Sunday, January 19

सतीश बंसल सिरसा 27 जुलाई – ग्वार बारानी क्षेत्रों की एक महत्वपूर्ण फसल है, जिसे कम वर्षा अथवा सिंचाई की जरूरत है। ग्वार फसल की दो मुख्य आवश्यकताएं हैं : एक तो फसल में अधिक समय तक पानी न रूके, दूसरा इसकी जड़ों में हवा मिलनी चाहिए। प्राय: देखने में आया है कि जो किसान अधिक खरपतवारनाशी दवाओं का प्रयोग करते हैं वे नलाई-गुड़ाई नहीं करते, इससे फसलों की जड़ों में हवा की कमी हो जाती है, जिसके चलते फसल पूरी बढ़वार नहीं ले पाती। उक्त विचार चौ० चरण सिंह हकृवि हिसार के कीट विज्ञान विभाग से सेवानिवृत्त वैज्ञानिक डॉ० आर.के. सैनी ने डबवाली खण्ड के गांव कालूआना में कृषि एवं कल्याण विभाग हरियाणा तथा हिन्दुस्तान गम एण्ड केमिकल्ज भिवानी द्वारा आयोजित ग्वार उत्पादन प्रशिक्षण शिविर में किसानों को सम्बोधित करते हुए कहे। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि  वे ग्वार की खुली बिजाई करें ताकि मशीनरी की सहायता से ग्वार में दो-तीन बार नलाई-गुड़ाई कर सकें। उन्होंने ग्वार के अलावा कपास व अन्य फसलों को हानि पहुंचाने वाले कीटों व बीमारियों के बारे में किसानों को विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर कृषि विभाग से पधारे सुपरवाईजर पंकज कुमार ने भी किसानों द्वारा पूछे गए विभिन्न सवालों के उत्तर दिए। इस अवसर पर पूर्व सरपंच रणबीर गोदारा, कृष्ण कुमार, अशोक कुमार, मित्रसैन, जसवन्त, सीताराम, ओमप्रकाश, दयाला राम, मोनू सहारण, विजय सिंह, कालूराम, सुभाष जाखड़ सहित 40 से अधिक किसान मौजूद थे। शिविर के आयोजन में नरेश चन्द्र शर्मा का विशेष सहयोग रहा।