सिद्धू ने केजरीवाल पर साधे निशाने

सोमवार को पंजाब के दौरे के दौरान, उन्होंने वादा किया था कि अगर आआपा सत्ता में आती है, तो उसकी सरकार राज्य की प्रत्येक महिला के खाते में 1,000 रुपये प्रति माह डालेगी और उन्होंने इसे ‘दुनिया का सबसे बड़ा महिला सशक्तीकरण’ कार्यक्रम करार दिया। इससे पहले वह हर घर के लिये 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली, 24 घंटे जलापूर्ति, सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज और दवाओं का वादा कर चुके हैं। अमृतसर में सिद्धू ने युवाओं व महिलाओं समेत समाज के विभिन्न वर्गों से किए गए लंबे-चौड़े वादों को लेकर केजरीवाल को आड़े हाथों लिया।

‘पुरनूर’ कोरल, चंडीगढ़:

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने सोमवार को आम आदमी पार्टी के कन्वीनर और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा। सिद्धू ने लगातार ट्वीट कर केजरीवाल से उनके घोषणा पत्र के बारे में कई सवाल किए। सिद्धू ने केजरीवाल से पूछा कि अपने 2015 के घोषणापत्र में आपने दिल्ली में 8 लाख नई नौकरियों और 20 नए कॉलेजों का वादा किया था, नौकरियां और कॉलेज कहां हैं? आपकी असफल गारंटियों के विपरीत, पिछले 5 वर्षों में दिल्ली की बेरोजगारी दर लगभग 5 गुना बढ़ गई है।

शिक्षकों और नौकरियों पर सवाल उठाते हुए सिद्धू ने कहा कि 2015 में दिल्ली में शिक्षकों की 12515 रिक्तियां थीं, और 2021 में दिल्ली में शिक्षकों की ऐसी 19907 रिक्तियां हैं… और आप ज्यादातर रिक्त पदों को सिर्फ अतिथि व्याख्याताओं द्वारा भर रहे हैं। इसके बाद सिद्धू ने केजरीवाल को सलाह देते हुए कहा कि जिनके घर शीशे के होते हैं, वे दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते केजरीवाल जी। आप महिला सशक्तिकरण, नौकरी और शिक्षकों की बात करते हैं लेकिन आपके मंत्रिमंडल में एक भी महिला मंत्री नहीं है। सिद्धू ने सवाल किया कि शीला दीक्षित जी द्वारा छोड़े गए राजस्व अधिशेष के बावजूद दिल्ली में कितनी महिलाओं को एक हजार रुपये मिलते हैं। 

दो दिन पहले शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोहाली में कहा था कि एक तरफ पंजाब सरकार दावा करती है कि वह अध्यापकों को नौकरियां दे रहे हैं। 36 हजार कर्मचारियों को पक्का कर दिया है लेकिन बेरोजगार अध्यापक छह महीने पानी की टंकियों पर चढ़े हैं। उन्होंने कहा था कि पंजाब सरकार झूठ बोलने की आदी है। इसका प्रमाण खुद भुक्तभोगी लोग हैं। केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली में न्यूनतम मजदूरी 15000 है। अगर कोई ईंट उठाने का काम भी करता तो उसको भी 15000 मिलते हैं, जबकि पंजाब में पढ़े-लिखे लोगों के साथ शोषण हो रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अध्यापकों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजा जा रहा है। जबकि पंजाब सरकार अपने टीचरों को पानी की टंकी पर भेज रही हैं।