Saturday, January 18

सतीश बंसल, सिरसा 23 अगस्त :

 लगभग दो सप्ताह के सूखे के बाद पिछले तीन दिनों से हवा में नमी काफी बढ़ गई है, जिसके चलते ग्वार फसल पर झुलसा रोग के प्रकोप की संभावना बढ़ गई है, विशेष रूप से पछेती फसल में यह संभावना अधिक है। अत: किसानों को नियमित रूप से फसल का निरीक्षण कर बीमारी पर पैनी नजर रखने की जरूरत है। यह बात चौ० चरण सिंह हकृवि हिसार से कीट विज्ञान विभाग के सेवानिवृत्त वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ० आर.के. सैनी ने ऐलनाबाद खण्ड के गांव चिलकनी ढाब में आयोजित फसल स्वास्थ्य शिविर में किसानों को सम्बोधित करते हुए कही। शिविर का आयोजन कृषि एवं कल्याण विभाग तथा हिन्दुस्तान गम एण्ड केमिकल्ज भिवानी द्वारा किया गया था। झुलसा रोग के लक्षणों बारे समझाते हुए डॉ० आर.के. सैनी ने कहा कि यह एक बैक्टीरिया जनित रोग है, जिसके प्रकोप से ग्वार के पत्ते गलने लगते हैं तथा ऐसे पत्तों पर सफेद फंगस उग जाती है। अंत में पत्ते काले व सूखकर गिरने लगते हैं। उन्होंने इसकी रोकथाम के लिए प्रति एकड़ 150 लीटर पानी में पांच पाऊच स्ट्रेप्टोसाईक्लिन को मिलाकर स्प्रे करने की सलाह दी। शिविर में कृषि विभाग से पधारे खण्ड कृषि अधिकारी डॉ० दीपक कुमार ने किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा के तहत अपना पंजीकरण करवाने का आग्रह किया ताकि विभिन्न किसान कल्याणकारी योजनाओं का उन्हें लाभ मिल सके। इससे पूर्व बीटीएम रामचन्द्र ने किसानों को नरमा फसल की विभिन्न समस्याओं के समाधान की किसानों को जानकारी दी। शिविर में उपस्थित किसानों को फेस मास्क व स्ट्रेप्टोसाईक्लिन के सैम्पल भी वितरित किए गए। इस अवसर पर मंगतराम, रिसाल सिंह, धन्नाराम, जगदीश, सुरेन्द्र, विनोद, आत्माराम, लालचन्द, जोगराज, कालूराम, रामेश्वर, कुलदीप सहित 40 से अधिक किसान मौजूद थे।