चित्रा सरवारा ने की दवाई फोगिंग की मांग

रमन विज, अंबाला:

हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट की महासचिव चित्रा सरवारा ने एक पत्र के माध्यम से उपयुक्त, अम्बाला, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अम्बाला और कार्यपालक अधिकारी नगर परिषद, अम्बाला सदर से अम्बाला छावनी में बढ़ रहे डेंगू के प्रकोप से जनता को बचाने के लिए दवाई वाली फॉगिंग करने की मांग की।चित्र ने मांग की कि शहर में जगह जगह खुली निकासी और ग्रामीण क्षेत्र में अस्वछता कई वजह से डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियां खतरा बनी हुई हैं ऐसे में प्रशासन आँखें मूंदे बैठा है।

जानकारी के लिए बता दें कि चित्रा न केवल राजनीती में बल्कि समाज सेवा में भी काफी सक्रिय हैं और हर प्रकार से जन साधारण की सेवा के लिए तैयार रहती हैं।

अगर विपक्षी दलों द्वारा वैक्सीन को लेकर भ्रम ना फैलाया जाता तो भारत कोविड की दूसरी लहर से होने वाले जान-माल को काफी हद तक नियंत्रित कर सकता था: कटारिया

  • पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री व अम्बाला लोकसभा, सांसद रतन लाल कटारिया ने 100 करोड वैक्सीन का लक्ष्य पूरा करने पर आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद मोदी का धन्यवाद किया।
  • अगर विपक्षी दलों द्वारा वैक्सीन को लेकर भ्रम ना फैलाया जाता तो भारत कोविड की दूसरी लहर से होने वाले जान-माल को काफी हद तक नियंत्रित कर सकता थाकटारिया


पंचकूला 23 अक्टूबर:

पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री व अम्बाला लोकसभा, सांसद रतन लाल कटारिया ने 100 करोड वैक्सीन का लक्ष्य पूरा करने पर आदरणीय प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, डॉक्टर्स, स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिसकर्मीयों का धन्यवाद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश में 9 महीने के भीतर 100 करोड वैक्सीनेशन लगवाकर, न केवल अपने राष्ट्र के प्रति समर्पण एवं सेवा की नई गाथा लिख दी है बल्कि वह 100 लाख करोड़ रु. की लागत से भारत के आर्थिक जगत में मूलभूत ढांचा खड़ा करने के लिए अपने खून व पसीने से मेहनत कर रहे हैं l उन्होंने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पीएलआई (प्रोडक्ट लिंक्ड इंसेंटिव) की योजना लागू करके एक नई शुरुआत की है l कटारिया ने कहा कि मोदी जी द्वारा विश्व के सबसे बड़े सफलतम टीकाकरण अभियान चलाए जाने के पश्चात, वो दिन दूर नहीं होगा, जब भारत 5 ट्रिलियन की आर्थिक स्थिति का गवाह बनेगा l

उन्होंने ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी ने गरीबी को बहुत करीब से देखा है और इसी ने उन्हें जन-धन, उजाला, उज्जवला, किसान सम्मान निधि, सौभाग्य, पीएम आवास, स्वच्छ भारत अभियान, वोकल फॉर लोकल, गरीब कल्याण, और कई अन्य योजनाओं को लागू करने के लिए प्रेरित किया है l कटारिया ने कहा अगर विपक्षी दलों द्वारा वैक्सीन को लेकर भ्रम ना फैलाया जाता तो भारत कोविड की दूसरी लहर से होने वाले जान-माल को काफी हद तक नियंत्रित कर सकता था l उन्होंने कहा कि आज 100 करोड़ खुराक का आंकड़ा पूरा होने पर जहां राष्ट्र का विश्वास बढ़ा है, वहीं पर प्रधानमंत्री जी ने आज भी मास्क पहनने व निश्चित दूरी बनाए रखने की अपील की है l कटारिया ने कहा कि आज 75% व्यस्को को पहला टीका व 31% को दूसरा टीका लग चुका है और वह दिन दूर नहीं जब हम बच्चों को भी वैक्सीन लगाना शुरू कर देंगे l

उन्होंने कहा जरा कल्पना कीजिए कि यदि भारत के पास अपना टीका नहीं होता तो क्या होता l भारत अपनी इतनी विशाल आबादी के लिए पर्याप्त संख्या में टीके कैसे हासिल करता और इसमें कितने साल लग जाते हैं ? इसका श्रेय निश्चित रूप से भारतीय वैज्ञानिकों और उधमियों को दिया जाना चाहिए जिन्होंने इस बेहद कठिन चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करने में अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी l कटारिया ने कहा कि मोदी सरकार के आर्थिक सुधार के सुखद परिणाम भी नजर आने लगे हैं l जीएसटी का कलेक्शन अब प्रतिमाह ₹1 लाख करोड़ से अधिक के स्तर पर पहुंच गया है l राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2021-22 के कुल बजटीय अनुमान (15.07 लाख करोड रुपए) का केवल 21 प्रतिशत  (3.21 लाख करोड़ रुपए) ही रह गया है, जो पिछले 11 वर्षो के दौरान इस अवधि में सबसे कम है l उन्होंने  ने कहा कि कोविड-19 महामारी की विषम परिस्थितियों के बावजूद पूरे देश में सेवा ही संगठन अभियान के अंतर्गत करोड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं ने लोगों को राशन, फेसकवर, सैनिटाइजर एवं अन्य आवश्यक वस्तुए वितरित की हैं तथा संक्रमित एवं वरिष्ठ जनों की सेवा-सहायता में खड़े होकर व्यापक राहत कार्य किए हैं, जिससे कोरोना योद्धाओं का मनोबल बढ़ा हैं l

देश में 100 करोड वैक्सीनेशन का आँकड़ा पार करने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, डॉक्टर्स, स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिसकर्मीयों का धन्यवाद

17 Scientists from PU among World Top 2% Scientists

Chandigarh October 23, 2021

 As many as 17 faculty scientists from various disciplines from Panjab University out of 2042 Indian Scientists are included in that elite list of world top 2% scientists as per the Stanford University, Stanford, California, USA  which provided an updated analysis that uses citations from Scopus with data freeze as of  Dec 31, 2020, assessing scientists for citation impact during the calendar year 2020 that was published on October 19, 2021 in PLOS Biology, a peer reviewed high impact international journal available at https://elsevier.digitalcommonsdata.com/datasets/btchxktzyw/3. . There was great interest in the databases of standardized citation metrics across all scientists and scientific disciplines, and many scientists urged the authors to provide updates of the databases.

Data include all scientists who are among the top 100,000 across all fields according to the composite citation index. Composite citation index was calculated with a validated formula and machine learning approach was used to extract the data from Scopus programmed with a specific set of rules like citations, h-index, authorship status etc.On the basis of citations and papers, the scientists are classified into 22 scientific fields and 176 sub-fields. Selection of the scientists in the list is based on the c-score criteria or a percentile rank of 2% or above, based upon the various publication metrics, including, Scopus H-index, co-authorship adjusted HM-index, citations to papers in different authorship positions and a composite indicator.

The recognition gives great satisfaction to all scientists working in varied research areas and motivates them to keep moving ahead despite all odds and financial limitations. All faculty members are putting their heart and soul in keeping the prestige of Panjab University as high as possible. Sincerely regular and joint efforts made by all faculty members maintain high research standards across all streams in Panjab University. Research Scholars and non-teaching staff also play key roles in attaining various research and academic goals.

Two lists have been created for the top 2% scientists. The first list which is based upon the Career-long data contains PU’s 17 scientists. Six out of these scientists belong to University Institute of Pharmaceutical Sciences (UIPS), three each are from Departments of Chemistry and Physics, while one each is from departments of Anthropology, Botany, Environmental Studies, Mathematics and UICET.

The second list which is based upon a Single-year impact (year 2020) has 30 scientists from PU. Almost all the scientists from the first list have made it to the second list also.

Prof Raj Kumar, Vice Chancellor, Panjab University said that it is indeed a moment to feel proud for the University that as many as 30 faculty members have made it to the coveted list of Top 2% Scientists of the World.It is a matter of great honour and prestige for the whole scientific fraternity of Panjab University, he added.

Herein, we share the credentials of the 17 scientists who were selected on the basis of career-long performance. 

National Cyber Security Discussed at PU

Chandigarh October 23, 2021

Florence Nightingale Girls Hostel-8 and Department of Evening Studies MDRC, Panjab University Chandigarh organized a special web lecture on “National Cyber Security Awareness” by discussing cyber-crime threats, vulnerability and protection.  Ministry of Home Affairs has declared the month of October as the National Cyber Security Awareness month. 

Chief guest of the webinar was Dr. Rashmi Sharma Yadav (DSP) cyber-crime and Sh. Hari Om Sharma (Inspector) were invited for a talk. 

Session was initiated by Dr. Simran Kaur (Warden GH-8) by informing the relevance of cyber security. Prof. Meena Sharma (DSW-W) gave the welcome address to all the participants. 

Talk was attended by various wardens, faculty and students. Lecture was  interactive and informative in which Sh. Hari Om Sharma answered many queries raised by faculty and students. 

The main issues discussed were on fake social media accounts, money laundering and various other social media applications reliability and authenticity.

Dr. Vinod Kumar (DES-MDRC) gave vote of thanks to all the invitees.                        

डी ए पी खाद की कमी से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार की अकर्मण्यता और असंवेदनहीनता की स्पष्ट झलकती है

पंचकूला 23 अक्टूबर:

हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री  चन्द्र मोहन ने कहा कि प्रदेश में डी ए पी खाद की कमी को लेकर जिस प्रकार से कोहराम मचा हुआ है और किसानों में रोष और आक्रोश की भावना परिव्याप्त है इससे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार की अकर्मण्यता और असंवेदनहीनता की स्पष्ट झलकती है। खाद की किल्लत को लेकर प्रदेश में किसानों द्वारा जगह- जगह रास्ता रोका जा रहा है और खाद की मांग पूरी करने को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है। ‌

     उन्होंने कहा कि खाद की किल्लत को लेकर आज भी किसानों द्वारा नांगल चौधरी में जाम लगाया गया और पुलिस और किसानों के बीच  झड़प भी हुई है । उन्होंने आरोप लगाया कि खाद की किल्लत जान बुझ कर किसानों को सज़ा देने के रूप में की जा रही है क्योंकि हरियाणा के किसानों ने केन्द्र सरकार द्वारा पास किए गए तीनों काले कृषि कानूनों का विरोध किया है और इसी की सजा उन्हें सारा दिन पर लम्बी लम्बी लाइनों में खड़े हो कर भुगतनी पड़ रही है ‌।

      चन्द्र मोहन ने, कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल के उस दावे को कपोल कल्पित बताया जिसमें उन्होंने कहा था कि हरियाणा प्रदेश में डी ए पी खाद की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि वे कृषि मंत्री से पूछना चाहते हैं  कि क्या वह दो घंटे किसानों के साथ उस लाइन में खड़े हो कर दिखाएंगे, जहां किसान दिन भर भूखे प्यासे लाइनों में खड़े हो कर सायं खाली हाथ घर लौटकर सरकार के साथ साथ अपने भाग्य को भी कोसते हैं।

     चन्द्र मोहन ने कहा कि हरियाणा सरकार के कुप्रबंधन और अव्यवस्था का आलम यह है कि किसानों के पास खून के आंसू पीने के सिवाय कोई चारा नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि बेमौसमी बारिश से अधिकांश किसानों की कपास की 50 प्रतिशत से अधिक फसल बर्बाद हो गई और धान की फसल खेतों में गिरकर बर्बाद हो गई, लेकिन सरकार गिरदावरी के नाम पर भोले-भाले किसानों को भ्रमित करके उनको मरने के लिए विवश कर रही है।  उन्होंने सरकार से मांग कि है कि जिन किसानों की कपास और धान की फसल बर्बाद हो गई है उनको 50 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से तुरंत ही मुआवजा प्रदान किया जाए।

     उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मांग कि है कि खाद की किल्लत को दूर करने के लिए तत्काल ही प्रभावी कदम उठाए जाएं अन्यथा कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ मिलकर  सरकार की नाकामियों के खिलाफ सड़क पर उतर कर किसानों के साथ हो रहे अन्याय का डटकर विरोध करेगी।