जितिन प्रसाद के पश्चात हरेन्द्र और पंकज मालिक के साथ कई नेता बढ़ा रहे हैं प्रियंका वाड्रा की मुश्किलें

यूपी की सत्ता में वापसी की कोशिश में लगी कांग्रेस को झटके लगने का सिलसिला जारी है। कई बड़े नेताओं के कांग्रेस छोड़ने के बाद अब पश्चिमी यूपी के जाट नेता हरेंद्र मलिक व उनके पुत्र पूर्व विधायक पंकज मलिक ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आज शाम अपने आवास पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि दोनों ने कांग्रेस के सभी पदों से अपना त्यागपत्र पार्टी हाईकमान को भेज दिया है। वहीं पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक ने बताया कि जल्द ही वे नया राजनीतिक निर्णय लेंगे। इससे पहले भी कई नेता कांग्रेस छोड़ सपा का दामन थाम चुके हैं जिनमें उन्नाव की पूर्व सांसद अन्नू टंडन, कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे पूर्व विधायक गयादीन अनुरागी और पूर्व विधायक विनोद चतुर्वेदी शामिल हैं। वहीं कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे जितिन प्रसाद भाजपा में ठिकाना तलाशा तो पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी के कांग्रेस छोडऩे के बाद अगला कदम उठाने का इंतजार है। सूत्रों के अनुसार कॉंग्रेस द्वार महिलाओं के लिए 40% आरक्षण की घोषणा के पश्चात इन्हें टीकेट मिलने के आसार धूमिल हो चले थे इसीलिए पिता पुत्र द्व्य ने यह कदम उठाया। अभी और अधिक चुनाव लड़ने के इच्छुक इधर उधर छिटक सकते हैं।

लखनऊ(ब्यूरो) :

उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी की कोशिश में लगी कांग्रेस को झटके लगने का सिलसिला जारी है। कई बड़े नेताओं के कांग्रेस छोड़ने के बाद अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट नेता हरेंद्र मलिक व उनके पुत्र पूर्व विधायक पंकज मलिक ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। पिता-पुत्र के समाजवादी पार्टी में शामिल होने के संकेत हैं।

मुजफ्फरनगर निवासी हरेंद्र मलिक चार बार विधायक व इंडियन नेशनल लोक दल के राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं। वह कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा की सलाहकार समिति के भी सदस्य हैं। वहीं शामली सीट से दो बार विधायक रह चुके पंकज मलिक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष के साथ हाल ही में घोषित पार्टी की इलेक्शन स्ट्रैटेजी कमेटी के सदस्य बनाये गए थे। प्रदेश कांग्रेस के नए निजाम में पिता-पुत्र असहज महसूस कर रहे थे और उनके पार्टी छोड़ने की चर्चा इधर कुछ अरसे से जोरशोर से थी।

सूत्रों के अनुसार हरेंद्र मलिक ने दो दिन पहले लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से भेंट की थी। हरेंद्र मलिक ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही पिता-पुत्र सपा की साइकिल पर सवार होंगे। कांग्रेस छोड़ सपा में जाने के पीछे स्थानीय सियासी समीकरण बताये जा रहे हैं। इस बाबत पूछने पर हरेंद्र मलिक ने कहा कि राजनीतिक व्यक्ति सियासी वजहों से फैसले लेते हैं। उनके निर्णय को भी इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए।

उधर, मेरठ के पूर्व सांसद हाजी शाहिद अखलाक जल्द ही अपने अगले सियासी कदम के संबंध में खुलासा कर सकते हैं। उनकी फेसबुक पोस्ट के बाद शहर की सियासत गर्म है। कहा जा रहा है कि शाहिद अखलाक जल्द ही असदुद्दीन औवेसी की पार्टी में शामिल हो सकते हैं। लेकिन आज उन्होंने लखनऊ में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की। इससे उनके सपा में जाने की चर्चा तेज हो गई है। दरअसल, हाल ही में मुजफ्फरनगर के पूर्व सांसद कादिर राणा ने भी समाजवादी पार्टी ज्वॉइन की है। वहीं अब अंदाजा लगाया जा रहा है कि शाहिद अखलाख भी जल्द ही सपा में शामिल हो सकते हैं। 

पूर्व सांसद शाहिद अखलाक ने कहा कि अखिलेश यादव से मुलाकात अच्छी रही। शाहिद अखलाक साल 2004 में बसपा के टिकट पर मेरठ के सांसद चुने गए थे। वह मेरठ के मेयर भी रह चुके हैं। वहीं साल 2009 में सेक्युलर एकता पार्टी बनाकर उन्होंने मेरठ से चुनाव लड़ा था। साल 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ा था। अब उनके सपा में शामिल होने को लेकर पश्चिमी यूपी की मुस्लिम सियासत में हलचल तेज हो गई है।