पीटीआई का संघर्ष लगातार जारी है और आज उन्हें धरने पर बैठे हुए 471 दिन हो गए है पर सरकार इस मामले में अभी तक मूक दर्शक बनी हुई है , प्रदेश के मुख्यामंत्री कई वार आश्वासन दे चुके है पर अभी तक बर्खासित पीटीआई की बहाली नहीं हो सकी I हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 6 अक्टूबर 2020 को पीटीआई के साथ बैठक करके वायदा किया था कि मैं पीटीआई के चुल्हे ठन्डे नहीं होने दूंगा पर आज 16 महीने बीत चुके है ,मुख्यमंत्री ने जो वायदा किया था ,उस वायदे को वह भूल गए हैं I यह बात आज लघु सचिवालय में अपनी बहाली की मांग को लेकर पिछले 414 दिनों से धरने पर बैठे पीटीआई को सम्बोधित करते हुए हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान कुलवंत सिंह खीवा ने कहा कि अगर सरकार 29 सितम्बर 2021 को हाई कोर्ट में हमारे केस की अच्छी तरह पैरवी नहीं करती तो राज्य स्तर पर एक वड़ा आंदोलन छेड़ा जायेगा और याद रहे कि ऐलनाबाद उपचुनाव में जो 30 अक्टूबर को होने है उसमे डटकर विरोध किया जायेगा और सरकार को आइना दिखाने का काम करेंगे और साथ ही सरकार की जनविरोधी नीतिओं को जन- जन तक पहुंचाने का काम करेंगे 1 श्री खीवा ने कहा कि पीटीआई को धरने पर बैठे हुए 16 महीने हो गए है , जो सरकार सबका साथ सबका विकास का नारा देकर सत्ता में आई थी, वह अब सबका विनाश कर रही है , सरकार प्रदेश की खुशहाली व् समृद्धि का झूठा ढिंढोरा पीटकर अपने प्रचार प्रसार के करोड़ों रुपये पानी की तरह वहा रही है , आम लोगो का रोज़गार छीना जा रहा है इसलिए सभी वर्ग इस सरकार से तंग है , खीवा ने बताया कि पीटीआई मामले में गलती भर्ती बोर्ड की है लेकिन सजा पीटीआई भुगत रहे है I उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार लोगों को बड़े बड़े सपने दिखाकर अपने जाल में फंसाकर सत्ता में आई और अपने तानाशाही रवैये अपनाकर लोगों का जीना मुहाल कर रही है I इस मौके पर जीवन , रमेश , सुरेंदर , बंटी , महेन्दर , सतपाल , यशपाल , विनोद , जगसोहन , भूपेंदर , जगदीश , संदीप , परविंदर , नैन ,उषा , सुमन अंजलि ,रोहित लिम्बा , रितु ,शर्मीला , बलजिंदर कौर , राधिका , रोशनी , सुमित्रा , संतोष आदि उपस्थित रहे I
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/09/sirsa-28-sep-photo-02.jpg9601280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-09-28 16:20:192021-09-28 16:20:50ऐलनाबाद उपचुनाव में पीटीआई सरकार का डटकर करेंगे विरोध
युवा जेबीटी क्लब, डिंग द्वारा क्लब का एक साल पूरा होने के अवसर पर बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। युवा जेबीटी क्लब के प्रधान मांगे राम ने बताया कि इस कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि रोहतास कुमार पहुंचे। भारतीय सेना से सेवामुक्त सज्जन कुमार इस अवसर विशिष्ठ अतिथि के रूप शामिल हुए। इस अवसर बच्चों की विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया गया। मुख्यातिथि ने बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भाग लेने और नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया। उन्हेंने सभी प्रतिभागियों को सम्मानित किया। उन्होंने बताया कि युवा जेबीटी क्लब, डिंग ने अपने एक साल के कार्यकाल में अब तक एक विशाल अंतरराज्यीय नेशनल कबड्डी टूर्नामेंट, दो रक्तदान शिविर आयोजित किये हैं। क्लब के उपप्रधान राहुल कुमार ने बताया कि क्लब द्वारा नशे के खिलाफ लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा, ताकि युवाओं को नशे से बचाया जा सके। क्लब की अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों में पर्यावरण सुरक्षा के लिए वृक्षारोपण तथा जरूरतमंद मेधावी छात्रों के लिए पुस्तकों की व्यवस्था करवाना शामिल रहा। क्लब द्वारा गांव में पुरानी पुस्तक दान करो अभियान के तहत पुरानी किताबें एकत्रित करके जरूरतमंद विद्यार्थियों में वितरित की गई। क्लब की तरफ से समाज कल्याण के प्रयासों में सहायता करने के लिए समस्त गांववासियों का आभार व्यक्त किया गया। इस अवसर पर सभी क्लब सदस्यों ने प्रण लिया कि वे भविष्य में भी समाज कल्याण की गतिविधियों को जारी रखेंगे। कार्यक्रम के अंत में क्लब सदस्यों द्वारा समाज कल्याण की गतिविधियों का शानदार एक वर्ष पूरा होने की खुशी में केक काटा गया तथा बच्चों को जलपान करवाया गया।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/09/sirsa-28-sep-photo-03.jpeg7501000Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-09-28 16:17:172021-09-28 16:17:41शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भाग लें युवा: रोहताश कुमार
देशभक्त यादगार लोक केन्द्र द्वारा शहीदे आजम सरदार भगत सिंह का 150वां जन्मदिवस भगत सिंह पार्क में धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर उपस्थितजनों द्वारा ‘इन्कलाब जिन्दाबाद’ के साथ शहीद की प्रतिमा पर माल्र्यापण किया गया। संस्था के अध्यक्ष रमेश मेहता एडवोकेट ने युवाओं को शहीदों के दिखाए गए मार्ग पर चलने का आह्वान करते हुए कहा कि शहीद भगत सिंह भारत माता के सच्चे सपूत थे, अल्पायु में उनकी देशभक्ति और राष्ट्रप्रेम का जज्बा दशकों बाद भी याद किया जाता है, आज के युवा शहीद भगत सिंह के जीवन से प्रेरणा लेते हुए देश भक्ति को सर्वोपरि रखते हुए सशक्त भारत के निर्माण में सहयोग दें। इस दौरान संस्था द्वारा एक क्विंटल लड्डुओं का प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर हैप्पी बख्शी, बलजीत ढिल्लों, सुरेन्द्र वर्मा, जगरूप चौबुर्जा, विक्की संधु, मेजर गिल, छिंदा रंधावा, सुखदीप गोला, पप्पू रांझा, अनमोल संधु, जस संधु, प्रिंस, गुग्गु गिल, प्रभ संधु, पिंका शर्मा आदि उपस्थित थे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/09/sirsa-28-sep-photo-04.jpg576881Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-09-28 16:14:142021-09-28 16:14:37देशभक्त यादगार लोक केन्द्र ने धूमधाम से मनाया शहीद भगत सिंह का जन्मदिन
अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का आज तीसरा दिन ‘अणुव्रत प्रेरणा दिवस’ के रूप में अणुव्रत अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमण की विदुषी सुशिष्या शासनश्री साध्वी मंजुप्रभा जी ठाणा-4 के पावन सान्निध्य में व अणुव्रत समिति के तत्वावधान में तेरापंथ भवन में मनाया गया। शासनश्री साध्वी मंजुप्रभा ने अणुव्रत की प्रेरणा देते हुए कहा – अणुव्रत जाति, धर्म, भाषा, प्रांत आदि भेदभावों से ऊपर उठकर इन्सान को आत्मसंयम की ओर प्रेरित करता है। अणुव्रत आत्मानुशासन, प्रामाणिकता, अहिंसा, नैतिकता, सद्भावना व नशामुक्ति का संदेश देता है। अणुव्रत का प्रमुख आधार करूणा, संवेदनशीलता, सहिष्णुता, सहअस्तित्व व मानवीय एकता है। जिस व्यक्ति में करूणा और संवेदनशीलता होगी, उसके लिए दूसरों के दु:खों का निवारण हो सकता है। उसके सामने सदा ‘सर्वेभवन्तु सुखिन:-सर्वे भवन्तु निरामया-सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दु:ख भाग भवेत्’ का लक्ष्य रहेगा। उन्होंने समाज को अणुव्रत के 11 नियमों का पालन सजगता से करने को कहा। साध्वी जयन्तप्रभा जी ने अणुव्रत के बारे में बताया कि यह अणुव्रत आंदोलन शैतान को इन्सान, मानव को महामानव, हिट को सुपरहिट बनाने का नैतिक अभियान है और यह व्यक्ति, समाज व राष्ट्र के चारित्रिक उत्थान के लिए प्रेरित करता है। कार्यक्रम में सिरियारी संस्थान के ट्रस्टी व हरियाणा अणुव्रत प्रभारी मक्खन लाल गोयल ने अणुव्रत आचार संहिता का वाचन किया व इसे आचरण करने को कहा। समाज के श्रद्धानिष्ठ श्रावक हनुमानमल गुजरानी, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष रविन्द्र गोयल एडवोकेट ने अणुव्रत पर अपने सुविचार रखे। महिला मण्डल की अध्यक्षा सुमन बी गुजरानी व संगीता गुजरानी ने अणुव्रत गीत की प्रस्तुति देकर मंगलाचरण किया। ज्ञानशाला की बच्ची मन्नत जैन ने अणुव्रत कविता पेश की। कार्यक्रम का कुशल मंच संचालन करते हुए अणुव्रत समिति के निवर्तमान अध्यक्ष चम्पा लाल जैन ने अणुव्रत प्रेरणादायक मुक्तक भी पेश किए। इस अवसर पर शासनसेवी पदम जैन और समाज के सभी श्रावकगण व श्राविकाएं व समिति के सदस्यगण उपस्थित थे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/09/sirsa-28-sep-photo-05.jpg218456Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-09-28 16:10:322021-09-28 16:10:55संयम है जीवन है’ शासनश्री साध्वी मंजुप्रभा
गत दिवस शहर के प्रसिद्ध समाजसेवी मानकचंद जैन ने हर वर्ष की भांति भाई कन्हैया आश्रम के 300 से भी अधिक विशेष लोगों में फल वितरित किए। इस सादे समारोह में 10 गीत भी गाकर उनका मनोरंजन किया गया। गीतों की शुरूआत सुख के सब साथी दुख में न कोए इत्यादि गीतों से मनोरंजन किया गया व प्रयास किया गया कि आश्रम के विशेष बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोडा जाए। गायकों में भोला नागराज, विजय रामावत, मनमोहन सिंह, सब इंस्पेक्टर सुभाष तरड ने विशेष रूप से भाग लिया। मानकचंद जैन ने अपने भाव एक लघु कथा के माध्यम से रखते हुए कहा कि हम सभी अपनी खुशियां रेस्तरां, होटल, रिजोर्ट की अपेक्षा इन लोगों के मध्य सांझा करें, ऐसा मेरा सभी से अनुरोध है। इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शील कौशिक, बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान रमेश मेहता एडवोकेट, एलआईसी अधिकारी इंद्र गोयल, सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर एसएन शर्मा व राजकुमार जैन, बैंक मैनेजर केके ग्रोवर, मदन वर्मा, अविनाश फुटेला, अश्विनी, ललित जैन, मुख्य सेवक गुरविंद्र सिंह सहित सभी स्टॉफ सदस्य मौजूद थे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/09/sirsa-28-sep-photo-06.jpeg8531280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-09-28 16:03:542021-09-28 16:04:15भाई कन्हैया आश्रम में सादगी से मनाया मानकचंद जैन ने जन्मदिन
गुरुग्राम में आयोजित हरियाणा स्टेट ओपन स्केटिंग प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए जननायक चौधरी देवीलाल स्केट पार्क सिरसा के स्केटिंग खिलाड़ियों ने पदक हासिल किए है। इस सिलसिले में अकादमी प्रबंधक सुमन ने बताया कि चेरी ने 500 मीटर रेस में गोल्ड मेडल, जबकि 1000 मीटर रेस में सिल्वर मेडल हासिल किया है। प्रभनूर ने 500 मीटर रेस में कास्यं पदक हासिल किया है। विजेता खिलाडियों को अकादमी द्वारा सम्मानित किया गया। इस मौके पर प्रबंधक सुमन, कोच मनीष व रवीना ने विजेता खिलाडियों के उज्जवल भविष्य की कामना की है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/09/sirsa-28-sep-photo-07-scaled.jpg25602499Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-09-28 16:00:322021-09-28 16:02:08स्टेट स्केटिंग प्रतियोगिता में छाए सिरसा के बच्चे, जीते पदक
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को 2020 के पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों से संबंधित एक मामले में एक आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया। उच्च न्यायालय ने कहा कि शहर में कानून और व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए पूर्व नियोजित साजिश थी और घटनाएं पल भर में नहीं हुआ”। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की कथित हत्या के मामले में मोहम्मद इब्राहिम द्वारा दायर जमानत याचिका पर विचार करते हुए कहा कि घटनास्थल के आसपास के इलाकों में सीसीटीवी कैमरों को सुनियोजित तरीके से काट दिया गया और नष्ट कर दिया गया।
नयी दिल्ली(ब्यूरो):
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की कथित हत्या से संबंधित मामले में आरोपी मोहम्मद इब्राहिम द्वारा दाखिल जमानत याचिका पर विचार करते हुए कहा कि घटनास्थल के आसपास के इलाकों में सीसीटीवी कैमरों को व्यवस्थित रूप से नष्ट कर दिया गया।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों में हेड कॉन्सटेबल रतन लाल की हत्या मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने मोहम्मद इब्राहिम की बेल याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने बताया कि मौजूदा सबूत इस बात की पुष्टि करते हैं कि शहर में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए एक पूर्व नियोजित साजिश रची गई थी।
कोर्ट ने कहा, “फरवरी 2020 में देश की राष्ट्रीय राजधानी को दहलाने वाले दंगे स्पष्ट तौर पर एकदम से नहीं हुए। वीडियो और फुटेज में दिखने वाला प्रदर्शनकारियों का बर्ताव जिसे अभियोजन पक्ष द्वारा रिकॉर्ड में रखा गया, साफ तौर पर दिखाता है कि यह सरकार के कामकाज को अस्त-व्यस्त करने के साथ-साथ शहर में लोगों के सामान्य जीवन को बाधित करने का एक सुनियोजित प्रयास था।”
अदालत ने यह भी कहा कि सीसीटीवी कैमरों को भी व्यवस्थित ढंग से नष्ट किया गया था जो शहर में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए एक पूर्व नियोजित साजिश के अस्तित्व की पुष्टि करता है। अदालत ने कहा, “यह (पूर्व नियोजित साजिश) इस तथ्य से भी साफ होती है कि असंख्य दंगाइयों ने बेरहमी से पुलिस अधिकारियों पर लाठी, डंडे, बैट चलाए।”
दिल्ली हिंदू विरोधी दंगों के दौरान मारे गए हेड कॉन्सटेबल रतन लाल के मर्डर केस में आरोपित की बेल याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पाया कि किसी भी व्यक्ति की स्वतंत्रता इस प्रकार दुरुपयोग नहीं की जानी चाहिए कि समाज के ताने बाने को अस्थिर करके खतरा हो और दूसरों को चोट पहुँचे।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा, “इस न्यायालय ने पहले एक लोकतांत्रिक राजनीति में व्यक्तिगत स्वतंत्रता के महत्व पर विचार किया है, लेकिन यह स्पष्ट रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता का दुरुपयोग इस तरह से नहीं किया जा सकता है जिससे सभ्य समाज के ताने-बाने को अस्थिर करने का प्रयास किया जाता है। यह और अन्य व्यक्तियों को चोट पहुँचाता है।”
इब्राहिम के ख़िलाफ़ केस
सीसीटीवी फुटेज में मोहम्मद इब्राहिम को नेहरू जैकेट, सलवार कुर्ता, और इस्लामी टोपी पहने साफ देखा गया था। अभियोजन पक्ष ने तीन वीडियो सबूत के तौर पर पेश किए थे कि ताकि साबित हो कि हेड कॉन्सटेबल रतन लाल की मौत पूर्व-नियोजित थी। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली दंगे कुछ ऐसा नहीं थे जो अचानक भड़क गए हों।
कोर्ट ने बेल याचिका को नकारते हुए कहा, भले ही इब्राहिम क्राइम सीन पर न दिखा, लेकिन वह भीड़ का हिस्सा था। वह जानबूझकर अपने इलाके से 1.5 किलोमीटर दूर तक गया। उसके हाथ में तलवार थी जिसका इस्तेमाल किसी भी नुकसान के वक्त किया जा सकता था। कोर्ट ने कहा, “इसी प्रकाश में याचिकाकर्ता की तलवार के साथ वाली फुटेज काफी भयानक है जो याचिकाकर्ता को हिरासत में रखे रखने के लिए पर्याप्त है।”
बता दें कि आरोपितों की ओर से पेश हुए कई वकीलों की दलीलें सुनने के बाद इस संबंध में पिछले माह आदेश सुरक्षित रख लिया गया था। अभियोजन पक्ष की ओर से एएसजी एसवी राजू और विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद मामले में पेश हुए थे। इब्राहिम की जमानत याचिका 11 जमानत आवेदनों में सुरक्षित आदेशों का हिस्सा थी। गौरतलब है कि, अदालत ने मामले में शाहनवाज और मोहम्मद अय्यूब नाम के अन्य आरोपितों को जमानत दे दी, लेकिन सादिक और इरशाद अली के आवेदनों को खारिज कर दिया। 5 अन्य आरोपितों- मो. आरिफ, शादाब अहमद, फुरकान, सुवलीन और तबस्सुम को इस महीने की शुरुआत में जमानत मिली थी।
24 फरवरी को दिल्ली दंगों के समय इस्लामी भीड़ डंडा, लाठी, बास्केट बैट, लोहे की रॉड और पत्थरों लेकर वजीराबाद रोड पर करीब 1 बजे इकट्ठा हुई। कुछ देर में ये हिंसक हो गए। स्थिति संभालने के लिए पुलिस को आंसू गैस छोड़ने पड़े। मौजूदा पुलिसकर्मी बताते हैं कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों को मारना शुरू कर दिया था। भीड़ ने डीसीपी शाहदरा, एसीपी गोकुलपुरी और हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल पर भी हमला किया। दोनों सड़क पर गिर गए और गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहाँ हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल को मृत घोषित कर दिया गया।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/08/Supreme-Court-2-1-1-2-1-1-1-3.jpg447795Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-09-28 13:14:442021-09-28 13:15:49सुनियोजित ढंग से हुए थे दिल्ली दंगे : दिल्ली उच्च न्यायालय
बीजेपी से मुकाबले में लगातार पिछड़ती जा रही कांग्रेस अब अपने सियासी समीकरण को दुरुस्त करने की कवायद में जुट गई है। पहले पंजाब में दलित नेता चरणजीत चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया और फिर उत्तराखंड में दलित सीएम का दांव चलने के बाद अब कांग्रेस गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी को पार्टी ने गले लगाया है। इस तरह से कांग्रेस अब बीजेपी से दो-दो हाथ करने के लिए पुन: अल्पसंख्यक और दलित एजेंडा सेट करती नजर आ रही है।
कन्हैया कुमार भारतीय राजनीतिक कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष और अखिल भारतीय छात्र संघ के राष्ट्रीय नेता के रूप में कार्य किया। वह वर्तमान में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद के सदस्य के रूप में कार्यरत थे।
जिग्नेश मेवाणी एक वकील कार्यकर्ता और पूर्व पत्रकार हैं जो गुजरात विधानसभा में वडगाम निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधि के रूप में कार्यरत हैं। वह एक स्वतंत्र विधायक और राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के संयोजक हैं।
कॉंग्रेस की द्विधा है की वह यह तय नहीं कर पा रही की उराजनीति करनी भी है या नहीं। दुविधाग्रस्त कॉंग्रेस अपना राजनीति भविष्य दलित और मुस्लिम तुष्टीकरण में तलाश रही है। एक पुरानी कहावत है कि राजनीति में कोई भी स्थायी शत्रु नहीं होता है। ताजा मामला जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष और CPI सदस्य कन्हैया कुमार और गुजरात के वडगाम से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी से जुड़ा हुआ है। कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी आज (28 सितंबर) कांग्रेस ज्वाइन करने वाले हैं। ये दोनों युवा नेता हैं और इन्हें दक्षिणपंथी राजनीति का विरोध करने की वजह से देश में सुर्खियां मिलीं थीं।
कहा जा रहा है कि कन्हैया कुमार को कांग्रेस ज्वाइन कराने में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अहम भूमिका निभाई है। वह कुछ समय पहले जेडीयू के पूर्व नेता पवन वर्मा के आवास पर कन्हैया से मिले थे।
कांग्रेस में शामिल होने से क्या फर्क पड़ेगा:
कन्हैया और जिग्नेश युवा हैं और युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं। पीएम मोदी के खिलाफ कैंपेन में इन दोनों नेताओं के उतरने से कांग्रेस के लिए एक चुनावी माहौल तैयार होगा, जिसका फायदा कांग्रेस उठा सकती है। कहा जा रहा है कि इन दोनों नेताओं के महत्व को ना ही कम करके आंका जा सकता है और ना ही खारिज किया जा सकता है।
मेवाणी और कन्हैया कुमार हिंदुत्व की विचारधारा के खिलाफ बोल्ड तरीके से अपनी बात रखते हैं, ऐसे में ये दोनों कांग्रेस के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं। ऐसे में एंटी बीजेपी वोटरों के बीच कांग्रेस ये संदेश देने में भी कामयाब हो सकती है कि भाजपा की प्रमुख विरोधी पार्टी आज भी कांग्रेस ही है।
हालांकि, एक और तरह का वोटर है जिसके बीच मेवाणी और कुमार की मौजूदगी शायद ज्यादा काम न आए और इस वर्ग के बीच मेवाणी और कुमार सबसे अच्छे चेहरे भी नहीं हो सकते हैं।
इसका एक उदाहरण ये भी है कि एक युवा वोटर आर्थिक मोर्चे पर भाजपा से नाराज हो सकता है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में भाजपा का समर्थन भी करता है। ऐसे वोटरों को लुभाना मेवाणी और कुमार के लिए बड़ी चुनौती होगी।
कौन हैं कन्हैया कुमार:
कन्हैया कुमार बिहार के बेगूसराय के रहने वाले हैं और सीपीआई से प्रभावित परिवार से आते हैं। उन्होंने बेगूसराय से सीपीआई के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन बीजेपी के गिरिराज सिंह से बड़े अंतर से हार गए थे। हालांकि, वह राष्ट्रीय जनता दल-कांग्रेस के उम्मीदवार से आगे रहे थे।
इसके बाद से उन्होंने बिहार में नागरिकता विरोधी (संशोधन) अधिनियम (CAA) के विरोध के दौरान कई रैलियों को संबोधित किया। हालांकि बिहार चुनाव अभियान के दौरान वह शांत दिखाई दिए।
अगले साल 2022 में यूपी, उत्तराखंड, पंजाब समेत कुल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवानी का साथ मिलना कांग्रेस को चुनावी रेस में कितना आगे ले जाता है, ये आगे की बात होगी।
बिहार से ताल्लुक रखने वाले जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार देश विरोधी नारे लगाने के आरोप में शुरुआत से ही भाजपा सरकार के निशाने पर रहते हैं। बिहार में उनका अपना वोट बैंक है। आगामी 2024 में लोकसभा चुनाव और बिहार विधानसभा चुनाव में कन्हैया कुमार कांग्रेस के काफी काम आ सकते हैं।
ऐसी जानकारी मिली है कि गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष हार्दिक पटेल काफी दिनों से कन्हैया कुमार और गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी के संपर्क में है। सूत्रों से पता लगा है कि दोनों ने पार्टी में एंट्री के लिए अपनी सहमति दे दी है।
बिहार से ताल्लुक रखने वाले कन्हैया कुमार ने पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ भाकपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था, हालांकि वह हार गए थे। दूसरी तरफ, दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जिग्नेश गुजरात के वडगाम विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक हैं।
कौन हैं जिग्नेश मेवाणी:
जिग्नेश मेवाणी की राजनीति गुजरात के दलितों के बीच भाजपा के खिलाफ बढ़ रही नाराजगी से शुरू होती है। जिग्नेश मेवाणी इस समय उत्तरी गुजरात में बनासकांठा जिले के वडगाम निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के समर्थन से सीट जीती थी।
2016 में हुई ऊना घटना के बाद मेवाणी ने दलितों द्वारा कई विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व किया था और वह गुजरात में दलितों के लिए भूमि अधिकारों के लिए भी लड़ रहे हैं। हालांकि, मेवाणी की राजनीति का दायरा सीमित है और वह राष्ट्रीय स्तर पर वोटरों को लुभाने में इतना कारगर साबित नहीं हो सकते हैं।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/09/JMKK.jpg450600Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-09-28 12:06:572021-09-28 12:21:48दलित, मुस्लिम तुष्टीकरण में राजनैतिक भविष्य तलाशती कॉंग्रेस
पुलिस प्रवक्ता नें जानकारी देते हुए बताया कि कल देर रात्रि माजरी चौक के पास हुए हुई लडाई झगडा में हत्या पर रिन्कु पुत्र सुरजभान की शिकायत पर पुलिस थाना सेक्टर 07 ने अभियोग संख्या 37 दिनांक दिनांक 27.09.2021 धारा 147/148/149/307/302 भा.द.स. के तहत मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी थी। जिस में पंचकूला पुलिस की अलग अलग टीमों का गठन कर वारदात की गुत्थी को सुलझाया जा रहा हेै ।
पुलिस टीमो के द्वारा मौका पर पुछताछ के बाद व तकनीकी संसाधनों की मदद से कुछ अहम तथ्य सामनें आए हेै। जो कि इस मामले में पीड़ित और आरोपी पक्ष दोनों पर कई मामलों में अभियोग पहले से दर्ज हैं और वारदात में शामिल कुछ आरोपी सजायाफ्ता हैं जो पैरोल पर जेल से बाहर थे। पुलिस की टीमों नें इस वारदात से जुड़े संदिग्ध लोगो को काबू कर पूछताछ शुरू कर दी है और जल्द ही इस मामलें में आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस द्वारा पूरे प्रकरण का खुलासा किया जायेगा ।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/06/Panchkula-Police.jpg9601280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-09-28 11:21:472021-09-28 11:23:08पंचकूला पुलिस को मर्डर के मामलें में मिली शुरुआती सफलता
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे इस्तीफे में सिद्धू ने लिखा, ‘मैं समझौता नहीं कर सकता हूं। समझौता करने से शख्सियत खत्म हो जाती है। मैं पंजाब के भविष्य के साथ समझौता नहीं कर सकता हूं।’ प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान संभालने के करीब ढाई महीने के बाद सिद्धू ने इस्तीफा दिया है।सूत्रों की मानें तो अभी तक शक्ति प्रदर्शन नहीं हुआ है जिसकी मांग कभी भी उठ सकती है। आज भी कैप्टन के पाले में 28 विधायक हैं और बाजवा के साथ 12 विधायक हैं। यदि फ्लोर टेस्ट होता है तो सरकार वहीं गिर जाती है। अब पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगने की पूरी पूरी संभावना है। माना जा रहा है की एक व्यक्ति 2 पद नहीं, के चलते उन्होने आने वाले चुनावों में मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाए जाने के लिए यह कदम उठाया है।
1996 के इंग्लैंड दौरे से भागने का दौर अब तक चला जा रहा है।
जेटली को हरवा कर भाजपा छोड़ी।
कैप्टन को हटवाया अब पंजाब प्रदेश कॉंग्रेस पार्टी अध्यक्ष का पद भी छोड़ा।
सारिका तिवारी राजनैतिक (चंडीगढ़):
पंजाब में कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि उन्होंने पार्टी में बने रहने की बात कही है। सिद्धू नो सोनिया गांधी को पत्र के मध्यम से इस्तीफे की जानकारी दी है।
क्यों नाराज हैं नवजोत सिंह सिद्धू?
सिद्धू का इस्तीफा ऐसे वक्त में हुआ है जब कैप्टन अमरिंदर सिंह दिल्ली कूच कर रहे हैं और ऐसा माना जा रहा है कि यहां अमित शाह के साथ उनकी मुलाकात हो सकती है। सिद्धू और कैप्टन के विवाद के बाद ही अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद छोड़ा था जिसके बाद चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब की कमान सौंपी गई है। हालांकि पहले कयास लगाए जा रहे थे कि सिद्धू को पंजाब का सीएम बनाया जा सकता है लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने आखिरी वक्त पर चौंकाने वाला फैसला लेते हुए दलित चेहरे चरणजीत चन्नी को पंजाब का सीएम बना दिया।
माना जा रहा है सिद्धू चरणजीत सरकार में विभागों के बंटवारों से नाराज चल रहे हैं, मंत्रियों के विभाग बंटवारे में उनकी सलाह नहीं ली गई। इसके अलावा सुखविंदर रंधावा को गृह विभाग दिया गया है, सिद्धू और उनके समर्थक पहले से इसकी खिलाफत करते आए हैं। पंजाब में कुछ अफसरों के तबादलों से भी सिद्धू नाराज बताए जा रहे हैं।
सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी
पंजाब में चन्नी सरकार के गठन के बाद सिद्धू को लगातार किनारे किया गया है। कैप्टन अमरिंदर उनके खिलाफ पहले से बयानबाजी कर रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि सिद्धू ने इस्तीफा देकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में सिद्धू ने कहा है कि वह कभी भी समझौते के लिए तैयार नहीं हैं क्योंकि इससे इंसान के चरित्र का पतन होता है। उन्होंने आगे लिखा कि पंजाब के भविष्य के साथ किसी भी कीमत पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं हूं। इसके अलावा सिद्धू ने कहा कि पंजाब की सेवा करता रहूंगा।
इस्तीफे पर कैप्टन ने साधा निशाना
अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद सिद्धू को पंजाब और देश विरोधी करार देते हुए कहा था वह पंजाब के लिए खतरा है। कैप्टन ने आरोप लगाया कि सिद्धू के संबंध पाकिस्तान और इमरान खान से हैं जिससे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। इसके अलावा उन्होंने सिद्धू को सीएम बनने से रोकने के लिए अपना उम्मीदवार उतारने तक की बात कही थी. उनके इस्तीफे पर कैप्टन ने सिद्धू करते हुए लिखा, ‘मैं पहले ही कह चुका हूं यह स्थिर व्यक्ति नहीं है, पंजाब जैसे बॉर्डर स्टेट के लिए सिद्धू फिट नहीं है।’
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/02/732956-navjot-singh-sidhu1.jpg7201280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-09-28 10:54:182021-09-28 12:19:05ठोको ताली दोनो कप्तान बाहर
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