उपायुक्त अनीश यादव ने किया अनाज मंडी का औचक निरीक्षण, फसल खरीद के पूर्व प्रबंधों का लिया जायजा

– सुलभ शौचालय में सफाई में अनियमित्ता पाए जाने पर ठेकेदार पर लगाया पांच हजार रुपये का जुर्माना

सतीश बंसल सिरसा:

उपायुक्त अनीश यादव ने बुधवार को स्थानीय अनाज मंडी में 25 सितंबर से शुरु होने वाली फसल खरीद कार्य को लेकर किए गए प्रबंधों का निरीक्षण किया। उपायुक्त ने मंडियों में गेट पास, साफ सफाई, शौचालय, बिजली, पानी आदि की व्यवस्था का बारीकी से जायजा लिया और मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि ये व्यवस्था निर्बाध रूप से जारी रहे।
उपायुक्त ने सुलभ शौचालय की सफाई दुरुस्त न होने पर संबंधित ठेकेदार पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया। उन्होंने सचिव मार्केट कमेटी को निर्देश दिए कि वे लगातार मंडी में सफाई, बिजली-पानी व्यवस्था का निरीक्षण करें ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न फैले। उन्होंने ने कहा कि 25 सितंबर से मंडी में फसल खरीद कार्य शुरु होने जा रहा है, इसलिए शौचालयों की नियमित सफाई करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने बारिश के कारण कबीर चौक पर हुए जलभराव को लेकर कार्यकारी अभियंता मार्केटिंग बोर्ड को निर्देश दिए कि बड़ी मोटर लगाकर पानी की जल्द से जल्द निकासी करवाई जाए।

उपायुक्त ने अनाज मंडी में विभिन्न स्थानों पर खरीद प्रबंधों का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि फसल खरीद के साथ-साथ उठान कार्य भी सुनिश्चित करें ताकि अन्य किसानों को भी फसल लाने में परेशानी न हो। उपायुक्त ने कहा कि खरीद एजेंसियां तथा मार्केट कमेटी के अधिकारी बारदाना व अन्य जरूरी चीजों का प्रबंध समय पर करें। इस संबंध में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि मॉश्चर मीटर से नमी मापते तथा तोल के समय संबंधित किसान की पूर्ण संतुष्टि की जाए ताकि किसान को किसी प्रकार की शिकायत न रहे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को किसी प्रकार की समस्या न होने दें, उनकी फसलों की बिक्री में पूर्ण सहयोग व सुविधा प्रदान की जाए। मंडी में किसानों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए और इसके साथ-साथ सफाई भी व्यवस्था दुरुस्त रखें।

इस अवसर पर कार्यकारी अभियंता मार्केटिंग बोर्ड विजेंद्र शर्मा, सचिव मार्केट कमेटी विकास सेतिया, आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान हरदीप सरकारिया सहित आढ़ती मौजूद थे।

हैंडबॉल चैम्पियनशिप में तलवाड़ा ने बाजेकां को हरा जीती प्रतियोगिता, मोहित बने बेस्ट प्लेयर

सतीश बंसल सिरसा:

गांव बाजेकां में एक दिवसीय हैंडबॉल चैम्पियनशिप का समापन हुआ। चैम्पियनशिप में क्षेत्र में 12 टीमों ने भाग लिया। प्रतियोगिता का फाइनल मुकाबला बाजेकां व तलवाड़ा के बीच हुआ। तलवाड़ा टीम ने बाजेकां टीम को 18-16 के अंतर से हराकर पहला स्थान पाया। प्रतियोगिता के समापन पर मुख्यातिथि के रूप में किसान खेत मजदूर कांग्रेस के प्रदेश सचिव भूपेंद्र सिंह राठौड़ ने शिरकत की और विजेता टीमों को सम्मानित किया। प्रतियोगिता में बेस्ट प्लेयर का अवार्ड बाजेकां के मोहित को मिला। बाजेकां हैंडबॉल कमेटी के प्रधान दयाल कंबोज ने बताया कि प्रतियोगिता में क्षेत्र की 12 टीमों ने हिस्सा लिया। प्रथम आने वाली टीम को 5100 रुपये व सेकंड टीम को 3100 रुपये नगद व ट्राफी देकर सम्मानित किया गया।

खिलाडि़यों को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि भूपेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि खेलों में हार-जीत होती रहती है। दोनों ही एक सिक्के के पहलू है। हारने वाली टीम को कभी निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि और अधिक मेहनत करके आगे बढ़ना चाहिए। खिलाडि़यों को हमेशा नशों से दूर रहना चाहिए। खेलों में नशों का कोई स्थान नहीं है। नशा खिलाड़ी ही नहीं, पूरे परिवार को बर्बाद कर देता है। खेलों में भाग लेने से शरीर भी स्वस्थ रहता है। खेल हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। प्रतियोगिता के समापन पर मुख्यातिथि ने विजेता व उपविजेता टीम को नगर पुरस्कार व ट्रॉफी देकर सम्मानित किया।

इस दौरान हैंडबॉल कमेटी सदस्यों ने मुख्यातिथि को स्मृति चिन्ह देकर पुरस्कृत किया। इस मौके पर बंसी लाल शर्मा, रामपाल सहारण, दयाल कंबोज, भगवती मौजूद थे।

27 सितंबर के भारत बंद को लेकर किसानों ने किया दर्जनों गांवों में जनसंपर्क

सतीश बंसल सिरसा:

आगामी 27 सितंबर को किए जा रहे भारत बंद कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिले के किसान नेताओं ने रोड़ी क्षेत्र के दर्जनों गांवों का दौरा कर जनसंपर्क किया। जनसंपर्क कर रहे बाबा गुरदीप सिंह झीड़ी, लखवीर सिंह अलीकां, बूटा सिंह, नाजर सिंह, बलवंत सिंह, जरनैल सिंह, जसपाल सिंह, बलविंद्र सिंह ने बताया कि बुधवार को रोड़ी क्षेत्र के गांवों अलीकां, नागोकी, किराड़कोट, छतरियां, लकड़ांवाली, बुढाभाणा, मलेवाला, नेजाडेला, साहुवाला प्रथम, रघुआना, गदराना, सहारणी, भंगू, दौलतपुरखेड़ा में किसानों से भारत बंद को सफल बनाने के लिए बढ़ चढ़कर भाग लेने के लिए संपर्क किया गया है।

इस मौके पर किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कानूनों को लेकर किसान पिछले करीब एक साल से आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार के कानों पर जंू तक नहीं रेंग रही है। क्योंकि सरकार पंूजीपतियों की भाषा बोल रही है। उसे देशवासियों से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी विभागों को भाजपा सरकार ने अपने फायदे के लिए एक-एक कर बेच दिया, जिससे आगामी समय में आमजन को खासी दिक्कतें पेश आने वाली हैं। लोगों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भी जूझना पड़ेगा। देश के प्रधानमंत्री के पास विदेशों में घूमने के लिए तो समय है, लेकिन देश के अन्नदाता के साथ बात करने के लिए समय तक नहीं है। जनता के खून पसीने की कमाई को सरकार व उसके मंत्री जमकर लूटा रहे हैं। महंगाई चरम सीमा पर पहुंच गई है, आम आदमी के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो गया है। बेरोजगारों की लाइन लंबी होती जा रही है। लेकिन सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है। उन्हें सिर्फ और सिर्फ पंूजीपति घराने ही नजर आ रहे हैं, जिनसे उनकी बड़ी डील हुई है। उन्होंने बताया कि सत्ता की दूसरी पारी में तो सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड ही ध्वस्त कर डाले।

आम आदमी के जायज कार्य भी अधिकारी बिना पैसे लिए नहीं कर रहे हैं, जिससे लोग दोहरी परेशानी में हैं। किसान नेताओं ने कहा कि भारत बंद में तमाम मजदूर, किसान, कर्मचारी व मेहनतकश वर्ग बढ़चढ़कर भाग लेगा, ताकि तानाशाह हो चुकी सरकार को आइना दिखाया जा सके।

फल सब्जी पर 2 प्रतिशत मार्केट फीस लगाने पर एसोसिएशन ने की प्रशासक से बैठक

-अगर मांगे नहीं मानी गई तो 30 सितंबर के बाद लेंगे सख्त निर्णय
सतीश बंसल सिरसा
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फल सब्जी पर 2 प्रतिशत मार्केट फीस लगाने के विरोध में एक बार पुनः सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन ने चेतावनी दी है। सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन व हरियाणा सब्जी मंडी आढ़ती संगठन के एक सांझे प्रतिनिधि मंडल ने मंडी आढ़तियों की समस्याओं व मांगों को लेकर चंडीगढ़ में सब्जी मंडी बोर्ड के मुख्य प्रशासक के साथ एक विशेष बैठक की, जिसके बाद निर्णय लिया गया कि अगर 30 सितंबर तक मांगे पूरी न हुई तो मंडियों को बंद करने को लेकर रणनीति बनाई जाएगी। प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व प्रदेशाध्यक्ष राज कक्कड़ व राजेंद्र ठकराल ने किया।

सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव गंगाराम बजाज ने कहा कि प्रतिनिधि मंडल में एसोसिएशन के जनरल सेक्टरी गंगाराम बजाज, युवा प्रदेश अध्यक्ष अशीष परुथी, कार्यकारी अध्यक्ष नितिन जांगू,  हरीश धमीजा, अमरनाथ बिरला अंबाला, नरेश कक्कड़, ओमप्रकाश रहेजा, दीपक कालरा, परमजीत सिंह तूर, मूलचंद बत्रा, रणवीर सिंह फरीदाबाद, अवतार जींद, कोषाध्यक्ष ओम प्रकाश शामिल रहे।

प्रतिनिधि मंडल ने बैठक में अपनी बात मुख्य प्रशासक के सामने रखी। बैठक में यूनियन के नेताओं ने कहा कि सरकार ने फल सब्जी पर एक बार फिर से 2 प्रतिशत मार्केट फीस लगाकर आढ़तियों को अफसरशाही के रहमोकर्म पर छोड़ दिया। पहले ही कोरोना के कारण व्यापार करना मुश्किल हो रहा है, ऊपर से चेकिंग के नाम पर बार बार आढ़तियों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यूनियन पहले भी शहरों के आधार पर एकमुश्त मार्केट फीस लेने का सुझाव सरकार को दे चुकी है, लेकिन कई अफसर सरकार को बदनाम करने के लिए इस समस्या का समाधान नहीं होने देना चाह रहे हैं।

बैठक के बाद प्रतिनिधि मंडल ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि 30 सितम्बर तक मुख्यमंत्री ने यूनियन से बात करके मांगों का समाधान नहीं किया तो प्रदेशभर की मंडियां हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगी।

महंत गिरि की मृत्यु पर संदेह गहराया, पार्थिव देह को भू – समाधि दी गयी

कल देर शाम टीवी पर चल रही बहस में कॉंग्रेस और समाजवादी पार्टी के प्रवक्ताओं ने अपने – अपने वक्तव्य में महंत नरेंद्र गिरि की संदेहास्पद मृत्यु की जांच पर प्रश्न खड़े किए। उन दोनों का मानना था की पुलिस जब प्राथमिक जांच करती है तब वह प्रथम दृष्ट्या जिस कोण से मामले की जांच शुरू करती है फिर घूम फिर कर प्राथमिकी भी उसी की दर्ज की जाती है, यह इतने वर्षों का उनका राजनैतिक अनुभव रहा है। महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या पत्र की बात उन्होने यह कह कर नकार दी कि स्वर्गवासी महंत जी को लिखना आता ही नहीं था, इसके लिए उन्होने मीडिया में फैल रही सूचनाओं का संदर्भ लिया। गिरि जी आत्म/हत्या कि गुत्थी तो सुलझा ली जाएगी लेकिन एक पुरानी गुत्थी उलझ कर सामने आ गयी। वह गुत्थी है जनेमाने युवा अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत और उनकी मित्र और प्रबन्धक   दिशा सालियान की। नग्नावस्था में एक बहुमंजिला इमारत से राजनैतिक रसूख रखने वाले कुछ युवाओं की उपस्थिती में उनही के घर से कूद कर जान दी गयी थी। आत्महत्या की जांच और फिर वही प्राथमिकी) सुशांत सिंह राजपूत की अपने घर के पंखे से लटक कर जान देना वह पंखा और फंदा राजपूत के कद से मेल न खाते हुए भी अत्महत्या की ही प्राथमिकी दर्ज की गयी। महाराष्ट्र में कॉंग्रेस की सरकार है। शायद उनका राजनैतिक अनुभव ठीक ही कहता है।

प्रयागराज/लखनऊ/चंडीगढ़ :

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और बाघम्बरी मठ के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर को एक ओर जहाँ आज भू-समाधि दी गई। वहीं, इसी बीच उनके उत्तराधिकारी को लेकर नया विवाद शुरू हो गया। पंचपर्मेश्वर की बैठक में महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट को फर्जी कहा गया है।

इसी के साथ उनके उत्तराधिकारी की घोषणा के लिए 25 सितंबर की तारीख तय की गई है। निरंजनी अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी ने सुसाइड लैटर को फर्जी बताते हुए उत्तराधिकारी की घोषणा करने से मना कर दिया। जिसके बाद संत बलवीर के उत्तराधिकारी बनने पर फिलहाल के लिए फैसला टल गया। बैठक की अगली दिनांक यानी 25 सितंबर को इस बाबत फैसला लेकर घोषणा की जाएगी।

‘आज तक’ से बातचीत में निरंजनी अखाड़ा के रविंद्र पुरी ने कहा कि जो सुसाइड नोट मिला है, वह उनके (महंत नरेंद्र गिरि) द्वारा नहीं लिखा गया है। इस मामले की जाँच होनी चाहिए। ऐसा लगता है किसी बीए पास लड़के ने यह पत्र लिखा है। इस संबंध में अखाड़ा अपने स्तर से भी जाँच कर रहा है।

रविंद्र पुरी ने सवाल किया कि आखिर फाँसी में पीछे चोट कैसे हो सकती है? इसके अलावा न जुबान चढ़ी थी और न आखें…तो ये फाँसी कैसे हो सकती है। पुरी ने जानकारी दी कि महंत के निधन पर अखाड़े में भी 7 दिन का शोक जारी है। उत्तराधिकारी को लेकर उन्होंने कहा कि कथित सुसाइड नोट में बलवीर गिरि लिखा है जबकि वो पुरी हैं। महंत नरेंद्र गिरि ऐसी गलती नहीं कर सकते थे।

इसके अलावा सुसाइड लेटर को लेकर यह बातें भी कही जा रही है कि कुल 12 पन्ने के सुसाइड नोट को दो बार में और दो अलग-अलग कलम से लिखा गया है। पहले आठ पेज 13 सितंबर को लिखे गए जबकि अगले चार पेज 20 सितंबर को। अजीब बात यह है कि 13 सितंबर को जिन पेजों को लिखा गया, उस पर तारीख को काट कर 20 सितंबर कर दिया गया है। शुरुआती पेजों में 25 जगह कटिंग नोटिस की गई है जबकि अगले चार पेजों में 11 जगह।

बता दें कि बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर को फूलों से सजे वाहन में रखकर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम पर लाया गया। यहाँ उन्हें स्नान कराने के बाद मंत्रोच्चार और विधि-विधान के साथ श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में उनके गुरु के बगल में समाधि दी गई।

महंत नरेंद्र गिरि पद्मासन मुद्रा में ब्रह्मलीन हुए। अब एक साल तक यह समाधि कच्ची ही रहेगी। इस पर शिवलिंग की स्थापना कर रोज पूजा अर्चना की जाएगी। इसके बाद समाधि को पक्का बनाया जाएगा। इस बीच उनकी आत्महत्या के मामले में ये नया मोड़ ही है जो प्रयागराज में हुई पंचपर्मेश्वर की बैठक में महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट को फर्जी कहा गया। इसके साथ ही उनके उत्तराधिकारी घोषित किए जाने की बात पर भी विवाद हुआ।

शहीद मेजर अनुज राजपूत का राजकीय सम्मान के साथ सेक्टर-20 स्थित श्मशानघाट में किया गया अंतिम संस्कार

– ज्ञानचंद गुप्ता ने शहीद मेजर अनुज राजपूत को पुष्पचक्र अर्पित कर दी श्रद्धांजलि
– पंचकूला के साथ साथ देश ने एक होनहार व बहादुर बेटा खो दिया -गुप्ता
– अनुज ने देश की रक्षा के लिये अपने प्राण न्यौछावर कर दिये हमें ऐेेसे वीर सपूत पर गर्व है-गुप्ता

पंचकूला, 22 सितम्बर:

कल जम्मू-कश्मीर के उद्यमपुर जिले में चौपर क्रैश में शहीद हुये मेजर अनुज राजपूत का आज राजकीय सम्मान के साथ सेक्टर-20 स्थित श्मशानघाट में अंतिम संस्कार किया गया।

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने शहीद मेजर अनुज राजपूत को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी व शहीद के पिता केएस आर्य व माता श्रीमती उषा देवी का ढांढस बधाया। जिला प्रशासन की ओर से उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किये।

इससे पूर्व 27 वर्षीय शहीद मेजर अनुज राजपूत का पार्थिव शरीर सेक्टर-20 लाया गया जहां सेकड़ों लोगों ने शहीद मेजर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

सेक्टर-20 निवासी मेजर अनुज राजपूत आर्मी एवियेशन काॅर्पस में युवा पायलट थे और अपने माता-पिता की एकलौती संतान थे। मेजर अनुज एक होनहार व बहादुर युवा थे और हाल ही में मेजर के रैंक पर प्रमोट हुये थे।

शहीद मेजर अनुज राजपूत को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये श्री गुप्ता ने कहा कि आज पंचकूला के साथ साथ देश ने एक होनहार व बहादुर बेटा खो दिया है। उन्होंने कहा कि शहीद मेजर  अनुज का पालन पोषण व पढ़ाई पंचकूला मेें ही हुई। मात्र 27 वर्ष की अल्पायु में ही वह मातृभूमि की रक्षा के लिये शहीद हो गये। श्री गुप्ता ने कहा कि ऐसे बहादुर युवाओं पर हमें गर्व हैं। उन्होंने कहा कि धन्य है ऐसे माता-पिता जिन्होंने अनुज जैसे वीर सपूत को जन्म दिया। गुप्ता ने कहा कि वे प्रभु से प्रार्थना करते है कि दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें व परिवारजनों को इस दुख को सहने की शक्ति दें।

इस दुख की घड़ी में स्थानीय लोगों के साथ साथ सेना व पुलिस के अधिकारियों व अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने शहीद मेजर अनुज राजपूत को श्रद्धांजलि अर्पित की।

उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा उपभोक्ताओं के लिये लगाया जायेगा शिकायत निवारण मंच

– उपभोक्ताओं की बिलिंग, वोल्टेज, मीटरिंग से सम्बंधित शिकायतें, कनैक्शन काटने और जोड़ने बिजली आपूर्ति में बाधाएं, कार्यकुशलता, सुरक्षा इत्यादि से संबंधित सभी प्रकार की समस्याओं की कि जायेगी सुनवाई।

पंचकूला, 22 सितम्बर :

उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच के चेयरमैन एवं सदस्य मंच की कार्यवाही  24 सितम्बर, 2021 को सुबह 10.00 बजे से शाम 04.00 बजे तक अधीक्षण अभियंता के कार्यालय, एससीओ नंबर-89, दूसरी मंजिल, सेक्टर-5, पंचकूला में की जाएगी।


इस संबंध में जानकारी देते हुये उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के एक प्रवक्ता ने बताया कि मंच के सदस्य, उपभोक्ताओं की सभी प्रकार की समस्याओं की सुनवाई करेंगे जिनमें मुख्यतः बिलिंग, वोल्टेज, मीटरिंग से सम्बंधित शिकायतें, कनैक्शन काटने और जोड़ने, बिजली आपूर्ति में बाधाएं, कार्यकुशलता, सुरक्षा, विश्वसनीयता में कमी और हरियाणा बिजली विनियामक आयोग  के आदेशों की अवहेलना आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मंच द्वारा बिजली अधिनियम की धारा 126 तथा धारा 135 से 139 के अन्तर्गत बिजली चोरी और बिजली के  अनधिकृत उपयोग के  मामलों में दंड तथा जुर्माना और धारा 161 के अन्तर्गत जांच एवं दुर्घटनाओं से सम्बंधित मामलों की सुनवाई नहीं की जाएगी।


उन्होंने सभी उपभोक्ताओं से अनुरोध करते हुये कहा कि वे अपनी शिकायतों के निवारण के लिए इस अवसर का लाभ अवश्य उठाएं।

मोदी जी के शासकीय 20 वर्ष के कार्यकाल पर आयोजित गोष्ठी “आर्थिक सुधार एवं मोदी जी”में शामिल होगीं

  • केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 24 सितंबर को पंचकूला में
  • मोदी जी के शासकीय 20 वर्ष के कार्यकाल पर  आयोजित गोष्ठी “आर्थिक सुधार एवं मोदी जी”में शामिल होगीं

पंचकुला 22 सितंबर:

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 24 सितंबर को पंचकूला पधार रही हैं। वित्त मंत्री यहाँ नरेंद्र मोदी जी के शासकीय 20 वर्ष के कार्यकाल पर आयोजित होने वाली गोष्ठी व मेगा वैक्सीनेशन कैंप में शामिल होंगी। यह जानकारी हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता  ने  प्रेस वार्ता के दौरान दी। उन्होंने कहा की देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जन्म दिवस 17 सितंबर से लेकर 8 अक्टूबर तक देश भर में “सेवा और समर्पण” अभियान चलाया जा रहा है। सेवा और समर्पण अभियान के तहत विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से स्वास्थ्य सम्बन्धी, पर्यावरण सम्बन्धी, अन्य सेवा गतिविधियों के साथ प्रदर्शनी, विचार गोष्ठियां देश भर में आयोजित की जा रही हैl

      विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता  ने कहा कि इसी अभियान के चलते केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 24 सितंबर को पंचकूला आ रही हैं। उन्होंने कहा नरेंद्र मोदी जी के शासकीय 20 वर्ष के कार्यकाल के अंदर 13 साल मुख्यमंत्री का कार्यकाल और 7 साल से प्रधानमंत्री के कार्यकाल। इन 20 वर्षो के अंदर मोदी जी द्वारा किए गए आर्थिक सुधारों पर आयोजित गोष्ठी जिसका शीर्षक “आर्थिक सुधार एवं मोदी जी” के माध्यम से चर्चा करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण पंचकूला पधार रही है। विधानसभा अध्यक्ष ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि वित्तमंत्री एक अन्य सेवा और समर्पण अभियान कार्यक्रम मेगा वैक्सीनेशन कैंप में भी शिरकत करेंगे। यह वैक्सीनेशन कैंप सेक्टर-17 के कम्युनिटी सेंटर में लगाया जा रहा है।

इस वैक्सीनेशन कैंप में लगभग एक हज़ार लोगों को वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा गया है।

कार फ्री डे पर खट्टर की साइकल यात्रा मात्र ढकोसला – चंद्रमोहन

पंचकूला 22 सितंबर:

 हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री चन्द्र मोहन ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की विश्व कार फ्री डे के अवसर पर आज मुख्यमंत्री आवास से सचिवालय तक साइकिल यात्रा को एक ढकोसला और इवैंटबाजी बताते हुए कहा कि यह ड्रामा केवल अखबारों में खबरें छपवाने के लिए किया गया है ताकि लोगों को बेवकूफ बनाया जा सके।


     उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अगर पर्यावरण संरक्षण के इतने ही हितैषी है तो बताए कि सरकारी खजाने पर लगभग डेढ़ करोड़ रुपए का बोझ डाल कर इसी वित्तीय वर्ष 2021-2022 के वित्तीय वर्ष में चार गाडियां 36 लाख 30 हजार रुपए प्रति गाड़ी के हिसाब से  खरीदी गई है और एक आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार इसी वर्ष जनवरी से जुलाई तक लाकडाउन में जहां पर लोगों के रोजगार चले गए और लोग घरों में रहने के लिए मजबूर हो गए, वहीं मुख्यमंत्री अपनी गाड़ियों को सरपट दौड़ाते रहे और उनकी गाड़ियों ने 20 हजार 503 किलोमीटर  सफर करके लोगों के टैक्स के पैसे का 2 लाख 18 हजार रुपए का तेल फूक दिया।


     चन्द्र मोहन ने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया कि अगर वह वास्तव में पर्यावरण संरक्षण की इतनी चिंता करते हैं तो उन्हें अपनी गाड़ियों का काफिला कम कर देना चाहिए और मन्त्रियों और अधिकारियों को यह निर्देश दे कि कम से कम सप्ताह में एक अपने कार्यालय साईकिल से आए। एक दिन का यह ड्रामा करने से कोई भी लाभ होने वाला नहीं है।


     उन्होंने मांग कि है कि साईकिल को बढ़ावा देना अच्छी बात है लेकिन इसके लिए समुचित व्यवस्था किया जाना परमावश्यक है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि पंचकूला में सभी सड़को के साथ साथ  अलग से साईकिल ट्रैक का प्रावधान किया जाए ताकि लोगों के बहुमूल्य जीवन को बचाया जा सके।

Webinar on “AFGHANISTAN: THE TALIBAN TAKEOVER, REGIONAL POWERS AND IMPLICATIONS FOR INDIA” by Dr. Shalini Chawla

Chandigarh September 22, 2021

Webinar on “AFGHANISTAN: THE TALIBAN TAKEOVER, REGIONAL POWERS AND IMPLICATIONS FOR INDIA” by Dr. Shalini Chawla at the Department of Defence and National Security Studies.

The Department of Defence and National Security Studies, Panjab University, Chandigarh organized a special webinar on the topic “AFGHANISTAN: THE TALIBAN TAKEOVER, REGIONAL POWERS AND IMPLICATIONS FOR INDIA” by Dr. Shalini Chawla, a distinguished fellow and heads Pakistan and Afghanistan studies at the Centre for Air Power Studies (CAPS), New Delhi. She was a research scholar at the Institute for Defence Studies and Analyses, 1999-2002. She worked as a free-lance defence analyst from 2003-2005 in Colombo, Sri Lanka. She joined CAPS in 2006 and focus of her studies is Pakistan and Afghanistan.

Through this lecture, Dr. Chawla mainly wanted to draw attention to the challenges that India is going to face due to the Afghan crisis. She said that the agreement reached between the United States and the Taliban organization has many flaws and there is no concept of peace in it. The withdrawal of US troops from Afghanistan has posed many challenges and opportunities for regional powers such as Pakistan, Iran, China, Russia, and India. Talking about the implications for India, she said that at present the situation in the case of India is very unfavorable and it may face many more challenges in the near future. New Delhi does not recognize the Taliban as a governing authority in Afghanistan. As a friendly neighbor, India has always been concerned about peace and security in and around Afghanistan. That is why the Government of India supports all peace initiatives and engages with many stakeholders, including regional countries.

She further said that India is historically linked to Afghanistan, and it is its gateway to Central Asia. It has always wanted to protect the Afghan territory from Pakistan so that they cannot use it for any anti-India activities. But after the Taliban occupation of Afghanistan, India is now concerned about its commitment to the Afghan people. She is also apprehensive about the China-Pakistan alliance in Afghanistan. It fears that the soil of Afghanistan may be used by Pakistan for its anti-India terrorist activities.

She further said that regional powers like Pakistan and China are supporting the Taliban government for their strategic interests. Pakistan has already said that they will support an independent, democratic and sovereign Afghanistan, which they mean by a Taliban government ruling the Afghan people. Dr. Chawla stressed that Pakistani leaders always think that the Taliban will help them in the acquisition of Kashmir from India. That’s why they are providing the Taliban with equipment training and money to the best of their ability. Another hidden aim of Pakistan is that it wants to form a pro-Pakistan government in Afghanistan, which will help them resolve the border issues with Afghanistan and it will prevent the Pashtuns from demanding a separate Pashtunistan. She further said that since Pakistan’s own economy is in trouble, it is difficult to say how long Pakistan will support the Taliban with money and equipment. She said Pakistan would face international repercussions for its actions in Afghanistan.

While explaining China’s position in Afghanistan, Dr. Shalini highlighted that China always acts according to its security and strategic interests. Diplomatically, China has said that it is always ready to develop friendly and cooperative relations with Afghanistan and play a constructive role in Afghanistan’s peace and reconstruction. But its main objectives are: defending its borders and controlling the spread of extremism in Xinjiang, exploration of minerals in Afghanistan, and controlling regional expansionism. Apart from these, China’s main multilateral approach is to build three main alliances: Afghanistan-China-Pakistan, Afghanistan-Pakistan-Iran-China, and third is China-Pakistan-Afghanistan-Nepal. Like India, China also sees Afghanistan as a route to Central Asia. Dr. Chawla also focused on Russian and Iranian interests in the Afghan region. She said that with the Taliban’s takeover of Afghanistan, Russia is also concerned about its border security and influence in the region. Keeping its security interests in mind, Russia hosted a peace conference between the Afghan government and the Taliban in March 2021. But later when the Taliban controlled Afghan territory, Russian leaders also became concerned about the security challenges they would face in Central Asia and the Afghan region. Talking about Iranian interest in Afghanistan, Dr. Shalini said that Iran is portraying diplomatically that it is very concerned for the peace and security of Afghanistan but in reality, it is more concerned about the security of Afghan Shias. Decades of conflict have driven hundreds of thousands of Afghan refugees into Iran. Iran expects peace and stability there from the Taliban regime in Afghanistan and is looking for friendly relations with Afghanistan. Concluding her lecture, Dr. Chawla said that everything looks very pessimistic right now. Every state is looking after Afghanistan and acting according to its interest. Presently, the situation for India is not in its favor and the Pakistan-Afghanistan alliance is a big challenge, but India is still committed to help the Afghan people.

The lecture was attended by members of various faculty members, serving and retired armed officers pursuing various courses in the department, research scholars and students. The lecture was followed by a question answer session with the audience.