भाजपा – जजपा के शासन में भ्रष्टाचार चरम पर है और लोकतान्त्रिक मूल्यों का हनन हो रहा है : चंद्रमोहन

अहम मुद्दों को लेकर पूरे प्रदेश में कांग्रेस इकाई द्वारा जिला स्तर पर ज्ञापन दिए जा रहे है: चाहे करनाल में प्रदर्शन करते हुए किसानों पर लाठी चार्ज हो या फिर परिवार पहचान पत्र योजना से जनसाधारण के व्यक्तिगत जीवन को गोपनीय न रहने देने प्रयास हो।

पूर्व उप मुख्य मंत्री चंद्रमोहन ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और जजपा की सरकार के दौरान, जिस प्रकार से किसानों, गरीबों और श्रमिकों का उत्पीडन हो रहा है, भृष्टाचार चरम सीमा पर है और बेरोजगारों के साथ पेपर लीक के नाम पर भद्दा मजाक किया जा रहा है। इससे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लग गया है।

‌ चन्द्र मोहन व विधायक प्रदीप चौधरी आज कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के साथ पंचकूला के उपायुक्त को राज्यपाल के नाम ज्ञापन देने के पश्चात कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को सम्बोधित कर रहे थे। इस ज्ञापन में मांग की गई है कि हरियाणा सरकार द्वारा संशोधित

भूमि अधिग्रहण बिल जो इस मानसून सत्र में विधानसभा में पास किया गया है ,उसको स्वीकृति प्रदान न की जाए और उसे वापिस भेजा जाए‌ और किसानो‌ पर 28 अगस्त को किए गए बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज की निष्पक्षता से जांच करवाकर दोषियों को सज़ा दी जाए। ‌ उन्होंने कहा कि भाजपा की गलत नीतियों के कारण ही आज प्रदेश कर्ज के बोझ तले दबा जा रहा है। कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2014 में जिस समय सत्ता छोड़ी थी उस समय प्रदेश पर क़र्ज़ केवल मात्र 70 हजार करोड़ रुपए था। इस तरह से 48 सालों में प्रदेश पर कुल क़र्ज़ 70 हजार करोड़ रुपए था और वर्तमान सरकार के 7 सालों के कार्यकाल के दौरान प्रदेश में क़र्ज़ बढ़कर लगभग 2 लाख 25 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। ‌ ‌ ‌ चन्द्र मोहन ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है ‌। सरकार जब चाहे, जिस समय चाहे किसानों पर लाठीचार्ज बरसवा कर अन्नदाता को उसकी औकात बता देती है। उन पर देशद्रोह के मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। उनका कसूर केवल इतना ही है कि वह लोकतांत्रिक तरीके से अपने बच्चों के‌ भविष्य को बचाने के लिए संविधान के तहत अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं।

किसान बिल को लेकर बात करते हुए चन्द्रमोहन ने यह भी कहा कि यह पहली नर डेल्हा जा रहा है कि किसान का सिर फाड़कर उसे कहा जा रहा है कि यह बिल अच्छा है। ‌ उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण विधेयक किसान विरोधी है तथा जनभावनाओं के विपरित है और यह कांग्रेस पार्टी द्वारा 2013 में किसानों के हित में संसद में पास किए गए विधेयक की मूल भावना के विरुद्ध है। किसान पहले ही तीनों काले कानूनों से परेशान हैं और यह चौथा काला क़ानून किसानों के लिए मौत का वारंट सिद्ध होगा। क्योंकि उनके सभी अधिकार खत्म कर दिए गए हैं। नए विधेयक के अन्तर्गत पुराने भूमि अधिग्रहण कानून के किसानों की सहमति, सेक्शन-4 व सेक्शन-6 के नोटिस की प्रक्रिया और जमीन के बदले मुआवजे के साथ रिहायशी प्लॉट देने जैसे तमाम प्रावधानों को समाप्त कर दिया गया है।

चन्द्रमोहन 28 अगस्त को करनाल में किसानों पर बेरहमी से हुए लाठीचार्ज की निंदा करते हुए कहा कि यह करतूत भाजपा सरकार को आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में आईना दिखाने का काम करेगी ‌। उन्होंने मांग कि है कि किसानों को न्याय देने के लिए इस मामले में दोषी अधिकारियों और पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ शीघ्र ही कार्रवाई की जाए और‌ इस मामले न्यायिक जांच करवाई जाए‌।

कालका विधायक प्रदीप चौधरी ने कहा कि इसी प्रकार से भाजपा-जजपा सरकार द्वारा लोगों की निजता को समाप्त करने के उद्देश्य से परिवार पहचान पत्र जारी किया जा रहा है। उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि इसका दुरुपयोग सी बी आई और ई डी की टीम विपक्षी दलों के नेताओं के घर भेज कर किया जाएगा।

प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस महिला अध्यक्ष भारद्वाज ने कहा कि सरकार बेवजह के टैक्स जनसाधारण पर थोप रही है और महिला सशक्तिकरण पर जब उनसे पूछा गया तब सुधा ने बताया कि महिला थाना को लेकर किसी भी प्रकार की सकारात्मक नतीजे भी सामने नहीं आई है क्योंकि किसी भी प्रकार का केस दर्ज करने पर ही बहुत टाइम लग जाता है और इसी के बीच अपनी बात रखते हुए पार्षद प्रियंका हुड्डा ने कहा कि जो सखी सेंटर है वहां महिलाओं को समाधान तो नहीं परंतु प्रताड़ना जरूर मिली है

वार्ता में भाग लेते हुए विजय बंसल ने कहा कि कार में हर चीज का रेट बढ़ा है और वह गति से बड़ा है कि जनसाधारण के लिए उसको समझ पाना एवं संभालना वह भी इस महामारी के दौरान जब काम नहीं है मुश्किल है