दिल्ली निगम चुनावों से पहले मुकेश गोयल ने आआपा का दामन थामा कॉंग्रेस को झटका लगा
मुकेश गोयल ने कहा कि आज आम आदमी पार्टी जिस तरह से काम कर रही है, उसे देख कर आप में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में रहते हुए आम आदमी पार्टी का पुरजोर विरोध किया था, क्योंकि पार्टी से बंधे हुए थे, मगर बाद में इस बात का अहसास हुआ कि वह गलत कर रहे हैं। आप सरकार अच्छा काम कर रही है, इसलिए आप में शामिल हुए हैं। 10 दिनों के भीतर कांग्रेस को अलविदा कहने वाला यह तीसरा बड़ा नेता है। चिंताजनक यह कि इन सूरते हाल भी पार्टी पदाधिकारी समझने को या अपना रवैया बदलने को तैयार नहीं हैं। इसके विपरीत इंटरनेट मीडिया के जरिये अब मीडियाकर्मियों को ही कठघरे में खड़ा करने लग गए हैं।
सरीका तिवारी, चंडीगढ़/नयी दिल्ली:
दिल्ली में अगले साल 2022 में होने वाले एमसीडी चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकेश गोयल कल आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल होंगे। समाचार एजेंसी एएनआई के सूत्रों के मुताबिक, मुकेश गोयल शनिवार को आप का दामन थामेंगे।
बीते काफी समय से उनके आम आदमी पार्टी में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन आखिरकार उन्होंने इसपर अपना फैसला ले लिया है और शनिवार को वो आम आदमी पार्टी में शामिल होंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकेश गोयल ने आईएएनएस को बताया कि, वह शनिवार 27 नवंबर को आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे हैं। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में वह शामिल होंगे।
हालांकि जब उनसे कांग्रेस पार्टी छोड़ने का कारण पूछा गया तो उन्होंने साफ कर दिया कि, वह शामिल होने के बाद ही कुछ कहेंगे। हालांकि वह अकेले कांग्रेस नहीं छोड़ रहे हैं उनके साथ अन्य पदाधिकारी भी छोड़ सकते हैं। मुकेश गोयल ने आईएएनएस से बात करते हुए इस खबर कि पुष्टि की है।
उन्होंने इस बात की ओर भी इशारा किया है कि, वह अकेले नहीं जो पार्टी छोड़ रहे हैं उनके साथ कई पदाधिकारी भी शामिल होने पर विचार कर रहे हैं। इससे पहले श्रीराम कालोनी वार्ड 64-ई से आम आदमी पार्टी की निगम पार्षद साहिस्ता ने कांग्रेस का दामन थामा था। लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को झटका दिया है।
दिल्ली निगम चुनाव में कांग्रेस की हालत पहले से ही नाजुक रही है और मुकेश गोयल के जाने के बाद हालत और बिगड़ सकती है। दरअसल दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी को नगर निगम चुनाव में पिछली बार करारी हार का सामना करना पड़ा था। वहीं दिल्ली के तीनों निगमों में बीजेपी ने बहुमत हासिल किया था।