PU Results

Chandigarh September 30, 2021

This is to inform that the result of examination May, 2021 of the following courses have been declared/made public today.

1.      Bachelor of Business Administration Fourth Semester Examination – May,2021

2.      M.Sc. (Physics) 4th Semester Examination – May,2021

3.      Bachelor of Commerce Fourth Semester Examination – May,2021

4.      Master of Arts (Gandhian and Peace Studies) 2nd Semester Examination –          May, 2021

The same can be seen at the respective Departments/Colleges or Panjab University website.

Prof. Tomar takes charge as Dean Research

Chandigarh September 30, 2021

            Prof S K Tomar from the Department of Mathematics, Panjab University, Chandigarh has been appointed as Dean Research by Prof. Raj Kumar, Vice Chanceller, Panjab University. Prof. Tomar is a renowned researcher and well known mathematician. He has 116 publications in the journals of international repute and has delivered more than 125 lectures in the country and abroad on the different topics of his research. He is a nominated member on the governing body of GJU, Hisar and Central University of Himachal. Recently he has also been nominated as a member of Senate of Panjab University by the Chancellor of University.

            In order to sensitize science education among the children and to all other corners of the society he initiated Chandigarh Vigyan Parishad in the year 2016. Chandigarh Vigyan Parishad is a part of Vigyan Bharti at national level. He is also an elected fellow of NASI (National Academy of Science, India) and is a recipient of PL Bhatnagar award lecture of Indian mathematical society. He has more than 34 years of research and teaching experience. He is a widely travelled person and has visited several countries under research collaborations.

अमरेन्द्र सिंह के ट्विट्टर हैंडल पर कॉंग्रेस के बदले ‘फतेह’

पंजाब में चल ही राजनीतिक कलह के बीच राज्य के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस के लिए नया संकट खड़ा कर दिया है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा है कि वह भाजपा में नहीं जाएंगे लेकिन अब कांग्रेस में भी नहीं रहेंगे। इसके साथ ही कैप्टन ने ट्विटर के बायो से कांग्रेस का नाम हटा दिया है।  सिंह ने कहा कि ‘मैं बीजेपी में शामिल नहीं होऊंगा लेकिन कांग्रेस में भी नहीं रहूंगा। ’ एक इंटरव्यू में अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘अभी तक मैं कांग्रेस में हूं लेकिन कांग्रेस में नहीं रहूंगा। मेरे साथ इस तरह का व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए था।’

पंजाब/चंडीगढ़/नईदिल्ली :

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि वह अपमान नहीं सहेंगे और पार्टी में नहीं रहेंगे, क्योंकि जैसा बर्ताव उनके साथ किया गया है वह ठीक नहीं है. एक प्राइवेट टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘जिस तरह से विधायक दल की बैठक बुलाकर ऐन मौके पर मुझे जानकारी दी गई, मैंने तभी साफ कर दिया था कि मैं पद छोड़ रहा हूं. अगर किसी को मेरे ऊपर विश्वास नहीं है तो मेरे रहने का क्या फायदा है।’

बीजेपी में भी नहीं जाएंगे कैप्टन अमरिंदर सिंह

कांग्रेस छोड़ने को लेकर स्थिति साफ करने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह भी कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी में भी नहीं जाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बुधवार को मुलाकात के बाद अमरिंदर सिंह के बीजेपी में जाने की अटकलें लगाई जाने लगी थी।

ट्विटर के कांग्रेस शब्द हटाया

इसके साथ ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस शब्द हटा दिया है। उन्होंने अपने ट्विटर पर आर्मी वेटरन और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री लिखा है।

सिद्धू को लेकर कही ये बात

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक बार फिर नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सिद्धू टीम प्लेयर नहीं हैं। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए टीम प्लेयर की जरूरत है।

NSA – डोभल से मिले कैप्टन अमरेन्द्र सिंह

पंजाब क राजनीति किस करवट बैठेगी यह तो भविष्य के गर्भ ही में है, लेकिन उस भविष्य को अपने पाक्स में करने की कवायद मेन सभी नेता गण जुटे हैं। अभी हाल ही में कैप्टन अमरेन्द्र सिंह केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले थे, बताया गया ई किसान आंदोलन और कृषि क़ानूनों पर चर्चा हुई। फिर उनए प्रधानमंत्री मोदी से मिलने जाने की बात आने लगी, की अमरेन्द्र सिंह मोदी से मुलाक़ात करेंगे। इसका खुलासा खुद भाजपा नेता हारजीत गरेवल ने किया। लेकिन अभी अभी कैप्टन अमरेन्द्र सिंह राष्ट्रिय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल के साथ दिखे। अब इसे क्या माने हैं, क्या मोदी तक पहुँचने के लिए यह सुरक्षा नियामक था??

  • शाह के बाद अब NSA अजीत डोभाल से मिले कैप्टन अमरिंदर
  • पंजाब की आंतरिक सुरक्षा पर शाह से की थी चर्चा
  • पंजाब, पाकिस्तान और राष्ट्रीय सुरक्षा पर डोभाल से भी हो सकती है बात

नयी दिल्ली (ब्यूरो) :

पंजाब के साथ-साथ अब दिल्ली में भी सियासी हलचल तेज है। पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक दिन पहले गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और आज वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मिलने पहुंच गए। कल कैप्टन ने बताया था कि गृह मंत्री अमित शाह से किसानों के मुद्दे पर चर्चा हुई, पर अटकलें लगाई जा रही हैं कांग्रेस से नाराज सियासत का यह मंझा हुआ खिलाड़ी अपना दांव चल सकता है।

वह पिछले तीन दिनों से दिल्ली में जमे हुए हैं। आज वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मिलने उनके घर पहुंचे। अब तक यह पता नहीं चल सका है कि कैप्टन और डोभाल के बीच क्या चर्चा हुई। माना जा रहा है कि पंजाब से लगते पाकिस्तान बॉर्डर को लेकर चर्चा हो सकती है। कैप्टन पहले भी राष्ट्रीय सुरक्षा की बात करते रहे हैं।

अमरिंदर सिंह ने कहा है कि वह बीजेपी में शामिल नहीं होंगे लेकिन कॉन्ग्रेस में भी नहीं रहूँगा। एक इंटरव्यू में अमरिंदर सिंह ने कहा, “अभी तक मैं कॉन्ग्रेस में हूँ लेकिन कॉन्ग्रेस में नहीं रहूँगा। मेरे साथ इस तरह का व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए था।”

अहम मानी जा रही है दोनों के बीच यह मुलाकात

हालाँकि, अब तक यह पता नहीं चल सका है कि कैप्टन और डोभाल के बीच क्या चर्चा हुई, लेकिन अमरिंदर सिंह और अजित डोभाल की यह मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि पंजाब से लगते पाकिस्तान बॉर्डर को लेकर चर्चा हो सकती है क्योंकि पूर्व सीएम ने हाल में ही नवजोत सिंह सिद्धू पर हमला बोलते हुए कहा था कि सिद्धू की इमरान खान और पाकिस्तानी सेना के प्रमुख कमर बाजवा से गहरी दोस्ती है और अगर उन्हें पंजाब में किसी भी बड़े पद पर रखा जाता है तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सही नहीं होगा। वह सिद्धू को सीएम नहीं बनने देंगे।

कैप्टन अमरिंदर ने बुधवार को की थी अमित शाह से मुलाकात

गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर बुधवार (सितंबर 29, 2021) को गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए उनके घर पहुँचे थे। दोनों के बीच करीब 45 मिनट तक बातचीत हुई। माना जा रहा है कि शाह ने अमरिंदर से भाजपा में शामिल होने पर चर्चा की। इस बीच कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि अमरिंदर सिंह दिल्ली में कॉन्ग्रेस के बागी जी-23 गुट के नेताओं से भी मुलाकात कर सकते हैं। 

वहीं अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार ने बताया कि पूर्व सीएम ने अमित शाह से मिलकर किसानों से जुड़े मुद्दे पर बात की। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के बीच कृषि कानूनों को लेकर जारी प्रदर्शन पर बात हुई। कैप्टन ने शाह से जल्द से जल्द इन कानूनों को वापस लेकर एमएसपी लागू करने की माँग उठाई। इसके अलावा पंजाब में अलग-अलग फसल उगाने पर जोर देने की भी अपील की।

उल्लेखनीय है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाल ही में पार्टी से अपमानित होकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कॉन्ग्रेस आलाकमान से कह दिया कि वो अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने राजभवन जाकर पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को अपना इस्तीफा सौंपा। इसके बाद उन्होंने राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी पर भी तीखा हमला बोला था। इधर मंगलवार (28 सितम्बर, 2021) को पंजाब कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष पद से नवजोत सिद्धू ने 72 दिन बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया। अमरिंदर सिंह ने सिद्धू के इस्तीफे को नाटक करार देते हुए कहा कि सिद्धू पंजाब जैसे संवदेनशील राज्य के योग्य नहीं हैं।

मोदी – कैप्टन मुलाक़ात से बनेंगे नए राजनैतिक समिकरण

भाजपा की नीति रही है की आय के 75 वर्ष पूरे होने पर मार्ग दर्शक मण्डल ही एक मात्र राजनैतिक विकल्प है। क्या कैप्टन अमरीन्द्र सिंह के लिए भाजपा में नीति परिवर्तन होगा। सनद रहे कि 11 मार्च 2022 में कैप्टन अपने 81 वर्ष पूरे करेंगे।

सारिका तिवारी, चंडीगढ़/नयी दिल्ली :

अभी कल ही कैप्टन द्वारा पंजाब में एक नए दल के बनाए जाने की बात चल रही थी जिसे भाजपा बाहर से समर्थन देती। लेकिन सूत्रों की मानें तो पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को केंद्र सरकार में अहम पद मिल सकता है। यह दावा एक बीजेपी ने किया है।  BJP नेता हरजीत गरेवाल ने दावा किया है कि पीएम से मुलाकात के बाद कैप्टन को कृषि मंत्री भी बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कैप्टन को अपना रोल खुद तय करना है उनका रोल कोई तय नहीं कर सकता। बीजेपी नेता ने कहा कि मोदी जी अच्छे लोगों को लाना पसंद करते हैं।

सनद रहे कि पनब में राजनैतिक दिग्गज माने जाने वाले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री, ‘राजा’ कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने बतौर पंजाब के मुख्यमंत्री राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपते हुए कहा था कि वह अपमानित हुए हैं। उन्हें अपमानित करने वाला कॉंग्रेस का शीर्ष परिवार था। आज कैप्टन की भविष्य की राजनीति को लेकर कयास लगाए जा रह हैं।

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ब्राह्मण चेहरे जीतीन प्रसाद को मिला प्रीविधिक शिक्षा विभाग, योगी ने दी बधाई

कई दिनों से चल रहीं यूपी सरकार में विस्तार की खबरों के बीच रविवार को इस पर विराम लग गया। रविवार की देर शाम जितिन प्रसाद समेत कई नेता योगी मंत्रिमंडल में शामिल होंगे। रविवार की शाम शपथ लेने के बाद जितिन प्रसाद यूपी मंत्रिमंडल में शामिल हो जाएंगे। आपको बता दें कि जितिन प्रसाद कांग्रेस छोड़कर कुछदिन पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे। पिछले वर्ष भी जितिन के भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई गई थीं, लेकिन बाद में उन्होंने इन अटकलों को खारिज कर दिया था। कांग्रेस की आलामान केन्द्रित राजनीति को देखते हुए जितिन प्रसद ने कुछ महीने पहले ही भाजपा का दामन थामा तो सभी चौंक गए थे। जितिन प्रसाद सबसे पहले शाहजहांपुर से चुनाव जीते थे। इसके बाद उन्हें कांग्रेस ने धौरहरा सीट से चुनाव लड़ाया था। जितिन प्रसाद धौरहरा, कस्ता, मोहम्मदी, महोली और हरगांव विधानसभा क्षेत्रों में ज्यादा सक्रिय रहते हैं। राजनीति के लिहाज से जितिन इन्हीं क्षेत्रो में काम करते रहे हैं। लेकिन ब्राह्मण होने के नाते उनके नाम का प्रभाव अवध के बड़े क्षेत्र और पूर्वांचल के कुछ क्षेत्रों पर भी है। 

लखनऊ/नयी दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के नए मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 7 नए मंत्रियों को शपथ दिलाई। सबसे पहले कैबनेट मंत्री के रुप में जतिन प्रसाद ने मंत्रिपद की शपथ ली। इसके बाद छत्रपाल गंगवार ने भी शपथ ली। फिर पलटू राम, संगीता बलवंत बिंद, संजीव कुमार, दिनेश खटीक और धर्मवीर प्रजापति ने मंत्री पद की शपथ ली।

सीएम योगी की इस नई टीम में 7 नेताओं को शामिल किया गया है। जिसमें जातीय समीकरण का सबसे ज्यादा ध्यान रखा गया है। इन 7 मंत्रियों में 3 दलित, 3 ओबीसी, एक ब्राह्मण चेहरे को मंत्री बनाया गया है। जितिन प्रसाद कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। वहीं बाकी के 6 को मंत्री बनेंगे।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सात नए मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया है। सीएम ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद को प्राविधिक (टेक्निकल) शिक्षा विभाग दिया गया है। जितिन प्रसाद कांग्रेस छोड़कर कुछ महीने पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे. तभी से उन्हें मंत्री बनाए जाने की अटकलें लगाई जा रही थी।

राज्य मंत्री पलटू राम को सैनिक कल्‍याण, होमगार्ड, प्रान्‍तीय रक्षक दल एवं नागरिक सुरक्षा विभाग, राज्य मंत्री डॉ. संगीता बलवंत को सहकारिता विभाग, राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति को औद्योगिक विकास विभाग दिया गया है। राज्य मंत्री छत्रपाल सिंह गंगवार को राजस्‍व विभाग, राज्य मंत्री संजीव कुमार को समाज कल्‍याण व अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्‍याण विभाग, राज्य मंत्री दिनेश खटीक को जल शक्ति एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग का दायित्व मिला है।

सीएम ने ट्वीट कर कहा, ”उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में कल शामिल हुए सभी नए सदस्यों को आज विभागों का दायित्व प्राप्त हो गया है। मुझे विश्वास है कि आप सभी के कुशल, अनुभवी एवं कर्मठ नेतृत्व में संबंधित विभाग विकास की नई ऊंचाइयों को स्पर्श। करेंगे. आप सभी के उज्ज्वल कार्यकाल हेतु अनंत शुभकामनाएं।”

पंचांग, 30 सितंबर 2021

नोटः आज मातृ नवमी है तथा सौभाग्यवतीनां श्राद्ध व नवमी का श्राद्ध है। मान्यता है कि मातृ नवमी (Matri Navami) का श्राद्ध कर्म करने से जातकों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। मातृ नवमी (Matri Navamiश्राद्ध के दिन घर की बहुओं को उपवास रखना चाहिए। इस श्राद्ध को सौभाग्यवती श्राद्ध भी कहा जाता है। इस दिन गरीबों या ब्राह्मणों को भोजन कराने से सभी मातृ शक्तियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

विक्रमी संवत्ः 2078, 

शक संवत्ः 1943, 

मासः आश्विनी़, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः नवमी रात्रिः 10.09 तक है।

विशेषः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।

 वारः गुरूवार, 

नक्षत्रः पुनर्वसु रात्रि कालः 01.33 तक हैं, 

योगः परिघ सांय काल 06.52 तक, 

करणः तैतिल, 

सूर्य राशिः कन्या,  चंद्र राशिः मिथुन, 

राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.18,  सूर्यास्तः 06.04 बजे।

कैप्टन – शाह की मुलाक़ात, लगने लगे राजनैतिक कयास

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए उनके आवास पहुंचे। दोनों नेताओं के बीच करीब 45 मिनट तक बात हुई। आपको बता दें कि कैप्टन दो दिवसीय दौरे पर कल दिल्ली पहुंचे है। सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन ने अपने पत्ते अभी तक नहीं खोले हैं। उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं।

  • कैप्टन अमरिंदर सिंह और अमित शाह के बीच 50 मिनट तक हुई बातचीत
  • बीजेपी के लिए हमेशा सॉफ्ट कार्नर रहे हैं कैप्टन अमरिंदर सिंह
  • अमित शाह से मीटिंग के बाद कयासों का बाजार गर्म, बीजेपी में शामिल होने की अटकलें

सारिका तिवारी, नयी दिल्ली/चंडीगढ़:

कैप्टन अमरिंदर सिंह की दोस्ती पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से पुरानी मानी जाती है। राष्ट्रीय मुद्दे पर कैप्टन कई बार पार्टी लाइन से हटकर बोल चुके हैं। कई मौके पर बीजेपी नेता भी उन्हें राष्ट्रवादी भी बता चुके हैं। ऐसे में उनके भाजपा में शामिल होने के कयासों ने जोर पकड़ लिया है।

पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले कॉन्ग्रेस पार्टी के भीतर अंर्तकलह जारी है। पार्टी में चल रहे सियासी घमासान के बीच पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार (29 सितंबर 2021) शाम को गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। गृहमंत्री के आवास पर यह बैठ​क लगभग 45 मिनट चली।

इस बैठक को लेकर मीडिया में कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही कोई बड़ा कॉन्ग्रेसी नेता भाजपा में शामिल हो सकता है। चर्चा है कि भाजपा अमरिंदर को राज्यसभा के रास्ते सरकार में ला सकती है। या फिर उन्हें कृषि मंत्री का पद दिया जा सकता है।

दूसरी ओर कैप्टन के करीबी सूत्रों ने मीडिया में बताया कि दोनों नेताओं की मुलाकात में किसानों के मुद्दे को लेकर बातचीत हुई है। दरअसल, मंगलवार (28 सितंबर 2021) को दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए अमरिंदर सिंह ने दावा किया था कि उनका कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है।

एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी कैप्टन को सही तरीके से इस्तेमाल करने की रणनीति पर विचार कर रही है। उन्होंने बताया कि उन्हें पार्टी में शामिल कराकर एक चेहरे के रूप में पेश करना उचित रहेगा, या कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में एक नए राजनीतिक दल का गठन हो और भाजपा उसका बाहर से सपोर्ट करे, इस संभावना पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

आपको याद दिला दें कि अमरिंदर सिंह को हाल ही में अपमानित होकर मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। उन्होंने कॉन्ग्रेस आलाकमान से कहा था कि वो अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसके बाद उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू पर बड़ा हमला किया था। सिद्धू को एंटी नेशनल बताते हुए उन्होंने एलान किया था कि वो उन्हें पंजाब का CM नहीं बनने देंगे। सिद्धू को जीतने से रोकने के लिए मजबूत कैंडिडेट उतारेंगे। वहीं, उन्होंने राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी को अनुभवहीन तक बता दिया था। इसके अलावा कैप्टन ने कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेताओं अजय माकन और केसी वेणुगोपाल पर भी हमला किया था।

अमरिंदर सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा था, ”प्रियंका गाँधी और राहुल गाँधी मेरे बच्चे जैसे हैं। कोई चीज ऐसे नहीं खत्म होनी चाहिए। मैं आहत हूँ।” उन्होंने कहा था कि राहुल और प्रियंका अनुभवी नहीं हैं। उनके सलाहकार उन्हें गुमराह कर रहे हैं। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि वो सियासत में नई पारी शुरू सकते हैं।

बता दें कि कैप्टन का इससे पहले साल 2017 में कॉन्ग्रेस हाईकमान से टकराव हुआ था। तब कैप्टन ने जाट महासभा बनाकर कॉन्ग्रेस काे चुनौती दी थी। कैप्टन ने बाद में इसका खुलासा किया था कि वो भाजपा में जाने का मन बना चुके थे।

फ्रांस ने इस्लामिक कट्टरता के खिलाफ तेज़ की मुहिम, 6 मस्जिदों में लगाया ताला

फ्रांस ने देश में बढ़ रहे इस्लामिक आतंकवाद को खत्म करने के लिए एक नए कानून को मंजूरी दी है। इस कानून के तहत अब पुलिस को अधिकार होगा कि वह फ्रांस के मस्जिदों और मदरसों को जब चाहे तब बंद कर सकती है। इसके अलावा मुस्लिमों के एक से ज्यादा विवाह या फिर जबरन विवाह करने को अपराध घोषित किया जाएगा। इस कानून को फ्रांस की संसद के निचले सदन ने धर्मनिरपेक्ष राज्य में धार्मिक कट्टरवाद को खत्म करने के लिए भारी बहुमत से मंजूरी दी है।

साभार नेट :

फ्रांस सरकार ने शिक्षक की हत्या के बाद करीब 120 लोगों के घरों की तलाशी ली। उस संगठन को खत्‍म कर दिया जिस पर इस्‍लामिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगा, सरकार अब आतंकियों को मिलने वाली वित्‍तीय सहायता के बारे में जानकारी हासिल कर ली है। फ्रांस साल 2015 से आतंकवाद को झेल रहा है. हालांकि विदेशी मामलों के विश्‍लेषकों की मानें तो इस बार जो भी हो रहा है, वह पहले कभी नहीं हुआ।

वैश्विक आतंकवाद के विरुद्ध जिस एकजुटता का दुनिया भर से आह्वान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार अंतराष्ट्रीय मंचों से किया है, उस पर सकारात्मक रूप से तमाम देशों के साथ फ्रांस ने भी अपने प्रभावी कदम बढ़ा दिए हैं । फ्रांस के आंतरिक मामलों के मंत्री (गृहमंत्री) के अनुसार अब फ्रांस सीधे आतंकवाद की जड़ों पर वार करेगा।

फ्रांसीसी मंत्री ने ये बयान एक स्थानीय अखबार ले फ़िगारो को दिए हैं, जिसने दुनिया भर में इबादतगाहों को ले कर सतर्कता और सन्देह की नई बहस छेड़ दी है। फ्रांसीसी सरकार की आंतरिक जाँच में मज़हबी चरमपंथ को बढ़ावा देने में वहाँ के इबादतगाहों की प्रमुख भूमिका सामने आ रही है।

आंतरिक मामलों के मंत्री गेराल्ड डार्मैनिन (Gerald Darmanin) के अनुसार अब तक 89 इबादतगाहों में से लगभग एक तिहाई की जाँच की जा चुकी है। इन 89 इबादतगाहों में चरमपंथ को बढ़ावा देने की शिकायत मिली थी। फ्रांस सरकार की खुफिया जाँच रिपोर्ट में इन सभी को कट्टरपंथ का केंद्र मान कर चिन्हित किया गया था, जिन पर जल्द ही कड़ी कार्यवाही संभावित है।

इस मामले में तत्काल ही 6 इबादतगाहों (मस्जिदों) को बंद करने के शासकीय आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसी के साथ फ्रांस की सुरक्षा व खुफिया एजेंसी इन चरमपंथी केंद्रों से जुड़े अन्य प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कट्टरपंथी तत्वों की तलाश कर रही हैं।

कभी वामपंथी शासकों के प्रभाव में लंबे समय तक शासित रहे फ्रांस ने ईराक-ISIS युद्ध के दौरान तमाम सीरियाई व इराकियों को मानवता के आधार पर शरण दी थी परंतु उसके बाद संसार के सबसे सुंदर व पर्यटन योग्य देशों में शामिल रहे फ्रांस में आतंकी हमलों की अंतहीन श्रृंखला शुरू हो गई ।

इस पूरे मामले में उच्चस्तरीय जाँच कर रहीं फ्रांसीसी जाँच एजेंसियों ने इस्लामिक प्रकाशकों Nawa और LDNA नाम से कुख्यात ब्लैक अफ्रीकन डिफेंस लीग पर भी कठोर कार्रवाई करने के लिए कहा है। यहाँ यह ध्यान रखने योग्य है कि ब्लैक अफ्रीकन डिफेंस लीग ने जून 2020 में फ्रांस की राजधानी पेरिस की सड़कों पर उतर कर अमेरिकी दूतावास के आगे सरकार व पुलिस विरोधी रैली की थी, जिसमें उसने सैकड़ो की संख्या में भीड़ जुटा कर शक्ति प्रदर्शन किया था ।

ब्लैक अफ्रीकन डिफेंस लीग से ही संबन्धित संस्था ब्लैक वीमेन डिफेंस लीग है, जिसने अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप शासन के अंतिम समय में हुए नस्लीय दंगो में पूरे संसार में अमेरिका की छवि गिराने और आखिरकार ट्रम्प की भी हार में एक अहम रोल अदा किया था।

फ्रांसीसी मंत्री ने जिस दूसरे संदिग्ध समूह Nawa को उल्लेखित किया, वो फ्रांस में यहूदियों के प्रति घृणा का भाव फैलाने, उनको देश से निकालने की मुहिम के साथ समलैंगिक लोगों को पत्थर से मार-मार कर जान से मार डालने को बढ़ावा देने का समर्थन करता है। कुल मिला कर दूसरे शब्दों में ये भी कहा जा सकता है कि Nawa वहाँ की सरकार को अस्थिर करने और वहाँ के मूल्यों को समाप्त करने की दिशा में कार्य कर रहा है। इस समूह का मुख्य प्रभाव फ्रांस के दक्षिणी क्षेत्र में अधिक है, जो फिलहाल पूर्ण रूप से शांत नहीं है।

इस समूहों के साथ फ्रांसीसी मंत्री ने आने वाले एक वर्ष में 10 अन्य चरमपंथी व विघटनवादी समूहों पर भी कार्रवाई की बात कही है, जो फ्रांस विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं या रहे हैं। आपको बता दें कि राष्ट्रहित में उठे किसी भी कठोर कदम को इस्लामोफोबिया बताने वालों को गत सप्ताह झटका देते हुए फ्रांस की सर्वोच्च प्रशासनिक अदालत, काउंसिल ऑफ स्टेट ने मज़हबी चरमपंथ के विरुद्ध फ्रांस की सरकार के एक्शन को स्वीकृति प्रदान कर दी थी।

यह कार्रवाई अक्टूबर 2020 में एक शिक्षक सैमुअल पेटी की निर्मम हत्या के बाद शुरू की गई थी, जिन्हें कक्षा के दौरान चार्ली हेब्दो पत्रिका द्वारा प्रकाशित पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाने का बहाना बना कर मार डाला गया था ।

फ्रांस की बहुसंख्यक जनता भी सरकार के कदम के साथ खड़ी होती दिखाई दे रही है। फ्रांस का बड़ा वर्ग शरणार्थी के नाम पर आतंकी स्वरूप में आ चुके घुसपैठियों को देश से बाहर खदेड़ने की भी मुहिम चला रहा है। इसी अभियान के तहत सोशल मीडिया पर No More Refugees कैम्पेन भी चलाया जा रहा है।

INDUCTION PROGRAM FOR PG STUDENTS AT PU DEPTT.

Chandigarh:

With online being the new normal, the new academic session for first year of Centre for Systems Biology and Bioinformatics, Panjab University, Chandigarh started with an induction program hosted by Dr. Tammanna R. Sahrawat, Chairperson of the Centre. She welcomed the fresher’s and other participants that included the final year batch and research scholars with a virtual tour of the Centre and introducing them to the faculty members. Dr. Veena Puri, faculty member and alumni in-charge, shared her insights on the scope of the subject and sharing experiences of Centre’s alumni. The Chief guest on this occasion was Prof. Amrik Singh Ahluwalia, Pro-Vice Chancellor, Eternal University, Baru Sahib, Himachal Pradesh, and Former SVC, DSW, Dean Faculty of Science of Panjab University and one of the earliest Coordinators of the Centre. His radiant personality filled all the participants with positivity and excitement to start their new journey with zeal and dedication, mainly laying emphasis on teacher-student profound relationship.An interactive session with former student and present day Associate Director at Parexel International, Ms Samriti Guleria gave the participants insights on career opportunities they could explore in future. The induction programme enabled virtual meet and greet session of the seniors-juniors wherein the seniors warmly welcomed the freshers.