पंचकुला दिनांक 10 जुलाई 2021 को भगवान परशुराम भवन सैक्टर-12 के प्रागण में बंगला देश मुक्ति यु़द्ध स्मरणोत्सव के 50वें वर्षगाॅठ के उपलक्ष्य में एक समारोह का आयोजन किया गया जिसमें कैप्टन प्रवीण डावर संयोजक बंगला देश मुक्ति यु़द्ध स्मरणोत्सव ने मुख्यतिथि के रूप में भाग लिया व इस अवसर पर उनके साथ हरियाणा के पूर्व उप-मुख्यमंत्री चन्द्रमोहन, कैप्टन अजय यादव पूर्व मंत्री हरियाणा सरकार, कालका के विधायक प्रदीप चैधरी, नगर परिषद के पूर्व प्रधान रविन्द्र रावल, वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि शर्मा, हरियाणा कांग्रेस के प्रावक्ता संजीव भारद्वाज, वरिष्ठ कांग्रेस नेता विजय धीर, श्रीमति प्रियंका हुड्डा, जिला महिला कांग्रेेस अध्यक्ष श्रीमति सुषमा खन्ना, हेमेन्त किंगर, हर्ष कुमार चड्ढा, रविन्द्र अरोड़ा, विजेन्द्र कामी, खुशहाल परमार, श्रीमति माया देवी इत्यादि सहित सैकडो कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता उपस्थित थे।
मुख्यतिथि प्रवीण डावर ने इस अवसर पर उपस्थित जन समुह को विस्तार से यह बताया कि कैसे उस समय की भारत की प्रधानमंत्री श्रीमति इन्दिरा गांधी जी व तत्कालीन सैना अध्यक्ष फील्ड मार्शल मानिकशा ने कितने साहस से इस युद्ध की तैयारी की व उस समय के पाकिस्तान को दो टूकड़ों में बाँट दिया व बंगला देश के रूप में एक नये देश की स्थापना की। उन्होंने ना केवल पाकिस्तान से दो मोर्चों पर युद्ध लड़ा परन्तु उस समय अमेरिका जैसे देश जोकि प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान की सहायता कर रहे थे उनका भी मुकाबला किया।
कैप्टन अजय यादव ने इस अवसर पर बोलते हुये कहा कि मौजूदा सरकार पाकिस्तान जैसे देशो को कडी चेतावनी इत्यादि देती रहती है लेकिन बोर्डर पर होने वाली प्रतिदिन की गोलावारी जिसमें भारत के सैना के जवान शहीद होते है उस विषय पर कोई सख्त कदम नहीं उठाती।
चन्द्रमोहन ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमति इन्दिरा गांधी व राजीव गांधी ने भारत देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिये व आज जो देश में सुरक्षा व शान्ति का महौल है व इन्हीं कांग्रेसी प्रधानमंत्रीयों की देन है व मौजूदा भारतीय जनता पार्टी की सरकार सिर्फ अंगुली कटवाकर शहीद होना जानती है।
प्रदीप चैधरी ने इस अवसर पर बोलते हुये कहा कि देश की सुरक्षा के लिए जितने भी कार्य आज तक देश में हुये है व सभी कांग्रेस सरकारों के कार्यकाल में हुये है। मौजूदा सरकार से तो चीन जैसे देश से भी कढ़ाई से मुकावला नहीं किया जा पा रहा।
उपरोक्त के अलावा रविन्द्र रावल, शशि शर्मा, हेमन्त किगंर,विजय धीर, संजीव भारद्वाज व प्रियंका हुड्डा ,सुषमा खन्ना,इत्यादि ने भी सभा को सम्बोधित कर अपने-अपने विचार रखते हुए कहा कि सिर्फ कांग्रेस शासन काल में ही देश की सीमाऐं सुरक्षित थी व पड़ोसी दुश्मन देशो को भारत के नेतृत्व से डर लगता था आज स्थिति उससे उल्ट है व नेपाल जैसा मित्र देश भी सीमाओं पर विवाद रखता है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/07/bd9622e0-205a-4adb-8f59-c9fe64e2e2b0.jpg9181242Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-07-10 12:07:332021-07-10 12:07:5050वां बांग्लादेश मुक्ति युद्ध स्मरणोत्सव मनाया गया
विचारणीय है कि ईश निंदा कानून की मांग वह समुदाय कर रहा है जिसे किसी के भी खिलाफ ‘फतवा’ पढ़ने की छूट है। ईशनिंदा कानून नहीं होने के बावजूद कट्टर मुस्लिमों को पैगंबर के कथित ‘अपमान’ के बदले के तौर पर हत्या और आगजनी करने से रोका नहीं गया। कई साल पहले पैगम्बर मुहम्मद को लेकर दिए गए बयान के बदले के तौर वर्ष 2019 में हिंदू महासभा के पूर्व नेता कमलेश तिवारी के घर में घुसकर कट्टरपंथी मुस्लिमों ने उनकी बेरहमी से हत्या कर दी थी। और दूसरी ओर कड़े कानून के अभाव में या फिर कहें की मौजूदा कानून में लचीले पन के कारण अकबरुद्दीन ओवैसी जैसे जहरीले बोल बोलने वाले, संसद – प्रधान मंत्री के साथ साथ हिन्दू देवी देवताओं पर अति अभद्र टिप्पणियाँ करने वाले लोग कानूनी कार्यवाही के ढुलमुल रवैये के कारण खुले में घूम रहे हैं। अब दूसरी बात यहाँ यह भी उठती है की इशनिन्दा कानून की मांग ‘महाराष्ट्र ही में क्यों उठी?
सरीका तिवारी, चंडीगढ़/ पुणे:
महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार पहले भी मुस्लिम तुष्टीकरण की कई हदें पार कर चुकी है। अब इस पैगंबर कानून को ला कर कहीं महाराष्ट्र में शरिया लागू करने की ओर एक कदम तो नहीं?
महाराष्ट्र में रज़ा अकादमी और तहफ़ुज़ नमूस-ए-रिसालत बोर्ड व प्रकाश अंबेडकर के नेतृत्व वाले वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) ने महाराष्ट्र सरकार पर ‘पैगंबर मुहम्मद बिल’ लाने के लिए दवाब बनाने की कोशिश की है। ताकि पैगंबर मुहम्मद समेत दूसरे धर्मों के प्रतीकों के खिलाफ ईशनिंदा कानून लाया जा सके।
एक राष्ट्रिय दैनिक में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बिल के ड्राफ्ट को तैयार कर लिया गया है। इस बिल को ‘पैगंबर मुहम्मद बिल’ के रूप प्रमोट किया जा रहा है। इसका टाइटल ‘पैगंबर मुहम्मद और अन्य धार्मिक प्रमुखों की निंदा अधिनियम, 2021’ या ‘अभद्र भाषा (रोकथाम) अधिनियम, 2021’ रखा गया है।
महाराष्ट्र में अपना दबदबा रखने वाले मुस्लिम संगठन रज़ा अकादमी ने एक तरह से चेतावनी दी है कि ‘तहफ़ुज़ ए नमूस ए रिसालत’ विधेयक विधानसभा में पारित किया जाए। अन्यथा वो देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे।
वहीं ऑल इंडिया सुन्नी जमीयतुल उलेमा के अध्यक्ष मौलाना मोइन अशरफ कादरी (मोइन मियाँ) ने कहा, “यह हमारा सुझाव है, लेकिन सरकार इस बिल को जो नाम देना चाहे दे सकती है। हमारी माँग है कि हमारे पवित्र पैगंबर और सभी देवी-देवताओं और धर्मगुरुओं की निंदा, उपहास और अपमान को रोकने के लिए कड़ा कानून होना चाहिए। साम्प्रदायिक लड़ाइयाँ इसलिए हो रही हैं क्योंकि हमारा मौजूदा कानून उपद्रवियों को रोक पाने में असफल है।”
संविधान की धारा 295 (A) और ‘रंगीला रसूल’ का केस
भारत में ईशनिंदा से जुड़ा कोई कानून नहीं है। लेकिन, भारतीय दंड संहिता में एक कानून ऐसा है जो जानबूझकर किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वालों के खिलाफ जेल और जुर्माने का प्रावधान करता है। आईपीसी की धारा 295 (A) के तहत अगर आरोपित ने ‘जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण इरादे से’ किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाई है तो उसे जुर्माने के साथ 3 साल तक की सजा हो सकती है।
इंडियन पीनल कोड की धारा 295 (A) का मामला बहुत ही दिलचस्प रहा है। इसकी शुरुआत वर्ष 1923 में गुलाम भारत में हुई थी। उस दौरान कट्टरपंथी मुस्लिमों ने भगवान श्री कृष्ण समेत दूसरे देवी देवताओं को लेकर अपमानजनक और अश्लील भाषा का इस्तेमाल करते हुए ‘कृष्ण तेरी गीता जलानी पड़ेगी’ और ‘यूनिसेवी सादी का महर्षि’ नाम की दो अत्यधिक विवादित पुस्तकें प्रकाशित की। पहले में भगवान श्री कृष्ण तो दूसरे में आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती को लेकर बहुत ही अपमानजनक टिप्पणी की गई थी। खास बात ये है कि इस पुस्तक को एक अहमदी मुस्लिम ने लिखा था। उस समय तक धारा 295(A) अस्तित्व में नहीं था।
मुस्लिमों की इस हरकत के जवाब में महाशय राजपाल के करीबी दोस्त पंडित चामुपति लाल ने इस्लामिक पैगंबर मोहम्मद की एक छोटी सी जीवनी लिखी। ‘रंगीला रसूल’ के शीर्षक वाला यह छोटा पैम्फलेट पैगंबर मोहम्मद के जीवन पर एक व्यंग्यपूर्ण कहानी थी। इसकी संवेदनशीलता को देखते हुए पंडित चामुपति ने महाशय राजपाल से वादा लिया कि वह कभी भी इसके लेखक के नाम को उजागर नहीं करेंगे।
यह पैम्फलेट ऐतिहासिक रूप से हदीसों के इतिहास पर आधारित था और पूरी तरह से सटीक था। लेकिन इससे लाहौर के मुस्लिम पूरी तरह से आक्रोशित हो उठे। यह ऐसा मामला था कि लोगों ने इसे हाथों-हाथ लिया और इसका पहला संस्करण बहुत ही जल्द बिक गया। इसके प्रकाशित होने के करीब एक महीने के बाद जून 1924 में महात्मा गाँधी ने अपने साप्ताहिक ‘यंग इंडिया’ जर्नल में इसकी कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि यह राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है।
इस मामले में लाहौर उच्च न्यायालय ने एक फैसले में कहा था कि यह लेख मुस्लिम समुदाय को ‘आक्रोशित’ करने वाला था। कानूनी तौर पर इसका अभियोजन इसलिए संभव नहीं है, क्योंकि धारा 153 (A) के तहत लेखन विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच दुश्मनी या नफरत का कारण नहीं बन सकता। कोर्ट के फैसले के बाद मुस्लिमों के आक्रोश ने तत्कालीन शाषकों को कानून बदलने और धारा 295 (A) लागू करने के लिए मजबूर कर दिया था।
घटना के बाद 6 सितंबर, 1929 को इल्म उद दीन नाम के एक 19 वर्षीय मुस्लिम बढ़ई ने अपनी दुकान के बाहरी बरामदे में बैठे हुए महाशय राजपाल की छाती पर आठ बार हमला किया। चोट लगने से महाशय राजपाल की मौत हो गई।
सबसे खास बात यह थी कि इल्म उद दीन खुद अनपढ़ था और उसने अपने जीवन में रंगीला रसूल या कोई दूसरी किताब नहीं पढ़ी थी। बावजूद इसके मुस्लिम संगठनों और मौलानाओं ने उसके अंदर इतनी नफरत भर दिया था कि उसने महाशय राजपाल की हत्या कर दी। उसे लगा कि राजपाल ने ‘ईशनिंदा’ की है।
जब इल्म उद दीन को हत्या का दोषी ठहराया गया था तो उर्दू कवि इकबाल और जिन्ना ने हत्या जैसे जघन्य अपराध को एक शानदार धार्मिक कार्य बताते हुए उसकी सराहना की थी।
हत्यारे इल्म उद दीन को धार्मिक नायक बताते हुए ‘गाजी’ के रूप में उसका महिमामंडन किया गया। पाकिस्तान में उसकी एक मजार भी है। मजार में वार्षिक उर्स आयोजित किया जाता है। वहाँ पर मुस्लिम ‘गाजी इल्म उद दीन’ को श्रद्धाँजलि देते हैं।
ध्यान देने वाली बात यह है कि ईशनिंदा कानून नहीं होने के बावजूद कट्टर मुस्लिमों को पैगंबर के कथित ‘अपमान’ के बदले के तौर पर हत्या और आगजनी करने से रोका नहीं गया। कई साल पहले पैगम्बर मुहम्मद को लेकर दिए गए बयान के बदले के तौर वर्ष 2019 में हिंदू महासभा के पूर्व नेता कमलेश तिवारी के घर में घुसकर कट्टरपंथी मुस्लिमों ने उनकी बेरहमी से हत्या कर दी थी।
वर्ष 2020 में एक विधायक के रिश्तेदार ने कथित तौर पर मोहम्मद पैगंबर पर फेसबुक में टिप्पणी कर दी थी, जिसके बाद हिंसक भीड़ ने दो पुलिस स्टेशनों को आग लगा दी। इसी तरह से 2015 में फ्रेंच मैगजीन शार्ली हेब्दो के ऑफिस में घुसकर 12 लोगों की हत्या कर दी गई थी।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/07/Raza-Academy-Syed-Noori.jpg447795Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-07-10 11:54:092021-07-10 11:54:30महाराष्ट्र में ‘पैगंबर मुहम्मद बिल’ के लिए बनाया जा रहा राजनैतिक दबाव
फरवरी 2020 के दिल्ली दंगे के मामले में दिल्ली विधानसभा की शांति एवं सौहार्द समिति ने फेसबुक इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट और एमडी अजीत मोहन को समन भेजा है। समिति ने पिछले साल 10 और 18 सितंबर को मोहन को समन भेज उन्हें अपने सामने पेश होने को कहा है। समिति ने यह समन दंगे के दौरान कथित भड़काऊ भाषणों के फैलने में उसकी भूमिका की जांच के सिलसिले में भेजा है। फेसबुक ने समन को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी थी। उसी पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये तल्ख टिप्पणियां कीं और याचिका को रद्द कर दिया। हालांकि, पिछले साल 23 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने फेसबुक को राहत देते हुए दिल्ली विधानसभा की समिति को उसके खिलाफ किसी तरह की दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया था।
दिल्ली विधानसभा की एक समिति की तरफ से समन को चुनौती देने वाली फेसबुक की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज
इस दौरान कोर्ट ने कुछ तल्ख टिप्पणियां भी की, कहा- डिजिटल प्लेटफॉर्म रेलवे के प्लेटफॉर्म नहीं हैं, ये अनियंत्रित हो सकते हैं
कोर्ट ने कहा कि दुनियाभर में सोशल मीडिया मैनिपुलेशन से चुनाव और वोटिंग प्रक्रिया के लिए खतरा पैदा हो रहा है
दरअसल विधानसभा की शांति एवं सौहार्द समिति ने 2020 के दिल्ली दंगों में फेसबुक की कथित भूमिका को लेकर उसे समन किया है
यह टिप्पणी उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय उस बेंच की है जिसके सामने फेसबुक ने दिल्ली विधानसभा की शांति और सामंजस्य कमेटी (Peace and Harmony Committee) से मिले एक समन को रद्द करने की सिफारिश की थी।
कमेटी ने फेसबुक को यह समन 2020 में हुए दिल्ली दंगों के परिप्रेक्ष्य में उसकी भूमिका को लेकर भेजा था। समन में कमेटी ने फेसबुक के प्रबंध निदेशक को उसके समक्ष उपस्थित होकर इस आरोप पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा था कि; फेसबुक दंगों के दौरान हिंसा को भड़काने वाली पोस्ट को नियंत्रित करने में विफल रहा।
न्यायाधीशों ने समन को रद्द करने से इनकार करते हुए आगे अपनी टिप्पणी में कहा, “अपने यूजर द्वारा पोस्ट किए संदेश या सूचना को लेकर फेसबुक की भूमिका और महत्वपूर्ण हो जाती है। उसकी भूमिका इतनी भी सरल नहीं है कि वो अपने मंच पर पोस्ट किए जाने वाली सूचनाओं से खुद को दूर रख सके।”
बेंच ने अपनी टिप्पणी में आगे कहा, “देश की राजधानी ऐसे दंगे फिर देखना नहीं चाहती और इसलिए फेसबुक की भूमिका पर विचार होना ही चाहिए।” न्यायालय ने इस विषय पर विधानसभा की कमेटी द्वारा व्यक्त की गई चिंता को जायज़ ठहराते हुए कहा, “कमेटी की चिंता को केवल इसलिए दरकिनार नहीं किया जा सकता क्योंकि विधानसभा स्थानीय प्रशासन और विधि निर्माण के लिए है।”
न्यायालय की एक और महत्वपूर्ण टिप्पणी के अनुसार, “फेसबुक का यह तर्क मान लेना अब किसी के लिए भी संभव नहीं है कि वह प्रोग्रामिंग और एल्गोरिदम का इस्तेमाल करके यूजर को उसके व्यक्तिगत पसंद के हिसाब से कंटेंट नहीं दिखाता।” न्यायालय ने अन्य देशों में फेसबुक की भूमिका पर भी बात की और उसे याद दिलाया कि म्यांमार और श्रीलंका जैसे देशों में सामाजिक और कानून व्यवस्था को बिगाड़ने में सोशल मीडिया मंचों की क्या भूमिका रही है और इसके लिए उन्हें वहाँ किन समस्याओं का सामना करना पड़ा है।
इसके अलावा न्यायालय ने लोकतंत्र में चुनाव और उससे सम्बंधित प्रक्रियाओं को प्रभावित करने में सोशल मीडिया, खासकर फेसबुक की भूमिका पर बात करते हुए कहा, “आज लोकतांत्रिक सरकार के चुनाव की प्रक्रिया अर्थात मतदान को सोशल मीडिया द्वारा किए जा रहे हस्तक्षेप के कारण बहुत बड़ा खतरा है और इसकी वजह से फेसबुक जैसे सोशल मीडिया मंचों की भूमिका और उनकी बढ़ती ताकत पर सार्वजनिक बहस स्वाभाविक है। न्यायालय ने फेसबुक को यह भी याद दिलाया कि उसके जैसे सोशल मीडिया मंचों के लिए भारत एक बड़ा बाजार है पर इन मंचों को भी अपनी भूमिका का ख्याल रखना पड़ेगा।”
उच्चतम न्यायालय द्वारा की गई ये टिप्पणियाँ मेरे विचार से सही समय पर आई हैं। केवल भारत ही नहीं, विश्व के अन्य लोकतांत्रिक देशों में चुनावी प्रक्रिया तथा अन्य विषयों पर सोशल मीडिया मंचों, खासकर फेसबुक, ट्विटर और गूगल की भूमिका को लेकर न केवल बहस होती रही है बल्कि इन लोकतांत्रिक देशों में कई बार सरकार या अन्य संस्थाओं द्वारा बनाई गई कमेटियों के सामने इन कंपनियों के पदाधिकारियों और प्रतिनिधियों से विस्तृत रूप से सवाल किए गए हैं। साथ ही पिछले तीन-चार वर्षों में तमाम देशों ने अपने हितों की रक्षा के लिए कानून पर विचार भी किए और उनका क्रियान्वन भी किया है। फ्रांस के साथ ही अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष इस विषय पर हाल के दिनों में मुखर रहे हैं।
हमारे देश में भी केंद्र सरकार ने नए आई टी नियम बनाकर इन कंपनियों की भूमिका की निगरानी और उन्हें जिम्मेदार बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है पर अभी तक इन कंपनियों की ओर से इन नियमों के पालन की बात पर बार-बार केवल बहाने बनाए गए हैं। ट्विटर एक तरह से सरकार के सामने खड़ा हो गया है, कभी इस बहाने कि; उस पर केवल अमेरिकी कानून और कंपनी की नीतियाँ ही लागू हो सकती हैं तो कभी यह कहते हुए कि वह सरकार के साथ बात कर रहा है।
इस विषय में दिल्ली उच्च न्यायलय की ताज़ी टिप्पणी सबसे महत्वपूर्ण है जिसमें न्यायालय ने ट्विटर को किसी भी तरह की कानूनी सुरक्षा देने से मना करते हुए यह कहा कि उसे भारतीय कानूनों का पालन करना ही होगा और अभी तक वह अपनी इन जिम्मेदारियों से कन्नी काटता रहा है। ऐसे में सरकार अपनी तरफ से कार्रवाई कर सकती है।
उच्चतम न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से आई टिप्पणियाँ यह साफ़ करती हैं कि न्यायालय भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में इन तकनीकी कंपनियों की भूमिका को लेकर न केवल चिंतित है बल्कि सतर्क भी है। साथ ही दुनिया के अन्य देशों की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सोशल मीडिया की भूमिका को लेकर देश, प्रशासन और नागरिकों में जागरूकता भी बढ़ रही है।
यह इसलिए और महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि पिछले दो-तीन वर्षों में भारतीय लोकतंत्र को किसी न किसी रूप में प्रभावित करने की बाहरी शक्तियों की मंशा की चर्चा सार्वजनिक तौर पर होती रही है। साथ ही अगले वर्ष कुछ महत्वपूर्ण राज्यों में चुनाव होने वाले हैं जिनका परिणाम अगले लोकसभा चुनावों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। सरकार, प्रशासन और न्यायलय की अभी तक की भूमिका संतोषप्रद रही है और आशा है कि आनेवाले समय में ये संस्थाएंँ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह और प्रभावशाली ढंग से करेंगी।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/07/36195981.jpg8681600Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-07-10 02:00:442021-07-10 02:01:00डिजिटल प्लेटफॉर्म रेलवे के प्लेटफॉर्म नहीं हैं, ये अनियंत्रित हो सकते हैं – उच्चतम न्यायालय
10 जुलाई, 2021: सामाजिक मेलजोल से ज़्यादा सेहत को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। पुराने निवेशों के चलते आय में बढ़ोत्तरी नज़र आ रही है। जितना आपने सोचा था, आपका भाई उससे ज़्यादा मददगार साबित होगा। कुछ लोगों के लिए जल्द ही शादी की शहनाई बज सकती है, जबकि दूसरे ज़िन्दगी में नए रोमांस का अनुभव करेंगे। खाली वक्त आज व्यर्थ की बहसों में खराब हो सकता है जिससे दिन के अंत में आपको खिन्नता होगी। आज आप अपने जीवनसाथी के साथ कुछ बेहतरीन पल गुज़ार सकेंगे। ग्रह इशारा कर रहे हैं कि धार्मिक क्रियाकलापों की अधिकता हो सकती है, मसलन आप मंदिर जा सकते हैं, दान-दक्षिणा भी संभव है और ध्यान-धारणा का अभ्यास भी किया जा सकता है। व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327
10 जुलाई, 2021: तली-भुनी खाने की चीज़ों से किनारा करें। बैंक से जुड़े लेन-देन में काफ़ी सावधानी बरतने की ज़रूरत है। परिवार के सदस्यों का आपके जीवन में विशेष महत्व होगा। बीते दिनों की मीठी यादें आपको व्यस्त रखेंगी। जो लोग घर सेे बाहर रहते हैं आज वो अपने सारे काम पूरे करके शाम के समय किसी पार्क या एकांत जगह पर समय बिताना पसंद करेंगे। शादीशुदा ज़िन्दगी के नज़रिए से चीज़ें काफ़ी अच्छी रहेंगी। लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं इसकी फीक्र न करें, अगर आप सही हैं तो आपका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327
10 जुलाई,, 2021: किसी पुराने दोस्त से मुलाक़ात आपका मन ख़ुश कर देगी। जो लोग अब तक पैैसे को बिना सोचे विचारे उड़ा रहे थे उन्हें आज पैसे की बहुत आवश्यकता पड़ सकती है और आज आपको समझ में आ सकता है कि पैसे की जीवन में क्या अहमियत है। दिन को रोमांचक बनाने के लिए क़रीबी दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएँ। ताज़ा फूल की तरह अपने प्यार में भी ताज़गी बनाए रखें। खाली समय में आज आप अपने मोबाइल पर कोई वेब सीरीज देख सकते हैं। आपका जीवनसाथी आज आपके लिए कुछ बहुत ख़ास करने वाला है। माता-पिता को बिना बताए आज आप उनके पसंद की कोई डिश घर पर ला सकते हैं इससे घर में सकारात्मक माहौल बन जाएगा। व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327
10 जुलाई,2021: अकेलेपन और तन्हाई की भावना से बाहर आएँ और परिवार के साथ कुछ पल बिताएँ। आज किसी विपरीत लिंगी की मदद से आपको करोबार या नौकरी में आर्थिक लाभ होने की संभावना है। कोई चिट्ठी या ई-मेल पूरे परिवार के लिए अच्छी ख़बर लाएगी। आप साथ में कहीं घूमने-फिरने जाकर अपने प्रेम-जीवन में नयी ऊर्जा का संचार कर सकते हैं। आज आपको अपने कामों को समय पर निपटाने की कोशिश करनी चाहिए। ख्याल रखें कि घर पर आपका कोई इंतजार कर रहा है जिसको आपकी जरुरत है। क्या आपको लगता है कि शादी महज़ समझौतों का नाम है? अगर हाँ, तो आप आज हक़ीक़त महसूस करेंगे और जानेंगे कि यह आपके जीवन की सबसे अच्छी घटना थी। अपने प्रिय को याद करना ही बेहतर रहेगा, क्योंकि सितारे बता रहे हैं कि आज की मुलाक़ात में कुछ अड़चनें आ सकती हैं। व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327
10 जुलाई, 2021: गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत अच्छा दिन नहीं है। चलते-फिरते समय ख़ासा ख़याल रखने की ज़रूरत है। केवल एक दिन को नज़र में रखकर जीने की अपनी आदत पर क़ाबू करें और ज़रूरत से ज़्यादा वक़्त व पैसा मनोरंजन पर ख़र्च न करें। कुछ लोगों के लिए- परिवार में किसी नए का आना जश्न और उल्लास के पल लेकर आएगा। आज का दिन प्रेम के रंगों में डूबा रहेगा लेकिन रात के वक्त किसी पुरानी बात को लेकर आप झगड़ सकते हैं। इस राशि के लोगोंं को आज शराब सिगरेट से दूर रहने की जरुरत है क्योंकि इससे आपका कीमती समय बर्बाद हो सकता है। आज के दिन जीवन साथी पर किया गया संदेह आने वाले दिनों में आपके वैवाहिक जीवन पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। काम की अधिकता आज आपको मानसिक रुप से परेशान कर सकती है। हालांकि शाम के वक्त थोड़ी देर ध्यान करके आप अपनी ऊर्जा वापस पा सकते हैं। व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327
10 जुलाई, 2021: मानसिक शान्ति के लिए किसी दान-पुण्य के काम में सहभागिता करें। विवाहित दंपत्तियों को आज अपनी संतान की शिक्षा पर अच्छा खासा धन खर्च करना पड़ सकता है। दोस्त शाम के लिए कोई बढ़िया योजना बनाकर आपका दिन ख़ुशनुमा कर देंगे। आपका प्रेमी या प्रेमिका आज बहुत गुस्से में नजर आ सकते हैं इसकी वजह उनके घर की स्थिति होगी। अगर वो गुस्से में हैं तो उन्हें शांत करने की कोशिश करें। यात्रा के दौरान आप नयी जगहों को जानेंगे और महत्वपूर्ण लोगों से मुलाक़ात होगी। असजता की वजह से आप वैवाहिक जीवन में ख़ुद को फँसा हुआ अनुभव कर सकते हैं। आपको ज़रूरत है तो जीवनसाथी के साथ आत्मीय बातचीत की। स्वयंसेवी कार्य या किसी की मदद करना आपकी मानसिक शांति के लिए अच्छे टॉनिक का काम कर सकता है। व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327
10 जुलाई, 2021: गाड़ी चलाते समय सावधान रहें। आपके माता पिता आपकी फिजूलखर्ची को देखकर आज चिंतित हो सकते हैं और इसलिए आपको उनके गुस्से का शिकार भी होना पड़ सकता है। आज न सिर्फ़ अजनबियों से, बल्कि दोस्तों से सावधान रहने की ज़रूरत भी है। ज़िन्दगी की भाग-दौड़ में आप ख़ुद को ख़ुशनसीब पाएंगे, क्योंकि आपका हमदम वाक़ई सबसे बेहतरीन है। बिना किसी पूर्व सूचना के आज आपका कोई रिश्तेदार आपके घर पधार सकता है जिसकी वजह से आपका कीमती समय उनकी खातिरदारी में जाया हो सकता है। जीवनसाथी के साथ यह एक बढ़िया दिन गुज़रने वाला है। स्कूूल में आज आप किसी सीनियर के साथ उलझ सकते हैं। ऐसा करना आपके लिए ठीक नहीं है। अपने गुस्से को काबू में रखें। व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327
10 जुलाई, 2021: बहुत ज़्यादा चिंता और तनाव की आदत आपकी सेहत बर्बाद कर सकती है। मानसिक स्पष्टता बनाए रखने के लिए शंका और झुंझलाहट से निजात पाएँ। बिना किसी की सलाह लिये बिना आज आपको पैसा कहीं भी इनवेस्ट नहीं करना चाहिए। परिवार की किसी महिला सदस्य की सेहत चिंता की वजह बन सकती है। व्यक्तिगत मार्गदर्शन आपके रिश्ते में सुधार लाएगा। खेलकूद जीवन का जरुरी हिस्सा है लेकिन खेलकूद में इतने भी व्यस्त न हो जाएं कि आपकी पढ़ाई में कमी आ जाए। वैवाहिक सुख के दृष्टिकोण से आज आपको कुछ अनोखा उपहार मिल सकता है। जब आपके पास ज़्यादा खाली समय हो, तो नकारात्मक विचार आपको ज़्यादा परेशान करते हैं। अतः सकारात्मक पुस्तकें पढ़ें, कोई मनोरंजक फ़िल्म देखें या मित्रों के साथ समय व्यतीत करें। व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष :
10 जुलाई, 2021: पिता आपको जायदाद से बेदख़ल कर सकते हैं। लेकिन निराश न हों। ध्यान रखें कि संपन्नता दिमाग़ को ज़ंग लगा देती है और कठिनाई उसे पैना करती है। अपनेे लिए पैसा बचाने का आपका ख्याल आज पूरा हो सकता है। आज आप उचित बचत कर पाने में सक्षम होंगे। आपके घर वाले आपकी कोशिशों और समर्पण को सराहेंगे। आज का दिन रोमांस से भरपूर होने की पूरी संभावना है। बेवजह की उलझनों से दूर होकर आज आप किसी मंदिर, गुरुद्वारे या किसी भी धार्मिक स्थल पर अपना खाली समय बिता सकते हैं। आपका जीवनसाथी आज आपके लिए कुछ बहुत ख़ास करने वाला है। किसी सहकर्मी की अचानक तबीयत खराब होने पर आज आप उनका भरपूर सहयोग दे सकते हैं। व्यक्तिगत स मस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327
10 जुलाई, 2021: शारीरिक तौर पर तंदुरुस्त रहने के लिए धूम्रपान की आदत छोड़ दें। पैसों की कमी आज घर में कलह की वजह बन सकती है, ऐसी स्थिति में अपने घर के लोगों से सोच-समझकर बात करें और उनसे सलाह लें। परिवार में नए सदस्य के आने की ख़बर आपको रोमांचित कर देगी। समारोह आयोजित कर इस ख़ुशी को सबके साथ बाटें। अचानक हुई रोमांटिक मुलाक़ात आपके लिए उलझन पैदा कर सकती है। साफ़गोई से अपने मन की बात कहने में घबराएँ नहीं। आज के दिन जीवन साथी पर किया गया संदेह आने वाले दिनों में आपके वैवाहिक जीवन पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। स्वयंसेवी कार्य या किसी की मदद करना आपकी मानसिक शांति के लिए अच्छे टॉनिक का काम कर सकता है। व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327
10 जुलाई,2021: आप अपने काम पर एकाग्रता बरक़रार रखने में दिक़्क़त महसूस करेंग, क्योंकि आज आपकी सेहत पूरी तरह ठीक नहीं होगी। ग्रह नक्षत्रों की चाल आपके लिए आज अच्छी नहीं है, आज के दिन आपको अपने धन को बहुत सुरक्षित रखना चाहिए। एक ख़ुशनुमा और बढ़िया शाम के लिए आपका घर मेहमानों से भर सकता है। अपने प्रिय के साथ सैर-सपाटे पर जाते समय ज़िंदगी को पूरी शिद्दत से जिएँ। दिन अच्छा है दूसरों के साथ-साथ आप अपने लिए भी वक्त निकाल पाएंगे। आज आपको अपने जीवनसाथी से एक बार फिर प्यार हो जाएगा। आपकी तंदरुस्ती आज आपके घर वालों को खुशी देगी। व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327
10 जुलाई, 2021: रक्तचाप के मरीज़ों को ख़ास ख़याल रखने और दवा-दारू करने की ज़रूरत है। साथ ही उन्हें कॉलेस्ट्रोल को क़ाबू में रखने की कोशिश भी करनी चाहिए। ऐसा करना आगे काफ़ी लाभदायक सिद्ध होगा। वे निवेश-योजनाएँ जो आपको आकर्षित कर रहीं हैं, उनके बारे में गहराई से जानने की कोशिश करें- कोई भी क़दम उठाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह ज़रूर ले लें। छोटे बच्चे आपको व्यस्त रखेंगे और दिली सुकून देंगे। अगर आप अपने प्रिय को पर्याप्त समय न दें, तो वह नाराज़ हो सकता/सकती है। जिंदगी में चल रही आपाधापी के बीच आज आपको अपने लिए पर्याप्त समय मिलेगा और और आप अपने पसंदीदा कामों को कर पाने में कामयाब हो पाएंगे। कोई रिश्तेदार अचानक आपके घर आ सकता है, जिसके चलते आपकी योजनाएँ गड़बड़ा सकती हैं। जिन भर लोगों के साथ बिताने के बाद शाम का पूरा वक्त आप अपने जीवनसाथी को दे सकते हैं। व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष :819495932
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/07/unnamed.jpg256512Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-07-10 01:34:212021-07-10 01:35:08राशिफल, 10 जुलाई
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि अमावस्या के दिन पितरों की शांति (Pitra Shanti) के लिए तर्पण व श्राद्ध भी किया जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनैश्चरी अमावस्या के दिन शनि साढ़ेसाती एवं शनि ढैय्या के बुरे प्रभाव से बचने के लिए कुछ विशेष भी उपाय किए जाते हैं. साथ ही चूंकि कल वाली अमावस्या दर्श अमावस्या भी है इसलिए ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से चंद्र देवता प्रसन्न होते हैं और सौभाग्य और समृद्धि का आर्शीवाद देते हैं.
विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1943,
मासः आषाढ़,
पक्षः कृष्ण पक्ष,
तिथिः अमावस तिथि की वृद्धि है जो कि (शनिवार को प्रातः 6.47 तक है ),
वारः शनिवार,
नक्षत्रः पुनर्वसु रात्रि 01.02 तक हैं,
योगः व्यातिपात सांय काल 04.49 तक,
करणः नाग,
सूर्य राशिः मिथुन,
चंद्र राशिः मिथुन,
राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक तक,
सूर्योदयः05.35,
सूर्यास्तः07.18 बजे।
नोटः आज शनिवासरी अमावस है।
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/05/Untitled.png8001200Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-07-10 01:14:342021-07-10 01:46:14पंचांग, 10 जुलाई 2021
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