पंचांग, 18 नवम्बर 2021
नोटः आज श्री सत्यनारायण व्रत व त्रिपुरमहोत्सव है। सत्यनारायण-व्रत हिंदी पंचांग के अनुसार हर महीने की पुर्णिमा को किया जाता है। श्रीसत्यनारायण (शालिग्राम) व्रत की कथा को सुनने का फल हजारों सालों तक किए गये यज्ञ के बराबर माना जाता है. किसी भी शुभ कार्य या मनोकामना पूरी करने हेतु विधि विधान से सत्य नारायण भगवान् की पूजा और कथा करवाई जाती है। शास्त्रों के मुताबिक ऐसा माना गया है कि इस कथा को सुनने वाला व्यक्ति व्रत रखता है तो उसे के जीवन के दुखों को श्री हरि विष्णु खुद ही हर लेते हैं। स्कन्द पुराण के अनुसार भगवान सत्यनारायण श्री हरि विष्णु का ही दूसरा रूप हैं और इस कथा की महिमा को भगवान सत्यनारायण ने अपने मुख से देवर्षि नारद को बताया और सुनाया था।
विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1943,
मासः कार्तिक़,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः चतुर्दशी दोपहरः 12.01 तक है,
वारः गुरूवार।
विशेषः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः भरणी रात्रि 01.29 तक है,
योगः वरीयान रात्रि काल 02.58 तक,
करणः वणिज,
सूर्य राशिः वृश्चिक, चंद्र राशिः मेष,
राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक,
सूर्योदयः 06.50, सूर्यास्तः 05.22 बजे।