‘हलाल बक्षणम निशिधम’ बोर्ड लगाने पर केरल कि तुशरा अजित पर मुस्लिम भीड़ का जानलेवा हमला

केरल की एक महिला तुषारा अजीत ने अर्नाकुलम में एक रेस्टोरेंट खोला और चूंकि वो हिन्दू है इसलिए अपने रेस्टोरेंट के बाहर बोर्ड लगा या नो हलाल और आज एक भीड़ ने इनके ऊपर जानलेवा हमला किया लेकिन मीडिया में एकदम सन्नाटा अब कोई और सहिष्णुता और संविधान की बात नहीं कर रहा है? अब दहने सुनने की बात है कि केरल कि वामपंथी सरकार अपने राज्यों में हिंदुओं पर खाने पीने को लेकर भी धार्मिक उन्माद फैलाने को बढ़ावा देगी। इसी भोजनालय कि दूसरी शाखा भी नहीं खोलने दी जा रही, कारण यह हिन्दू पद्धति से भोजन पकाने और परोसने नहीं देंगे। राहुल गांधी ने भी अमेठी से दौड़ कर केरल कि वायनाद सीट भी इसीलिए चुनी थी ‘मुस्लिम तुष्टीकरण’

केरल में इन दिनों एक मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। सोशल मीडिया पर भी इस खबर की खूब चर्चा हो रही है। पूरा मामला एक रेस्तरां में परोसे जा रहे नॉन हलाल खाने से जुड़ा हुआ है। खबरों के अनुसार केरल के एर्नाकुलम जिले में इसी साल की शुरुआत यानीकि 15 जनवरी, 2021 में एक नॉन-हलाल रेस्तराँ खोला गया। इस रेस्तरां को खोलने वाली महिला तुशारा अजीत पर जानलेवा ​हमला किया गया है। तुषारा पर सोमवार 25 अक्टूबर 2021 को हमला किया गया। दावा किया जा रहा है कि सिर्फ नॉन हलाल डिश सर्व करने से केरल के कुछ कट्टरपंथी नाराज थे और उन्होंने ही महिला पर जानलेवा हमला किया है।

श्रीमती तुशारा पलारीवट्टोम में नंदुस किचन नामक अपने रेस्तराँ में केवल नॉन-हलाल खाना सर्व करवाती हैं। रेस्तराँ के उद्घाटन के दौरान उन्होंने उसके बाहर एक बैनर लगवाया था, जिसमें लिखा था, “नॉन-हलाल, हलाल बक्षणम निशिधम (हलाल भोजन यहाँ प्रतिबंधित है)।” उस दौरान कई मुसलमानों ने नॉन-हलाल रेस्तराँ को चलाने पर आपत्ति जताई थी।

रिपोर्ट बताती है कि तुशारा को अपने नॉन-हलाल रेस्तराँ की दूसरी ब्रांच खोलने के लिए इस्लामवादियों से धमकियाँ मिल रही थीं। ठीक उसी तरह जैसे उन्हें पहली बार ब्रांच खोलने पर मिल रही थी। इस्लामवादी नॉन-हलाल बोर्ड लगाने के खिलाफ धमकी दे रहे थे। श्रीमती तुशारा ने अपने फेसबुक लाइव में यह भी कहा कि उनकी रेस्तराँ में नॉन-हलाल खाना परोसने और उसके बाहर इसका पोस्टर लगाने की वजह से उन्हें बेरहमी से पीटा गया।

हमले की निंदा करते हुए केरल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने ट्वीट किया, ”श्रीमती तुशारा अजीत पर हमले की कड़ी निंदा करते हैं। हलाल होटल के लिए न मानने पर मुस्लिम कट्टरपंथियों के एक समूह ने महिला उद्यमी पर बेरहमी से हमला कर दिया। कक्कानाड में जो हुआ वह तालिबानी कार्य से कम नहीं है। मैं केरल के लोगों से हलाल का बहिष्कार करने की अपील करता हूँ।”

@lotophagus हैंडल से एक ट्विटर यूजर ने लिखा: “तुषारा अजित ने पिछले साल केरल में पहला नॉन-हलाल होटल शुरू किया था। आज वह अस्पताल में है, दूसरी ब्रांच खोलने की कोशिश करने पर जिहादियों ने उन पर हमला कर दिया।” ट्विटर यूजर के अनुसार, बदमाशों के खिलाफ आत्मरक्षा में रेस्तराँ कर्मचारियों द्वारा जवाबी कार्रवाई के बाद केरल पुलिस तुशारा की तलाश कर रही है”।

गौरतलब है कि एर्नाकुलम के इस रेस्तराँ को तुशारा ने जनवरी 2021 में शुरू किया था। उन्होंने बताया था कि जब इसे शुरू किया गया था कई मुस्लिमों ने उनके इस विचार का विरोध किया था, लेकिन उन्होंने सभी की बातें सुनने के बाद भी अपने इस आइडिया पर काम किया। उन्होंने कहा था, “मुस्लिमों ने लगातार कहा कि ये सब ठीक नहीं है। जब भी हिंदू कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, मुस्लिम हस्तक्षेप जरूर करते हैं।”

एर्नाकुलम के इस रेस्तराँ में तमाम ग्राहक बिना किसी आपत्ति के खाना खाने आते हैं। इसके आधार पर महिला कहती हैं, “जिन्हें मेरे नॉन-हलाल कॉन्सेप्ट से आपत्ति नहीं है उनका मैं स्वागत करती हूँ और जिन्हें परेशानी है, उनके पास यहाँ न आने का विकल्प है।”

इसे पूर्णतया मुस्लिम तुष्टीकरण नहीं तो और क्या कहेंगे कि मुस्लिमों द्वारा घायल स्त्री को पकड़ने (गिरफ्तार) करने के लिए पुलिस ऊतावली है कारण उसके साथी कर्मचारियों ने प्रतीकार किया था जिसमें कुछ हमलावर घायल हो गए थे।