ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि भारत सरकार की ओर से श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर तीन कृषि कानूनों को रद करने का एलान एक बढि़या फैसला है

कृषि कानून वापस लिए जाने पर अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने की पीएम मोदी की तारीफ। कहा कुछ ग्रुप सिखों को सरकार और हिंदुओं से लड़ाने की कर रहे थे साजिश। मोदी के फैसले से उनके मंसूबे नाकाम।

नरेश शर्मा भारद्वाज, जललनधर :

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि भारत सरकार की ओर से श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर तीन कृषि कानूनों को रद करने का एलान एक बढि़या फैसला है। वहीं प्रकाश पर्व पर श्री करतारपुर साहिब का लांघा खोला जाना भी उत्तम फैसला है जिस का सारी सिख कौम स्वागत करती है। उन्होंने कहा कि यह दोनों फैसले भाइचारक सांझ को मजबूत करने वाले फैसले हैं।

सिंह साहिब ने कहा कि कृषि कानून किसानों की सलाह के साथ ही लागू किए जाने चाहिए थे। हमारी यह गहरी चिता थी कि कुछ मानवता विरोधी शक्तियां इस किसान आंदोलन की आड़ में अपने स्वार्थ को सिद्ध करने के साथ-साथ भाइचारक सांझ को तोड़ने की कोशिशों में लगी हुई थीं। इसका कई तरह का नुक्सान भी मानवता को उठाना पड़ना था। मैं प्रधानमंत्री और उनकी कैबिनेट की ओर से लिए फैसले का स्वागत करता हूं। सिख कौम हमेशा ही इसके लिए यत्नशील रही है। भारत मजबूत देश है और मजबूत रहे। कृषि कानूनों की आड़ में कुछ शक्तियां हालात को खराब करके अपने राजनीतिक उद्देश्य को पूरा करने चाहते थे। अलग अलग समुदायों में नफरत पैदा करने की कोशिश की जा रही थी। इसको पहले ही भांपते हुए प्रधानमंत्री ने बढि़या फैसला लेकर कृषि कानून वापस ले लिए हैं। हम हमेशा यत्न शील रहे है कि देश की एकता बनी रहे। देश की शक्ति कायम रहे।

कृषि कानून वापस लेकर बड़ी मुसीबत को खत्म कर दिया गया है। इस आंदोलन में काफी जानें गई हैं, इसका हमें दुख है। सिखों ने इस आंदोलन में बढ़े स्तर पर हिस्सा लिया है। प्रकाश पर्व पर कृषि कानूनों को वापिस लेना सिखों के लिए भी मान वाली बात है।

कंगना रानौत को भेजो जेल या पागलखाने -मजिंदर सिंह सिरसा

कंगना रनौत ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा, ‘खालिस्तानी आतंकवादियों ने भले ही आज सरकार की बांह मरोड़ दी हो… लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि एक महिला… केवल महिला प्रधानमंत्री ने इनको कुचल दिया था…चाहे इससे देश को कितना भी कष्ट हुआ हो…उन्होंने अपनी जान की कीमत पर इन्हें मच्छर की तरह मसल दिया था लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिए। उनके निधन के दशकों बाद आजभी उसके नाम पर कांपते हैं ये…इनको वैसा ही गुरु चाहिए।’

‘पुरनूर’ कोरल, नयी दिल्ली:

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत एक बार फिर से विवादों में हैं। कंगना रनौत ने एक कार्यक्रम के दौरान आजादी को लेकर बयान दिया जिसपर अब बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने निशाना साधा है। वरुण गांधी ने कंगना रनौत पर स्वतंत्रता सेनानियों के अपमान का आरोप लगाया है और कहा है कि कंगना की सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह। दरअसल, कंगना ने बयान दिया था कि 1947 में मिली आजादी भीख थी, देश को असली आजादी तो साल 2014 में मिली। अब उनके एक ऐसे ही विवादित बयान पर दिल्ली की सिख गुरुद्वारा प्रबंध कमिटी भड़क गई है। कमिटी ने शनिवार को कंगना रनौत के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। कंगना ने अपनी एक इंस्टाग्राम स्टोरी में सिख समुदाय के बारे में अपमानजनक भाषा में लिखा है। कंगना के खिलाफ मंदिर मार्ग पुलिस थाने की साइबर सेल में शिकायद दर्ज कराई गई है।

कमिटी ने अपनी शिकायत में कहा है कि कंगना रनौत ने अपने हालिया पोस्ट में जानबूझकर और इरादे से किसान आंदोलन को ‘खालिस्तानी आंदोलन’ बताया है। इसके साथ ही उन्होंने सिख समुदाय को खालिस्तानी आतंकवादी कहा है। शिकायत में आगे कहा गया है कि कंगना ने सिख समुदाय के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया है। कंगना ने जानबूझकर सिख समुदाय की भावनाएं आहत करने के लिए आपराधिक इरादे से इस पोस्ट को शेयर किया है।

बीच शिरोमणि अकाली दल के नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंध कमिटी के प्रेसिडेंट मनजिंदर सिंह सिरसा ने कंगना के पोस्ट पर तीखी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि या तो ऐक्ट्रेस को जेल में डाला जाए या उनको मेंटल हॉस्पिटल में भेज दिया जाए। सिरसा ने अपने एक बयान में कहा, ‘कंगना का स्टेटमेंट उनकी चीप मेंटेलिटी को दर्शाता है। यह कहना की तीनों कृषि कानून खालिस्तानी आंदोलन के कारण वापस लिए गए, यह एक तरह से किसानों का अपमान है। वह नफरत की फैक्टरी बन चुकी हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हम इंस्टाग्राम पर ऐसे नफरत भरे पोस्ट करने के लिए सरकार से सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग करते हैं। कंगना की सिक्यॉरिटी और पद्म श्री को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। उनको या तो जेल भेजा जाए या मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाए।’

कंगना रनौत ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा, ‘खालिस्तानी आतंकवादियों ने भले ही आज सरकार की बांह मरोड़ दी हो… लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि एक महिला… केवल महिला प्रधानमंत्री ने इनको कुचल दिया था…चाहे इससे देश को कितना भी कष्ट हुआ हो…उन्होंने अपनी जान की कीमत पर इन्हें मच्छर की तरह मसल दिया था लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिए। उनके निधन के दशकों बाद आजभी उसके नाम पर कांपते हैं ये…इनको वैसा ही गुरु चाहिए।’