖਿੱਚ ਅਤੇ ਖੋਜ ਦਾ ਵਿਸ਼ਾ ਰਿਹਾ ਹੈ।  ਸਾਡੇ ਸੱਭਿਆਚਾਰ ਵਿੱਚ ਮਾਂ ਦਾ ਰੋਲ ਸਭ ਤੋਂ ਉੱਚਾ ਹੈ, ਪਰ ਇੱਕ ਧੀ ਲਈ ਉਸ ਦਾ ਬਾਬਲ ਵਾਲਾ ਘਰ ਅਤੇ ਉਸ ਦੇ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਉਸ ਨਾਲ ਯਾਦਾਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਜੁੜੇ ਹੋਏ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਇਸ ਸੰਸਾਰ ਤੋਂ ਚਲੇ ਜਾਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਵੀ ਧੀ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਭੁੱਲਦੀ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਯਾਦਾਂ ਵਿੱਚ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸੰਭਾਲੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ | , ਇਹ ਸਭ ਕੁਝ ਅੰਮੀਆਂ ਵਿੱਚ ਫਿਲਮਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਹਰਿੰਦਰ ਹੁੰਦਲ ਨੇ ਗਾਇਆ ਹੈ, ਸੰਗੀਤ ਹਰਦੀਪ ਗੁੱਡੂ ਨੇ, ਬੋਲ ਹਰਜਿੰਦਰ ਬੱਲ, ਨਿਰਮਾਤਾ ਕਸ਼ਮੀਰ ਸੋਹਲ ਅਤੇ ਕੁਲਜੀਤ ਖਾਲਸਾ ਅਤੇ ਵੀਡੀਓ ਬੇਬੀ ਬਾਜਵਾ ਨੇ ਬਣਾਈ ਹੈ।ਗਾਇਕ ਹਰਿੰਦਰ ਨੇ ਭਾਵੁਕ ਹੁੰਦਿਆਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਇੱਕ ਗਾਇਕ ਨੂੰ ਕਾਮਯਾਬੀ ਹਾਸਿਲ ਕਰਨ ਲਈ ਸਮਾਂ ਲੱਗਦਾ ਹੈ, ਨੌਜਵਾਨ ਗਾਇਕਾਂ ਨੂੰ ਸ਼ਾਰਟ ਕੱਟ ਰਾਹ ਤਲਾਸ਼ਣ ਦੀ ਬਜਾਏ ਆਪਣੀ ਪ੍ਰਤਿਭਾ ‘ਤੇ ਧਿਆਨ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਰਿਆਜ਼ ਕਰਕੇ ਢੁੱਕਵੇਂ ਮੌਕਿਆਂ ਦੀ ਤਲਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਲਗਾਤਾਰ ਰਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। 

National Pharmacy Teachers Training Programme Begins at PU

Chandigarh November 29, 2021

A one-week web faculty training school under the initiative of UGC Networking Resource Centre (UGC-NRC), on “Attaining Quality Excellence in Drug Delivery Development & Research: Emerging Trends, Tools & Techniques in Pharmaceutics & Biopharmaceutics” from November 29 to December 04, 2021 was inaugurated today via Cisco WebEx at the University Institute of Pharmaceutical Sciences (UIPS), Panjab University, for pharma faculty and researchers across the country.

A total of 68 participants were selected among over 80 applicants for training, hailing from various Colleges/Universities, representing 19 different states of India. The training school intends to apprise and update the young participants among faculty and researchers on diverse scientific and professional vistas of the pertinent domain of Pharmaceutics and Biopharmaceutics, and to provide them a constructive milieu for exploring and exploiting the advanced approaches and appliances in the aforesaid pharmaceutical fields.

Professor Indu Pal Kaur, Chairperson, UIPS and Programme Coordinator, UGC-NRC, welcomed the participants and Chief Guest, and briefed them about the achievements of UIPS and UGC-NRC programs.

Professor Bhupinder Singh Bhoop, Course Coordinator, summarized about the course content to the participants, introduced the keynote speaker and conducted the proceedings of the event. Dr Gurpal Singh is the Joint Course Coordinator.

Professor Surjit Singh, Director, Post Graduate Institute of Medical Education & Research (PGIMER), Chandigarh, was the Chief Guest and shared his words of wisdom. He congratulated UIPS on being the premier and highly rated department of the Panjab University and delightedly shared the cordial and synergistic relation of PGI and UIPS.

Professor Dulal Panda, Director, National Institute of Pharmaceutical Education & Research (NIPER), Mohali, Punjab was the Keynote Speaker and delivered the Keynote Address on “Cancer Chemotherapy: Potential Role of Drug Delivery.” Professor Panda gave an overview of microtubule structural diversity originating from tubulin heterogeneities, and how cancer cells use those heterogeneities to acquire resistance against clinical agents.  Citing an existing successful attempt of Maytansine, he pondered on the need to formulate and develop new drug delivery system to counter the developed resistance. Further, he encouraged the participants to adopt Tubulin core as an emerging area by sharing research findings of potent delivery system of microtubule -destabilizing nanocomplexes for hepatocellular carcinoma cells.

Professor V. R. Sinha, Dean of University Instruction, Panjab University, presided over the event and shared his Presidential remarks. He appreciated the efforts of coordinators telling that course would be an ideal opportunity for the novitiate scientists to gain familiarity with diverse conceptual and practical aspects, ranging widely from laboratory research to its industrial commercialization.

Subsequent sessions included a lecture by Professor S P Vyas, Drug Delivery Research Laboratory, Department of Pharmaceutical Sciences, Dr. Harisingh Gour University, Sagar, Madhya Pradesh on “Nanomedicine-Based Strategies for Purpose Specific Drug Delivery: Options and Opportunities.” The post-lunch session covered informative talks by Professor Vandana Patravale, Professor of Pharmaceutics, Department of Pharmaceutical Sciences and Technology, Institute of Chemical Technology, Mumbai, Maharashtra on “Computational Pharmaceutics: A Changing Paradigm in Drug Delivery” and “Nanotechnology-Based Drug Products: Regulatory Intervention” by Dr Amita Sarwal, Pharmaceutics Division, University Institute of Pharmaceutical Sciences, Panjab University, Chandigarh.

UIPS is the first and the only Pharmacy Institute in the country selected by MHRD for creating UGC Networking Resource Centre to promote and foster research and academics in the field of Pharmaceutical Sciences by training young pharma trainers, selected across the nation.

Webinar on “Design Registration Process: An Insight” At UIFT & VD

Chandigarh November 29, 2021

            University Institute of Fashion Technology & Vocational Development (UIFT & VD) Panjab University Chandigarh held a lecture series Learn the ropes with Alumni by Dr. Charu Kohli, an expert in textiles on Design Registration Process: An insight. She pursued her PhD from UIFT, PU and developed a prototype for a reusable baby diaper.

            Dr. Anu H. Gupta, Chairperson, UIFT & VD, welcomed and appreciated Dr. Charu Kohli on her success in obtaining design registration for the reusable baby diaper. She also emphasised the significance of intellectual property rights for fashion design and technology experts.

            Dr. Charu Kohli shared her experience of registering a reusable baby diaper design. She elaborated on prerequisites and the procedure of filling out the documents to be submitted to the Design Wing of the Patent Office, which is located at the Intellectual Property Office in Kolkata, Delhi, Mumbai, and Chennai. She expounded on the terms “copyright, patent, and trademark,” instructing students on the distinctions between the three. She explained registration sheet samples and design classifications. She emphasised that students should not be scared to take risks and step outside of their comfort zone in order to gain greater exposure and urged students who conduct study on designing products to register their designs.

            Students expressed interest in the webinar, which concluded with the resource person answering questions on filling and filing the application for the design registration. Around 50 students and alumni joined the webinar, which was organised by Ms. Parneet Brar, guest faculty at UIFT.

पंचकुला कॉलेज के छात्र रेड क्रॉस से दो दिवसीय सेमिनार में जुड़े

जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग ने किया आयोजन ,युवाओं संबंधित विषयों पर हुई चर्चा

पंचकूला-26-11:

सेक्टर 3 के ताऊ देवी लाल स्टेडियम में जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम ने दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया।सेमिनार में स्वच्छ्ता ,पर्यावरण सुरक्षा ,महिला सशक्तिकरण एवं नशे के दुष्प्रभावों आदि विषयों पर चर्चा हुई।सेमिनार में ,सेक्टर 1 कॉलेज से यूथ रेड क्रॉस प्रभारी डॉक्टर राकेश पाठक सेमिनार से जुड़े। उन्होंने छात्रों को इन विषय के बारे में जानकारी दी। उन्होंने स्वच्छता के विषय को लेकर छात्रों को शपथ दिलाई। उन्होंने कहा , स्वच्छ्ता सबसे ऊपर है । देवता भी वही वास करते है और जहाँ स्वच्छता होती हैं।हमें अपने जीवन मे स्वच्छ्ता को महत्व देना चाहिए जितना हम बाकी चीजों को देते है।आज के विषय में,स्वच्छ्ता एक असाधारण बात बन गई है। हमें सभी को चाहिए कि हम अपने देश की स्वच्छ्ता का ध्यान स्वयं रखें और समाज को भी जागरूक करें।

सेमिनार में ,सेक्टर 1 कॉलेज से डॉक्टर रिचा सेठिया ने पर्यावरण और प्रोफेसर चित्रा ने महिला सशक्तिकरण विषयों पर छात्रों के साथ चर्चा की एवं इन विषयों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

सेमिनार का आयोजन जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी अमरजीत सिंह और सहायक अधिकारी सुरेखा ने किया। सेमिनार में ,सेक्टर 1 कॉलेज और पंचकुला ग्रामीण क्षेत्रों से काफी छात्रों ने प्रतिभाग किया एवं सामाजिक विषयों पर जानकारी प्राप्त की।

दिल्ली निगम चुनावों से पहले मुकेश गोयल ने आआपा का दामन थामा कॉंग्रेस को झटका लगा

मुकेश गोयल ने कहा कि आज आम आदमी पार्टी जिस तरह से काम कर रही है, उसे देख कर आप में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में रहते हुए आम आदमी पार्टी का पुरजोर विरोध किया था, क्योंकि पार्टी से बंधे हुए थे, मगर बाद में इस बात का अहसास हुआ कि वह गलत कर रहे हैं। आप सरकार अच्छा काम कर रही है, इसलिए आप में शामिल हुए हैं। 10 दिनों के भीतर कांग्रेस को अलविदा कहने वाला यह तीसरा बड़ा नेता है। चिंताजनक यह कि इन सूरते हाल भी पार्टी पदाधिकारी समझने को या अपना रवैया बदलने को तैयार नहीं हैं। इसके विपरीत इंटरनेट मीडिया के जरिये अब मीडियाकर्मियों को ही कठघरे में खड़ा करने लग गए हैं।

सरीका तिवारी, चंडीगढ़/नयी दिल्ली:

दिल्ली में अगले साल 2022 में होने वाले एमसीडी चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकेश गोयल कल आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल होंगे। समाचार एजेंसी एएनआई के सूत्रों के मुताबिक, मुकेश गोयल शनिवार को आप का दामन थामेंगे। 

बीते काफी समय से उनके आम आदमी पार्टी में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन आखिरकार उन्होंने इसपर अपना फैसला ले लिया है और शनिवार को वो आम आदमी पार्टी में शामिल होंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकेश गोयल ने आईएएनएस को बताया कि, वह शनिवार 27 नवंबर को आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे हैं। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में वह शामिल होंगे।

हालांकि जब उनसे कांग्रेस पार्टी छोड़ने का कारण पूछा गया तो उन्होंने साफ कर दिया कि, वह शामिल होने के बाद ही कुछ कहेंगे। हालांकि वह अकेले कांग्रेस नहीं छोड़ रहे हैं उनके साथ अन्य पदाधिकारी भी छोड़ सकते हैं। मुकेश गोयल ने आईएएनएस से बात करते हुए इस खबर कि पुष्टि की है।

उन्होंने इस बात की ओर भी इशारा किया है कि, वह अकेले नहीं जो पार्टी छोड़ रहे हैं उनके साथ कई पदाधिकारी भी शामिल होने पर विचार कर रहे हैं। इससे पहले श्रीराम कालोनी वार्ड 64-ई से आम आदमी पार्टी की निगम पार्षद साहिस्ता ने कांग्रेस का दामन थामा था। लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को झटका दिया है।

दिल्ली निगम चुनाव में कांग्रेस की हालत पहले से ही नाजुक रही है और मुकेश गोयल के जाने के बाद हालत और बिगड़ सकती है। दरअसल दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी को नगर निगम चुनाव में पिछली बार करारी हार का सामना करना पड़ा था। वहीं दिल्ली के तीनों निगमों में बीजेपी ने बहुमत हासिल किया था।

भाजपा किसानों के आगे फिर झुकी: पराली जालना अपराध नहीं – कृषि मंत्री तोमर

देश में अब पराली जलाना अपराध की श्रेणी में नहीं आएगा। यह घोषणा केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को की। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों की प्रमुख मांग थी कि पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से बाहर रखा जाए, इसलिए किसानों की यह मांग केंद्र सरकार ने मांग ली है।

सरीका तिवारी, चंडीगढ़/नयी दिल्ली:

देश में अब पराली जलाना अपराध की श्रेणी में नहीं आएगा। यह घोषणा केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को की। उन्होंने कहा कि यह किसान संगठनों की बड़ी मांगों में से एक मांग थी कि पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से बाहर रखा जाए, इसलिए किसानों की यह मांग केंद्र सरकार ने मान ली है। दरअसल, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दस दिसंबर 2015 को फसल अवशेषों पर जलाने का प्रतिबंध लगा दिया था। पराली जलाने पर कानूनी तौर पर कार्रवाई भी की जाती थी। पराली जलाते पकड़े जाने पर दो एकड़ भूमि तक 2,500 रुपये, दो से पांच एकड़ भूमि तक 5,000 रुपये और पांच एकड़ से ज्यादा भूमि पर 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता था।

इस दौरान कृषि मंत्री ने किसान संगठनों से आंदोलन खत्म करने की अपील करते हुए कहा कि कृषि कानूनों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई है अब किसान आंदोलन का कोई औचित्य नहीं बनता है। किसान बड़े मन का परिचय दें। प्रधानमंत्री की घोषणा का आदर करें और अपने-अपने घर लौटना सुनिश्चित करें। 

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन 29 नवंबर को ही तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के विधेयक को सूचीबद्ध किया जाएगा। पीएम मोदी द्वारा तीनों कृषि कानून बिल को वापस लिए जाने की घोषणा के बाद मोदी कैबिनेट ने भी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। 

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार की ओर से किसानों की समस्याओं के निवारण के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि इस कमेटी के गठन से किसानों की एमएसपी संबंधित मांग भी पूरी हो गई है। उन्होंने कहा कि एमएसपी में पारदर्शिता, जीरो बजट खेती और फसल विविधीकरण लाने के लिए एक समिति का गठन करने की घोषणा की है इस समिति में किसान प्रतिनिधि होंगे। 

कृषि मंत्री ने कहा कि आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लिए जाने और उन्हें मुआवजा दिए जाने का अधिकार राज्य सरकारों का है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकारें मुकदमे की गंभीरता को देखते हुए अपने-अपने राज्य की नीति के अनुसार निर्णय ले सकती हैं।

panchang

पंचांग, 27 नवम्बर 2021

नोटः आज श्री कालभैरवाष्टमी तथा भैरव जयंती है। हिंदू धर्म में काल भैरव को भगवान शिव का ही स्वरूप माना जाता है। मान्यता है कि काल भैरव की उपासना करने से व्यक्ति के सभी संकट दूर हो जाते हैं। इस बार आज यानी 19 नवंबर, मंगलवार को काल भैरव अष्टमी मनाई जा रही है। इस दिन शुभ मुहूर्त में सच्चे दिल से प्रभु की उपासना करने से व्यक्ति अपने सभी शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं आखिर किस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से काल भैरव अपने भक्तों पर प्रसन्न होकर उनकी सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं। 

विक्रमी संवत्ः 2078, 

शक संवत्ः 1943, 

मासः मार्गशीर्ष़, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः अष्टमी प्रातः 06.01 तक है, 

वारः शनिवार

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।

 नक्षत्रः मघा रात्रि 09.43 तक है, 

योगः ऐन्द्र प्रातः काल 07.36 तक, 

करणः बालव, 

सूर्य राशिः वृश्चिक,  चंद्र राशिः सिंह, 

राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक, 

सूर्योदयः 06.57,  सूर्यास्तः 05.20 बजे।

फॉस्वाक के सलाहकार ने चण्डीगढ़ के मतदाताओं को निगम चुनावों के लिए थ्री ऐस कांसेप्ट का फार्मूला दिया

चण्डीगढ़ :

शहर में स्थानीय रिहायशियों की सबसे पुरानी व बड़ी संस्था फॉस्वाक के सलाहकार व रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, एमएचसी, से. 13 के अध्यक्ष कर्नल गुरसेवक सिंह ने चण्डीगढ़ के मतदाताओं को निगम चुनावों के लिए थ्री ऐस कांसेप्ट का फार्मूला अपनाने की सलाह देते हुए ऑडियो व वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिये एक अपील जारी की है। उन्होंने मतदाताओं को विभिन्न पार्टियों के नेताओं द्वारा जीतने के बाद छल किये जाने से सावधान रहने हेतु थ्री ऐस कांसेप्ट यानी एबिलिटी ( योग्यता), एवेलेबिलिटी व एस्सर्टीव का फार्मूला दिया हैं। उन्होंने शहर के मतदाताओं को थ्री ऐस कांसेप्ट से अवगत करते हुए बताया कि केवल  उसी उम्मीदवार को अपना कीमती वोट देना चाहिए, जो पढ़ा-लिखा हो व उसे स्थानीय मुद्दों एवं समस्याओं के बारे में भली भांति से पता होना चाहिए, उसे वार्ड निवासी ही होना चाहिये ताकि मौके-बेमौके उस तक पहुंचा जा सके व वह भी एकदम से वार्डवासियों के लिए उपलब्ध रहे ।

इसके अलावा उम्मीदवार को एक स्पष्ट नजरिये से परिपूर्ण होना चाहिए ताकि वो स्थानीय निवासियों का कोई भी काम सम्बंधित अधिकारियों से करवा सकने में सक्षम हो। उन्होंने कहा कि ये स्थानीय निकाय के चुनाव हैं, इसमें मतदाताओं को राजनीति को दरकिनार करते हुए केवल उसी उम्मीदवार को जीताना चाहिये, जो आम दरपेश समस्याओं से उन्हें निजात दिला सके ।